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दिल्ली स्थित जूता फैक्ट्री में लगी भीषण आग

दिल्ली के मंगोलपुरी इंडस्ट्रियल एरिया में एक जूता फैक्ट्री में लगी भीषण आग पर काबू पाने के लिए फायर ब्रिगेड की 15 गाड़ियां मौके पर कार्यरत हैं हैं।

दुर्घटना में अभी तक किसी के हताहत होने की ख़बर नहीं मिली है। लेकिन आग लगने से लाखों रुपये का सामान खाक होने का अनुमान लगाया जा रहा है।

इससे पहले दिल्ली के बवाना में 20 जनवरी को आग लगने की घटना सामने आई थी जिसमें कुल 17 लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना में बवाना मिल के मालिक मनोज जैन को गिरफ्तार कर लिया गया था।

आग से जिंदा जलने वालों में 9 महिलाएं और 1 नाबालिग लड़की भी शामिल थी। दो अन्य लोग घायल हो गए थे, जिनमें एक पुरुष और एक महिला थी।

विमुद्रीकरण के 15 महीने बाद भी आरबीआई गिन रही है पुराने नोट

हाल ही में दाख़िल की गयी आरटीआई से पता लगा है कि विमुद्रीकरण के पंद्रह महीने बाद भी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) लोगों द्वारा लौटाए गए नोटों की गिनती, गुणा-भाग और उनके असली-नकली होने की पहचान में लगा है।
ख़बरों मुताबिक़ केंद्रीय बैंक का कहना है कि वह तेजी से इस काम को कर रहा है। साथ ही वह लौटाए गए नोटों के ‘असली-नकली’ होने के साथ ही उनकी सही गिनती, गणतीय रूप से मिलान करने का काम कर रहा है।
सूचना के अधिकार के तहत ‘पीटीआई-भाषा’ द्वारा दाखिल अर्जी का जवाब देते हुए रिजर्व बैंक ने कहा, “इन बैंक नोटों की अंकगणितीय सटीकता और वास्तिवकता की पहचान की जा रही है और इनका मिलान भी किया जा रहा है। इसलिए इस संबंध में मिलान एवं गणना की प्रक्रिया के पूरे होने पर ही जानकारी साझा की जा सकती है।”
नोटबंदी के दौरान बंद हुए नोटों की संख्या जानने के लिए दाखिल की गई इस अर्जी के जवाब में रिजर्व बैंक ने कहा, ‘रिजर्व बैंक को मिले पुराने नोटों का अनुमानित मूल्य 30 जून 2017 तक 15.28 लाख करोड़ रुपये रहा है। हालांकि, सत्यापन, गणना प्रक्रिया पूरी होने के बाद इसमें भविष्य में संशोधन की संभावना बनी रहेगी।’
इस काम के खत्म होने की समयसीमा के बारे में बैंक ने कहा कि वह बहुत तेज गति से इसे अंजाम दे रहा है. जांच और सत्यापन की 59 मशीनें काम में लगी हैं। हालांकि, बैंक ने इन मशीनों के स्थान के बारे में कोई विशिष्ट जानकारी नहीं दी।
सरकार ने आठ नवंबर 2016 को 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों को चलन से बाहर कर दिया था। इसके स्थान पर 500 और 2,000 रुपये के नए नोट जारी किए गए थे।

उच्चतम न्यायालय अयोध्या केस को भूमि विवाद के रूप में सुनेगी

उच्चतम न्यायालय ने राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के समक्ष रहे सभी पक्षकारों से आज कहा कि वह इस मामले को विशुद्ध रूप से ‘‘भूमि विवाद’’ के रूप में सुनेगी।

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति अशोक भान और न्यायमूर्ति एस ए नजीर की तीन सदस्यीय विशेष खंडपीठ ने यह भी संकेत दिया कि उच्च न्यायालय के समक्ष जो लोग नहीं थे उनकी इसमें पक्षकार बनने के लिये दायर अर्जियों को बाद मे देखा जायेगा।

उच्चतम न्यायालय ने कहा कि सभी पक्षकार उनके द्वारा अपील के साथ दाखिल दस्तावेजों का अंग्रेजी रूपांतरण दो सप्ताह के भीतर दाखिल करें।

तीन सदस्यीय विशेष खंडपीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर अपीलों पर 14 मार्च को सुनवाई की जायेगी। साथ ही पीठ ने स्पष्ट किया कि उसका इरादा इस मामले को कभी भी रोजाना सुनने का नहीं रहा है।

शीर्ष अदालत ने कहा कि उन भाषाई पुस्तकों का, जिन्हें इस मामले में आधार बनाया गया है,अंग्रेजी में रूपांतरण कराया जाये और इन्हें आज से दो सप्ताह के भीतर दाखिल किया जाये।

पीठ ने न्यायालय की रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि उच्च न्यायालय के रिकार्ड का हिस्सा रहे वीडियो कैसेट की प्रतियां संबंधित पक्षकारों को वास्तविक लागत पर उपलब्ध कराई जाये।

विशेष पीठ के समक्ष मालिकारना हक को लेकर चार वादों में सुनाये गये फैसले के खिलाफ 14 अपील विचारार्थ हैं।

