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जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में 9वें दिन भी मुठभेड़ जारी, 2 जवान शहीद

जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले के अखल देवसर इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ आज नौवें दिन भी जारी है। सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ के संयुक्त आतंक-रोधी ऑपरेशन में अब तक तीन आतंकियों के मारे जाने की खबर है, हालांकि आधिकारिक रूप से सिर्फ एक आतंकी का शव बरामद किया गया है।

बीती रात हुई भारी गोलीबारी में सेना के चार जवान घायल हुए हैं, जिनमें से दो ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। शहीद जवानों की पहचान लांस नायक प्रितपाल सिंह और सिपाही हरमिंदर सिंह के रूप में की गई है। सेना की चिनार कोर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, “सेना शोक संतप्त परिवारों के साथ एकजुटता व्यक्त करती है। यह ऑपरेशन अभी जारी है।”

यह मुठभेड़ 1 अगस्त से चल रही है और अब तक का कश्मीर घाटी में इस साल का सबसे लंबा आतंक-रोधी अभियान बन चुकी है। सुरक्षाबलों ने पूरे जंगल क्षेत्र को घेर रखा है और आतंकियों की धरपकड़ के लिए तलाशी अभियान तेज कर दिया गया है।

इसी बीच, किश्तवाड़ जिले में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी नेटवर्क पर भी शिकंजा कसा गया है। डीएसपी मुख्यालय, किश्तवाड़ के अनुसार, पाकिस्तान स्थित आतंकियों के संपर्क में रहे स्थानीय गुर्गों के ठिकानों पर छापेमारी की गई है। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि जंगल में अब भी कुछ आतंकी छिपे हो सकते हैं। ऑपरेशन तब तक जारी रहेगा जब तक पूरे इलाके को आतंकियों से मुक्त नहीं कर दिया जाता।

ट्रंप के टैरिफ वॉर के बीच प्रधानमंत्री मोदी की रूस के राष्ट्रपति पुतिन से हुई बातचीत,भारत आने का दिया न्योता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से टेलीफोन पर बातचीत की। बातचीत के दौरान राष्ट्रपति पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी को यूक्रेन से जुड़े हालिया घटनाक्रमों की जानकारी दी। प्रधानमंत्री मोदी ने विस्तारपूर्वक जानकारी साझा करने के लिए राष्ट्रपति पुतिन का आभार व्यक्त किया और भारत की यह स्थायी नीति दोहराई कि संघर्ष का समाधान शांतिपूर्ण संवाद और कूटनीति के माध्यम से होना चाहिए।

दोनों नेताओं ने भारत-रूस के विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई। साथ ही, आपसी द्विपक्षीय एजेंडे की प्रगति की समीक्षा भी की। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को भारत आने के लिए आमंत्रित किया है, जब 23वां भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर भी बातचीत की जानकारी साझा करते हुए लिखा, “मेरे मित्र राष्ट्रपति पुतिन से बहुत ही अच्छी और विस्तृत बातचीत हुई। यूक्रेन को लेकर हालिया घटनाक्रम साझा करने के लिए उनका आभार व्यक्त किया। हमने द्विपक्षीय एजेंडे की प्रगति की समीक्षा की और भारत-रूस विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और सुदृढ़ करने की प्रतिबद्धता दोहराई। इस वर्ष के अंत में भारत में राष्ट्रपति पुतिन की मेजबानी की प्रतीक्षा है।”

बता दें कि रूस के राष्ट्रपति की आखिरी भारत यात्रा 6 दिसंबर, 2021 को हुई थी, जब वह 21वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए नई दिल्ली आए थे। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले वर्ष रूस के दो अहम दौरे किए। जुलाई में उन्होंने 22वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन में भाग लिया और फिर अक्टूबर में कजान में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भी हिस्सा लिया। इन दौरों और बैठकों से यह स्पष्ट होता है कि दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाए रखने के लिए निरंतर संपर्क में हैं।

रसोई गैस की सब्सिडी के लिए 42,000 करोड़ रुपये मंजूर, मोदी कैबिनेट में कई फैसलों पर मुहर

