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बीएसएनएल ने शुरू की पहली इंटरनेट टेलीफोन सेवा

बीएसएनएल ने देश की पहली इंटरनेट टेलीफोन सेवा शुरू की है। इससे पहले मोबाइल एप पर कॉल करने की सुविधा किसी विशिष्ट एप के जरिए आपस में ही कर सकते थे, लेकिन अब एप से किसी भी टेलीफोन नंबर पर कॉल  किया जा सकेगा।

इससे बीएसएनएल के उपभोक्ता देश में किसी भी नेटवर्क पर कॉल कर सकेंगे।

इग्लैंड को हरा इतिहास रचा क्रोएशिया ने

रूस में खेले जा रहे फीफा वर्ल्ड कप 2018 के दूसरे सेमीफाइनल मैच में क्रोएशिया ने इंग्लैंड को 2-1 से हरा कर पहली बार फाइनल ने अपनी जगह बना ली है।  रविवार को उसका सामना 1998 की विजेता फ्रांस से होगा।

एक गोल से पिछड़ने के बाद अतिक्ति समय में 109वें मिनट में मारिया मांड्जुकिक ने  गोल करके अपने देश को फीफा विश्व कप के 21वें संस्करण के फाइनल में फाइनल में पहुँचाया।

किरेन ट्रिपियर ने पांचवें मिनट में ही दमदार फ्री किक पर गोलकीपर डेनियल सुबेसिच को छकाते हुए इंग्लैंड को 1-0 से आगे कर दिया था लेकिन इवान पेरिसिच (68वें मिनट) ने क्रोएशिया को दूसरे हाफ में बराबरी दिला दी।

विश्व कप सेमीफाइनल में 18 मौकों में यह सिर्फ दूसरी बार है जब मध्यांतर तक बढ़त बनाने वाली टीम को हार का सामना करना पड़ा है। इससे पहले 1990 में इटली की टीम अर्जेन्टीना के खिलाफ बढ़त बनाने के बावजूद पेनल्टी शूटआउट में हार गई थी।

इसके साथ ही इंग्लैंड की टीम का पांच से अधिक दशक बाद दूसरी बार फाइनल में जगह बनाने का सपना भी टूट गया। इंग्लैंड ने पहली और एकमात्र बार 1966 में फाइनल में जगह बनाई थी और तब अपनी सरजमीं पर खिताब जीतने में सफल रहा था।

विश्व कप कप हतिहास में सिर्फ दूसरी बार सेमीफाइनल में खेल रही क्रोएशिया की टीम इससे पहले फ्रांस में 1998 में सेमीफाइनल में पहुंची थी और तब उसे मेजबान टीम के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा।

इंग्लैंड की टीम  — जो अब तीसरे स्थान के प्ले आफ में 14 जुलाई को सेंट पीटर्सबर्ग में बेल्जियम से भिड़ेगी — जहां पहले हाफ में हावी रही वहीं दूसरे हाफ में क्रोएशिया का दबदबा देखने को मिला। मैच के दौरान हालांकि कई बार दोनों टीमों के खिलाड़ियों को आपस में भिड़ते देखा गया।

उच्च न्यायलय तय करे कि समलैंगिकताअपराध है या नहीं: केंद्र

समलैंगिकता संबंधी धारा 377 की संवैधानिकता के मुद्दे को केंद्र सरकार ने न्यायलय के विवेक पर छोड़ दिया है।

सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से एएसजी तुषार मेहता ने कहा अब न्यायलय को ही तय करना है कि समलैंगिकताअपराध है या नहीं।

हदिया मामले में बताया गया है कि पार्टनर चुनने का अधिकार है, लेकिन ये खून के रिश्ते में नहीं हो सकता।

मेहता ने  कहा कि हिंदू कानून में इस पर रोक है. अदालत सिर्फ ये देखे कि धारा 377 को अपराध से अलग किया जा सकता है या नहीं. बड़े मुद्दों पर विचार करने के दूरगामी परिणाम होंगे।

इसके बाद चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि मुद्दा ये है कि सहमति से बालिग समलैंगिकों द्वारा यौन संबंध अपराध हैं या नहीं। “समहति से बालिग द्वारा बनाया गया अप्राकृतिक संबंध अपराध नहीं होना चाहिए।  हम बहस सुनने के बाद इस पर फैसला देंगे।”  .

सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिकता को अपराध के दायरे से बाहर करने संबंधी याचिकाओं पर मंगलवार को महत्वपूर्ण सुनवाई शुरू की और स्पष्ट किया कि वह एलजीबीटी समुदाय से संबंधित विवाह या लिव-इन संबंधों में उत्तराधिकार के मुद्दों पर गौर नहीं करेगा।

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ और न्यायमूर्ति इन्दु मल्होत्रा की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि वह केवल भारतीय दंड संहिता की धारा 377 की संवैधानिक वैधता पर विचार करेगी जो समान लिंग के दो वयस्कों के बीच आपसी सहमति से यौन संबंधों को अपराध घोषित करती है।

पीठ ने कहा कि वह वर्ष 2013 के अपने उस फैसले के सही होने के संबंध में गौर करेगी जिसमें उसने उच्च न्यायालय द्वारा दो समलैंगिक व्यक्तियों के बीच यौन संबंधों को दंडनीय अपराध बनाने वाली धारा 377 को असंवैधानिक करार देने के फैसले को निरस्त किया था।

धारा 377 के तहत अप्राकृतिक यौन संबंध दंडनीय अपराध है और इसके लिये दोषी व्यक्ति को उम्र कैद, या एक निश्चित अवधि के लिये, जो दस साल तक हो सकती है, सजा हो सकती है और उसे इस कृत्य के लिये जुर्माना भी देना होगा.

सुप्रीम कोर्ट की केंद्र को फटकार: मरम्मत नहीं कर सकते तो तोड़ दो ताज महल

ताज महल बंद कर दो या फिर तोड़ दो। वरना इसकी मरम्मत करनी होगी। ये बात उच्च न्यायलय ने मुगलकाल की इस ऐतिहासिक इमारत के संरक्षण के संदर्भ में  केंद्र तथा उसके प्राधिकारियों को फटकार लगते हुए कही।

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ताज महल की सुरक्षा और उसके संरक्षण को लेकर दृष्टि पत्र लाने में विफल रही है।

केंद्र को निर्देश दिया गया है कि वह विस्तृत जानकारी पेश करे कि इस महत्वपूर्ण स्मारक के संरक्षण को लेकर क्या कदम उठाए गए हैं और किस तरह की कार्रवाई की जरूरत है।

ताजमहल को कैसे बचाया जाए इस पर पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के जवाब पर असंतोष जाहिर करते हुए कोर्ट ने कहा, ‘इस बंद कर दो या फिर तोड़ दो। वरना इसकी मरम्मत करनी होगी।’

न्यायमूर्ति एमबी लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने फटकार लगते हुए कहा कि ताजमहल के संरक्षण के बारे में संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट के बावजूद सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं।

केंद्र ने पीठ को बताया कि आईआईटी-कानपुर ताजमहल और उसके आसपास वायु प्रदूषण के स्तर का आकलन कर रहा है और चार महीने में अपनी रिपोर्ट देगा।

केंद्र के मुताबिक़ ताजमहल और उसके इर्दगिर्द प्रदूषण के स्रोत का पता लगाने के लिए एक विशेष समिति का भी गठन किया गया है जो इस विश्व प्रसिद्ध स्मारक के संरक्षण के उपाय सुझाएगी।

उच्च न्यायलय की पीठ ने कहा है  कि 31 जुलाई से वह इस मामले की रोज़ सुनवाई करेगी।

निर्भया केस के दोषियों को फांसी ही दी जाएगी: न्यायालय

साल 2012 के निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले में फांसी की सजा के खिलाफ दोषियों की पुनर्विचार याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है।

मामले में मृत्युदंड की सजा पा चुके चार दोषियों में से तीन ने सुप्रीम कोर्ट में सजा के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की थी।

जिस पर उच्च न्यायालय ने कहा है कि दोषियों की फांसी की सजा बरकरार रहेगी।

प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की खंडपीठ ने आरोपी विनय शर्मा, पवन गुप्ता और मुकेश सिंह की याचिकाओं पर ये फैसला सुनाया।

रिपोर्ट्स के मुताबिक़ दोषी अक्षय ठाकुर ने पुनर्विचार याचिका दायर नहीं की थी। सुप्रीम कोर्ट ने 4 मई को इस मामले में दोषियों की पुनर्विचार याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा था।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने 2017 के फैसले में दिल्ली हाईकोर्ट और निचली अदालत द्वारा 23 वर्षीय पैरामेडिक छात्रा से 16 दिसंबर 2012 को गैंगरेप और मर्डर के मामले में उन्हें सुनाई गई मौत की सजा को बरकरार रखा था।