याद रहे कि उच्च न्यायालय की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने 2010 में बहुमत के फैसले में विवादित भूमि को तीन समान भागों में सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला में विभक्त करने का आदेश दिया था।

राफेल सौदा: कांग्रेस ने माँगा श्वेत पत्र; सरकार ने कहा इससे सुरक्षा को खतरा

जबकि कांग्रेस ने राफेल लड़ाकू विमान की ख़रीद को मोदी सरकार का “सबसे बड़ा घोटाला” करार दिया और इस पर एक श्वेत पत्र माँगा, रक्षा मंत्रालय ने आरोपों को “निराधार” बताते हुए कहा कि 36 राफेल जेट विमानों के लिए 58,000 करोड़ रुपये के सौदे का खुलासा करने से भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा ख़तरे में पड़ सकती है।
लोकसभा में वरिष्ठ कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली ने बुधवार को कहा, “यह सरकार देश की सुरक्षा के साथ खेल रही है और एक उदाहरण राफेल सौदा है … यह सबसे बड़ा घोटाला है।”
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल लड़ाकू विमान सौदा को लेकर मंगलवार को एनडीए सरकार पर हमला बोलते हुए इसे ‘‘बड़ा राफेल रहस्य’’ करार दिया था।
साथ ही पार्टी ने इस सौदे में राष्ट्रीय हित एवं सुरक्षा के साथ सौदा करने का आरोप लगाया और कहा कि इसमें घोटाले की बू आ रही है क्योंकि सौदे के लिए बातचीत में कोई पारदर्शिता नहीं है.
वहीं रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि यह सौदा क्षमता, कीमत, उपकरणों , हथियारों , आपूर्ति, रख रखाव और प्रशिक्षण जैसे सभी मामलों में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार द्वारा किए गए सौदे से कहीं बेहतर है। मंत्रालय ने कहा कि इसमें रक्षा खरीद प्रक्रिया के सभी नियमों का पूरी तरह पालन किया गया है।
मंत्रालय ने यह भी कहा कि सुरक्षा कारणों और फ्रांस के साथ 2008 में हुए एक द्विपक्षीय समझौते के चलते लड़ाकू विमान सौदे की पूरी कीमत का खुलासा नहीं किया जा सकता है।
मंत्रालय ने कहा कि विमान सौदे की अनुमानित कीमत को लेकर पूर्व में संसद में बयान दिया जा चुका है लेकिन विमान सौदे के हर वस्तु की कीमत का बिंदुवार ब्योरा देना संभव नहीं है।
इन विमानों को देश की रक्षा जरूरत के अनुरूप उपकरणों, हथियारों से सुसज्जित किया गया है, जिसकी जानकारी राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर सार्वजनिक नहीं की जा सकती है। दूसरे, फ्रांस के साथ 2008 में हुए एक समझौते के तहत भी पूरे सौदे की वस्तुवार जानकारी नहीं दी जा सकती है।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि जिस सौदे को यूपीए सरकार दस सालों में अंजाम नहीं दे पाई उसे एनडीए ने महज एक साल में पूरा किया। दूसरे, राफेल के चयन मे बारे में कहा कि 2012 में यूपीए सरकार में ही प्रक्रिया पूरी कर राफेल को एल-1 घोषित किया गया था। इसलिए इस मामले में किसी दूसरे विक्रेता से बातचीत संभव नहीं थी।
राहुल गाँधी ने इसके जवाब में कहा ‘पहली बार रक्षा मंत्री कह रही हैं कि हम देश को नहीं बतायेंगे. सबसे बड़ा सौदा हुआ है, वायुसेना की रीढ़ की हड्डी (का मामला है) और रक्षा मंत्री कह रही हैं कि हम नहीं बतायेंगे. यह गोपनीय है. पेरिस, फ्रांस में हमने जो सौदा किया है, वह गोपनयीय है, हम देश को नहीं बता पायेंगे.”

