Home Blog Page 19

बदल सकता है आवारा कुत्तों को हटाने का फैसला, चीफ जस्टिस करेंगे आदेश की समीक्षा

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर से सभी आवारा कुत्तों को हटाने का जो आदेश दिया गया था उस आदेश की समीक्षा हो सकती है। मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई ने आज दिल्ली-एनसीआर की सड़कों पर आवारा कुत्तों के प्रवेश पर प्रतिबंध पर पुनर्विचार का आश्वासन दिया। मुख्य न्यायाधीश ने यह टिप्पणी एक वरिष्ठ अधिवक्ता द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए की।

याचिकाकर्ता ने न्यायालय के समक्ष कॉन्फ्रेंस फॉर ह्यूमन राइट्स (इंडिया) की एक याचिका भी प्रस्तुत की, जिसमें दावा किया गया था कि पशु जन्म नियंत्रण (कुत्ते) नियम, 2001, जो आवारा कुत्तों की बढ़ती आबादी को कम करने के लिए नियमित नसबंदी और टीकाकरण कार्यक्रमों को अनिवार्य बनाता है, का पालन नहीं किया जा रहा है। दरअसल कुछ दिन पहले ही कोर्ट ने प्रशासन को आवारा कुत्तों को हटाने के काम काम को करने के लिए 8 हफ्तों का अल्टीमेटम दिया था। कोर्ट के इस आदेश के बाद से ही इसको लेकर कई लोग विरोध तो कई लोग सपोर्ट में उतर आए।

हर घर तिरंगा अभियान: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घर पर फहराया राष्ट्रीय ध्वज

केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत नई दिल्ली स्थित अपने आवास पर राष्ट्रीय ध्वज लगाया है। 15 अगस्त के मद्देनजर भारत सरकार ने देशभर में ‘हर घर तिरंगा’ अभियान की शुरुआत की है, जिसमें लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। अमित शाह ने कहा कि ‘हर घर तिरंगा’ अभियान देश को एकता के सूत्र में पिरोने और राष्ट्रप्रेम की भावना को और भी प्रबल बनाने वाला जन-अभियान बन गया है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पत्नी के साथ अपने आवास की छत पर तिरंगा झंडा लगाया। अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने की तस्वीरें भी साझा की हैं।

शाह ने लिखा, “आज हर घर तिरंगा अभियान के अंतर्गत अपने आवास पर तिरंगा फहराया। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में शुरू हुआ ‘हर घर तिरंगा’ अभियान आज देश को एकता के सूत्र में पिरोने और राष्ट्रप्रेम की भावना को और भी प्रबल बनाने वाला जन-अभियान बन गया है। यह अभियान दर्शाता है कि असंख्य स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने त्याग, तप और समर्पण से जिस आजाद भारत का सपना साकार किया था, उसे विकसित और सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए 140 करोड़ देशवासी संकल्पित हैं।”

इसी बीच, दिल्ली सरकार में मंत्री आशीष सूद ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत जनकपुरी में तिरंगा यात्रा में शामिल हुए। आशीष सूद ने अपने विधानसभा क्षेत्र जनकपुरी के सी1 ब्लॉक से डाबरी चौराह तक पैदल तिरंगा यात्रा निकाली। इस यात्रा में शिक्षा मंत्री आशीष सूद के साथ सांसद कमलजीत सहरावत मौजूद रहीं। कई स्कूलों के बच्चे भी शामिल हुए।

देश में चल रहे ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के अंतर्गत नागरिकों को 13 से 15 अगस्त के बीच अपने घरों और कार्यस्थलों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस साल के अभियान में “स्वच्छता ही सेवा है” पहल के अंतर्गत स्वच्छता पर भी जोर दिया जा रहा है, जिससे राष्ट्रीय गौरव और नागरिक जिम्मेदारी दोनों को प्रोत्साहन मिलेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी देशवासियों से इस अभियान से जुड़ने की अपील कर चुके हैं। उन्होंने नागरिकों से आग्रह किया कि वे अपनी तस्वीरें और सेल्फी ‘हर घर तिरंगा’ की वेबसाइट पर साझा करते रहें।

