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डीडी ने दिखाया मोदी का लाइव चौकीदार कार्यक्रम, चुनाव आयोग सख्त नाराज 

चुनाव आयोग ने रुख सख्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ”मैं भी चौकीदार” कार्यक्रम का लाइव प्रसारण करने पर दूरदर्शन को नोटिस जारी कर दिया है। यह कार्यक्रम ३१ मार्च को प्रसारित हुआ था और इसे दूरदर्शन ने करीब डेढ़ घंटे तक लाइव दिखाया था।
भारतीय जनता पार्टी के ”मैं भी चौकीदार” अभियान के तहत पीएम मोदी ने उस दिन देश के ५०० स्थानों पर लोगों को सीधे संबोधित किया था। यह कार्यक्रम दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में हुआ था। इसका प्रसारण सरकारी रेडियो, दूरदर्शन और सोशल मीडिया पर हुआ था। इसी पर चुनाव आयोग ने सख्ती जताई है।
उधर चुनाव से ऐन पहले लांच हुए ”नमो टीवी” पर भी चुनाव आयोग काफी नाराज है और इसके लिए उसने सूचना मंत्रालय से जवाब मांगा है। नमो टीवी को लेकर आप और कांग्रेस ने आयोग से शिकायत की है।
मंगलवार को कांग्रेस की तरफ से ”नमो टीवी” के खिलाफ शिकायत की गई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि ”नमो लोगो” के नाम पर चैनल चलाया जा रहा है। दूरदर्शन पर प्रधानमंत्री का भाषण चलाया जा रहा है। इन दोनों मामलों पर चुनाव आयोग को संज्ञान लेना चाहिए।
रिपोर्ट्स के मुताबिक सूचना और प्रसारण मंत्रालय सफाई दे रहा है कि ”नमो टीवी चैनल नहीं, बल्कि सर्विस प्रोवाइडर की तरफ से एक विज्ञापन प्लेटफॉर्म है। नमो टीवी पर आनेवाला खर्च भाजपा के खाते में जुड़ेगा और इसकी जानकारी चुनाव आयोग की सालाना ऑडिट रिपोर्ट में दी जाएगी।”
चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री मोदी के ”नमो टीवी” पर भी आपत्ति जताई है। आयोग की तरफ से इसको लेकर सूचना प्रसारण मंत्रालय को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था, जिसमें पूछा गया था कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले चैनल क्यों लॉन्च किया गया। अपने जवाब में सूचना मंत्रालय ने कहा कि”नमो टीवी” न्यूज़ चैनल नहीं बल्कि एक विज्ञापन पर है, जिसे अपने-अपने स्तर पर जारी किया जा रहा है।

कांग्रेस घोषणा पत्र पर बरसे जेटली 

भाजपा ने मंगलवार को जारी किये गए कांग्रेस के चुनाव घोषणा पत्र में किये गए वादों को ‘खतरनाक” बताया है। पार्टी नेता और मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस के घोषणा पत्र को लेकर कहा कि कांग्रेस के मेनिफेस्टो में जो आइडिया है वह ”खतरनाक” है।
एक प्रेस कांफ्रेंस करके जेटली ने कहा – ”राहुल गांधी के दोस्तों ने जो मेनिफेस्टो बनाया है वह जम्मू-कश्मीर और राष्ट्र की सुरक्षा को लेकर सही नहीं है। गांधी ने कहा कि वह जो वादे करते हैं उसे लागू करते हैं। इस मेनिफेस्टो में ऐसे एजेंडे हैं जो देश को तोड़ने का काम करते हैं। राष्ट्र की एकता के खिलाफ जाते हैं। कांग्रेस और नेहरू गांधी परिवार ने जम्मू-कश्मीर को लेकर जो निर्णय किया था वह ऐतिहासिक भूल थी।  उसके लिए देश उन्हें कभी माफ नहीं कर सकता है। उस एजेंडे को और खतरनाक तरीके से आगे बढ़ाने की तैयारी है।”
जेटली ने कहा कि मेनिफेस्टो के ३५वें पन्ने में कहा गया है रूल-रेगुलेशन और कानून का रिव्यू होगा। ”राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर इस मेनिफेस्टो में कहा गया है कि यह स्पष्ट है कि जितना हमनें आतंक के खिलाफ झेला है किसी देश ने नहीं झेला होगा।  आतंक के खिलाफ लड़ाई २६/११ के बाद शुरू नहीं हुई थी। हम आतंकवादी की समस्या को काफी हद तक काबू कर चुके हैं। हमने जम्मू-कश्मीर का एक बड़ा हिस्सा खोया और उसके बाद जिस प्रावधान को पंडित नेहरू ने इंदिरा जी ने, मनमोहन सिंह ने छूने का प्रयास नहीं किया। वह कहते हैं कि देशद्रोह करना अब अपराध नहीं होगा।  जो पार्टी ऐसी घोषणा करती है वह एक भी वोट की हकदार नहीं है।”

