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प्रधानमंत्री मोदी ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से भारत लौटे अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला से की मुलाकात

पीएम मोदी ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से भारत लौटे अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला से मुलाकात की है। इस दौरान पीएम मोदी ने शुभांशु शुक्ला से कई सवाल भी किए हैं। जिसमें उन्होंने स्पेस स्टेशन में दिए गए अपने होमवर्क को लेकर भी शुभांशु शुक्ला से पूछा है। इस बातचीत का वीडियो सामने आया है।

गगनयान को लेकर दुनियाभर की दिलचस्पी– अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताया कि दुनियाभर में भारत के गगनयान मिशन को लेकर काफी रुचि है। दुनियाभर के शीर्ष वैज्ञानिक इसका हिस्सा बनने के इच्छुक हैं। सोमवार शाम प्रधानमंत्री के साथ बातचीत में शुक्ला ने एक्सिओम-4 मिशन के हिस्से के रूप में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की अपनी अंतरिक्ष यात्रा, सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण स्थितियों के साथ समायोजन और कक्षीय प्रयोगशाला में किए गए प्रयोगों के बारे में अपने अनुभव भी साझा किए।

बातचीत में पीएम मोदी ने शुक्ला से कहा कि भारत के अंतरिक्ष मिशनों के लिए हमें 40-50 अंतरिक्ष यात्रियों का एक समूह चाहिए। आपका अनुभव हमारे गगनयान मिशन के लिए मूल्यवान होगा। शुक्ला की प्रधानमंत्री के साथ बातचीत का वीडियो मंगलवार को पीएम मोदी के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा किया गया है। शुक्ला ने कहा, ‘लोग भारत के गगनयान मिशन को लेकर बहुत उत्साहित हैं। मेरे कई क्रू साथी (एक्सिओम-4 मिशन के) लॉन्च के बारे में जानना चाहते हैं।’

पीएम मोदी ने शुभांशु शुक्ला से अपने होमवर्क के बारे में भी सवाल किया। मालूम हो कि पीएम मोदी ने अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला को गगनयान मिशन को आगे बढ़ाने, चंद्रमा पर भारतीय अंतरिक्ष यात्री की लैंडिंग कराने और भारत के अपने स्पेस स्टेशन के निर्माण में अपने अनुभवों का उपयोग करने का होमवर्क दिया था। पीएम मोदी ने कहा था कि शुभांशु के अंतरिक्ष मिशन (एक्सिओम-4) के अनुभव इन तीनों महत्वपूर्ण अभियानों के लिए बहुत काम आएंगे। अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की महत्वाकांक्षाओं का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, ‘मैंने कहा था कि आपका मिशन पहला कदम है।’ पीएम मोदी ने शुक्ला से कहा कि आईएसएस के लिए उनका मिशन भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं में मददगार साबित होगा। भारत की योजना 2027 में अपना पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष यान भेजने और 2035 तक अपना अंतरिक्ष स्टेशन बनाने की है। भारत की 2040 तक चांद पर अपना अंतरिक्ष यात्री उतारने की भी योजना है।

लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष का हंगामा, दोनों सदनों की कार्यवाही करनी पड़ी स्थगित

नई दिल्ली: राज्यसभा व लोकसभा की कार्यवाही मंगलवार को भी सुचारू रूप से नहीं चल सकी। राज्यसभा में विपक्ष की मांग थी कि सदन की अन्य कार्यवाही स्थगित कर मतदाता सूची संबंधी मामलों पर चर्चा कराई जाए। इसके लिए कई विपक्षी सांसदों ने नियम 267 के तहत नोटिस भी दिए थे। हालांकि नियमों का हवाला देते हुए उप सभापति ने ये सभी नोटिस अस्वीकार कर दिए।

इसके बाद राज्यसभा में विपक्षी सांसद नारेबाजी करते हुए अपनी सीटों से उठकर आगे आ गए। राज्यसभा में हंगामा बढ़ता देख उप सभापति ने सदन की कार्यवाही को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। वहीं लोकसभा में भी हंगामे व नारेबाजी के कारण सदन की कार्यवाही बाधित हुई।