इस वर्ष RBI का ब्याज दरों में कटौती करना मुश्किल-एसबीआई रिसर्च

एसबीआई रिसर्च की ओर से बुधवार को कहा गया कि अगस्त में मुद्रास्फीति के 2 प्रतिशत से ऊपर और 2.3 प्रतिशत के करीब रहने की संभावना के बीच, अक्टूबर में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा दरों में कटौती मुश्किल है। आगे कहा गया कि अगर पहली और दूसरी तिमाही के विकास दर के आंकड़ों को ध्यान में रखा जाए तो दिसंबर में दरों में कटौती भी थोड़ी मुश्किल होगी।

भारत की सीपीआई मुद्रास्फीति जुलाई में 98 महीने के निचले स्तर 1.55 प्रतिशत पर आ गई, जबकि जून में यह 2.10 प्रतिशत और जुलाई, 2024 में 3.60 प्रतिशत थी।जुलाई के आंकड़े लगातार नौवें महीने गिरावट का संकेत दे रहे हैं, मुख्य रूप से खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट के कारण, जो 78 महीने के निचले स्तर पर है। जून 2025 की तुलना में जुलाई में खाद्य मुद्रास्फीति में 75 आधार अंकों की गिरावट आई।

रिपोर्ट के अनुसार, कोर मुद्रास्फीति में भी तेजी से गिरावट आई और पिछले 6 महीनों में पहली बार यह 4 प्रतिशत से नीचे (3.94 प्रतिशत) रही। सोने की कीमतों को छोड़कर, कोर मुद्रास्फीति जुलाई 2025 में 3 प्रतिशत से कम होकर 2.96 प्रतिशत हो गई, जो हेडलाइन कोर सीपीआई से लगभग 100 आधार अंकों कम है।

इसके अलावा, वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में भारतीय उद्योग जगत, लगभग 2,500 सूचीबद्ध संस्थाओं ने 5.4 प्रतिशत की राजस्व वृद्धि दर्ज की, जबकि ईबीआईडीटीए में लगभग 6 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

एसबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है, “दूसरी तिमाही में, निर्यात-उन्मुख टैरिफ प्रभावित क्षेत्रों जैसे कपड़ा, रत्न एवं आभूषण, चमड़ा, रसायन, कृषि, ऑटो कंपोनेंट आदि में राजस्व और मार्जिन पर दबाव देखने को मिल सकता है। कुल मिलाकर अमेरिका में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति (मौसमी रूप से समायोजित नहीं) में भी जुलाई में सालाना आधार पर 2.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जो अप्रैल की तुलना में 40 आधार अंक अधिक है, जो टैरिफ के नकारात्मक प्रभाव को दर्शाता है।”

जब से आरबीआई एमपीसी ने जून में दरों में कटौती और अगस्त में यथास्थिति बनाए रखने का फैसला किया है, 10-ईयर यील्ड में वृद्धि शुरू हो गई है।

जुलाई में 6.30 प्रतिशत के आसपास रहने के बाद, यह अब 6.45 प्रतिशत के स्तर को पार कर गया है। जब तक टैरिफ के संबंध में स्पष्टता नहीं आ जाती, बॉन्ड यील्ड में नरमी नहीं आ सकती।

रिपोर्ट में कहा गया है, “इस संदर्भ में हम फिर से इस बात पर जोर देना चाहते हैं कि यील्ड कर्व एक सार्वजनिक हित है। भारतीय बाजारों में, डेट बाजार के प्लेयर्स का अलग व्यवहार आम बात है।”

उदाहरण के लिए, अगर एक समूह आरबीआई की मौद्रिक नीति के रुख के साथ प्रोसाइक्लिकली रूप से कार्य करता है, तो दूसरा समूह काउंटरसाइक्लिकली रूप से कार्य करता है और कभी-कभी दोनों समूह आक्रामक रूप से कार्य करते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है, “हालांकि, जून पॉलिसी की घोषणा के बाद, लगभग सभी बाजार पार्टिसिपेंट्स एक ही तरह से बिकवाली/व्यवहार कर रहे हैं। यह आश्चर्यजनक है और इसके परिणामस्वरूप 8 साल के निचले स्तर पर मुख्य मुद्रास्फीति के बावजूद कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है।”

सजा की अवधि से अधिक समय तक जेल में बंद दोषी को तत्काल रिहा करें: सुप्रीम कोर्ट

उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा कि कोई दोषी व्यक्ति सजा की निर्धारित अवधि पूरी करने के बाद भी जेल में बंद है और किसी अन्य मामले में वांछित नहीं है तो उसे तत्काल रिहा किया जाए।

