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मोदी के समर्थन वाले ब्यान पर फंसे राज्यपाल कल्याण 

राजस्‍थान के राज्‍यपाल कल्‍याण सिंह कुछ रोज पहले पीएम मोदी का खुलेआम समर्थन करने वाले बयान पर फंस गए हैं और चुनाव आयोग की टीम ने इसे चुनाव आचार संहिता के खिलाफ माना है। इसके बाद चुनाव आयोग अब राज्यपाल कल्याण सिंह के खिलाफ उनके इस राजनीतिक ब्यान के आधार पर राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद से शिकायत करने की तैयारी में है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक चुनाव आयोग राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र भेजकर राज्यपाल कल्याण सिंह के बयान और आचार संहिता के पालन पर विस्तार से जानकारी देगा। वैसे चुनाव आयोग ने इस बारे में अभी कोइ में अभी कोइ  आधिकारिक जानकारी नहीं दी है। गौरतलब है की यह मामला पिछले हफ्ते अलीगढ़ में राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह के ब्यान का है जिसे शुद्ध रूप से राजनीतिक ब्यान माना जा रहा है। कल्याण सिंह ने इसमें कहा था – हम सभी भाजपा के कार्यकर्ता हैं। हम चाहते हैं कि भाजपा बड़ी जीत हासिल करे। देश के लिए जरूरी है कि नरेंद्र मोदी दोबारा प्रधानमंत्री बनें।”
विरोधी दलों ने भी राज्यपाल कल्याण सिंह के इस ब्यान को राजनीतिक बताते हुए इसे चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन बताया था। कल्याण सिंह के बेटे राजवीर सिंह उर्फ राजू भैया एटा से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। कल्याण सिंह २४ जून, १९९१ को यूपी के सीएम बने। बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद उन्होंने इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए ६ दिसंबर, १९९२ को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। साल १९९३ के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अतरौली और कासगंज से विधायक निर्वाचित हुए। कल्याण सिंह २१ सितंबर, १९९७ से १२ नवंबर, १९९९ तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।

राबर्ट वाड्रा को सशर्त अग्रिम जमानत 

दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने धनशोधन के एक मामले में रॉबर्ट वाड्रा की अग्रिम जमानत की याचिका को मंजूर कर सशर्त अग्रिम जमानत दे दी है। कोर्ट ने इस पर फैसला पहली अप्रैल के लिए सुरक्षित रख लिया था। वाड्रा को ५ लाख रुपये के निजी मुचलके और वाड्रा को देश छोड़कर न जाने की शर्त पर जमानत दी गयी है।
वाड्रा के करीबी मनोज अरोड़ा को भी कोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई है। कोर्ट ने वाड्रा से कहा कि आपको जांच में सहयोग करना है, सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करनी है और गवाहों को प्रभावित नहीं करना है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रॉबर्ट वाड्रा को अग्रिम जमानत का विरोध किया था हालांकि कोर्ट ने सोमवार को उन्हें अग्रिम जमानत दे दी।
इस तरह धनशोधन के  आरोप में प्रवर्तन निदेशालय की पूछताछ का सामना कर रहे रॉबर्ट वाड्रा को सीबीआई की विशेष अदालत से राहत मिल गई है। वाड्रा और उनके करीबी सहयोगी मनोज अरोड़ा की कोर्ट ने अग्रिम जमानत अर्जी स्वीकार कर ली है। दोनों ही अभी अंतरिम जमानत पर हैं।
धन शोधन और विदेशों में शेल कंपनियों के जरिए संपत्ति खरीदने का आरोप वाड्रा पर है। अग्रिम जमानत मिलने के साथ ही उनके विदेश जाने पर पावंदी रहेगी। वाड्रा से अब तक प्रवर्तन निदेशालय कई बार लंबी पूछताछ कर चुका है। प्रियंका गांधी के कांग्रेस का महासचिव बनने के बाद वाड्रा पर ईडी  कुछ ज्यादा टेढ़ी दिख रही है लिहाजा कांग्रेस आरोप लगा रही है कि मोदी सरकार राजनीतिक प्रतिशोध के कारण ऐसा कर रही है और एजेंसियों का दुरूपयोग कर रही है।

