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विंबलडन : नडाल हारे

लंदन में चल रही विंबलडन प्रतियोगिता के सेमीफाइनल में शनिवार को सर्बिया के नोवाक जोकोविच ने दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी राफेल नडाल को हरा दिया। पांच घंटे से  कुछ अधिक चले मैच में  जोकोविच ने 6-4, 3-6, 7-6, 3-6, 10-8 से जीट। दर्ज़ कर नाडाल का सपना तोड़ दिया। फाइनल में जोकोविच का दक्षिण अफ्रीका के केविन एंडरसन से सामना होगा। अगर वे जीतते हैं तो यह उनका 13 वां ग्रैंड स्लेम खिताब होगा।

यह सेमीफाइनल पिछले कल अधूरा रह गया था। मैच रुकने के समय तीन बार के चैंपियन जोकोविच 6-4 3-6 7-6 से आगे थे। आज खेल शुरू होने पर नडाल ने चौथा सेट 6-3 से जीत लिया। निर्णायक सेट जोकोविच ने 10-8 से जीतकर मैच पांच घंटे 14 मिनट में अपने नाम कर लिया।

राकेश सिन्हा, महापात्रा, रामसकल और सोनल मान सिंह राज्य सभा के लिए मनोनीत

राज्यसभा

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राज्य सभा के लिए चार हस्तियों को मनोनीत किया है। राज्यसभा में कुल १४ मनोनीत (नॉमिनेटेड) सीटें हैं। अभी इन चार हस्तियों का मनोनयन खाली सीटों के लिए गया है।

इनमें एक राष्ट्रीय स्वंय सेवक (आरएसएस) के विचारक राकेश सिन्हा हैं जो दिल्ली विश्विद्यालय में प्रोफेसर हैं। सिन्हा अक्सर टीवी चैनलों पर संघ, हिंदुत्व और भाजपा का पक्ष रखते देखे जाते हैं। उनके आलावा रघुनाथ महापात्र हैं जो ओडिशा से तककुल रखते हैं। ओडिशा में एक साल के भीतर ही विधानसभा के चुनाव होने हैं। महापात्र मशहूर मूर्तिकार हैं। उत्तर प्रदेश के दलित पृष्ठभूमि के राम सकल को भी राज्य सभा के लिए मनोनीत किया गया है। वे दलित आंदोलन का हिस्सा रहे हैं और उन्होंने प्रदेश में दलितों के लिए काम किया है। चौथी सोनम मान सिंह हैं जो भरतनाट्यम की मशहूर नृत्यांगना हैं।

राज्यसभा में इस समय भाजपा (एनडीए) का बहुमत नहीं है जिससे उसे विभिन्न बिल पास करवाने में दिक्कत आती है। फिलहाल उसके ६९ सदस्य हैं। इन चार हस्तियों के मनोनयन से भाजपा को मदद मिल सकती है। हालाँकि यह ज़रूरी नहीं है कि वे निर्धारित अवधि के बाद किसी पार्टी को ज्वाइन करें हीं। भाजपा की नज़र राज्य सभा के उप सभापति के पद पर भी है।  इस समय इस पद पर कांग्रेस के पीजे कुरियन हैं जिनकी अवधि समाप्त होने वाली है।

हिमाचल में मुठभेड़ : एक बदमाश की मौत

हिमाचल के धार्मिक स्थल श्रीनयना देवी के इलाके में पंजाब पुलिस और भागे बदमाशों के बीच शनिवार सुबह गोलीवारी में एक बदमाश की मौत हो गयी।  इस मुठभेड़ में दो अन्य को गिरफ्तार किया गया है।   मिली जानकारी के मुताबिक यह बदमाश पंजाब के मोहाली से गाड़ी छीनकर भागे थे। गोलीबारी में पंजाब के जवान भी घायल हुए हैं जिन्हें आनंदपुर साहिब अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

मारे गए बदमाश की पहचान सनी मसीह के तौर पर की गई है, वह गुरदासपुर का रहने वाला था। जबकि पकड़े गए दो अन्य गोल्डी और अमन पुरी बताए गए हैं। गोल्डी डेरा बाबा नानक और अमन पुरी चमकौर साहब का रहने वाला है। यह घटना श्रीनयना देवी में रेस्ट हाउस के पास की है। पुलिस अधिकारियों ने ”तहलका” को बताया कि गोलीबारी में एक बदमाश की मौत हो गई है। उनके मुताबिक इस मामले में बांछित दो और लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। घटना की जानकारी मिलते ही बिलासपुर के एसपी अशोक शर्मा भी मौके पर पहुंच गए थे।