नई दिल्ली :  शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक में 5 बड़े फैसले लिए गए जिनमें मुख्य रूप से 52,667 करोड़ रुपए के पैकेज को मंजूरी देना शामिल है। इस पैकेज में LPG, शिक्षा, बुनियादी ढांचा और पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास पर विशेष जोर दिया गया है। सरकार ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना को मजबूत करने के लिए 12,060 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। केंद्र सरकार ने मौजूदा केन्द्रीय योजना के अंतर्गत पूर्वोत्तर के असम तथा त्रिपुरा के विशेष विकास पैकेज के तहत 4,250 करोड़ रुपये की मदद का निर्णय लिया है। सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बैठक के बाद शुक्रवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी देते हुए बताया कि 2450 करोड़ रुपए के कुल परिव्यय के साथ चार नए घटकों को मंजूरी दी गई है। यह योजना विशेष रूप से पूर्वोत्तर के असम और त्रिपुरा पर केंद्रित है और इसका मकसद वहां विभिन्न माध्यमों से समानता को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार असम के आदिवासी समूहों के साथ हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन-एमओएस के अनुसार असम के आदिवासी बहुल गाँवों तथा क्षेत्रों में बुनियादी ढाँचे के विकास के लिए 500 करोड़ रुपये देगी। असम के दिमासा नेशनल लिबरेशन आर्मी, दिमासा पीपुल्स सुप्रीम काउंसिल समूहों के साथ समझौता ज्ञापन के अनुसार उसे नेशनल लिबरेशन आर्मी या दिमासा पीपुल्स सुप्रीम काउंसिल के उत्तरी कैचर हिल्स स्वायत्त परिषद क्षेत्र में बुनियादी ढाँचे के विकास के लिए 500 करोड़ रुपये दिये जाएंगे।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दो अलग-अलग फैसलों में रसोई गैस (एलपीजी) सब्सिडी के लिए कुल 42,000 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को मंजूरी दी है। अश्विनी वैष्णव ने बताया कि उज्ज्वला योजना की लाभार्थियों को मौजूदा वित्त वर्ष 2025-26 में साल में नौ रिफिल पर 300 रुपये प्रति सिलेंडर की सब्सिडी दी जायेगी। इसके लिए 12,000 करोड़ रुपये के प्रावधान की मंजूरी दी गयी है। इससे पहले, अक्टूबर 2023 से साल में 12 रिफिल पर 300 रुपये प्रति सिलेंडर की सब्सिडी दी जा रही थी। सब्सिडी का लाभ योजना की 10.33 करोड़ लाभार्थियों को होगा। सरकार ने उज्ज्वला योजना के तहत रिफिल बढ़ाने और गरीब उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए मई 2022 में सालाना 12 रिफिल पर 200 रुपये प्रति सिलेंडर लक्षित सब्सिडी की शुरुआत की थी जिसे अक्टूबर 2023 में बढ़ाकर 300 रुपये किया गया था।

इसके अलावा, मंत्रिमंडल ने रसोई गैस के घरेलू सिलेंडर के मूल्य नियंत्रण के कारण तेल विपणन कंपनियों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए 30 हजार करोड़ रुपये के प्रावधान को भी मंजूरी दी है। आधिकारिक जानकारी के अनुसार, आम उपभोक्ताओं पर अनुचित बोझ न पड़े इसके लिए घरेलू गैस सिलेंडर की आपूर्ति नियंत्रित मूल्य पर की जाती है। वित्त वर्ष 2024-25 में अंतर्राष्ट्रीय बाजार में एलपीजी की ऊँची कीमतों के कारण तीनों सार्वजनिक तेल विपणन कंपनियों को इस मद में काफी नुकसान हुआ है और अब भी उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है।

तीनों तेल विपणन कंपनियों इंडियन ऑयर कॉर्पोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन को 12 किस्तों में इस राशि का भुगतान किया जायेगा। तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय यह तय करेगा कि कंपनियों के बीच राशि का बँटवारा किस प्रकार होगा।

अमेरिकी टैरिफ की नई चिंताओं के बीच लाल निशान में भारतीय शेयर बाजार

अमेरिकी टैरिफ की नई चिंताओं के बीच शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार लाल निशान में खुला। शुरुआती कारोबार में आईटी और फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर में बिकवाली देखी गई। सुबह करीब 9.38 बजे, सेंसेक्स 272.30 अंक या 0.34 प्रतिशत की गिरावट के साथ 80,350.96 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 75.60 अंक या 0.31 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,520.55 पर था।

विश्लेषकों के अनुसार, बाजार तकनीकी और बुनियादी तौर पर कमजोर बना हुआ है। निफ्टी का लगातार निचला स्तर तकनीकी रूप से एक कमजोर संकेत है। बुनियादी दृष्टिकोण से, वित्त वर्ष 26 के लिए आय में अभी तक कोई तेज वृद्धि के संकेत नहीं हैं।