न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने 2002 के नीतीश कटारा हत्याकांड के दोषी सुखदेव यादव उर्फ पहलवान को रिहा करने का आदेश देते हुए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह निर्देश दिया। न्यायालय ने कहा कि यादव ने इस साल मार्च में बिना किसी छूट के 20 साल की सजा पूरी कर ली है।

पीठ ने इसके साथ ही सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के गृह सचिवों को निर्देश दिया कि वे यह पता करें कि कोई दोषी व्यक्ति सजा की निर्धारित अवधि से अधिक समय तक जेल में बंद तो नहीं है। यदि कोई दोषी व्यक्ति किसी अन्य मामले में वांछित नहीं है और निर्धारित अवधि से अधिक समय तक जेल में बंद हैं तो जरूरी कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद उसे शीघ्र रिहा किया जाए।

पीठ ने कहा कि न्यायालय के इस आदेश को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव को भेजा जाए ताकि इससे राज्यों के जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों अवगत कराया जा सके।

‘कैश कांड’ में फंसे जस्टिस यशवंत वर्मा पर चलेगा महाभियोग

‘कैश कांड’ मामले में फंसे इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने एक तीन सदस्यीय जांच समिति के गठन की घोषणा कर दी है। यह समिति जस्टिस वर्मा पर लगे आरोपों की जांच करेगी।

लोकसभा अध्यक्ष द्वारा गठित की गई इस उच्च-स्तरीय समिति में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश, एक हाईकोर्ट के न्यायाधीश और एक वरिष्ठ कानूनविद को शामिल किया गया है। समिति के सदस्यों में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरविंद कुमार, राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस मनिंदर मोहन श्रीवास्तव और जाने-माने कानूनविद बी.वी. आचार्य का नाम शामिल है।

यह हाई-प्रोफाइल मामला इसी साल 14 मार्च, 2025 को सामने आया था, जब जस्टिस वर्मा के दिल्ली स्थित सरकारी आवास पर आग लग गई थी। आग बुझाने के बाद मौके से भारी मात्रा में जली हुई नकदी बरामद हुई थी, जिसके बाद न्यायपालिका में हड़कंप मच गया था। घटना के समय जस्टिस वर्मा दिल्ली हाईकोर्ट में कार्यरत थे और बाद में उनका तबादला इलाहाबाद हाईकोर्ट कर दिया गया था।

पिछले महीने, कांग्रेस, बीजेपी, जेडीयू और टीडीपी समेत कई दलों के लोकसभा सांसदों ने एक साथ मिलकर अध्यक्ष ओम बिरला को ज्ञापन सौंपा था और जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की मांग की थी। इससे पहले, एक आंतरिक जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना ने भी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग की सिफारिश की थी। अब जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर सदन में महाभियोग प्रस्ताव पर आगे की कार्रवाई तय होगी।

पंजाब सरकार ने लैंड पूलिंग पालिसी वापस ली, चारों तरफ हो रहा था विरोध

विभिन्न विवादों से घिरती जा रही और किसानों में रोष की वजह बनी लैंड पूलिंग पालिसी को मान सरकार ने वापस ले लिया है। पालिसी वापस लेने संबंधी पत्र पंजाब सरकार के हाउसिंग और अर्बन डेवलपमेंट के प्रिंसिपल सेक्रेटरी ने जारी कर दिया है। इसमें कहा गया है कि 14 मई 2025 को लाई गई पंजाब लैंड पॉलिसी और इससे जुड़े अमेंडमेंट्स को विड्रॉ किया जा रहा है। पॉलिसी को लेकर लगातार विपक्ष सरकार पर हमलावर था, वहीं पंजाब के किसान भी इस पॉलिसी का लगातार विरोध कर रहे थे। लैंड पूलिंग को लेकर पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने भी अगले आदेश तक रोक लगा दी थी। सरकार ने पॉलिसी को वापस ले लिया है। भगवंत मान सरकार द्वारा लैंड पूलिंग पॉलिसी को वापस लिए जाने को लेकर शिरोमणी अकाली दल के उपप्रधान दलजीत सिंह चीमा की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने अपने X हैंडल पर ट्वीट में लिखा कि AAP की सरकार का लैंड पूलिंग पॉलिसी को वापस लेने का फैसला पंजाब की जनता की जीत और अकाली दल के विरोध प्रदर्शनों का नतीजा है