लोकसभा की कार्यवाही पहले 12 बजे तक स्थगित की गई। 12 बजे कार्यवाही प्रारंभ होने के पर भी हंगामा जारी रहा और ऐसे में सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

दरअसल मंगलवार को और राज्यसभा की कार्यवाही प्रारंभ होने के कुछ देर बाद उपसभापति हरिवंश नारायण ने सदन को बताया कि उन्हें विपक्षी सांसदों की ओर से चर्चा के लिए 20 नोटिस मिले। ये 20 नोटिस 4 अलग-अलग विषयों पर चर्चा के लिए भेजे गए थे। चर्चा के लिए ये सभी नोटिस नियम 267 के तहत उपसभापति को दिए गए थे।

उप सभापति ने इस विषय में सदन को जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें प्राप्त हुए सभी 20 नोटिसों में से कोई भी नोटिस नियमानुसार नहीं भेजा गया है। इसलिए सभी नोटिस अस्वीकार कर दिए गए। इसके बाद विपक्ष द्वारा सदन में जमकर नारेबाजी की गई अधिकांश विपक्षी सांसद अपनी सीटों से उठ कर आगे आ गए और राज्यसभा में खड़े होकर नारेबाजी करने लगे।

उप सभापति ने राज्यसभा में शून्यकाल और प्रश्नकाल चलने देने का अनुरोध किया। लेकिन विपक्षी सांसद इसके लिए राजी नहीं हुए, वे दिए गए नोटिस के आधार पर चर्चा की मांग करते रहे। सदन में हंगामा बढ़ता देख उप सभापति ने राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। उधर लोकसभा में प्रश्नकाल तो शुरू किया गया लेकिन प्रश्नकाल की कार्यवाही ज्यादा देर नहीं चल सकी। विपक्ष लगातार नारेबाजी करता रहा।

सदन में हुए हंगामे और नारेबाजी के कारण प्रश्नकाल के बीच में ही लोकसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। दोपहर 12 बजे कार्यवाही दोबारा प्रारंभ होने पर भी सदन में यही स्थिति बनी रही। लोकसभा में पीठासीन कृष्णा प्रसाद तन्नेटी ने बताया कि कुछ सांसदों ने स्थगन प्रस्ताव दिया है। उन्होंने बताया कि लोकसभा अध्यक्ष ने ये स्थगन प्रस्ताव अस्वीकार कर दिए हैं। इस बीच लोकसभा में नारेबाजी जारी रही जिसके कारण लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई कर दी गई।

प्रधानमंत्री मोदी ने उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने उन्हें एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में चुने जाने पर शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि राधाकृष्णन के अनुभव से देश को बहुत लाभ होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात की तस्वीरें शेयर की।

उन्होंने लिखा, “सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात की। उन्हें एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनने पर बधाई दी। उनके लंबे समय तक सार्वजनिक सेवा और विभिन्न क्षेत्रों में अनुभव से हमारे देश को बहुत लाभ होगा। मैं कामना करता हूं कि वे हमेशा की तरह समर्पण और दृढ़ता के साथ राष्ट्र की सेवा करते रहें, जो उन्होंने हमेशा दिखाया है।” इससे पहले, पीएम मोदी ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर राधाकृष्णन को एनडीए का उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बनने पर बधाई दी थी। उन्होंने लिखा, “थिरु सीपी राधाकृष्णन ने अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में अपनी लगन, विनम्रता और बुद्धिमत्ता से अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। विभिन्न पदों पर रहते हुए उन्होंने हमेशा सामुदायिक सेवा और वंचितों के सशक्तिकरण पर ध्यान केंद्रित किया है।