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. वीके विजयकुमार ने कहा, “भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ विवादों के कारण बाजार में मौजूदा नकारात्मक माहौल को देखते हुए, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) द्वारा नकदी बाजार में बिकवाली जारी रखने की संभावना है। एकमात्र राहत की बात यह है कि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) की निरंतर खरीदारी जारी है, जो मजबूत बनी हुई है।”

शुरुआती कारोबार में निफ्टी बैंक 124.90 अंक या 0.22 प्रतिशत की गिरावट के साथ 55,396.25 पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 226.10 अंक या 0.40 प्रतिशत की गिरावट के बाद 56,712.20 पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 62.85 अंक या 0.36 प्रतिशत की गिरावट के बाद 17,629.80 पर था।

चॉइस ब्रोकिंग की तकनीकी एवं डेरिवेटिव विश्लेषक अमृता शिंदे ने कहा, “निफ्टी की शुरुआत कमजोर रुख के साथ हुई और शुरुआती कारोबार में इसमें लगभग 225 अंकों की गिरावट आई। हालांकि, इसमें मजबूत सुधार हुआ और यह 250 अंकों से ज्यादा उछलकर पिछले दिन के बंद भाव से ऊपर बंद हुआ। सूचकांक ने एक बुलिश कैंडलस्टिक पैटर्न बनाया, जो नए सिरे से खरीदारी की दिलचस्पी और तेजी को दर्शाता है।”

उन्होंने आगे कहा कि तकनीकी दृष्टिकोण से, 24,650 के स्तर से ऊपर लगातार बढ़ने से 24,850 तक की बढ़त का रास्ता खुल सकता है। गिरावट की स्थिति में, तत्काल समर्थन 24,550 पर और उसके बाद 24,400 पर है। ये दोनों ही नए लॉन्ग पोजीशन के लिए आकर्षक प्रवेश बिंदु प्रदान कर सकते हैं।

इस बीच, सेंसेक्स में भारती एयरटेल, इंफोसिस, बीईएल, इटरनल और एक्सिस बैंक टॉप लूजर्स थे। जबकि टाइटन, बजाज फाइनेंस, ट्रेंट और बजाज फिनसर्व टॉप गेनर्स थे।

विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 7 अगस्त को लगभग 4,997.19 करोड़ रुपए के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने उसी दिन 10,864.04 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे। एशियाई बाजारों में, चीन, जापान और जकार्ता हरे निशान में कारोबार कर रहे थे, जबकि बैंकॉक, सोल और हांगकांग लाल निशान में कारोबार कर रहे थे।

पिछले कारोबारी सत्र में, अमेरिका का डॉव जोंस 224.48 अंक या 0.51 प्रतिशत की गिरावट के साथ 43,968.64 पर बंद हुआ। एसएंडपी 500 इंडेक्स 5.06 अंक या 0.08 प्रतिशत की गिरावट के साथ 6,340 पर और नैस्डैक 73.27 अंक या 0.35 प्रतिशत की बढ़त के साथ 21,242.70 पर बंद हुआ।

जस्टिस यशवंत वर्मा को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली, याचिका खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस यशवंत वर्मा को बड़ा झटका दिया। कोर्ट ने उनकी याचिका को सुनवाई योग्य नहीं मानते हुए खारिज कर दिया है।

दरअसल, जस्टिस वर्मा ने अपने आवास से जला हुआ कैश मिलने के मामले में गठित जांच समिति की रिपोर्ट को अमान्य करार देने की मांग को लेकर याचिका दाखिल की थी। इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की ओर से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पद से हटाने के लिए भेजी गई सिफारिश को भी चुनौती दी थी।

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपांकर दत्ता ने स्पष्ट किया कि अदालत ने यह माना है कि इस पूरी प्रक्रिया से याचिकाकर्ता के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं हुआ। कोर्ट ने कहा कि चीफ जस्टिस और जांच कमेटी ने फोटो और वीडियो अपलोड करने समेत प्रक्रिया के सभी पहलुओं का पूरी ईमानदारी से पालन किया था।