हम गरीबी पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ करेंगे : राहुल गांधी 

न्याय योजना, महिलाओं को ३३ फीसदी आरक्षण और २०२० तक २५ लाख खाली पड़े सरकारी पद भरने जैसी ”मास्टर स्ट्रोक” घोषणाओं के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल  गांधी ने सोमवार को एक चुनाव रैली में कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने गरीबों पर हमला किया है और हम सरकार में आने पर गरीबी पर ”सर्जिकल स्ट्राइक” करेंगे।
तेलंगाना के जहीराबाद में राहुल ने कहा कि किसान दिन-रात मेहनत करते हैं, लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिलता। ”हम उन किसानों को भी हर साल ७२ हजार रुपए रुपये देंगे, जिनकी आमदनी मासिक १२ हजार रुपये से कम है। ”पीएम मोदी ने गरीबों पर हमला किया है और हम गरीबी पर सर्जिकल स्ट्राइक करेंगे।”
राहुल ने कहा कि अगर यूपीए सत्ता में आता है तो वह जीडीपी का छह फीसदी शिक्षा पर खर्च करेगा। उन्होंने कहा – ”अगर आप टीआरएस को वोट देते हैं तो इसका मतलब है कि आप भाजपा और आरएसएस को वोट दे रहे हो। टीआरएस और भाजपा के बीच साझेदारी है, रिमोट कंट्रोल नरेंद्र मोदी के हाथों में है। भाजपा के खिलाफ केवल कांग्रेस लड़ रही है, टीआरएस नहीं, ये बात पूरा देश जानता है।”
कांग्रेस अध्यक्ष ने कि यदि यूपीए की सरकार बनी तो जो युवा नया बिजनेस चालू करना चाहता है उसे बैंक से लोन दिलाएगे। उन्होंने कहा कि उन लोगों को पैसा दिलाएंगे जो युवाओं को नौकरी देगा, उनको नहीं जो पैसा लेकर भाग जाते हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि हमने घोषणा पत्र में कह दिया है कि अगर कोई युवा बिजनेस खोलना चाहता है तो उसे रिश्वत देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। युवा को बिजनेस खोलने के लिए सभी तरह की छूट दी जाएगी और तीन साल बाद उसे हर लाइसेंस लेना होगा।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा – ”हमारी सरकार आने पर जीडीपी का छह प्रतिशत पैसा हम शिक्षा में लगाएंगे। नए कॉलेज-यूनिवर्सिटी बनाएंगे। स्कॉलरशिप देंगे। नए अस्पताल देंगे। नफरत मिटाकर देश को जोड़ने का काम करेंगे। गरीबी मिटानी है, गरीब को नहीं। नरेंद्र मोदी गरीब को मिटाते हैं।”

कांग्रेस सरकार २०२० तक २२ लाख सरकारी खाली पद भरेगी : राहुल

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने न्याय योजना और महिलाओं को ३३ फीसदी आरक्षण जैसे बड़े वादों के बाद सोमवार को एक बहुत बड़ा ऐलान किया है। राहुल ने कहा कि उनकी सरकार सत्ता में आने के बाद ३१ मार्च, २०२० तक खाली २२ लाख सरकारी पदों पर भर्तियां कर देगी। इस चुनाव में बेरोजगारी के एक बड़े मुद्दे के रूप में उभरने के बाद राहुल का यह वादा चुनाव की दिशा बदल सकता है।
राहुल गांधी ने यह वादा ट्वीट करके किया है। ट्विटर पर लिखा, ”आज सरकार में २२ लाख नौकरियां खाली हैं। हम ३१ मार्च, २०२० तक इन रिक्तियों को भरेंगे।”
गौरतलब है कि कांग्रेस का घोषणापत्र मंगलवार को जारी होने की सम्भावना है।  इसमें कांग्रेस न्याय योजना (७२,००० रूपये सालाना  सुनिश्चित करना) के बाद शहरी रोजगार गारंटी योजना का एलान कर सकती है। इस योजना के तहत कम से कम सौ दिन का रोजगार मिलेगा। चार से १० हजार रुपये महीना तक की आय की गारंटी होगी, कांग्रेस किसानों का दो लाख तक का कर्ज माफी का वादा भी कर सकती है। राहुल का सरकारी पद भरने को लेकर ट्वीट –
@RahulGandhi
Today, there are 22 Lakh job vacancies in Government.
We will have these vacancies filled by 31st March, 2020.
Devolution of funds from the Center to each State Govt for healthcare, education etc. will be linked to these vacant positions being filled.
राहुल इससे पहले कांग्रेस सरकार बनने पर गरीबों के अकाउंट में ७२ हजार रुपये सालाना डालने का वादा कर चुके हैं। राहुल ने कहा है कि वे मोदी नहीं हैं। ”मैं झूठ नहीं बोलता हूं। वह आपको 15 लाख रुपये देंगे, यह एक झूठ था। उनकी सरकार आपके बैंक अकाउंट में १५ लाख रुपये नहीं दे सकती लेकिन हमारी सरकार आई तो देश के सबसे गरीब लोगों को हर साल ७२ हजार रुपये दिए जा सकेंगे।” इसके अलावा राहुल सत्ता में आने पर महिलाओं को ३३ फीसदी देने का आरक्षण देने का भी वादा कर चुके हैं।