यह गोलीबारी पंजाब पुलिस और मोहाली से एक गाड़ी छीनकर भागे बदमाशों के बीच हुई। एक बदमाश के मारे जाने की पुष्टि पुलिस ने की है। पंजाब पुलिस को जब तीन बदमाशों के गाड़ी छीनकर भागने की सूचना मिली तो तो उसने मोहाली इलाके से उनका पीछा करना शुरू कर दिया।

बाद में आखिर पंजाब पुलिस ने श्रीनयना देवी के नजदीक उन तक पहुँचने में कामयाबी हासिल कर ली। वहां पुलिस ने उन्हें पकड़ने की कोशिश की और इस दौरान उनकी तीनों बदमाशों से हाथ पाई हुई। इसी दौरान गोलियां चलने लगीं एक बदमाश की मौके पर ही मौत हो गई। यह सभी बदमाश पंजाब के रहने वाले बताए गए हैं।

बिलासपुर के एससपी अशोक कुमार ने घटना की पुष्टि की है। उनके मुताबिक इन लोगों ने एक वेरना कार उड़ा ली और हिमाचल के तरफ भागे।  जिसके बाद पंजाब पुलिस ने उनका पीछा किया और गोलीबारी में एक की मौत हो गयी जबकि दो गिरफ्तार कर लिए गए। उधर मोहाली के एसएसपी कुलदीप चहल के मुताबिक इस गोलीबारी में उनके जवान भी घायल हुए हैं जिन्हें आनंदपुर साहिब अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

पाकिस्तानी रैलियों में हुए धमाके ; 113 की मौत, 200 घायल

पाकिस्तान की दो चुनावी रैलियों में हुए शक्तिशाली बम विस्फोटों में आज एक शीर्ष राष्ट्रवादी नेता समेत कम से कम 113 लोगों की मौत हो गई और 200 से अधिक लोग घायल हो गये।

ख़बरों के मुताबिक़ आतंकवादियों ने बलूचिस्तान प्रांत के मासतुंग क्षेत्र में बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) के नेता सिराज रायसानी को निशाना बनाया.

घायल रायसानी की क्वेटा ले जाने के दौरान मौत हो गयी।  वह बलूचिस्तान के पूर्व मुख्यमंत्री नवाब असलम रायसानी के भाई थे।

इस घटना से कुछ ही घंटा पहले खैबर पख्तूनख्वा के बन्नू इलाके में मुत्ताहिदा मजलिस अमाल नेता अकरम खान दुर्रानी की रैली में विस्फोट हुआ.

पुलिस के अनुसार, इस घटना में पांच लोगों की मौत हो गई जबकि 37 अन्य घायल हो गए।

इस हमले में दुर्रानी बाल बाल बच गए लेकिन उनका वाहन क्षतिग्रस्त हो गया।  दुर्रानी 25 जुलाई को होने वाले आम चुनाव में पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी के प्रमुख इमरान खान के खिलाफ मैदान में हैं।

कोयला घोटाले में नवीन जिंदल के खिलाफ आरोप पत्र

कोयला घोटाले मामले मैं उद्योगपति व कांग्रेस नेता नवीन जिंदल तथा 14 अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर कर दिया गया है।

ये क़दम प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोयला ब्लाक आवंटन में अनियमितता से जुड़े कथित मनी लांड्रिंग के एक मामले की छानबीन के दौरान उठाया।

विशेष न्यायाधीश भरत पराशर के समक्ष दाखिल अपनी अंतिम रिपोर्ट में ईडी ने आरोप लगाया गया है कि जिंदल की कंपनी – जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) – व अन्य ने जांच समिति को कोयला ब्लाक आवंटन के लिए गलत तरीके से प्रभावित किया।

रिपोर्ट्स के अनुसार  आरोप है कि इन इकाइयों ने समिति को खुश करने के लिये अवैध तरीके से दो करोड़ रुपये से अधिक राशि खर्च की।

जिंदल व 14 अन्य आरोपियों के खिलाफ इस आरोप पत्र पर अदालत 14 अगस्त को विचार करेगी।

ख़बरों के मुताकबक यह मामला झारखंड में अमरकोंडा मुर्गादंगल कोयला ब्लाक के आवंटन से जुड़ा है।