उन्होंने तमिलनाडु में जमीनी स्तर पर व्यापक कार्य किया है। मुझे खुशी है कि एनडीए परिवार ने उन्हें हमारे गठबंधन के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में नामित करने का निर्णय लिया है।” भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीपी राधाकृष्णन के नाम का ऐलान किया। उन्होंने कहा, “हमने एनडीए में शामिल सभी दलों के साथ चर्चा की और उनसे सुझाव भी मांगे थे। इसके बाद सभी ने एनडीए के प्रत्याशी के रूप में सीपी राधाकृष्णन के नाम को मंजूरी दी। वह वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं और तमिलनाडु के रहने वाले हैं।” बता दें कि चंद्रपुर पोन्नुसामी राधाकृष्णन को 31 जुलाई 2024 को महाराष्ट्र के राज्यपाल के पद पर नियुक्त किया गया था। इससे पहले, उन्होंने लगभग डेढ़ साल तक झारखंड के राज्यपाल के रूप में काम किया। इसके अलावा, वे तेलंगाना के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार और पुडुचेरी के उपराज्यपाल का अतिरिक्त कार्यभार भी संभाल चुके हैं।

प्रवासी बंगालियों को घर वापसी पर हर महीने मिलेंगे 5000 रुपए- मुख्यमंत्री ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल में 2026 के विधानसभा चुनावों की बिसात अभी से बिछने लगी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बड़ा ऐलान करते हुए ‘डबल इंजन’ सरकारों वाले राज्यों में कथित तौर पर उत्पीड़न का सामना कर रहे बंगाली भाषी प्रवासी मजदूरों के लिए ‘श्रमोश्री योजना’ शुरू करने की घोषणा की है। इस योजना के तहत बंगाल वापस लौटने वाले मजदूरों को एक साल तक हर महीने 5000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने यह घोषणा राज्य में SIR (स्टेट इनहैबिटेंट्स रजिस्टर) को लेकर चल रही राजनीतिक बहस के बीच की है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा शासित राज्यों में लगभग 22 लाख बंगाली भाषी लोगों को परेशान किया जा रहा है।

श्रमोश्री योजना – सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ममता बनर्जी ने कहा, “हमने उन सभी लोगों से अपने राज्य बंगाल वापस आने का आग्रह किया है। जो लोग उत्पीड़न के बाद वापस आ रहे हैं या आएंगे, उन्हें ‘श्रमोश्री योजना’ के तहत मदद दी जाएगी।” उन्होंने योजना का विवरण देते हुए बताया, बंगाल लौटने वाले प्रत्येक प्रवासी मजदूर को एक साल तक हर महीने 5000 रुपये मुफ्त यात्रा भत्ता दिया जाएगा। यह राशि आईटीआई और श्रम विभाग के माध्यम से प्रदान की जाएगी। इन मजदूरों को तुरंत जॉब कार्ड दिए जाएंगे और सरकार उन्हें अलग से नौकरी दिलाने में भी मदद करेगी।

यह योजना केवल उन बंगाली प्रवासी मजदूरों के लिए होगी जो दूसरे राज्यों में काम कर रहे थे और अब वापस लौट रहे हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि कथित उत्पीड़न के बाद अब तक 2870 परिवारों के 10,000 से अधिक मजदूर पहले ही राज्य में लौट चुके हैं।

राजनीतिक विश्लेषक ममता बनर्जी के इस कदम को 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले एक महत्वपूर्ण राजनीतिक दांव के रूप में देख रहे हैं। इसके साथ ही, उन्होंने बिहार में चुनाव आयोग द्वारा कराए गए SIR का भी पुरजोर विरोध किया और कहा कि पश्चिम बंगाल अभी इसके लिए तैयार नहीं है।

इस बीच, ऐसी भी अटकलें हैं कि प्रवासी बंगाली मजदूरों के उत्पीड़न के विरोध में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 22 अगस्त को बंगाल में होने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगी। हालांकि, जब आज उनसे इस बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने इसे टाल दिया और कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया।

यूक्रेन के समर्थन में NATO देश, ट्रंप के साथ बातचीत के लिए ज़ेलेंस्की के साथ हुए एकजुट