फिल्म स्टार जीतेन्द्र पर यौन उत्पीड़न का आरोप

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एक बहुत पुराने मामले में फिल्म स्टार जितेंद्र के खिलाफ एक महिला ने यौन उत्पीड़न की शिकायत की है। शिकायतकर्ता महिला जितेंद्र की रिश्ते में बहन  हैं। उन्होंने शिमला में बुधवार को प्रदेश पुलिस प्रमुख ( डीजीपी) यह शिकायात सौंपी है।
शिकायत में महिला ने बताया है कि यह मामला 1971 का है। उस समय शिकायतकर्ता महिला की उम्र 18 साल थी और जितेंद्र करीब 28 साल के थे। डीजीपी को सौंपी शिकायत में महिला ने आरोप लगाया है कि जितेंद्र ने शिमला के एक होटल में कथित तौर पर उसका यौन उत्पीड़न किया। आरोप के मुताबिक जितेंद्र शिमला में उसे फिल्म की शूटिंग दिखाने के बहाने लाए थे।
महिला ने अपने आरोप में बताया है कि जनवरी 1971 को रवि कपूर (जितेंद्र का सली नाम) कार में उसके (महिला) घर आया। कार में ड्राइवर के अलावा दो अभिनेत्रियां भी बैठी थीं। महिला के मुताबिक   वह भी जितेंद्र के साथ कार में बैठ गई और सभी दिल्ली से शिमला आ गए।
डीजीपी को सौंपी शिकायत में महिला ने आरोप लगाया है कि इस दौरान उसे यह नहीं बताया गया कि शिमला में किस फिल्म की शूटिंग हो रही है, जिसे देखने वे जा रहे हैं। जब वे शिमला पहुंचे तो सीधे होटल चले गए। महिला के मुताबिक वह थक चुकी थी, इसलिए होटल के कमरे में सो गईं। महिला के आरोप के मुताबिक रात को जब वह सोई हुई थीं तो जितेंद्र उसके कमरे में आए और कथित तौर पर  उसका यौन उत्पीड़न किया। उसके मुताबिक जितेंद्र ने उस समय शराब पी रखी थी।
महिला के मुताबिक इस दौरान उन्होंने जितेंद्र को धक्का देने की कोशिश भी की। लेकिन, वह नहीं माने। महिला ने यह भी बताया कि वह इतने साल माता-पिता की वजह से चुप रहीं। लेकिन, अब उनके निधन के बाद उन्होंने शिकायत करने का फैसला लिया है। शिकायतकर्ता महिला ने डीजीपी से जितेंद्र के खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज करने की मांग की है। फिलहाल पुलिस शिकायत की छानबीन कर रही है।

लोकसभा में मोदी ने ‘शेर’ से किया कांग्रेस पर हमला

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बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोक सभा और राज्य सभा दोनों में बोले। आज का दिन शेर-ओ-शायरी और कांग्रेस पर उनके हमले का दिन था। लोक सभा में प्रधानमंत्री ने कहा – ”दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे, जब कभी हम दोस्त हो जाएं तो शर्मिंदा न हों”। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में धन्यवाद भाषण दिया। बाद में
मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री को याद करते हुए उनकी कविता की यह पंक्ति भी पढ़ी – ‘छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता और टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता।’ शेर-ओ-शायरी के साथ मोदी ने विपक्षी कांग्रेस, बल्कि यों कहिये गांधी परिवार, पर जोरदार हमला बोला। कहा – आपने (कांग्रेस) पूरा समय एक परिवार के गीत गाने में लगा दिया। एक ही परिवार को देश याद रखे इसी में सारी ऊर्जा लगा दी। अगर नीयत साफ होती तो ये देश जहाँ है, उससे कहीं आगे होता।”
मोदी के धन्यवाद भाषण के बीच विपक्ष के सदस्यों ने नारेबाजी की। विपक्षी सदस्यों ने सदन में “झूठे भाषण बंद करो, झूठे आश्वसान बंद करो” के नारे भी लगाए। लोक सभा में शायरी कांग्रेस के संसदीय दल के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी की। मोदी ने विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच बोलना शुरू किया। विपक्ष का आरोप था उसकी आवाज को दबाया जा रहा है। खड़गे ने बशीर बद्र का शेर पढ़ा था । जवाब में मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा – ”जी बहुत चाहता है सच बोलें, क्या करें हौसला नहीं होता”। मोदी बोले, ” कांग्रेस अपने गीत गाती है और आंख बंद करके रहती है।” राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के पूर्व ही विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया।