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्वीकार किया कि वीडियो अपलोड करना एक सही फैसला नहीं था, लेकिन इस पर कोई कानूनी निर्णय नहीं लिया गया, क्योंकि इस कदम को समय रहते चुनौती नहीं दी गई थी। कोर्ट ने यह भी कहा कि वीडियो अपलोड करने की आवश्यकता नहीं थी, लेकिन चूंकि उस समय इस मुद्दे को उठाया नहीं गया, इसलिए अब इस पर विचार नहीं किया जा सकता।

इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने मार्च में नकदी बरामदगी की जांच और मई में जस्टिस वर्मा के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की मांग वाली नेदुमपारा की याचिकाओं को खारिज कर दिया था। बता दें कि यह विवाद तब शुरू हुआ जब 14 मार्च को जस्टिस वर्मा के नई दिल्ली स्थित आवास के बाहरी हिस्से में जले हुए नोट मिले। इस घटना ने न्यायिक हलकों में हड़कंप मचा दिया। इसके बाद जस्टिस वर्मा को दिल्ली हाई कोर्ट से इलाहाबाद हाई कोर्ट भेज दिया गया और आरोपों की जांच के लिए एक आंतरिक समिति गठित की गई।

ट्रंप के टैरिफ वॉर पर पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत तैयार’ ; किसानों के हितों की रक्षा का संकल्प

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को साफ शब्दों में कहा कि भारत अपने किसानों, पशुपालकों और मछुआरों के हितों से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करेगा। उन्होंने यह बयान ऐसे समय पर दिया है जब अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत तक का आयात शुल्क लगाने का ऐलान किया है।

प्रधानमंत्री एमएस स्वामीनाथन शताब्दी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, *”हमारे लिए अपने किसानों का हित सर्वोच्च प्राथमिकता है। भारत अपने किसानों, पशुपालकों और मछुआरों के हितों से कभी भी समझौता नहीं करेगा। मुझे पता है कि इसके लिए मुझे व्यक्तिगत रूप से बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है, लेकिन मैं तैयार हूं। भारत आज अपने अन्नदाताओं के साथ पूरी मजबूती से खड़ा है।”*

प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी ऐसे समय पर आई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से आयातित कुछ वस्तुओं पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने का कार्यकारी आदेश जारी किया है। इससे पहले ट्रंप भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ की घोषणा कर चुके थे, जिसे अब बढ़ाकर कुल 50 प्रतिशत कर दिया गया है।

यह कदम रूस से भारत द्वारा तेल खरीद जारी रखने के विरोध में उठाया गया है। अमेरिका ने इस पर आपत्ति जताते हुए भारत पर आर्थिक दबाव बनाने की रणनीति अपनाई है। बुधवार को भारत सरकार ने अमेरिका के इस कदम को *“अनुचित, अन्यायपूर्ण और अविवेकपूर्ण”* करार देते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी। विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि रूस से तेल खरीद भारत की ऊर्जा सुरक्षा का हिस्सा है और वह अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा।

पाक आर्मी चीफ जनरल मुनीर फिर जाएंगे अमेरिका; 2 महीने में दूसरा दौरा

एक तरफ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया के खिलाफ टैरिफ वॉर छेड़ रखा था, वहीं दूसरी तरफ अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्ते गहराते दिख रहे हैं। पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर दो महीने में दूसरी बार अमेरिका दौरे पर जा रहे हैं।

इस बार जनरल असीम मुनीर अमेरिका के सेंट्रल कमांड (CENTCOM) के कमांडर जनरल माइकल ई. कुरिल्ला के विदाई समारोह में हिस्सा लेने जा रहे हैं। यह समारोह अमेरिका के फ्लोरिडा राज्य के टैम्पा स्थित CENTCOM मुख्यालय में आयोजित होगा।

गौरतलब है कि जनरल कुरिल्ला ने जुलाई के आखिर में पाकिस्तान का दौरा किया था। CENTCOM के कमांडर रहते हुए उनका पाकिस्तान से खास लगाव रहा है। उन्होंने आतंकवाद, खासकर इस्लामिक स्टेट-खुरासान (ISIS-K) के खिलाफ पाकिस्तान की भूमिका की कई बार तारीफ की है। हालांकि जनरल कुरिल्ला का यह भी कहना रहा है कि अमेरिका को भारत और पाकिस्तान दोनों से अच्छे रिश्ते बनाए रखने चाहिए।

आसीम मुनीर इस साल जून महीने में अमेरिका के दौरे पर गए थे। उन्होंने इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ लंच भी किया था। दोनों की मुलाकात लगभग दो घंटे तक चली थी।