आरोपियों में से एक राम सिंह ने तिहाड़ जेल में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। वहीं आरोपियों में एक किशोर भी शामिल था। उसे किशोर न्याय बोर्ड ने दोषी ठहराया था। उसे तीन साल सुधार गृह में रखे जाने के बाद रिहा कर दिया गया।

नॉएडा-स्थित दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल फैक्‍ट्री देगी 70,000 को रोज़गार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दक्षिण कोरिया के पीएम मून जेई आज दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल फैक्‍ट्री का उत्तर प्रदेश में उद्घाटन कर रहे हैं।

यह फैक्ट्री नोएडा के सेक्टर 81 में स्थित सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स की 35 एकड़ में फैली है जिसमें 70 हज़ार लोगों को रोज़गार मिलने की आशा है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक़ नोएडा अब मोबाइल बनाने वाले शहरों के नक्‍शे में सबसे ऊपर आ जाएगा. चीन और अमेरिका के शहर उससे काफी पीछे रह जाएंगे.

मौजूदा मोबाइल विनिर्माण इकाई 2005 में लागई गई। पिछले साल जून में दक्षिण कोरियाई कंपनी ने 4,915 करोड़ रुपये का निवेश कर नोएडा संयंत्र में विस्तार करने की घोषणा की, जिसके एक साल बाद नई फैक्ट्री अब दोगुना उत्पादन के लिए तैयार है।

भाषा के अनुसार भारत में कंपनी इस समय 6.7 करोड़ स्मार्टफोन बना रही है और नए संयंत्र के चालू हो जाने पर तकरीबन 12 करोड़ मोबाइल फोन का विनिर्माण होने की संभावना है।

नई फैक्ट्री में न सिर्फ मोबाइल बल्कि सैमसंग के कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसे रेफ्रिजरेटर और फ्लैट पैनल वाले टेलिविजन का उत्पादन भी दोगुना हो जाएगा और कंपनी इन सारे सेगमेंट में अग्रणी की भूमिका में बनी रहेगी। काउंटर पॉइंट रिसर्च के असोसिएट डायरेक्टर तरुण पाठक के अनुसार नई फैक्ट्री से सैमसंग बाजार में कम समय में उत्पाद उतारने में सक्षम होगी।

सैमसंग की नई फैक्‍ट्री उसके 1997 में बनाए गए प्‍लांट के करीब है. पिछले साल जून में कंपनी ने 4915 करोड़ रुपये के निवेश का ऐलान किया था. इसके चलते कंपनी का उत्‍पादन दुगुना हो जाएगा. सैमसंग वर्तमान में 6.70 करोड़ फोन भारत में बना रही है और नए प्‍लांट के शुरू होने पर उसकी उत्‍पादन क्षमता बढ़कर 12 करोड़ फोन सालाना हो जाएगी.

नए प्‍लांट के शुरू होने से मोबाइल के साथ ही रेफ्रिजरेटर और फ्लैट पेनल टीवी की उत्‍पादन क्षमता भी बढ़ जाएगी और इसके जरिए कंपनी इन क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत कर लेगी. भारत में सैमसंग के दो प्‍लांट नोएडा और तमिलनाडु में श्रीपेरुम्‍बुदुर है. इनके अलावा नोएडा में एक डिजाइन सेंटर और पांच रिसर्च व डेवलपमेंट सेंटर हैं. इनमें करीब 70 हजार लोग काम करते हैं. कंपनी की डेढ़ लाख के करीब रिटेल दुकानें भी हैं.

सैमसंग ने 1996 में नोएडा प्‍लान का निर्माण शुरू किया था और अगले साल तक यहां पर पहला टीवी बना लिया गया था. 2003 में रेफ्रिजरेटर का उत्‍पादन भी शुरू कर दिया. कंपनी ने 2007 में यहां पर मोबाइल बनाना शुरू किया. अगले पांच साल में कंपनी देश की नंबर वन मोबाइल कंपनी बन गई. इसके बाद नोएडा प्‍लांट में पहली बार ‘गैलेक्‍सी एस3’मॉडल बनाया गया.