दिलचस्प बात यह है कि भाजपा की गठबंधन सहयोगी तेलगु देशम पार्टी ने सदन में सरकार को तेवर दिखाए। कुछ रोज पहले भी टीडीपी ने एनडीए से बाहर जाने की धमकी दी थी लेकिन बाद में अपना फैसला बदल दिया था। टीडीपी ने विपक्ष के साथ लोकसभा में हंगामा किया। पीएम  मोदी ने कांग्रेस पर देश के विभाजन कराने का आरोप लगाया। पीए मोदी ने कहा कि कांग्रेस अपने शासन का बखान करती है। पीएम मोदी ने कहा, “आपने भारत मां के टुकड़े कर दिए, फिर भी देश आपके साथ रहा। पीएम मोदी ने कांग्रेस पर आंध्र प्रदेश की अनदेखी कर तेलंगाना बनाने का भी आरोप लगाया।
मोदी ने कहा कि “ये नरेन्द्र मोदी लाल किला  से कहता है कि देश आज जहां है उसमें पिछली सारी सरकारों का योगदान है, ऐसा कभी  कांग्रेस नेता ने कभी नहीं कहा। उन्होंने कहा कि आपकी तरफ से ही आशंका थी की मोदी आधार को खत्म कर देगा, पर जब आधार अच्छे ढंग से लागू हो गया, गरीब को उसका फायदा मिलने लगा।  तो आपको उसमें खामियां क्यों नजर आने लगीं हैं।  उन्होंने यह भी कहा कि हमारी सरकार सिर्फ अखबार की सुर्खियों के लिए घोषणा नहीं की, हमने जो कहा वो करके दिखाया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार के आखिरी 3 साल में करीब 1100 किमी नई रेल लाइन बनी, हमारी सरकार के शुरुआती 3 साल में 2100 किमी का निर्माण हुआ। कहा कि ‘हम देश में बंद पड़े प्लांट्स को दोबारा खोल रहें हैं। बेरोजगारी के सवालों पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि यह आंकड़ा पूरे देश का होता है। जब बेरोजगारी का आंकड़ा दिया जाता है तो देश का लेकिन रोजगारी का आंकड़ा राज्य के आधार पर दिया जाता है। राज्य सरकारों द्वारा दिए गए आकड़ों कि मानें तो करीब 1 करोड़ लोगों को रोजगार मिला है, और यह आंकड़ा गैर-एनडीए राज्य सरकारों ने दिया है। सिर्फ बंगाल, कर्नाटक, ओडिशा, केरल में ही एक करोड़ रोजगार मिला है। पीएम ने कहा किआज  माध्यम वर्गी परिवार का नौजवान नौकरी के लिए भीख नहीं मांग रहा है। बल्कि युवा स्टार्टअप की तैयारी कर रहे हैं, हम उनकी मदद कर रहे हैं।
उन्होंने ने बताया कि सरकार ने पीएम मुद्रा योजना के तहत 10 करोड़ लोगों लोन दिया गया। मोदी ने तंज कसा कि रेलवे प्लेटफॉर्म पर एक ट्रेन आ रही थी, उसके आगे में लिखा था 21वीं सदी। प्लेटफॉर्म पर मौजूद सारे युवा दौड़ लगाने लगे, वहीं प्लेटफार्म पर मौजूद एक बुजुर्ग ने कहा क्यो दौड़ लगा रहे हो, 21वीं सदी लिखी ट्रेन खुद ही अपने पास आ जाएगी।
सदन में अपनी उपलब्धिया गिनवाते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ‘हमने इस साल 900 हवाई जहाज खरीदने का ऑर्डर दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि ‘हमने 4 करोड़ गरीबों को मुफ्त बिजली देने की योजना बनाई, जिसे पूरा किया है। कांग्रेस राज में देश की बड़ी आबादी 18वीं शताब्दी में रहने को मजबूर थी। मोदी ने कहा कि कांग्रेस का मंत्र है लूटो और देश को लूटो। पीएम ने बताया कि विश्व में आज भारत का सम्मान बढ़ा है।
राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह (गांधी) विदेशों में देश की छवि खराब करते हैं। उन्होंने कहा कि जब देश डोकलाम के लिए बॉर्डर पर लड़ रहा था तब आप चीन में जाके लोगों से मिल रहे थे। लोकसभा में पीएम मोदी ने कहा कि देश कांग्रेस को एनपीए के पाप के लिए माफ नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की वजह से देश को नुकसान हुआ है।  कीचड़ उछालने की राजनीति चल रही है। जितना कीचड़ उछालोगे कमल उतना ही खिलेगा।
मोदी ने कांग्रेस और नेहरू-गांधी परिवार पर जमकर निशाना साधा। पीएम मोदी ने गांधी-नेहरू परिवार की तीन पीढ़ियों को निशाने पर लिया। पीएम ने कहा कि, कांग्रेस के मुंह पर लोकतंत्र शोभा नहीं देता और उन्हें भाजपा को लोकतंत्र का पाठ नहीं पढ़ाना चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि, कांग्रेस ने मां भारती के टुकड़े कर दिए, इसके बावजूद ये देश आपके साथ रहा, आप उस जमीन और देश में राज कर रहे थे जिस समय विपक्ष न के बराबर था। राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, जब डोकलाम विवाद चल रहा था, तब आप चीन से बात कर रहे थे। भारत का विदेशों में मान सम्मान बढ़ा है, आप विदेशों में जाकर देश का अपमान करते हैं। सर्जिकल स्ट्राइक पर आप सवालिया निशान खड़ा करते हो। पीएम बोले, हिट और रन की राजनीति चल रही है, कीचड़ उछालो और भागो। लेकिन जितना कीचड़ उछालोगे, कमल उतना ही खिलेगा। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर मोदी ने  हमला करते हुए कहा,’श्रीमान राजीव जी ने खुलेआम दलित मुख्यमंत्री को अपमानित किया था। ये तेलगुदेशम पार्टी, ये एनटी रामाराव उस अपमान की आग में से पैदा हुए थे। रामाराव को उस अपमान का बदला लेने के लिए अपना फिल्म करियर छोड़कर राजनीति में आना पड़ा था। इस देश में 90 से अधिक बार अनुच्छेद 356 का दुरुपयोग करते हुए राज्यों में उभरती पार्टियों को फेंक दिया गया। कहा कि सरदार पटेल के साथ अन्याय किया गया। अगर देश के पहले पीएम पटेल होते तो कश्मीर पूरा हमारा होता।

 