सर्वोच्च न्यायालय से मिली कर्ज़दार कंपनियों को राहत 

सर्वोच्च न्यायालय ने कर्ज में डूबी कंपनियों को बड़ी राहत दी है। अदालत ने मंगलवार रिजर्व बैंक (आरबीआई) के २००० करोड़ से ज्यादा के कर्ज में डूबी कंपनियों को १८० दिन में कर्ज समाधान करने वाले सर्कुलर को गैर कानूनी बताते हुए उसे खारिज कर दिया है।
गौरतलब है कि सर्कुलर में कहा गया था कि जो कंपनियां इस समय सीमा तक कर्ज का समाधान नहीं कर पाएंगी, उन्हें इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (आईबीसी) के तहत लाया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह सर्कुलर जारी कर आरबीआई ने अपने कानूनी अधिकारों से आगे जाकर काम किया है। एस्सार पावर, जीएमआर एनर्जी, केएसके एनर्जी, रत्तन इंडिया पावर और एसोसिएशन ऑफ पावर प्रोड्यूसर्स ने आरबीआई के सर्कुलर को कोर्ट में चुनौती दी थी।
अपने इस सर्कुलर में आरबीआई ने कहा था कि एक दिन का भी डिफॉल्ट करने पर कंपनी के कर्ज को एनपीए में डाल दिया जाएगा। बैंक को १८० दिन की डेडलाइन खत्म होने के १५ दिन के भीतर आईबीसी कोड के तहत कंपनी के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने की अर्जी देनी होती है। इस सर्कुलर से आरबीआई का लोन रिजॉल्यूशन मैकेनिज्म भी वापस ले लिया गया था। अब इंफ्रास्ट्रक्चर, पावर, आयरन, स्टील और टेक्सटाइल सेक्टर को राहत मिलेगी। सबसे ज्यादा एनपीए इन्हीं सेक्टर में हैं।