यूक्रेन-रूस युद्ध को समाप्त करने के प्रयासों के बीच एक बड़े कूटनीतिक घटनाक्रम में, यूरोपीय और नाटो देशों के नेताओं ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की के साथ एकजुटता दिखाई है। रविवार को जारी घोषणा के अनुसार, ये सभी नेता वाशिंगटन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ होने वाली महत्वपूर्ण बैठक में ज़ेलेंस्की का साथ देंगे। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य यूक्रेन में युद्ध को समाप्त करने और अमेरिकी सुरक्षा गारंटी को मजबूत करने के लिए एक संयुक्त रणनीति बनाना है।

यह कदम इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल ही में शुक्रवार को अलास्का में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और डोनाल्ड ट्रंप के बीच एक शिखर वार्ता हुई थी, जिसमें यूक्रेनी राष्ट्रपति को शामिल नहीं किया गया था। इसी के बाद ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली और फिनलैंड जैसे प्रमुख देशों ने ज़ेलेंस्की के समर्थन में आगे आने का फैसला किया है।

सोमवार को व्हाइट हाउस में ज़ेलेंस्की के साथ नाटो नेताओं की मौजूदगी यह सुनिश्चित करने का एक स्पष्ट प्रयास है कि यह बैठक सफल रहे। इससे पहले फरवरी में हुई एक बैठक के दौरान ट्रंप ने ओवल ऑफिस में ज़ेलेंस्की को फटकार लगाई थी, जिससे असहज स्थिति पैदा हो गई थी। संयुक्त राष्ट्र में फ्रांस के पूर्व सैन्य मिशन प्रमुख, सेवानिवृत्त फ्रांसीसी जनरल डोमिनिक ट्रिनक्वांड ने कहा, “यूरोपीय देश ओवल ऑफिस जैसी घटना को दोहराना नहीं चाहते और इसीलिए वे ज़ेलेंस्की को अपना पूरा समर्थन दे रहे हैं।”

इस बीच, अलास्का में हुई ट्रंप-पुतिन वार्ता से एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है। अमेरिका के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने रविवार को सीएनएन को दिए एक साक्षात्कार में बताया कि पुतिन इस बात पर सहमत हो गए हैं कि युद्ध समाप्ति समझौते के हिस्से के रूप में अमेरिका और उसके यूरोपीय सहयोगी यूक्रेन को नाटो जैसी सुरक्षा गारंटी दे सकते हैं। विटकॉफ ने इसे “गेम चेंजर” बताते हुए कहा, “यह पहली बार है जब रूसियों ने इस तरह की किसी बात पर सहमति जताई है।”

वहीं, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा है कि यूरोपीय प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति ट्रंप से यूक्रेन की सेना को और मजबूत करने की योजनाओं का समर्थन करने का आग्रह करेगा। इन योजनाओं में शांति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से यूक्रेन की सशस्त्र सेनाओं को अतिरिक्त प्रशिक्षण और उपकरण प्रदान करना शामिल है, जो पहले से ही रूस के बाहर यूरोप की सबसे बड़ी सेना मानी जाती है।

एनडीए के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार होंगे सीपी राधाकृष्णन- जेपी नड्डा

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उपराष्ट्रपति पद के लिए एनडीए के उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया है। नड्डा ने बताया कि एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन होंगे, जो वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, “हमने एनडीए में शामिल सभी दलों के साथ चर्चा की और उनसे सुझाव भी मांगे गए। इसके बाद सभी ने एनडीए के प्रत्याशी के रूप में सीपी राधाकृष्णन के नाम को मंजूरी दी।

वह वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं और तमिलनाडु के रहने वाले हैं।” केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने सीपी राधाकृष्णन के नाम का समर्थन किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “उपराष्ट्रपति के एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को हमारा पूर्ण समर्थन है। हम सड़क से लेकर सदन तक एनडीए के साथ हैं।” बता दें कि चंद्रपुर पोन्नुसामी राधाकृष्णन को 31 जुलाई 2024 को महाराष्ट्र के राज्यपाल के पद पर नियुक्त किया गया था। इससे पहले, उन्होंने लगभग डेढ़ साल तक झारखंड के राज्यपाल के रूप में काम किया।