 राफेल पर राहुल के सवाल 

लोक सभा में प्रधानमंत्री के हमले के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सदन से बाहर मोदी पर कई सवाल दागे । उन्होंने कहा – देश आपसे सवाल करता है और आपको देश का पीएम होने के नाते सभी सवालों का जवाब देना चाहिए। राहुल ने पूछा कि क्या आपने पेरिस जाकर खुद राफेल डील बदली है? फिर पूछा क्या आपने सुरक्षा मामलों में केबिनेट से मंजूरी ली? राहुल ने यह भी पूछा कि राफेल डील का सौदा कितने में किया, यह देश आपसे जानना चाहता है। कहा कि यह बहुत सीधे सवाल हैं और आपको देश को बताना चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पीएम मोदी ने लोकसभा में एक घंटे तक भाषण दिया लेकिन उन्होंने एक भी बार किसानों या बेरोजगारों पर बात नहीं की। जबकि उन्होंने पीएम बनने से पहले हर भाषण में युवाओं को दो करोड़ रोजगार देने की बात कही थी। उन्होंने किसानों की फसल का सही दाम देने की बात कही थी। सुरक्षा देने की बात की थी, लेकिन आज ये सब मुद्दे गायब हैं। राहुल ने कहा कि किसानों और बेरोजगारों को भाजपा सरकार ने ”बंबू” दे दिया है। वह अपने भाषण में सिर्फ कांग्रेस और कांग्रेस नेताओं की बात करते हैं। वायु सेना हमारे देश की रीढ़ की हड्डी है। लेकिन इस डील को देश से छिपाया जा रहा है। पीएम मोदी पिछले 70 सालों की बात करते हैं लेकिन आज देश की क्या स्थिति है इस पर बात नहीं होती है। देश का किसान और युवा क्या कर रहा है इस पर कभी बात नहीं करते हैं।

मालदीव में इमरजेंसी जारी; पूर्व राष्ट्रपति ने भारत से मांगी मदद

मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने देश में 15 दिनों से लगी इमरजेंसी को ख़त्म करने के लिये भारत की मदद मांगी है। नशीद ने कहा है कि ऐसे हालात में भारत को मालदीव में दूत और सेना भेजनी चाहिए।

भारत ने मालदीव के हालात पर चिंता तो जताई है मगर आधिकारिक तौर पर अपनी सेना भेजने के बारे में कुछ नहीं कहा है।

लेकिन कुछ रिपोर्टों के मुताबिक़ भारत सरकार के सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि भारत इस मामले में मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन कर सकता है जिसमें सेना को तैयार रखना शामिल है।

मालदीव के हालात देखकर परेशान भारत एसओपी के तहत पहले ही यात्रा परामर्श जारी कर चुका है, लेकिन अधिकारियों ने सेना को तैयार रखने से जुड़े अहम पहलू की पुष्टि नहीं की है।

सूत्रों ने अनुसार दक्षिण भारत के एक प्रमुख एयरबेस पर सैनिकों की गतिविधियां देखी जा रही हैं। एसओपी के मुताबिक, किसी आकस्मिक स्थिति या संकट से निपटने के लिए सैनिकों को पूरी तरह तैयार रखा जाता है. ऐसे एसओपी में कुछ भी असामान्य नहीं होता.

दूसरी तरफ मालदीव की सुप्रीम कोर्ट ने नौ राजनीतिक कैदियों को रिहा करने के अपने आदेश को वापस ले लिया है। इन राजनैतिक बंदियों में पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद का भी नाम था।

सुप्रीम कोर्ट के 3 जजों ने कहा है कि उन्होंने ऐसा राष्ट्रपति के कहने पर किया। 01 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों ने पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद समेत कुछ नेताओं के ख़िलाफ़ मामले खत्म कर दिए थे।

नशीद पर आतंकवाद से जुड़ा मामला चलाया गया था, जिसे वह राजनीति से प्रेरित बताते हैं. इमरजेंसी के साथ ही मालदीव में सुप्रीम कोर्ट के 5 में से 2 जजों को भी गिरफ़्तार कर लिया गया.

गौरतलब है कि मुख्य न्यायाधीश अब्दुल्ला सईद और एक अन्य न्यायाधीश अली हमीद को कल राष्ट्रपति की ओर से आपातकाल की घोषणा किए जाने के कुछ ही घंटों के भीतर गिरफ्तार कर लिया गया. उनके खिलाफ किसी जांच या किसी आरोप की जानकारी भी नहीं दी गई.

वहीं चीन ने आशा जताई है कि मालदीव सरकार और विपक्षी पार्टियां देश में उपजे राजनीतिक संकट को खुद सुलझाने में सक्षम हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा‘‘हमें उम्मीद है कि संबंधित पक्ष बातचीत के द्वारा अपने मतभेदों को खत्म कर सकते हैं। साथ ही देश में जल्द से जल्द राजनीतिक स्थिरता और राष्ट्रीय तथा सामाजिक स्थिरता बहाल हो सकती है।”

शुआंग ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मालदीव सरकार और वहां की राजनीतिक पार्टियां इस संकट को समाप्त करने में सक्षम है।

श्रीनगर अस्पताल पर हमला; पुलिस जवान शहीद; आतंकी फरार

जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में महाराजा हरिसिंह अस्पताल पर आतंकियों ने मंगलवार को हमला कर एक कथित पाकिस्तानी आतंकी को छुड़ा लिया।

आतंक के आरोपी का वहां पर इलाज चल रहा था। सूत्रों के मुताबिक़ इस हमले में आतंकी मौजूद सुरक्षा कर्मी का हथियार में छीनकर भाग गए।

हमले में एक पुलिस का जवान शहीद हो गया, जबकि एक अन्य घायल हो गया। घटना सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे की है।