एनसीपी में चल रहा ‘पारिवारिक युद्ध’ : मोदी 

महाराष्ट्र के वर्धा में सोमवार को एक चुनाव रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने एनसीपी के नेता शरद पवार पर जमकर हमला बोला। मोदी ने यहाँ तक कहा कि ”पवार अब खुद भतीजे के हाथों हिट-विकेट हो चुके हैं।”
मोदी ने कहा कि पवार की दूसरी समस्या भी है। ”एनसीपी में इस समय बहुत बड़ा पारिवारिक युद्ध चल रहा है।  पार्टी उनके हाथ से निकलती जा रही है और स्थिति ये है कि पवार साहब के भतीजे धीरे-धीरे पार्टी पर कब्जा करते जा रहे हैं। इसी वजह से एनसीपी में टिकट बंटवारे में भी दिक्कत आ रही है।”
पीएम ने कहा कि कि एक समय था जब शरद पवार सोचते थे कि वो भी प्रधानमंत्री बन सकते हैं। उन्होंने ऐलान भी किया था कि वो ये चुनाव लड़ेंगे लेकिन अचानक एक दिन बोले कि नहीं, मैं तो यहां राज्यसभा में ही खुश हूं, मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा। शरद पवारजी भी जानते हैं कि हवा का रुख किस तरफ है।
पीएम ने कहा कि शरद पवार साहब देश के सबसे वरिष्ठ औऱ अनुभवी नेताओं में से एक रहे हैं। वो कोई भी काम बिना सोचे-विचारे नहीं करते। मोदी ने पवार पर ”वंशवाद की राजनीति” करने का भी आरोप लगाया। कहा – ”शरद पवार द्वारा वंशवाद की राजनीति को बढ़ावा दिए जाने की वजह से ज्यादातर एनसीपी नेताओं को रिटायर्ड हर्ट हो जाने का ही रास्ता ज्यादा आसान लग रहा है। आज पवार साहब को लोगों ने ही बोल्ड कर दिया है।”
मोदी ने शरद पवार पर निशाना साधते हुए कहा – ”उनके झूठ, उनके झूठे वादों की पोल खुल चुकी है और वो खुद भतीजे के हाथों हिट-विकेट हो चुके हैं। खुद एक किसान होने के बावजूद शरद पवार किसानों को भूल गए, उनकी चिंताओं को भूल गए। उनके कार्यकाल में कितने ही किसानों को खुदकुशी के लिए मजबूर होना पड़ा, लेकिन पवार साहब ने कोई परवाह नहीं की।”
पीएम ने कहा कि शरद पवार का ध्यान किसानों की स्थिति पर था ही नहीं। ”मत भूलिए, जब महाराष्ट्र का किसान अजित पवार से बांधों में पानी के बारे में सवाल करने गया था तो उन्हें क्या जवाब मिला था। मत भूलिए, जब मावल के किसान अपने अधिकार के लिए लड़ रहे थे, तो पवार परिवार ने उन पर गोली चलाने का आदेश दे दिया था।”
मोदी ने कहा कि महाराष्ट्र में कांग्रेस औऱ एनसीपी गठबंधन कुंभकरण की तरह है।  ”जब वो सत्ता में होते हैं तो ६-६ महीने के लिए सोते हैं। छह महीने में कोई एक उठता है और जनता का पैसा खाकर फिर सोने चला जाता है।”