सिरफिरे आशिक़ ने शादी लिए मॉडल को बनाया बंधक

भोपाल में एक व्यक्ति ने एक मॉडल को उसी के फ्लैट में कट्टे के दम पर 12 घंटे से अधिक बंधक बना कर रखा। वह कथित तौर पर उससे शादी करना चाहता था।

”रोहित कुमार सिंह (30) मॉडलिंग करने वाली ल़ड़की के मिसरौद इलाके स्थित एक बहुमंजिला इमारत की पांचवीं मंजिल में उसके फ्लैट पर सुबह सात बजे पहुंचा और उसने उसे बंधक बना लिया. पुलिस ने उसे उसके चंगुल से शाम सवा सात बजे सुरक्षित छुड़ा लिया,” पुलिस अधीक्षक (भोपाल दक्षिण) राहुल कुमार लोढ़ा ने कहा।  पुलिस के अनुसार रोहित भी सुरक्षित है।

पुलिस ने इस आपरेशन के लिए हाइड्रोलिक सीढ़ियों को जैक के जरिये उठाकर प्लैट के ग्रिल तक ले जाया गया और सिरफिरे आशिक से बात कर उसे समझाया गया जिसके बाद यह आपरेशन सफल हुआ।

लोढ़ा ने अनुसार पुलिस  ने रोहित को उसी लड़की से शादी कराने का पूरा आश्वासन दिया और कहा कि तुम दोनों बालिग हो, शादी कर सकते हो।  वह ये  प्रस्ताव स्वीकार करने के बाद बाहर आ गया।

एक पुलिस अधिकारी ने अनुसार रोहित को हाथ में उस वक्त चोट आई है जब वह कमरे के दरवाजे को थोड़ा सा खोलकर कट्टे को लहरा रहा था और वहां मौजूद एक पुलिसकर्मी ने उसके हाथ से इस कट्टे को छीनने का प्रयास किया।

लोढ़ा ने कहा, ”लड़की के एक हाथ में खरोंच है और गले में चोट है. कोई भी खतरनाक चोट नहीं है.” उन्होंने कहा कि लड़की एवं आरोपी दोनों को इलाज के लिए अस्पताल भेज दिया गया है.

लोढ़ा ने बताया, ”हमने इस आपरेशन में दिनभर इसलिए लगाया, ताकि वह लड़की को नुकसान न पहुंचाए. हम जबरदस्ती करते तो लड़की पर खतरा बढ़ सकता था. पहले हमने वीडियो कॉलिंग के जरिये उससे बात की और बात में हमने वन-टु-वन बात की.”

पुलिस ने चिकित्सकों को भी मौके पर बुला लिया था ताकि छुड़ाने के बाद लड़की के उपचार में देरी न हो.

”एक तरफा प्यार में रोहित ने मॉडलिंग करने वाली इस ल़ड़की को उसके फ्लैट में घुसकर कट्टे की नोक पर बंधक बनाया था,” मिसरौद थाना प्रभारी संजीव चौसे ने बताया।  उन्होंने यह भी कहा कि सनकी आशिक मॉडल से शादी करना चाहता है।

चौसे ने बताया कि आपरेशन पूरा होने से पहले बंधक बनाने वाले आरोपी से पुलिस की वाट्सअप पर वीडियो कॉलिंग के जरिये बातचीत हुई थी. वीडियो कॉलिंग के दौरान कमरे में खून भी दिखाई दिया और आरोपी के पास कैंची भी थी.

रोहित उत्तरप्रदेश के अलीगढ़ का रहने वाला है और अपने आप को सिंगर बताया है।

रिपोर्ट्स के अनुसार बंधक बनाई गई लड़की की मां का कहना है कि लड़की-लड़का एक-दूसरे को पिछले करीब दो साल से जानते हैं. दोनों एक दूसरे को मुंबई में एक कार्यक्रम में मिले थे और तब से उनमें बातचीत होती रहती थी. लेकिन, बाद में वह लड़की की पीछे पड़ गया और शादी का दबाव बनाने लगा और परेशान करने लगा.