भारत ने पाकिस्तान की परमाणु बम की धमकी पर पलटवार किया

नई दिल्ली: पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर के परमाणु बम को लेकर दी गई धमकी पर भारत की तीखी प्रतिक्रिया आई है। भारत ने आसिम मुनीर के परमाणु धमकी वाले बयान की निंदा करते हुए गैर-जिम्मेदाराना बताया। उन्होंने कहा कि परमाणु हथियारों की धमकी देना पाकिस्तान की पुरानी चाल है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान जारी कर आसिम मुनीर की निंदा की। प्रवक्ता ने बयान में कहा, “हमारा ध्यान पाकिस्तान के सेना प्रमुख द्वारा अमेरिका यात्रा के दौरान दिए गए एक बयान की ओर गया है। परमाणु हथियारों की धमकी देना पाकिस्तान की पुरानी आदत रही है।”

उन्होंने कहा, “इस तरह के गैर-जिम्मेदाराना बयान अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान के परमाणु कमांड और नियंत्रण की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने के लिए मजबूर करते हैं, खासकर जब वहां की सेना आतंकवादी समूहों के साथ मिलकर काम करती है।” विदेश मंत्रालय ने कहा, “यह खेदजनक है कि ये टिप्पणियां एक मित्र देश (अमेरिका) की धरती से की गईं। भारत पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि वह परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाता रहेगा।” आसिम मुनीर का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण रिश्तों को लेकर वैश्विक स्तर पर चर्चा हो रही है। पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने परमाणु बम को लेकर भारत को धमकी दी थी। उन्होंने अपने बयान में कहा था, “इस्लामाबाद को भारत से अस्तित्व का खतरा महसूस हुआ, तो वह आधी दुनिया को अपने साथ ले डूबेगा।” बता दें कि पिछले कुछ महीनों में आसिम मुनीर का यह दूसरा अमेरिका दौरा है। इससे पहले वह जून में वॉशिंगटन गए थे, जहां अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन्हें व्हाइट हाउस में लंच पर आमंत्रित किया था।

हालांकि, इस यात्रा के दौरान मुनीर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए गए थे। मुनीर पर मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप लगाए गए और उन्हें ‘पाकिस्तानियों का कातिल’ तथा ‘इस्लामाबाद का कातिल’ जैसे नारों से निशाना बनाया गया था।

सभी आवारा कुत्तों को रिहायशी इलाकों से दूर आश्रय स्थलों में स्थानांतरित करें: सुप्रीम कोर्ट

दिल्ली में लावारिस कुत्तों की समस्या को बेहद गंभीर बताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा निर्देश दिया है। कोर्ट ने 8 सप्ताह के भीतर सभी लावारिस कुत्तों को पकड़कर ‘डॉग शेल्टर’ में भेजने का आदेश दिया है। कोर्ट ने यह भी साफ किया कि यदि किसी व्यक्ति या संस्था की ओर से कुत्तों को पकड़ने में बाधा डाली गई तो उसके खिलाफ ऐक्शन लिया जाएगा।

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि आवारा कुत्तों से मुक्त करने की दिशा में ये पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम होना चाहिए और इस कार्य में किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। कोर्ट ने चेतावनी दी कि यदि कोई व्यक्ति या संस्था आवारा कुत्तों को उठाने या उन्हें इकट्ठा करने में बाधा डालती है, तो ऐसे किसी भी विरोध पर अवमानना की कार्रवाई की जाएगी। कोर्ट ने दो टूक कहा कि फिलहाल किसी को भी कुत्तों को गोद लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

सुप्रीम कोर्ट को अपनी अवमानना के लिए दंडित करने की शक्ति भारतीय संविधान के अनुच्छेद 129 और 142(2) में दी गई है। वहीं, कोर्ट की अवमानना अधिनियम, 1971 (Contempt of Courts Act, 1971) प्रमुख कानून है। अवमानना के दोषी को अधिकतम छह महीने की जेल या दो हजार रुपये जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। अब चूंकि सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों को पकड़ने का आदेश दिया है तो इस स्थिति में यदि कोई व्यक्ति या संस्था सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बावजूद आवारा कुत्तों को पकड़ने में बाधा डालती है तो ये कोर्ट की अवमानना मानी जाएगी। ऐसे में उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है, जिसमें जुर्माना और कारावास दोनों शामिल हो सकते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने सांसदों के लिए बनाए गए 184 नए फ्लैट्स का उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को नई दिल्ली के बाबा खड़क सिंह मार्ग पर सांसदों के लिए बनाए गए 184 नए बहुमंजिला फ्लैट का उद्घाटन किया। ये सभी फ्लैट टाइप-VII श्रेणी के हैं।