इस बीच यहां यह भी बता दें कि, पाकिस्तान पर मेहरबान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 फीसदी का अतिरिक्त टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। यूक्रेन युद्ध के बाद से रूस से सस्ते दाम पर लगातार कच्चा तेल खरीदने की वजह से ट्रंप ने भारत पर टैरिफ लगाया है। भारत पर अमेरिका कुल 50 फीसदी टैरिफ लगा चुका है।

भारत की रूस से तेल डील पर बौखलाए राष्ट्रपति ट्रंप, लगाया 25 पर्सेंट एक्स्ट्रा टैरिफ

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को भारत से होने वाले आयात पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाने का आदेश जारी किया है। इस फैसले के पीछे भारत द्वारा रूस से तेल खरीद जारी रखना बताया गया है। 25% एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने के बाद अब भारत पर कुल टैरिफ 50 फीसदी हो गया है।

व्हाइट हाउस के अनुसार, यह कदम यूक्रेन युद्ध के चलते रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों को और प्रभावी बनाने की दिशा में उठाया गया है। ट्रंप ने पहले ही पिछले सप्ताह भारत पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की थी, जिसे अब आधिकारिक रूप से लागू किया जा रहा है। आदेश में कहा गया है कि भारत प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रूस से तेल आयात कर रहा है, जिसे अमेरिका अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति के लिए खतरा मानता है। आदेश के मुताबिक, “अनुरूप कानूनों के तहत, अमेरिका के सीमा शुल्क क्षेत्र में भारत से आयातित वस्तुओं पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाया जाएगा।”

यह नया शुल्क आदेश जारी होने के 21 दिन बाद लागू होगा। हालांकि, वे वस्तुएं जो उस समय तक समुद्री मार्ग में हों और 17 सितंबर से पहले अमेरिकी सीमा शुल्क से क्लियर हो जाएं, उन्हें इस शुल्क से छूट दी जाएगी। आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यह अतिरिक्त शुल्क पहले से लागू अन्य शुल्कों के अतिरिक्त होगा, जब तक कि वे कुछ विशेष श्रेणियों या पहले से जारी व्यापार आदेशों में छूट के तहत न आते हों।
साथ ही, इन वस्तुओं को अमेरिकी सीमा शुल्क क्षेत्र में “प्रिविलेज्ड फॉरेन स्टेटस” के तहत लाया जाना होगा, जो सख्त सीमा शुल्क नियमों के अधीन होगा। ट्रंप ने इस आदेश में बदलाव का अधिकार अपने पास सुरक्षित रखा है, ताकि भविष्य में भारत या रूस की नीति में बदलाव या जवाबी कार्रवाई की स्थिति में इसे संशोधित किया जा सके। इसके अलावा, आदेश में अमेरिकी वाणिज्य विभाग, विदेश विभाग, कोषागार विभाग और अन्य एजेंसियों को निर्देश दिया गया है कि वे अन्य देशों द्वारा रूस से तेल व्यापार की निगरानी करें और आवश्यकता पड़ने पर ऐसे ही कदमों की सिफारिश करें।

उत्तराखंड में कई जगह बारिश का अलर्ट

उत्तराखंड के कई जनपदों में बारिश का अलर्ट है। मौसम विभाग ने राज्य के पांच जनपदों के लिए बारिश का अलर्ट जारी किया है। इससे पहले मंगलवार को उत्तराकाशी में बादल फटने की घटना से बड़े पैमाने पर जानमाल का नुकसान हुआ है। उत्तराखंड में मौसम विभाग ने पांच जनपदों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इनमें देहरादून, नैनीताल, चंपावत, उधमसिंहनगर एवं बागेश्वर में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है, जिसके मद्देनजर नौ जनपदों में छुट्टी का आदेश जारी किया गया है।

पौड़ी, अल्मोड़ा, बागेश्वर जनपदों में सुरक्षा के लिहाज से आज स्कूलों को बंद किया गया है। कक्षा 1 से 12वीं तक के सभी शैक्षणिक संस्थानों और आंगनबाड़ी केंद्रों में अवकाश रहेगा। बता दें मंगलवार को उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र में बादल फटने के बाद बड़े पैमाने पर जानमाल का नुकसान हुआ है। भारतीय सेना ने बचाव और राहत कार्य तेज कर दिए हैं और प्रभावित लोगों की सहायता के लिए जमीनी और हवाई दोनों स्तरों के जरिए राहत पहुंचाई जा रही है।