केंद्रीय मंत्री के खिलाफ एफआईआर 

मोदी सरकार में मंत्री और बिहार में भाजपा के वरिष्ठ नेता अश्विनी चौबे पर चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज कर लिया गया है। यह मामला उनकी कारों का बड़ा काफिला रोकने के वक्त एसडीएम से बदतमीजी करने के कारण दर्ज़ हुआ है साथ ही उनके खिलाफ सरकारी अधिकारी को सरकारी काम में दखल देने पर एफआईआर भी दर्ज़ हुई है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। अश्विनी चौबे के अलावा  भाजपा नेता रणधीर सिंह समेत कुल १५० लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ है। बता दें कि अश्विनी चौबे रविवार उनका काफिला रोके जाने पर एसडीएम पर भड़क गए थे और उनसे बदतमीजी की थी।
मुलायम का नामांकन
इस बीच समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने सोमवार को नामांकन दाखिल किया। वे सपा के उम्मीदवार हैं।
सोमवार को रथ पर बैठकर मैनपुरी लोकसभा सीट से नामांकन भरने पहुंचे। यहाँ दिलचस्प बात यह है कि उनके नाम का प्रस्ताव करने वाले चार प्रस्तावकों में बसपा का एक जिलाध्यक्ष भी शामिल है।

संबित पात्रा ‘हिटविकेट’

टीवी चैनलों में भाजपा प्रवक्ता के नाते विरोधियों की विकेट उड़ाने वाले संबित पात्रा इस बार खुद ”हिटविकेट” हो गए। हुए भी ऐसे कि अपने नेता पीएम मोदी के दावे की ही धज्जियां उड़ा गए। पात्रा ने सोशल मीडिया पर वीडियो तो अपनी वाहवाही के लिए डाला था लेकिन इस वीडियो ने पीएम की ”उज्ज्वला योजना” के दावे की ही पोल खोल दी।
माजरा यह है कि ओडिशा के पुरी से भाजपा के प्रत्याशी और राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक गरीब महिला के घर भोजन करने का वीडियो सोशल मीडिया पर डाला। मकसद तो वाहवाही लूटने का था लेकिन दांव उलटा पड़ गया। वीडियो में साफ़ दिख रहा है कि जिस महिला के घर के परिसर में पत्तल पर वे खाना खा और अन्य को खिला रहे हैं, उसमें महिला माटी से बने कच्चा चुल्लाह में खाना पका रही है।
जाहिर है जिस वीडियो के जरिए पात्रा अपने चुनावी अभियान की झलक लोगों को बता रहे हैं, उससे खुद मोदी सरकार की सबसे बड़ी योजना की पोल खुलती दिख रही है। पात्रा का यह वीडियो किसी और नहीं खुद पीएम मोदी की महत्वाकांक्षी ”उज्ज्वला योजना” की सफलता पर सवाल खड़ा कर रहा है।
पुरी से पात्रा को मैदान में उतारा है भाजपा ने। पुरी में जीत सुनिश्चित करने के लिए संबित पात्रा कभी भगवान जगन्नाथ की मूर्ति हाथ में रखकर नामांकन दाखिल करते हैं तो कभी गरीबों के घर जाकर उनके यहां भोजन ग्रहण कर खुद को गरीबों का हितैषी बताते हैं। हालांकि पात्रा के वीडियो से उज्ज्वला योजना पर ही सवाल उठ गए हैं। विरोधी अब सवाल पूछ रहे है – ”पात्रा जी,  आखिर इन गरीबों का गैस सिलेंडर कहां है, क्या सरकार ने इन्हें दिया या फिर कुछ और ही है इस योजना की जमीनी हकीकत?”
पात्रा ने इस फोटो के साथ ट्वीट किया – ”पुरी के एक गांव में रहने वाली विधवा मां, उसकी तीन बेटियां, जिनमें दो दिव्यांग हैं और बेटा मजदूरी करता है का घर बनाने का काम नरेंद्र मोदी ने किया है”। पात्रा ट्वीट से यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि इस गरीब महिला का घर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बना है लेकिन इस दौरान वह यह भूल कर गए कि उस घर की महिला चूल्हे पर खाना पका रही है न कि ”उज्ज्वला योजना” के गैस सिलेंडर पर। दिलचस्प यह भी कि अभी मोदी सरकार में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ओडिशा से ही राज्यसभा सदस्य हैं। पात्रा के इस ट्वीट पर उन्हें लोगों ने जमकर ट्रोल किया।