इलाज के लिए ले जाया जा रहा पाकिस्तानी आतंकवादी हमले के दौरान बच कर निकला।

आतंकवादी का नाम नावेद जट बताया जा रहा है जिसका सम्बन्ध लश्कर से था।

पुलिस ने अस्पताल की घेराबंद कर ली है और तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। उस पर एक पुलिस इंस्पैक्टर की हत्या का आरोप है।

नावेद को रानीवाड़ी जेल से अस्पताल में लाया गया था। 2014 में नावेद जट को गिरफ्तार किया गया था।

बजट, राजनीति और चुनाव

यह संयोग ही है कि जिस दिन केंद्रीय बजट आया उसी दिन राजस्थान में लोक सभा की दो सीटों और एक विधानसभा सीट पर उपचुनाव के नतीजे भी आये। भाजपा जिस युवा वर्ग की बात करती है उसका एक बड़ा वर्ग मिडल क्लास का प्रतिनिधित्व करता है। इसी मिडल क्लास को भाजपा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने राहत न देकर झटका दे दिया। फिर भी आंकड़ों के आधार पर इसे गरीबों और  किसानों का बजट बताया। टीवी चैनलों पर भाजपा के प्रवक्ता जब बजट का गुणगान का रहे थे तो लगभग उसी समय खबर आई कि राजस्थान के तीनों उपचुनाव भाजपा बुरी तरह हार गयी। राजस्थान में इसी साल के आखिर में विधानसभा के चुनाव होने हैं। सवाल यह है कि इस बजट और उपचुनाव के नतीजों को देखते हुए भाजपा या मोदी-शाह की जोड़ी इसी साल लोक सभा के चुनाव करवाने की हिम्मत करेगी? इसका जवाब है, हाँ !
केंद्र सरकार के इस बार के बजट को भाजपा ने ”न्यू इंडिया का बजट” बताया है। भाजपा का दावा है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट में किसानों और ग्रामीणों का का खासा ध्यान रखा है। वैसे पहले से आर्थिक मोर्चे पर दबाव झेल रहे माध्यम वर्ग की चिंता बजट ने और बढ़ा दी है। नया बजट आम आदमी के घर का पूरा हिसाब किताब बिगाड़ने वाला है। टैक्स के मोर्चे पर कोई राहत नहीं और लगातार बढ़ रही महंगाई पर लगाम के लिए कोइ ऐलान नहीं। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में महंगाई और बढ़ सकती है। रसोई गैस, पेट्रोल-डीजल की कीमतें लगातार बाद रही हैं जिसका असर दैनिक उपभोग की चीजों पर पडेगा और उनकी कीमतें बढ़ेंगी।
ट्विटर और सोशल मीडिया पर यदि जेटली के बजट की खिल्ली उड़ी है तो इसके पीछे कहीं न कहीं लोगों में इस बजट के प्रति निराशा रही होगी। ट्वविटर पर तो कुछ यूजर्स ने इसे ‘पकौड़ा बजट” बताया। यहां तक कि भाजपा जिस राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अभिन्न अंग है उसी ने इस बजट को  खारिज कर दिया। संघ ने बजट के विरोध में देश भर में प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है।
सोशल मीडिया पर युवाओं की बड़ी संख्या है और इनका अवलोकन करने से लगता है कि ज्यादातर ने बजट पर निराशा जताई है। बजट में कई वस्तुएं सस्ती हुईं तो कई के लिए आम लोगों को अब ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे। बजट 2018 में टीवी सेट, लैपटॉप और मोबाइल महंगे हो गए हैं। कस्टम ड्यूटी बढ़ने से आयातित कई वस्तुएं महंगी हो जाएंगी। खासकर विदेशों से लग्जरी कार मंगवाना महंगा हो जाएगा। रॉ काजू पर कस्टम ड्यूटी घटाकर 2.5 फीसद कर दी गई है, लिहाजा यह सस्ता हो जाएगा। पॉलिशड कलर्ड स्टोन पर इंपोर्ट ड्यूटी 5 से घटाकर 2.5 फीसद कर दिया गया है। गोल्ड पर कस्टम ड्यूटी में कोई बदलाव नहीं किया गया है, लेकिन सेाना-चांदी के आयात पर तीन फीसद सोशल वेलफेयर सरचार्ज लगा दिया गया है। अनब्रांडेड पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी प्रति लीटर 4.48 रुपये से घटाकर दो रूपये कर दिया गया है। वहीं, अनब्रांडेड डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 6.33 रुपए से घटाकर 2 रुपए प्रति लीटर कर दिया गया है। पेट्रोल और डीजल के आयात पर भी 3 फीसद सोशल वेलफेयर सरचार्ज लगेगा। इसके अलावा भी कई अन्य वस्तुओं पर लगने वाले टैक्स को बढ़ा दिया गया है।
बजट में समर्थन मूल्य बढ़ाने से देश में फसल के दामों में इजाफा होगा, जिसकी वजह से महंगाई बढ़ने की आशांका है। समर्थन मूल्य के इस फैसले से केंद्र सरकार के खजाने पर भी काफी बोझ बढ़ेगा और आम आदमी को गेंहू, दाल, चावल और तिलहन समेत कई चीजें निर्धारित दामों से अधिक पर मिलेेगी। जिसके चलते आम आदमी के किचन पर काफी असर होगा। बजट में सरकार ने मोबाइल फोन समेत आयात किए जाने वाले कई उत्पादों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ा दी है। कस्टम ड्यूटी घटने या बढ़ने से कुछ आइटमों के दाम महंगे और सस्ते हुए हैं। वित्त मंत्री ने बताया कि मोबाइल और टीवी जैसे आइटमों पर सीमा शुल्क (कस्टम ड्यूटी) 15 पर्सेंट से बढ़ाकर 20 पर्सेंट किया गया है। वहीं काजू पर कस्टम ड्यूटी 5 प्रतिशत से 2.5 प्रतिशत की गई है। कस्टम ड्यूटी बढ़ने का नुकसान आम आदमी को झेलना पड़ सकता है। कस्टम ड्यूटी में बढ़ोतरी होने से भारत में आयात करने वाली कंपनियों की लागत बढ़ जाती है। कंपनियां इस लागत का भारत आम आदमी पर डालती है। तो इसलिए आम आदमी को टीवी और फ्रीज खरीदना महंगा पड़ सकता है। आज के ज़माने में इन चीजों को ”लग्जरी” में नहीं गिना जाता है।
मोदी सरकार ने बजट में टैक्स पर भी आम आदमी को कोई राहत नहीं दी  इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है। आम आदमी को उम्मीद थी कि उसे इस बजट में टैक्स के मोर्चे पर कम से कम 50 हजार रुपये की राहत मिलेगी लेकिन सरकार ने इसमें कोई बदलाव नहीं किया है और इन्हें पुराने टैक्स स्लैब में ही रखा है। मौजूदा समय में आपको आपकी आय के मुताबिक 5 से 30 फीसदी तक टैक्स चुकाना पड़ता है। वित्त वर्ष 2018-19 के लिए अगर आपकी इनकम 2.5 लाख रुपए तक है, तो कोई टैक्स नहीं देना होगा। 2.5 से 5 लाख पर 5 फीसदी, 5 लाख-10 लाख पर 20 फीसदी और 10 लाख से अधिक पर आपको 30 फीसदी टैक्स देना पड़ता है।
यही नहीं आम आदमी के लिए झटके की बात करें तो स्वास्थ्य और शिक्षा में सेस को 3 फीसदी से बढ़ाकर 4 फीसदी कर दिया गया है। इससे सरकार को व्यक्तिगत करदाताओं से 11,000 करोड़ रुपये ज्यादा हासिल होंगे। इस सेस को अब स्वास्थ्य और शिक्षा सेस नाम दिया गया है। बजट में बुजुर्गों के लिए राहत भरी खबर है। सीनियर सिटीजन के लिए हेल्थ इंश्योरेंस छूट 1 लाख रुपए होगी। बैंकों डिपॉजिट में ब्याज से हुई आमदनी पर 10 हजार रुपये से छूट बढ़ाकर 50 हजार रुपये करने का प्रस्ताव है। साथ ही जो लोग माता-पिता की सेवा करते हैं उन्हें छूट दी जाएगी।