कोरियाई कंपनी वर्तमान में अपना 10 प्रतिशत उत्‍पादन भारत में करती है और अगले तीन सालों में वह इस आंकड़े को 50 प्रतिशत पर ले जाना चाहती है. काउंटरपॉइंट रिसर्च के एसोसिएट डायरेक्‍टर तरुण पाठक का कहना है कि नए प्‍लांट से सैमसंग को मार्केट तक पहुंचने में कम समय लगेगा. साथ ही वह सार्क देशों में अपने निर्यात को भी बढ़ा सकती है.

बुरहान की बरसी पर कश्मीर में तनाव

हिज्बुल मुजाहिद्दीन कमांडर बुरहान वानी की दूसरी बरसी के चलते कश्मीर में तनाव का माहौल है। किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस और अर्द्धसैन्य बलों को भी तैनात किया गया है।

सूत्रों के अनुसार कश्मीर के कई जिलों में माहौल खराब होने के कारण अमरनाथ यात्रा पर रोक लगाईं जा सकती है।

शनिवार को सेना और पत्थरबाजों के बीच हुई झड़प में तीन लोगों की मौत हो गई और कई लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए।

सुरक्षा बल शनिवार सुबह से ही जम्मू-कश्मीर के कई जिलों में आतंकवादियों के छिपे होने की सूचना पर सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं।

अलगाववादियों ने श्रीनगर बंद का ऐलान किया है जिसकी वजह से कई इलाकों में कर्फ्यू जैसा माहौल बना हुआ है।

बुरहान वानी की मौत को दो साल पूरा होने पर रविवार को अलगाववादियों की रैली करने की योजना को नाकाम करने के लिए प्रशासन ने कश्मीर के त्राल में कर्फ्यू लगा दिया है।। घाटी के शेष हिस्सों में भी लोगों की आवाजाही पर पाबंदियां हैं।

शहर की तरफ जाने वाली सभी सड़कों को सील कर दिया गया है और प्रतिबंधों को लागू करने के लिए पुलिस व केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को भारी संख्या में तैनात कर दिया गया है।

कई अहम परीक्षाएं अब नेशनल टेस्टिंग एजेंसी कराएगी

केंद्र सरकार सरकार की ओर से जारी किए गए निर्देशों के अनुसार केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से करवाई जाने वाली कई परीक्षाएं अब नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) करएगी।

इन परीक्षाओं में मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए आवश्यक नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) और इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन के लिए करवाई जाने वाली जेईई और सीएमएटी भी शामिल है।

केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि नीट, जेईई, नेट की परिक्षाओं का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से किया जाएगा, जो पहले सीबीएसई की ओर से किया जाता था।

वहीं सरकार की ओर से परीक्षा के समय में भी बदलाव किया गया है।

जावड़ेकर ने बताया कि नीट की परीक्षा हर साल फरवरी और मई में कराई जाएगी. साथ ही ये परीक्षाएं कम्प्यूटर के माध्यम से करवाई जाएगी।

केंद्रीय मंत्री ने ये भी कहा कि नेट की परीक्षा दिसंबर में और जेईई (मेन्स) की परीक्षा हर साल जनवरी और अप्रैल में होगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने पहले ही इस बात की सिफारिश की थी कि परीक्षा के आयोजन के लिए एक एंजेसी होनी चाहिए जो परीक्षाओं का आयोजन कर सके।

अधिकारियों के ट्रांसफर को लेकर एलजी और सरकार के बीच टकराव जारी

उच्च न्यायालय के फैसले के बाद भी दिल्ली के उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच खींचतान जारी है।

दिल्ली के सेवा विभाग के अधिकारियों ने पुरानी पालिसी के अनुसार काम करने का फैसला किया है। पहले ये विभाग एलजी के पास था।

दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नियुक्ति व तबादले के बारे में नया आदेश जारी कर दिया है,लेकिन अधिकारी इसे कानूनी तौर पर गलत बता रहे हैं।

शीर्षस्थ अधिकारियों ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को बता दिया है कि वह इस आदेश को नहीं मानेंगे।

मई 2015 के केंद्रीय गृह मंत्रालय के इससे जुड़े नोटिफिकेशन पर बुधवार का फैसला लागू नहीं होता।