पाकिस्तान लौटते ही शरीफ बेटी मरियम के साथ गिरफ्तार

पाकिस्तान लौटते ही आखिर पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को उनकी बेटी मरियम शरीफ के साथ गिरफ्तार कर लिया गया। जैसे ही शरीफ अपनी बेटी के साथ शुक्रवार रात ९.३० बजे लाहौर के अल्लामा इकबाल इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर उतरे उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। पाकिस्तान में इसी महीने की 25 तारीख को नेशनल असेंबली के लिए चुनाव होने हैं और अभी तक के सर्वे में शरीफ की पार्टी मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) को क्रिकेटर से राजनीतिक बने इमरान खान की तहरीक-इ-इन्साफ के मुकाबले दूसरे नंबर पर बताया जा रहा है। माना जाता है पाकिस्तान लौटकर शरीफ गिरफ्तार होकर जनता की साहनुभूति बटोरना चाहते हैं।

भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तारी से पहले शरीफ अपने समर्थकों को सम्बोधित करना चाहते थे जो  बड़ी तादाद में एयरपोर्ट पहुंचे हुए थे लेकिन अधिकारीयों ने शरीफ को इसकी इजाजत नहीं दी।

बताया जा रहा है कि एफआईए के तीन सदस्यों ने एयरपोर्ट पहुंचकर शरीफ और उनकी बेटी का पासपोर्ट जब्त कर लिया है। शरीफ के साथ उनकी बेटी मरियम को भी गिरफ्तार किया गया है। धनशोधन (मनी लांड्रिंग ) के मामले में शरीफ को एक कोर्ट की तरफ से दस साल और उनकी बेटी मरियम को सात साल की सजा सुनाई गयी है। शरीफ के खिलाफ याचिका देने वालों में एक इमरान खान भी थे।

अभी तक मिली रिपोर्ट के मुताबिक शरीफ परिवार के गृह सूबे पंजाब में इंटरनेट सेवाएं स्थगित कर दी गई हैँ। वैसे नवाज शरीफ की मां बेगम शमीम अख्तर और उनके बेटे शहबाज शरीफ और सलमान को लाहौर एयरपोर्ट पर नवाज शरीफ से मिलने की इजाजत दी गई। शरीफ के पाकिस्तान पहुँचाने से पहले ही अधिकारियों ने पाकिस्तान में किसी भी स्थिति को बिगड़ने से रोकने के लिए शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के ४५० के करीब वर्कर्स को हिरासत में ले लिया था।

पाकिस्तान के मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक लाहौर के लिए निकलने से पहले शरीफ ने अपने समर्थकों को कहा, ‘जो मेरे बस में है और जो मेरे बस में था, वह मैंने कर दिया है।’

लाहौर आते हुए जहाज में उनका एक वीडियो रिकॉर्ड किया गया है जिसमें उन्होंने कहा कि मुझे मालूम है कि लाहौर पहुंचते ही मुझे जेलखाने भेज दिया जाएगा, लेकिन पाकिस्तानी कौम को मैं बताना चाहता हूं कि यह सब मैं आप के लिए कर रहा हूं। यह कुर्बानी मैं आपकी नस्ल के लिए दे रहा हूं। लिहाजा मेरा भरपूर साथ दें। इस वीडियो को सम्भवता उनकी पार्टी के लोगों ने जारी किया है जिसे भिविन्न टीवी चैनलों पर भी दिखाया गया है। शरीफ की पत्नी गंभीर तौर पर बीमार हैं और लन्दन में उनका इलाज चल रहा है।

गौरतलब है कि २०१६ में पनामा पेपर लीक में नाम आने के बाद नवाज शरीफ को जुलाई 2017 में प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। जांच के बाद शरीफ और उनकी बेटी मनी लॉन्ड्रिंग का केस चलाया गया था। पाकिस्तानी ट्राइब्यूनल कोर्ट ने इसी ५ जुलाई को शरीफ और उनकी बेटी मरियम को दोषी बताते हुए कैद की सजा सुनाई थी। दोनों को जब यह सजा सुनाई गई थी तब वे लंदन में थे।

पाकिस्तान की राजनीति पर नज़र रखने वालों का कहना है कि पाकिस्तान में सेना इन चुनावों में अपना दबदवा बनाये रखने के लिए इमरान खान की तहरीक-इ-इन्साफ को अंदरखाते समर्थन दे रही है हालांकि वह यह भी चाहती है कि किसी दाल को साफ़ बहुमत न मिले ताकि वह अपना रोल अदा  करती रहे।