बजट भाषण में 70 लाख नई नौकरियां पैदा करने की बात वित्त मंत्री ने कही है। उन्होंने कहा कि इस बजट में नौकरियां पैदा करने की क्षमता है और रोजगार बढ़ाने के ज्यादा मौकों पर ध्यान दिया जाएगा। टेक्सटाइल, लेबर और फुटवियर क्षेत्र में 50 लाख युवाओं को 2020 तक प्रशिक्षण दिए जाने की बात भी वित्त मंत्री ने कही। लेकिन यहाँ दिलचस्प यह है कि भाजपा ने सत्ता में आने से पहले रोजगार के जो वाडे किये थे उसके आसपास भी सरकार नहीं पहुँची है। उलटे जानकारों के मुताबिक नोटबंदी ने लाखों की नौकरी छीन ली है। इससे युवाओं में निश्चित ही आने वाले समय में गुस्सा बाद सकता है।
संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के ईपीएफ योगदान पर वित्त मंत्री ने महत्वपूर्ण घोषणा की। फॉर्मल सेक्टर में रोजगार बढ़ाने के लिए सरकार नए कर्मचारियों के ईपीएफ में 12 फीसद का अंशदान, अगामी तीन वर्षों तक करेगी। ईपीएफ में महिला कर्मचारियों द्वारा दिए गए योगदान को 12 फीसद से कम कर 8 फीसद पर लाने का ऐलान भी किया। साथ ही मेटर्निटी लीव को 12 सप्ताह से 26 सप्ताह का किया गया है। स्टार्ट-अप इंडिया का जिक्र करते हुए जेटली ने कहा कि तीन साल पहले शुरू की गई इस योजना के अच्छे परिणाम सामने आए हैं। बजट में छोटे उद्योगों के लिए 3794 करोड़ खर्च करने की योजना है। साथ ही मुद्रा योजना के लिए 3 लाख करोड़ के फंड का ऐलान किया गया है जिससे लोगों को अपना कारोबार शुरू करने में आर्थिक मदद मिल सके।