आचार संहिता के उल्लंघन पर आयोग सख्त 

चुनाव आयोग ने मंगलवार को सख्ती दिखाते विमानन मंत्रालय को उसके दूसरे  नोटिस का भी जवाब न आने पर फटकार लगाई है। आयोग ने उससे जवाब माँगा है कि मदुरै एयरपोर्ट पर बोर्डिंग पास पर पीएम नरेंद्र मोदी की तस्वीर क्यों इस्तेमाल की गई। इससे पहले ट्रेन में चाय कप पर ”मैं भी चौकीदार” का भाजपा का नारा लिखने पर आयोग रेलवे मंत्रालय को नोटिस भेज चुका है।
आचार संहिता के दौरान पीएम मोदी की तस्वीर को लेकर चुनाव आयोग के पास काफी शिकायतें पहुँची हैं। इसके आधार पर चुनाव आयोग ने विमानन मंत्रालय को कुछ रोज पहले दूसरा नोटिस भेजते हुए जवाब मांगा था। मदुरै एयरपोर्ट पर बोर्डिंग पास पर पीएम नरेंद्र मोदी की तस्वीर क्यों इस्तेमाल की गई  शिकायत आयोग से की गयी थी। आयोग ने मंत्रालय से इस संबंध में शनिवार को ही जवाब दाखिल करने के लिए कहा था।
गौरतलब है कि एयर इंडिया के बोर्डिंग पास पर वाइब्रेंट गुजरात २०१९ का प्रचार किया गया था, और इसके साथ पीएम मोदी और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी की फोटो भी लगी थी। चुनाव तारीखों की घोषणा के बाद जब इस मसले पर विवाद हुआ तो २५ मार्च को एयर इंडिया ने बोर्डिंग पास से ये तस्वीरें हटाने का निर्देश दिया। हालांकि, बावजूद इसके शुक्रवार को मदुरै एयरपोर्ट पर एयर इंडिया के बोर्डिंग पास पर मोदी-रुपाणी वाली वाइब्रेंट गुजरात की तस्वीर होने की शिकायत सामने आई, जिसके बाद चुनाव आयोग ने विमानन मंत्रालय को नोटिस भेजकर जवाब मांगा।
उधर शताब्दी ट्रेन में ”मैं भी चौकीदार” चुनावी अभियान वाले चाय कप को लेकर भी चुनाव आयोग ने नोटिस जारी किया है। काठगोदाम शताब्दी एक्सप्रेस में यात्रियों को ”मैं भी चौकीदार” वाले कप में चाय दी गई, जिसकी शिकायत एक शख्स ने की। इसके बाद रेलवे ने कप को वापस ले लिया। अब चुनाव आयोग ने रेलवे मंत्रालय से वायरल तस्वीर के बारे में आज जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। रेलवे ने शुक्रवार को सफाई दी थी कि अनुमति लिए बिना ही कपों पर इसकी छपाई की गई थी।

भाजपा महिला मोर्चा की पूर्व अध्यक्ष कांग्रेस में शामिल

भाजपा को मंगलवार को एक बड़ा झटका लगा जब पार्टी महिला मोर्चा की पूर्व अध्यक्ष मंजू तिवारी कांग्रेस में शामिल हो गईं। कांग्रेस में शामिल होने पर मंजू ने आरोप लगाया कि भाजपा अब बहुत बदल गयी है और कार्यकर्ताओं नहीं, अंबानी-अडाणी की पार्टी बन गयी है।
उत्तराखंड की बड़ी भाजपा नेता मंजू तिवारी अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस में शामिल हो गईं। पूर्व सीएम और नैनीताल सीट से प्रत्याशी हरीश रावत ने मंजू तिवारी और उनके समर्थकों का स्वागत किया। मंजू तिवारी ने कहा कि बीजेपी अब अंबानी-अडाणी की पार्टी बन गई है। ”भाजपा में अब कार्यकर्ताओं का सम्मान नहीं किया जाता”।
मंजू तिवारी ने कहा कि वह मेजर जनरल (रि) बीसी खंडूड़ी से किए गए भाजपा के बर्ताव से बहुत दुखी थीं। उन्होंने कहा कि भाजपा अब बहुत बदल गई है और इसमें  कार्यकर्ताओं का सम्मान नहीं रह गया है।
पूर्व सीएम हरीश रावत ने मंजू तिवारी का कांग्रेस में स्वागत करते हुए उम्मीद जताई कि उनके आने से कांग्रेस को लाभ मिलेगा। इस मौके पर हरीश रावत ने कहा कि भाजपा से कांग्रेस में शामिल होने वाले लोग पार्टी की सेवा करने के लिए आ रहे हैं और कांग्रेस से भाजपा में जा रहे लोग सत्ता की मलाई खाने की इच्छा लेकर पार्टी छोड़ रहे हैं।
कांग्रेस के उत्तराखंड प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह ने कहा कि भाजपा के पुराने कार्यकर्ताओं को भी समझ आ गया है कि भाजपा धोखा देने वाली पार्टी है। ”वह आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, बीसी खंडूड़ी जैसे वरिष्ठ नेताओं को भी धोखा दे रही है”।