नोटबंदी के बाद संदिग्ध लेनदेन के मामलों में हो गयी १४ गुना बढ़ौतरी  

नोटबंदी को लेकर विपक्ष, खासकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पहले ही एक बड़े मुद्दे के रूप में उठाते रहे हैं। अब वित्तीय सूचना इकाई (एफआईयू) की रिपोर्ट में यह यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि नोटबंदी के बाद संदिग्ध लेनदेन की संख्या में अब तक की सबसे बड़ी वृद्धि दर्ज की गयी है।
मीडिया रिपोर्ट्स में एक रिपोर्ट के हवाले से बताया गया है कि २०१६ में ५०० और १००० रूपये के नोट बंद करने की पीएम मोदी की घोषणा के बाद संदिग्ध लेनदेन की संख्या अब टेक के सर्वाधिक १४ लाख के आंकड़े तक पहुंच गयी है। बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों की तरफ से बतायी गयी यह संख्या पहले के मुकाबले १४०० फीसदी ज्यादा है अर्थात इसमें करीब १४ गुना की वृद्धि हुई है।
एफआईयू, जो देश में वित्तीय लेनदेन पर नजर रखने वाली इस खुफिया वित्तीय इकाई है, ने २०१७-१८ के दौरान इस तरह के लेनदेन और जमा राशि से संबंधित व्यापक आंकड़ों के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है। एफआईयू केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले एजेंसी है। एक दशक पहले एफआईयू के शुरू होने से लेकर अब तक संदिग्ध लेनदेन रिपोर्ट के यह अब तक के सबसे ऊंचे आंकड़े हैं।
गौरतलब है कि एफआईयू मनी लांड्रिंग (धनशोधन), आतंकवाद वित्तपोषण और गंभीर प्रकृति की कर धोखाधड़ी से जुड़े लेनदेन पर गहन नजर रखती है और साथ ही  उनका आकलन भी करती है।
वर्ष २०१७-१८ के दौरान बैंक और वित्तीय संस्थानों सहित विभिन्न रिपोर्टिंग इकाइयों ने नोटबंदी के दौरान हुये लेनदेन की जांच के फलस्वरूप १४ लाख से अधिक संदिग्ध लेनदेन की रिपोर्ट एफआईयू-इंड के पास पहुंचायी। एजेंसी के निदेशक पंकज कुमार मिश्रा ने इस रिपोर्ट में कहा है – ”एक साल पहले के मुकाबले प्राप्त संदिग्ध लेनदेन रिपोर्ट (एसटीआर) के मुकाबले इस रिपोर्ट में तीन गुणा अधिक वृद्धि हुई।
 नोटबंदी से पहले प्राप्त एसटीआर के मुकाबले इसमें १४ गुणा तक वृद्धि दर्ज की गयी।” सरकार को सौंपी गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि २०१७-१८ में प्राप्त एसटीआर रिपोर्ट की संख्या एक साल पहले के मुकाबले तीन गुणा से अधिक बढ़कर ४.७३ लाख तक पहुंच गयी।
याद रहे पीएम मोदी ने ८ नवंबर, २०१६ को देशव्यापी ऐलान में कहा था कि आज रात १२  बजे से ५०० और १००० को लीगल टेंडर नहीं रहेंगे। मोदी की घोषणा के बाद बैंकों और अंतर बैंकिंग लेनदेन में काफी मात्रा में नकदी जमा की गयी।
गौरतलब है कि मनी लांड्रिग रोधी कानून (पीएमएलए) के तहत एफआईयू ही एकमात्र एजेंसी है जो इस तरह की रिपोर्ट प्राप्त कर सकती है। बैंकों और वित्तीय संस्थानों को बड़ी राशि के लेनदेन, नकदी मुद्रा को जमा करने और एसटीआर के बारे में रिपोर्ट करना होता है। रिपोर्ट के मुताबिक नोटबंदी से पहले के तीन साल में इस तरह की एसटीआर की संख्या २०१३-१४ में ६१९५३, वर्ष २०१४-१५ में ५८,६४६ और २०१५-१६ में १,०५,९७३ रही थी। पीएम मोदी की घोषणा के बाद संदिग्ध लेनदेन की संख्या अब तक के सर्वाधिक १४ लाख के आंकड़े तक पहुंच गयी है। नोटबंदी के बाद संदिग्ध लेनदेन की संख्या में अब तक की सबसे बड़ी वृद्धि दर्ज होने के बाद इस फैसले को लेकर फिर बड़े सवाल खड़े हो गए हैं।