इसके अनुसार सेवा संबंधी मामले उपराज्यपाल के अधीन चले गए थे। फिर केंद्र शासित प्रदेश होने से यह मामला समवर्ती या राज्य सूची में भी नहीं है।

एक अधिकारी ने बताया कि इस मसले से जुड़ी एक याचिका पर अभी सुप्रीम कोर्ट की रेगुलर बेंच में सुनवाई चल रही है इसलिये सरकार को इस पर आदेश नहीं जारी करना चाहिये था।

बुराड़ी केस: पोस्टमॉर्टम के अनुसार सबने की थी आत्महत्या; जांच अभी जारी

दिल्ली के बुराड़ी इलाके में एक ही घर में परिवार के 11 लोगों की मौत के मामले में हुई पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक़ सब लोगों की मौत फांसी के फंदे से हुई।

लेकिन भाटिया परिवार के करीबी और रिश्तेदारों का अभी भी ये मानना है कि वह लोग आत्महत्या नहीं कर सकते।

एक पुलिस अधिकारी ने पीटीआई को बताया है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अब तक गला घोंटे जाने या हाथापाई के कोई संकेत नहीं मिले हैं. पुलिस ने बताया कि दस लोग लोहे के जाल में फांसी से लटके थे जबकि 77 वर्षीय महिला घर के एक अन्य कमरे में मृत मिली थीं.

पीटीआई के मुताबिक, पहले यह आशंका जताई जा रही थी कि नारायण देवी की मौत गला घोंटे जाने से हुई है लेकिन चिकित्सकों का कहना है उनकी मौत भी फांसी लगने के कारण ही हुई है क्योंकि रस्सी उनके शव के निकट लटकी हुई पाई गई. पुलिस अधिकारी ने बताया कि अब यह जांच का विषय है कि उनके गले से रस्सी को निकाला किसने होगा. उन्होंने कहा, ‘शुरुआती जांच में ऐसा लगता है कि उन सभी की मौत फांसी पर लटकने की वजह से ही हुई है. अंतिम रिपोर्ट अभी आई नहीं है.’

पुलिस को घटनास्थल से मिले हाथ से लिखे कुछ नोट्स को देखते हुए पुलिस को संदेह है कि यह मामला सोच-समझकर की गई आत्महत्या का है जो किसी धार्मिक अनुष्ठान के लिए की गई प्रतीत होती है. अधिकारी के मुताबिक, कुछ नोट्स पर लिखा है कि ‘कोई मरेगा नहीं’ बल्कि कुछ ‘महान’ हासिल कर लेगा.

इस रजिस्‍टर में लिखा है कि पटिया अच्छे से बांधनी हैं, शून्य के अलावा कुछ नही दिखना चाहिए. रस्सी के साथ सूती चुनिया या साड़ी का प्रयोग करना हैं. 7 दिन बाद लगातार पूजा करनी है्. इस पूजा को थोड़ा लग्न और श्रद्धा के साथ करना है. इस पूजा के दौरान अगर कोई घर में आ जाए तो यह पूजा अगले दिन करनी है. इस पूजा के लिए गुरुवार और रविवार को चुना है.

रजिस्‍टर में लिखा है कि बुजुर्ग महिला बेबे खड़ी नहीं हो सकती तो अलग कमरे में लेट सकती हैं. इस रजिस्‍टर में लिखा है कि परिवार के सभी लोगों की सोच एक जैसी होनी चाहिए. ये पहले से ज्यादा दृढ़ता से बढ़ना होगा और ये करते ही तुम्हारे आगे के काम दृढ़ता से शुरू होंगे.

पुलिस की छानबीनअभी भी जारी है और वह अंधविश्वास समेत सभी ऐंगल पर मामले की जांच कर रही है।

मृतकों में नारायण देवी (77), उनकी बेटी प्रतिभा (57) और दो बेटे भावनेश (50) और ललित भाटिया (45) शामिल हैं।

भावनेश की पत्नी सविता (48) और उनके तीन बच्चे मीनू (23), निधि (25) और ध्रुव (15), ललित भाटिया की पत्नी टीना (42) और उनका 15 वर्ष का बेटा शिवम , प्रतिभा की बेटी प्रियंका (33) भी मृत पाए गए।

रिपोर्ट्स के अनुसार प्रियंका की पिछले महीने ही सगाई हुई थी और इस साल के अंत तक उसकी शादी होनी थी। मीनू प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कर रही थी जबकि निधि स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रही थी.