सरकार बनते ही राफेल डील की जांच : कांग्रेस

राफेल डील को लेकर कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में ऐलान किया है कि जिस दिन कांग्रेस की सरकार बनेगी उसी दिन राफेल घोटाले की जांच के आदेश जारी कर दिए जायेंगे। राफेल लड़ाकू विमानों को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जबरदस्त हमला सीधे पीएम मोदी पर करते रहे हैं।
अब कांग्रेस ने राफेल को अपने चुनाव में शामिल कर लिया है और कहा है कि सरकार बनते ही पहले ही दिन राफेल में घोटाले की जांच जारी कर दिए जायेंगे। कांग्रेस लगातार प्रधानमंत्री मोदी और सरकार पर आरोप लगाती रही है और निष्पक्ष जांच की मांग करती रही है।
राफेल डील को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया जा चुका है। अब राफेल को लेकर कांग्रेस ने नया एलान किया है। कांग्रेस का कहना है कि सरकार बनते ही हम राफेल डील की जांच कराएंगे। कांग्रेस पार्टी के घोषणा पत्र कमेटी के सदस्य बालचंद्र मुंगेकर ने कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में आएगी तो पहले ही दिन राफेल डील की जांच शुरू करा दी जाएगी। हमने इसे अपने घोषणा पत्र में भी शामिल किया है।
कांग्रेस के २४ अकबर रोड पर स्थित पार्टी मुख्यालय में घोषणा पत्र के लिए बड़ा आयोजन किया गया जिसमें राहुल  घोषणा पात्र जारी किया। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, पी चिदंबरम, एके एंटनी जैसे तमाम बड़े नेता इस मौके पर मौजूद रहे। कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा चुनाव २०१९ के लिए अपने घोषणा पत्र को ”जन आवाज” का नाम दिया है।
कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कहा कि वह ६ महीने में सारी सरकारी जॉब वैकेंसी भर देंगे और एसआईटी से राफेल डील की जांच कराएंगे। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा – ”हमारा मेनिफेस्टो वेल्थ एंड वेलफेयर का मर्जर है। कांग्रेस पार्टी १४ करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर लाई है। कांग्रेस मेनिफेस्टो को हम निभाएंगे टाइटल दिया गया है। घोषणा पत्र में इंपोर्ट पर जीएसटी नहीं लगने की बात कही गई है।”
घोषणा पात्र की मुख्या बातें – हर साल २० फीसदी गरीबों को न्याय योजना के तहत ७२ हजार रुपये सालाना मिलेंगे, मार्च २०२० तक २२ लाख खाली पड़े पदों को भरा जाएगा, लोकसभा में नया कानून लाकर, हिंसक भीड़ पर रोक लगाएंगे, ३४ लाख सरकारी पद भरे जाएंगे, युवाओं को पक्का रोजगार मिलेगा, मनरेगा में १०० दिन से बढ़ाकर १५० दिन रोजगार गारंटी दी जाएगी, तीन साल तक नए स्टार्टअप्स को लाइसेंस की जरुरत नहीं, ग्राम पंचायत में १० लाख नौकरियां दी जाएंगी, जीडीपी का ६ फीसदी शिक्षा के लिए खर्च होगा, सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल को वापस लेंगे,
किसान कर्ज न चुका पाएं तो आपराधिक मामला नहीं दर्ज किया जाएगा, किसानों के लिए अलग बजट पेश किया जाएगा, घोषणा पत्र में सरकारी अस्पताल को मजबूत करने की बात शामिल हैं।