पहले बताया गया था कि नवाज़ और मरियम की फ्लाइट दो घंटे लेट हो गई है। दोनों एतिहाद एयरवेज की फ्लाइट ईवाई २४३ से आबू धाबी के रास्ते पाकिस्तान पहुंचे। लंदन से निकलने से पहले मरियम ने टि्वटर पर तस्वीरें शेयर भी शेयर की थीं जिसमें से एक में वे शरीफ की पत्नी कुलसूम नवाज़ के पास खड़े दिख रहे हैं। दोनों को हेलिकॉप्टर के जरिए इस्लामाबाद ले जाया गया है और कागजी कार्रवाई के बाद दोनों को अडियाला जेल में रखा जाएगा।

विश्व चैंपियनशिप के 400 मीटर ट्रैक में गोल्ड जीतने वाली पहली भारतीय बनी हिमा

देश को मिली नई उड़न परी

हम यह तो नहीं कहेंगे कि देश अब पीटी ऊषा और मिल्खा सिंह को भूल जाएगा लेकिन हिमा दास ने जो किया है वह देश के एथलेटिक्स हितहास में गौरवशाली ज़रूर है। टेम्पेरे (फिनलैंड)। भारत की नई उड़नपरी कही जा रही  हिमा दास ने  गुरुवार देर रात आईएएएफ की 400 मीटर ट्रैक इवेंट में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया।

भारत की यह नई सनसनी हिमा इस जीत के बाद से सोशल मीडिया में हीरो बनकर उभर रही है। उसकी जीत पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांघी ने ट्वीट कर उसे बधाई दी है। कई अन्य नामी खिलाड़ीयों  ने भी हिमा को बधाई देकर उसका उत्साह बढ़ाया है।

इस खिलाड़ी ने आईएएफ वर्ल्ड अंडर-20 चैंपियनशिप में गोल्ड जीतकर उड़न सिख और देश की पहली उड़न परी पीटी ऊषा को पीछे छोड़ दिया है। अब तक कोई भी भारतीय एथलीट विश्व इवेंट में गोल्ड नहीं जीत सका है। इस तरह हिमा ने अपने प्रदर्शन से एक बड़ा रेकार्ड देश के लिए बना दिया है।

हिमा दास से पहले सबसे अच्छा प्रदर्शन मिल्खा सिंह और पीटी उषा का रहा था। पीटी उषा ने जहां 1984 ओलंपिक में 400 मीटर हर्डल रेस में चौथा स्थान हासिल किया था।

मिल्खा सिंह 1960 रोम ओलंपिक में 400 मीटर रेस में चौथे स्थान पर रहे थे। बुधवार को हुए सेमीफाइनल में भी शानदार प्रदर्शन करते हुए हिमा ५२.१० सेकंड का समय निकालकर पहले स्थान पर रही थीं। आईएएफ वर्ल्ड अंडर-20 चैंपियनशिप में गोल्ड जीतने के लिए हिमा ने ४०० मेटर की इस स्पर्धा में ५१.४६ सेकण्ड का समय निकाला।

कोशिश की और उस समय की तरह हस्तक्षेप करने की कोशिश की तो मुझे लगता है कि 1987 की तरह ही हिजबुल मुजाहिद्दीन के प्रमुख सैयद सलाहूद्दीन और यासिन मलिक पैदा होंगे।’

पिछले महीने 19 तारीख को भाजपा ने पीडीपी से समर्थन वापस ले लिया था। तब से राज्य में राज्यपाल शासन लागू है। ८७ सदस्यीय जम्मू और कश्मीर विधानसभा में सरकार बना सकने लायक आंकड़े किसी भी पार्टी के पास नहीं हैं। पीडीपी के २८, भाजपा के २५, कांग्रेस के १२ और एनसी के १५ विधायक हैं। पीपल्स कांफ्रेंस के दो विधायकों और लद्दाख के एक विधायक के समर्थन का भाजपा दावा करती रही है। सरकार बनाने के लिए किसी भी दल  को 44 विधायकों के समर्थन की जरूरत रहेगी।

बगावत करने वाले विधायकों का आरोप रहा है कि पीडीपी ”फैमिली डेमोक्रेटिक पार्टी” बन गई है। बागी विधायकों में जावेद बेग, यासिर रेशी, अब्दुल मजीद, इमरान अंसारी, अबीद हुसैन अंसारी और मोहम्मद अब्बास वानी शामिल माने जाते हैं।