इसके अलावा, वे तेलंगाना के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार और पुडुचेरी के उपराज्यपाल का अतिरिक्त कार्यभार भी संभाल चुके हैं। 20 अक्टूबर 1957 को तमिलनाडु के तिरुपुर में जन्मे सीपी राधाकृष्णन ने 1974 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के स्वयंसेवक के रूप में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की और भारतीय जनसंघ के राज्य कार्यकारी समिति के सदस्य बने। 1996 में वह भाजपा तमिलनाडु के सचिव नियुक्त हुए। इसके बाद 1998 और 1999 में कोयंबटूर से लोकसभा सांसद चुने गए। इसके अलावा, 2004 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में संसदीय प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में भाषण दिया और ताइवान की पहली संसदीय यात्रा में भी शामिल हुए थे। वह 2004 से 2007 तक भाजपा तमिलनाडु के प्रदेश अध्यक्ष रहे। 2020 से 2022 तक भाजपा केरल के अखिल भारतीय प्रभारी रहे। साथ ही 18 फरवरी 2023 को झारखंड के राज्यपाल नियुक्त किए गए थे।

भारी बारिश से अलकनंदा-मंदाकिनी नदियां खतरे के निशान के पास, प्रशासन अलर्ट

जनपद के ऊपरी इलाकों में हो रही लगातार मूसलाधार बारिश के कारण अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों का जलस्तर खतरनाक रूप से बढ़ गया है। रविवार को दोनों नदियाँ खतरे के निशान के करीब बहने लगीं, जिसके चलते प्रशासन ने नदी किनारे बसी बस्तियों में अलर्ट जारी कर दिया है। प्रशासन द्वारा लगातार लोगों को जागरूक कर सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की जा रही है।

बरसात का मौसम शुरू होते ही जिले में भूस्खलन और नदियों के जलस्तर में वृद्धि की घटनाएँ आम हो जाती हैं। इस वर्ष ऊपरी क्षेत्रों में हुई अत्यधिक वर्षा के कारण नदियाँ विकराल रूप धारण कर रही हैं, जिससे तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। रविवार सुबह 8 बजे नदियों का जलस्तर बढ़ने की सूचना मिलते ही संबंधित विभागों को सतर्क कर दिया गया था।

आपदा प्रबंधन अधिकारी एन.एस. रजवार के अनुसार, अलकनंदा नदी का जलस्तर 626.10 मीटर दर्ज किया गया, जो 626 मीटर के खतरे के निशान से थोड़ा ऊपर है। वहीं, मंदाकिनी नदी 624.70 मीटर पर बह रही थी, जो खतरे के निशान 625 मीटर से कुछ ही नीचे है।

उन्होंने बताया कि “नदियों के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए हम लगातार नदी किनारे रहने वाले लोगों को सचेत कर रहे हैं, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से पहले उन्हें समय पर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके।” हालांकि, शाम तक दोनों नदियों के जलस्तर में गिरावट दर्ज की जाने लगी थी, लेकिन प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है।

अलकनंदा नदी- खतरे का निशान: 626.00 मीटर, खतरे का स्तर: 627.00 मीटर , वर्तमान जलस्तर: 626.10 मीटर

मंदाकिनी नदी– खतरे का निशान: 625.00 मीटर, खतरे का स्तर: 626.00 मीटर, वर्तमान जलस्तर: 624.70 मीटर

जम्मू-कश्मीर में किश्तवाड़ के मचैल माता यात्रा मार्ग पर बादल फटा, 15 लोगों की मौत की आशंका

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में मचैल मट्टा यात्रा के रास्ते में पड्डेर सब डिवीजन के चिशोती गांव में बादल फटने से भारी तबाही मची है। जानकारी के अनुसार बादल फटने से 12-15 लोगों के मरने की सूचना है।

यह घटना मछेल माता यात्रा के मार्ग पर स्थित पदर उपखंड में हुई है। बचाव कार्य जारी है। प्रशासन ने स्थिति का जायजा लेने के लिए टीमों को भेजा है। जानकारी के अनुसार, बादल फटने की घटना के बाद चिशोती गांव में अचानक बाढ़ आ गई, जिससे कई घरों को नुकसान पहुंचा है। जिला प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। दोनों पुल, लकड़ी का पुल और पीएमजीएसवाई पुल, क्षतिग्रस्त हो गए हैं।