इसरो की उड़ान, एकसाथ २८ उपग्रह छोड़े 

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) ने सोमवार को इलेक्ट्रॉनिक इंटेलीजेंस उपग्रह (ईएमआईएसएटी) के साथ २८ और उपग्रहों को एक साथ लांच कर इतिहास रच दिया। इसरो ने सोमवार सुबह करीब ९.३० बजे पीएसएलवी सी४५ (पीएसएलवी सी ४५) रॉकेट के जरिए इन उपग्रहों को लांच किया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक इस मिशन को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से सफलतापूर्वक पूरा किया गया। ईएमआईएसएटी के साथ जिन २८ उपग्रहों को लांच किया गया उनमें २४ अमेरिकी उपग्रह हैं। ये सभी विदेशी उपग्रह हैं। इनमें लिथुआनिया, स्पेन और स्विट्जरलैंड के एक-एक सैटेलाइट भी शामिल हैं।
इसरो का यह पहला मिशन है, जिसमें उपग्रहों को अंतरिक्ष की तीन अलग-अलग कक्षाओं में स्थापित करने के लिए लांच किया गया है। इस मिशन की सबसे बड़ी खासियत ७४९ किलो का ईएमआईएसएटी उपग्रह है।
रिपोर्ट्स में बताया गया है कि यह डीआरडीओ को डिफेंस रिसर्च में मदद करेगा। सबसे पहले ईएमआईएसएटी को उसकी कक्षा में स्थापित किया जाएगा। इसके बाद ५०४ किलोमीटर की कक्षा पर अन्य २८ उपग्रह स्थापित होंगे। इस पूरे मिशन में तीन  घंटे का वक्त लगेगा। इसरो की इस सफलता के लिए तमाम नेताओं ने उसे बधाई दी है।

दिल्ली में जैश आतंकी पकड़ा 

दिल्ली पुलिस ने सोमवार को जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के एक आतंकी को श्रीनगर  में गिरफ्तार किया है। इस आतंकी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी था और उसके सिर पर इनाम भी रखा गया था।
इस आतंकी को दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया है। ख़बरों के मुताबिक इस आतंकी के सिर पर दो लाख रुपए का इनाम था। पकडे गए आतंकी का नाम फैयाज अहमद लोन नाम बताया गया है जो कश्मीर का रहने वाला है।
”मोस्ट वांटेड” इस आतंकी के खिलाफ जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गैर जमानती वारंट जारी किया था और वह पिछले करीब चार साल से पुलिस को धोखा देकर भागता फिर रहा था।
जानकारी के मुताबिक फैयाज की गिरफ्तारी में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने भी काफी मदद की। पकड़े जाने के बाद दिल्ली और जम्मू-कश्मीर पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। सुरक्षा एजेंसियों को इस आतंकी की गिरफ्तारी से पुलवामा हमले और दो दिन पहले जम्मू-कश्मीर मार्ग पर बनिहाल हमले के बारे में अहम सुराग मिल सकते हैं।