यह कार्यक्रम सुबह 9:00 बजे शुरू हुआ। इसमें लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर और किरेन रिजिजू भी शामिल हुए। उद्घाटन समारोह के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आवासीय परिसर में सिंदूर का एक पौधा भी लगाया। इसके साथ ही वे वहां काम करने वाले श्रमिकों (श्रमजीवियों) से भी मिले और उनके योगदान की सराहना की। प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार, हर नया फ्लैट लगभग 5,000 वर्ग फुट के कारपेट एरिया में बना है। इन फ्लैटों का डिज़ाइन ऐसा है कि सांसद अपने घर से ही अपने आधिकारिक और सार्वजनिक कार्य आसानी से कर सकें। इस परिसर में सांसदों के आवास के साथ-साथ कार्यालय, कर्मचारियों के लिए आवास और एक सामुदायिक केंद्र भी शामिल है। यह सभी सुविधाएं मिलकर यहां रहने वालों के लिए एक आत्मनिर्भर वातावरण तैयार करती हैं।

इसका बुनियादी ढांचा आधुनिक मानकों के अनुसार तैयार किया गया है। सभी इमारतें भूकंपरोधी हैं और उनमें आधुनिक संरचनात्मक सुरक्षा सुविधाएं मौजूद हैं। सिर्फ इमारतों की मजबूती ही नहीं, बल्कि परिसर की सुरक्षा व्यवस्था भी बेहद मज़बूत और व्यापक है, जिससे सभी निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। यह परिसर सांसदों की बदलती ज़रूरतों को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अनुसार, यह परिसर दिव्यांगजनों के लिए भी अनुकूल है, जो समावेशी डिज़ाइन के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सीमित ज़मीन की उपलब्धता को देखते हुए, भूमि का अधिकतम उपयोग करने और रखरखाव की लागत को कम रखने के लिए आवासों का निर्माण किया गया है।

तकनीकी खराबी और खराब मौसम के कारण एयर इंडिया फ्लाइट की करवाई आपात लैंडिंग

तिरुवनंतपुरम से दिल्ली जा रही एयर इंडिया की एक उड़ान को तकनीकी खराबी और खराब मौसम के चलते चेन्नई डायवर्ट करना पड़ा। विमान में पांच सांसद — केसी वेणुगोपाल, कोडिक्कुनिल सुरेश, अडूर प्रकाश, के. राधाकृष्णन और रॉबर्ट ब्रूस — सवार थे। विमान ने चेन्नई एयरपोर्ट पर सुरक्षित लैंडिंग की।

कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि उड़ान की शुरुआत ही विलंब से हुई थी। कुछ देर बाद भारी टर्बुलेंस का सामना करना पड़ा। करीब एक घंटे बाद कैप्टन ने फ्लाइट सिग्नल फॉल्ट की घोषणा की और विमान को चेन्नई की ओर मोड़ दिया गया।

वेणुगोपाल के मुताबिक, विमान चेन्नई के ऊपर करीब दो घंटे तक चक्कर लगाता रहा और पहली लैंडिंग के प्रयास के दौरान कैप्टन को विमान ऊपर खींचना पड़ा। उनका दावा है कि रनवे पर उस समय एक अन्य विमान मौजूद था। हालांकि, दूसरी कोशिश में फ्लाइट ने सुरक्षित लैंडिंग कर ली। उन्होंने कहा, “कुशलता और भाग्य ने हमें बचा लिया। यात्रियों की सुरक्षा भाग्य पर निर्भर नहीं हो सकती। DGCA और नागरिक उड्डयन मंत्रालय को इसकी जांच कर जवाबदेही तय करनी चाहिए।”

एयर इंडिया ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि चेन्नई की ओर मोड़ना संदिग्ध तकनीकी समस्या और खराब मौसम के कारण एक एहतियाती कदम था। पहली लैंडिंग के प्रयास के दौरान चेन्नई एटीसी ने गो-अराउंड का निर्देश दिया था, न कि रनवे पर किसी अन्य विमान की मौजूदगी के कारण। एयरलाइन ने कहा कि पायलट प्रशिक्षित हैं और मानक प्रक्रियाओं का पालन किया गया। कंपनी ने यात्रियों से हुई असुविधा पर खेद जताया और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता बताया।