पीडीपी को तोड़ा तो कश्मीर में कई सलाहुद्दीन: महबूबा

जम्मू कश्मीर में एक बार फिर उबाल है। भाजपा के समर्थन वापस लेने के करीब एक महीने बाद शुक्रवार सुबह पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने चेताया है कि यदि नई दिल्ली ने उनकी पार्टी पीडीपी को तोड़ने की कोशिश की तो नब्बे के दशक जैसे हालात पैदा हो जायेंगे और कश्मीर में कई सलाहुद्दीन  पैदा होने का रास्ता खुल जाएगा। उधर पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने महबूबा के ब्यान पर टिप्पणी करते हुए ट्वीट किया जिसमें उन्होंने कहा कि ”मैं यहाँ सब को याद दिलाना चाहता हूँ कि पीडीपी के टूटने से एक भी मिलिटेंट पैदा नहीं होगा। कश्मीर में लोग एक ऐसी पार्टी के ख़त्म होने का मातम नहीं मनाएंगे जिसका गठन दिल्ली में कश्मीर के वोट बाँटने के लिए किया गया”।

चर्चा है कि पीडीपी के करीब आधे विधायक भाजपा के संपर्क में हैं और भाजपा जम्मू कश्मीर में अपनी सरकार बनाने की कोशिश में जुटी है। कहा जा रहा है कि भाजपा २०१९ के लोक सभा चुनाव से पहले जम्मू कश्मीर में एक हिन्दू मुख्यमंत्री बनाकर देश भर में वोटों का साम्प्रदायिक आधार पर ध्रुवीकरण  करना चाहती है क्योंकि उसे लगता है कि केवल इसी तरीके से वह दुबारा सत्ता में आ सकती है।

अपनी पार्टी के अस्तित्व पर खतरे को देखते हुए पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती अब पूरी तरह भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मैदान में आ जुटी हैं।

कुछ महीने पहले तक इन्हीं मुफ्ती ने कहा था कि मोदी ही एक मात्रा ऐसे नेता हैं जो कश्मीर की तकदीर बदल सकते हैं, हालांकि उस समय भी उनकी पार्टी के कई वरिष्ठ नेता इस तरह की बात कहने के हक़ में नहीं थे क्योंकि उन्हें लगता था भाजपा का एजेंडा खतरनाक है और उस पर भरोसा नहीं किया जा सकता। अब शुक्रवार (१३ जुलाई) को मुफ्ती ने कहा कि भाजपा (नई दिल्ली) ने पीडीपी को तोड़ने की कोशिश की तो कश्मीर में कई और सलाहुद्दीन पैदा होंगे और सूबे के हालात नब्बे के दशक जैसे हो जाएंगे।

महबूबा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 1987 के चुनाव में जब गड़बड़ हुई तो यासिन मलिक और हिजबुल मुजाहिद्दिन के प्रमुख सैय्यद सलाउद्दीन पैदा हुए थे। ”अगर इस बार भाजपा ने पीडीपी को तोड़ने की कोशिश की और कश्मीर के लोगों के हक पर डाका डाला तो हालात उससे भी ज्यादा खराब होंगे”।

पिछले कुछ समय से चर्चा है कि भाजपा अपने महासचिव राम माधव के जरिये पूर्व अलगाववादी और  पिछली पीडीपी-भाजपा सरकार में मंत्री रहे सज्जाद गनी लोन को अपने पाले में लाने की गंभीर कोशिश कर रही है। यह माना जाता है कि भाजपा पीडीपी में टूट करवाकर लोन को कश्मीर में उसका सर्वेसर्वा बनाने की कोशिश कर रही है। वैसे राम माधव ने इस बात से कुछ दिन पहले ही इंकार किया था कि भाजपा की ऐसी कोइ मंशा है लेकिन कश्मीर में इस बात की बड़ी चर्चा है कि भाजपा जम्मू कश्मीर में अपनी सरकार बनवाकर देश में २०१९ के लोक सभा चुनाव के मद्देनजर एक सन्देश देकर इसका राजनीतिक लाभ लेना चाहती है।

अभी तक पीडीपी के कम से कम पांच विधायक सार्वजनिक तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के खिलाफ बयान दे चुके हैं। बागी नेता इमरान अंसारी ने दो दिन पहले ही अलग मोर्चा बनाने की बात कही थी। उन्होंने पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस पर ”दिल्ली को ब्लैकमेल करने” का आरोप भी लगाया था। हालांकि अब कहा जा रहा है कि भाजपा के निशाने पर कमसे काम १४ पीडीपी विधायक हैं।