गरीबी पर वार – ७२,०००

कांग्रेस ने मंगलवार को आने वाले लोक सभा चुनाव के लिए अपना घोषणा पात्र जारी कर दिया। इसे अध्यक्ष राहुल गांधी ने जारी किया। इसमें राहुल गांधी का मास्टर स्ट्रोक मानी जा रही ”न्याय योजना” पर प्रमुख जोर देते हुए रोजगार और किसानों पर सबसे ज्यादा जोर दिया है। किसानों के लिए आज़ाद भारत के इतिहास में पहली बार ”अलग से बजट” कांग्रेस सरकार लाएगी। साथ ही देश भर में सरकारी महकमों में खाली पड़े २२ लाख पद (नौकरियां) कांग्रेस सरकार २०२० तक भर देगी।
राहुल गांधी ने कहा – ”हमारे मैनिफेस्टो में पांच थीम हैं। सबसे पहली थीम ”न्याय” का है। गरीबी पर वार, ७२,०००। इसके अलावा रोजगार और किसान अन्य दो बड़े मुद्दे हैं। कांग्रेस की सरकार आने पर २२ लाख सरकारी खाली पद २०२० दिए जायेंगे। इससे
१० लाख युवाओं को ग्राम पंचायतों में रोजगार दे सकती है। बिजनस के लिए तीन साल तक किसी परमिशन की ज़रुरत नहीं होगी। मनरेगा के अब १५० दिन गारंटी करंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा – ”किसानों के लिए अलग बजट होगा। यह ऐतिहासिक स्टेप होगा। किसान कर्जा नहीं दे पाए तो यह अब क्रिमिनल आफेंस नहीं होगा। शिक्षा में जीडीपी के ६ फीसद पैसे को शिक्षा पर खर्च करेंगे। स्वास्थ्य में सरकारी अस्पतालों को मजबूत करेंगे। गरीब से गरीब को हाई क्वालिटी इलाज देंगे।
इससे पहले कांग्रेस घोषणापत्र कमिटी के सदस्य राजीव गौड़ा ने कहा कि घोषणापत्र में जनता की आवाज है। कई कमिटियां बनाई गईं। जनता से ऑनलाइन राय भी मांगी गई। कांग्रेस का घोषणापत्र जारी होने से पहले पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने  आज के दिन को ऐतिहासिक दिन बताया। कहा – ”आज कांग्रेस इतिहास के लिए बड़ा दिन है। हम भविष्य का डॉक्यूमेंट जारी करने वाले हैं। देश के अलग-अलग तबके के लोगों से संपर्क कर यह घोषणापत्र बना है।”
मनमोहन सिंह ने कहा कि दलित, पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक सभी का इस घोषणापत्र में ख्याल रखा गया है। कांग्रेस कार्यकर्ता इस घोषणापत्र के बारे में लोगों को बताएं। बीजेपी राज में किसानों, विदेशी संबंधों, आर्थिक मोर्चे पर असफलता के बारे में लोगों को बताने की जरूरत है।
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा – ”अगर कांग्रेस की सरकार बनी तो हम लोगों के कल्याण के लिए काम करेंगे। राहुल गांधी के नेतृत्व में अगर कांग्रेस सरकार बनी तो हम ऐसा कर सकते हैं।” लोगों के असली मुद्दे हैं बेरोजगारी, ४.७० करोड़ जॉब लॉस हुआ है। दो करोड़ नौकरियां नहीं मिली। किसानों का लोन बढ़ा है। करीब १.४ लाख रुपये हर किसान पर लोन है।
चिदंबरम ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने २०१९ का मुद्दा सेट कर दिया है। भाजपा हमारी विपक्षी है। बीजेपी ने पांच साल पहले के मुद्दे को उठाना शुरू कर दिया है। ”किसान, युवा, महिला, दलित, अल्पसंख्यक, उद्योग, शिक्षा, स्वास्थ्य पर बात कही गई है। लाखों लोगों की आवाज है कांग्रेस का घोषणापत्र। घोषणापत्र में जो भी पैराग्राफ है वो देश की जनता द्वारा लिखी गई है। हम सभी आवाजों को इस घोषणापत्र में शामिल नहीं कर पाए हैं।”