इस हादसे को लेकर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल कार्यालय ने ट्वीट किया है कि “चोसिटी किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना से व्यथित हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। सिविल, पुलिस, सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ अधिकारियों को बचाव और राहत अभियान को मजबूत करने और प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया गया है।”

जमीनी हकीकत जाने बिना जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता- सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने की मांग वाली याचिका पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने यह साफ कर दिया कि इस मुद्दे पर फैसला लेते समय जमीनी हकीकत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले का उल्लेख करते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं गंभीर चिंता का विषय हैं और इन्हें ध्यान में रखना आवश्यक है। इस मामले में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने की दिशा में कदम उठा रही है, लेकिन वर्तमान में वहां कुछ अजीबोगरीब परिस्थितियां बनी हुई हैं। उन्होंने याद दिलाया कि चुनावों के बाद राज्य का दर्जा बहाल करने का आश्वासन पहले ही दिया जा चुका है, परंतु मौजूदा हालात को देखते हुए यह प्रश्न अभी क्यों उठाया जा रहा है, यह स्पष्ट नहीं है।

मेहता ने कोर्ट से आग्रह किया कि सरकार की आधिकारिक राय प्रस्तुत करने के लिए उन्हें 8 हफ्ते का समय दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए मामले की अगली सुनवाई आठ हफ्ते बाद तय करने का निर्देश दिया। अदालत ने यह भी संकेत दिया कि इस मुद्दे पर कोई भी फैसला लेते समय सुरक्षा और स्थिरता के पहलुओं को प्राथमिकता दी जाएगी। जहूर अहमद भट और कार्यकर्ता खुर्शीद अहमद मलिक की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि राज्य का दर्जा बहाल करने में लगातार हो रही देरी”जम्मू और कश्मीर के नागरिकों के अधिकारों को गंभीर रूप से प्रभावित कर रही है और संघवाद की अवधारणा का भी उल्लंघन कर रही है। आवेदकों का तर्क है कि समयबद्ध सीमा के भीतर राज्य का दर्जा बहाल न करना संघवाद का उल्लंघन है, जो संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा है।

पहले की सुनवाई में एसजी मेहता ने अदालत को बताया था कि केंद्रीय गृह मंत्रालय कोई विशिष्ट समय-सीमा नहीं बता सकता और राज्य का दर्जा बहाल करने में “कुछ समय” लगेगा। मई 2024 में, सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले को चुनौती देने वाली पुनर्विचार याचिकाओं को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि “रिकॉर्ड में कोई त्रुटि स्पष्ट नहीं है” और मामले को खुली अदालत में सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया।

दिल्ली में बारिश का कहर; एक चलती बाइक पर गिरा 100 साल पुराना पेड़, एक की दर्दनाक मौत

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गुरुवार को हुई झमाझम बारिश अपने साथ एक दर्दनाक हादसा लेकर आई। दक्षिण दिल्ली के कालकाजी इलाके में एक 100 साल पुराना विशाल नीम का पेड़ अचानक सड़क पर गिर गया, जिसकी चपेट में एक कार और एक चलती हुई बाइक आ गई। हादसे में बाइक चला रहे 55 वर्षीय सुधीर कुमार की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनके पीछे बैठी महिला गंभीर रूप से घायल हो गई।

इस पूरी घटना का एक दिल दहला देने वाला सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि बारिश के कारण सड़क पर पानी भरा हुआ है और वाहनों की आवाजाही जारी है। इसी बीच, सुधीर कुमार एक महिला को पीछे बिठाकर बाइक से गुजर रहे होते हैं, तभी अचानक सड़क के किनारे लगा विशाल पेड़ सीधे उनकी बाइक के ऊपर आ गिरता है। पलक झपकते ही बाइक सवार पेड़ के नीचे दब जाते हैं।