वित्त मंत्री ने किसानों के लिए कई घोषणाएं की हैं। अब किसानों को सभी फसलों का न्यूनतम समर्थम मूल्य मिलेगा, अभी कुछ ही फसलों का मिलता है। वहीं ग्रामीण बाजार ई-नैम का भी ऐलान किया गया। इसके अलावा 42 मेगा फूड पार्क भी बनाए जाएंगे। किसानों के कर्ज के लिए 11 लाख करोड़ रुपए का फंड अलॉट किया गया है। शिक्षा के क्षेत्र में भी कई घोषणाएं की गई हैं। प्री नर्सरी से 12वीं तक की शिक्षा पर जोर दिया जाएगा। 24 नए मेडिकल कॉलेज खोल जाएंगे।  बडोदरा में रेलवे यूनिवर्सिटी बनेगी। आदिवासियों के लिए एकलव्य विद्यालय बनाए जाएंगे। मेडिकल की बात करें तो वित्त मंत्री ने कहा कि देश की 40 फीसदी जनता के इलाज का खर्च सरकार उठाएगी। वहीं शेयर बेचने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स 10 फीसदी होगा। नए कर्मचारियों के ईपीएफ में सरकार 12 फीसदी देगी। दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण से निपटने के लिए नई स्कीम लाई जाएगी।
इस बजट के बाद राजनीतिक जानकार कयास लगा रहे हैं कि क्या अब भाजपा इस साल लोक सभा के चुनाव करवा सकती है ? कई का कहना है कि वह ऐसा कर सकती है।  इस का कारण है इस साल कुछ बड़े प्रदेशों में विधानसभाओं के चुनाव हैं। यदि भाजपा इन चुनावों में हारती है तो देश भर में भाजपा के खिलाफ सन्देश जाएगा। मोदी की चुनाव जीता सकने वाली छवि पर भी इसका विपरीत सर पड़ेगा। यदि अगले साल चुनाव करवाए तो एक साल से भी काम बक्त में भाजपा को हो सकता है सँभालने का अवसर न मिले। ऐसे में लोक सभा के चुनाव में उसके लिए बड़ी दिक्क्तें पैदा हो सकती हैं। लिहाजा विश्लेषक मानते हैं कि साल के आखिर में बड़े प्रदेशों में विधानसभाओं के चुनाव के साथ लोक सभा के चुनाव करवाने का दांव भाजपा खेल सकती है। राजनैतिक विश्लेषक एसपी शर्मा ने ”तहलका” को बताया कि गुजरात विधानसभा और राजस्थान की तीन उपचुनाव नतीजे भाजपा के लिए शुभ संकेत नहीं देते। ”भाजपा अगले साल तक राजनीतिक मोर्चे पर और दिक्क्तें झेल सकती है। हो सकता है वह साल के बीच में माध्यम वर्ग के लिए राहत की कोइ बड़ी घोषणा कर दे जिसे इस बजट में उसने कोइ राहत नहीं दी है।”
इस संकेतों को देखते हुए इसी साल लोक सभा के जल्दी चुनाव की सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता।  देखना है आने वाले महीनों में राजनीति किस कार्बेट बैठती है। अगले महीने होने वाले चार विधानसभाओं के चुनाव क्या नतीजे लेकर आते है। और फिर अभी १० महीने हैं जब और विधानसभाओं के चुनाव होने हैं। इस बीच राजनीति के कई रंग दिखेंगे !

सरकार नारंगी पासपोर्ट जारी नहीं करेगी


orange passport

केंद्र सरकार ने तय किया है कि ईसीआर पासपोर्ट होल्डरों के लिए अलग से नारंगी कवर वाला पासपोर्ट नहीं जारी किया जाएगा। विदेश मंत्रालय के मुताबिक़ पासपोर्ट का अंतिम पन्ना पहले की ही तरह छापा जाएगा।
कुछ समय पहले मंत्रालय ने ईसीआर पासपोर्ट होल्डरों के लिए अलग से नारंगी कवर वाला पासपोर्ट जारी करने की बात कही थी और ये भी फैसला किया था कि पासपोर्ट बुकलेट का अंतिम पेज नहीं प्रिंट किया जाएगा।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की अध्यक्षता वाली एक बैठक में यह निर्णय लिया गया। इसमें उनके डिप्टी वी के सिंह और अन्य लोग ने भाग लिया।
“विदेश मंत्रालय को अपने किये हुए फैसले पर पुनर्विचार करने के कई व्यक्तिगत और सामूहिक निवेदन प्राप्त हुए थे”, एक प्रेस रिलीज़ में कहा गया।
विभिन्न हितधारकों के साथ व्यापक चर्चा के बाद, “विदेश मंत्रालय ने पासपोर्ट के अंतिम पृष्ठ की छपाई की वर्तमान प्रक्रिया को जारी रखने का निर्णय लिया है और ईसीआर पासपोर्ट धारकों को नारंगी रंग की जैकेट के साथ एक अलग पासपोर्ट जारी नहीं करने का निर्णय लिया है।”
विदेश मंत्रालय के निर्णय का राजनीतिक दलों ने आलोचना की थी, जिसमें कहा गया था कि अलग नारंगी रंग पासपोर्ट भाजपा की “भेदभावपूर्ण मानसिकता” दर्शाते हैं।