उत्तराखंड में बिगड़ते मौसम के बीच श्री केदारनाथ धाम जाने वाला मोटर मार्ग सोनप्रयाग व गौरीकुंड के मध्य मलबा पत्थर आने से बाधित है, वहीं केदारघाटी से आने वाली मन्दाकिनी नदी भी उफान पर है। उत्तराखंड सूचना एवं जनसंपर्क विभाग (डीआईपीआर) की तरफ से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करके बताया गया है कि जनपद रुद्रप्रयाग में लगातार हो रही बारिश के कारण श्री केदारनाथ धाम जाने वाला मोटर मार्ग सोनप्रयाग व गौरीकुंड के मध्य मलबा पत्थर आने से बाधित है, वहीं केदारघाटी से आने वाली मन्दाकिनी नदी भी उफान पर है

इस संबंध में एसपी रुद्रप्रयाग अक्षय प्रल्हाद कोंडे ने जानकारी देते हुए बताया है कि आम जनमानस व श्रद्धालुओं की सुरक्षा के दृष्टिगत अग्रिम आदेशों तक केदारनाथ धाम यात्रा स्थगित की गई है। केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग में आए हुए श्रद्धालु जो जहां पर हैं, वहीं पर सुरक्षित रुकवाया गया है।

उन्होंने बताया कि गौरीकुंड से केदारनाथ के मध्य कुछ स्थानों पर पैदल मार्ग में पत्थर इत्यादि गिरने की सम्भावना व मार्ग बाधित होने के कारण फिलहाल आवाजाही बन्द की गयी है। केदारनाथ धाम पैदल मार्ग सहित सम्पूर्ण जनपद में पुलिस बल अलर्ट है। जनपद से होकर गुजरने वाली मन्दाकिनी नदी व अलकनंदा नदी के जलस्तर में वृद्धि हुई है, नदी किनारे जाने से परहेज करें।

मौसम पूर्वानुमान के अनुसार आज अगले कुछ घंटों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। जनपद पुलिस की आम जनमानस व श्रद्धालुओं से अपील है कि अनावश्यक यात्रा करने से बचें तथा जो जहां पर हैं, वहीं पर सुरक्षित रहें।

दूसरी ओर बद्रीनाथ राजमार्ग पर भूस्खलन के बाद से पर्यटकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि प्रशासन स्थिति को सामान्य बनाने में जुटा हुआ है। एक पर्यटक ने आईएएनएस को बताया, “प्रशासन जिस तरह से काम कर रहा है, उससे लगता है कि स्थिति जल्द ही नियंत्रण में आ जाएगी। स्थानीय प्रशासन बहुत अच्छा काम कर रहा है और बहुत सहयोगात्मक है।”

जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन

भारत के राजनेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल चौधरी सत्यपाल सिंह मलिक का मंगलवार को निधन हो गया है। वे लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे। दिल्ली के डॉ. राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। सत्यपाल मलिक के निधन की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उनके ही आधिकारिक अकाउंट से साझा की गई। एक्स पोस्ट में लिखा गया, “पूर्व गवर्नर चौधरी सत्यपाल सिंह मलिक नहीं रहे।”

जानकारी के अनुसार, सत्यपाल मलिक पिछले कई महीनों से विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। आरएलएम अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया गया था, जहां चिकित्सकों की देखरेख में उनका इलाज चल रहा था। लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद मंगलवार को उनका निधन हो गया। चौधरी सत्यपाल सिंह मलिक मेघालय, गोवा, बिहार और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों में राज्यपाल के पद पर रह चुके थे। मलिक ने जम्मू-कश्मीर के अंतिम पूर्णकालिक राज्यपाल के रूप में काम किया। वे अपने स्पष्टवादी और बेबाक बयानों के लिए भी खासे चर्चित रहे।

सत्यपाल मलिक के निधन की खबर फैलते ही राजनीतिक और सामाजिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई। कई प्रमुख नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों ने सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके योगदान को याद किया। हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने सत्यपाल मलिक के निधन पर दुख जताते हुए ‘एक्स’ पर लिखा, “पूर्व राज्यपाल एवं वरिष्ठ जननेता सत्यपाल मलिक के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है। वे हमेशा जनहित की बात निर्भीकता से रखते रहे। जननायक जनता पार्टी उनकी बेबाक राजनीति, किसान हितैषी सोच और सार्वजनिक जीवन में सादगी को सादर नमन करती है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें।”