पार्टी में पड़ रही फूट के बीच मुफ्ती ने भाजपा को अब सीधे तौर पर चेतावनी दे दी है। उनका कहना है कि अगर दिल्ली ने पीडीपी को तोड़ने की कोशिश की तो और सलाहुद्दीन पैदा होंगे। उन्होंने कहा, ”यदि दिल्ली ने साल 1987 की तरह लोगों से उनके मतदान का अधिकार छीना, यदि उसने बंटवारे की कोशिश की और उस समय की तरह हस्तक्षेप करने की कोशिश की तो मुझे लगता है कि 1987 की तरह ही हिजबुल मुजाहिद्दीन के प्रमुख सैयद सलाहूद्दीन और यासिन मलिक पैदा होंगे।’

पिछले महीने 19 तारीख को भाजपा ने पीडीपी से समर्थन वापस ले लिया था। तब से राज्य में राज्यपाल शासन लागू है। ८७ सदस्यीय जम्मू और कश्मीर विधानसभा में सरकार बना सकने लायक आंकड़े किसी भी पार्टी के पास नहीं हैं। पीडीपी के २८, भाजपा के २५, कांग्रेस के १२ और एनसी के १५ विधायक हैं। पीपल्स कांफ्रेंस के दो विधायकों और लद्दाख के एक विधायक के समर्थन का भाजपा दावा करती रही है। सरकार बनाने के लिए किसी भी दल  को 44 विधायकों के समर्थन की जरूरत रहेगी।

बगावत करने वाले विधायकों का आरोप रहा है कि पीडीपी ”फैमिली डेमोक्रेटिक पार्टी” बन गई है। बागी विधायकों में जावेद बेग, यासिर रेशी, अब्दुल मजीद, इमरान अंसारी, अबीद हुसैन अंसारी और मोहम्मद अब्बास वानी शामिल माने जाते हैं।

उपराज्यपाल बनते हैं सुपरमैन मगर दिल्ली में करते कुछ भी नहीं: सुप्रीम कोर्ट

राजधानी दिल्ली में कचरा प्रबंधन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने उपराज्यपाल अनिल बैजल से स्टेटस रिपोर्ट मांगते हुए कहा कि बार-बार आदेश दिए जाने के बावजूद कूड़ा कम नहीं हो रहा और न ही इससे निपटने का अभी तक कोई समाधान हुआ है।

हालाँकि उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार को भी फटकार लगाई मगर सबसे ज़्यादा गाज गिरी उपराज्यपाल पर।  कोर्ट ने उपराज्यपाल के कार्यालय को 16 जुलाई तक हलफनामा देकर ठोस कूड़ा प्रबंधन पर उठाए जाने वाले कदमों की समयसीमा बताने को कहा है।

सुनवाई के दौरान LG की ओर से हलफनामे में कहा गया कि पूर्वी दिल्ली में गाजीपुर, दक्षिणी दिल्ली में ओखला और उत्तरी दिल्ली में भलस्वा लैंडफिल साइट्स हैं. उपराज्यपाल अपने स्तर पर लगातार बैठकें कर रहे हैं।

इस पर उच्च न्यायलय ने कहा, “आप 25 बैठकें करते या 50 कप चाय पीते हैं इससे हमें कोई मतलब नहीं है। दिल्ली को कूड़े से निजात दिलाने पर बात करें।

… उपराज्यपाल कहते हैं कि मेरे पास पावर है, मैं सुरमैन हूं तो बैठकों में क्यों नहीं शामिल होते हैं?”

केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों को आड़े हाथों लेते हुए कोर्ट ने कहा कि “एलजी और दिल्ली सरकार दोनों मान रहे हैं कि उनकी जिम्मेदारी है कूड़ा हटवाना और अगर नहीं होता तो केंद्र उसमें निर्देश देगा। क्या केंद्र ने निर्देश दिए? … कूड़े के पहाड़ का एक हिस्सा गिरने से आदमी की मौत हो जाती है और आप इसको लेकर अभी भी गंभीर नहीं। ”

“हर मामले में मुख्यमंत्री को मत घसीटिए, बस अंग्रेजी की एक लाइन में बताइए कि कूड़े के जो पहाड़ खड़े हैं वो कब हटेंगे। …. केंद्र इस मुद्दे पर एक टाइमलाइन बताए कि कब कूड़े पर हल निकाला जाएगा।” उच्च न्यायलय ने पूछा है।