सर्वोच्च अदालत से हार्दिक को तत्काल राहत नहीं 

गुजरात के पाटीदार और कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल को मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय से राहत नहीं  मिली है। सर्वोच्च अदालत ने हार्दिक की याचिका पर जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया है।
हार्दिक ने मेहसाणा दंगा मामले में सोमवार को सर्वोच्च अदालत का दरवाजा खटखटाते हुए गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील दायर की है। गुजरात की निचली अदालत ने हार्दिक को २०१५ के मेहसाणा दंगे में दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई थी। बाद में इसे हाईकोर्ट ने भी बरकरार रखा जिससे वे चुनाव लड़ने के  अयोग्य हो गये। अब उन्होंने राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है।
याद रहे जन प्रतिनिधित्व कानून और शीर्ष अदालत की व्यवस्था के तहत दो साल या इससे अधिक जेल की सजा काट रहा व्यक्ति दोषमुक्त होने या उस फैसले पर रोक लगने तक चुनाव नहीं लड़ सकता। पिछले साल जुलाई में मेहसाणा जिले के विसनगर में सत्र अदालत ने पटेल को दो साल जेल की सजा सुनायी थी।
बाद में हार्दिक ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी कि उन्हें चुनाव लड़ने के लिए सजा से राहत दी जाये, लेकिन न्यायालय ने उनकी सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।

योगी की नजर में भारतीय सेना ”मोदी की सेना”

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद के बिसाहड़ा गांव में सोमवार को एक रैली में  भारतीय सेना (सुरक्षा बलों) को ”मोदी की सेना” कहकर बड़ी आफत मोल ले ली है। कांग्रेस पर सेना के कथित अपमान का आरोप लगाने वाली भाजपा  के एक मुख्यमंत्री की तरफ से इतना विवादित ब्यान देने के बाद चुनाव आयोग ने भी इसका संज्ञान लिया है। आयोग ने योगी आदित्यनाथ के भाषण की कॉपी मंगवाई है।
चुनाव आयोग ने भारतीय सेना को ”मोदीजी की सेना” बताने वाले यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान पर सोमवार को संज्ञान लिया है। आयोग ने यूपी के निर्वाचन कार्यालय से इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है। आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि गाजियाबाद में दिए गए योगी आदित्यनाथ के इस बयान से संबंधित मीडिया रिपोर्टों पर आयोग ने संज्ञान लेते हुए यह कार्रवाई की है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक आयोग ने गाजियाबाद के जिलाधिकारी को इस मामले में रिपोर्ट देने को कहा है। गाजियाबाद के जिलाधिकारी इस मामले से जुड़े तथ्यों का विस्तृत ब्योरा राज्य निर्वाचन कार्यालय को मुहैया कराएंगे। निर्वाचन कार्यालय इसके आधार पर तैयार की गई रिपोर्ट आयोग को सौंपेगा। उल्लेखनीय है कि योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद से सांसद और केन्द्रीय मंत्री वीके सिंह के पक्ष में रविवार को चुनावी सभा के दौरान यह टिप्पणी की।
योगी के बयान के बाद कांग्रेस ने उनपर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भारतीय सेना को ”मोदी की सेना” बताया जवानों के पराक्रम और शहीदों का अपमान है। ऐसे करके उन्होंने चुनाव आयोग के नियमों का उल्लंघन किया है। भाकपा के राज्यसभा सदस्य डी राजा ने योगी के बयान पर कहा कि भारतीय सेना को ‘मोदी की सेना’ बताए जाने वाले बयान पर आयोग को तत्काल संज्ञान लेना चाहिए। ”योगी का बयान बेहद आपत्तिजनक है। यह मतदाताओं को प्रभावित करने का तरीका है जिसमें मतदाताओं को मनोवैज्ञानिक तौर पर परोक्ष रूप से भयभीत करने भी कोशिश की गई है।”
गौरतलब है कि केन्द्रीय मंत्री वीके सिंह के पक्ष में रविवार को बिसाहड़ा गांव में चुनावी सभा के दौरान योगी ने यह टिप्पणी की थी। इसमें योगी ने कहा थी – ”‘कांग्रेस के लोग आतंकवादियों को बिरयानी खिलाते थे और मोदीजी की सेना आतंकवादियों को गोली और गोला देती है।” यही नहीं इस रैली में अखलाक हत्याकांड के आरोपी आगे की पंक्ति में बैठे थे और भाजपा के पक्ष में नारेबाजी कर रहे थे। इसपर भी कई विपक्षी दलों ने आपत्ति जताई है।

पढ़ना चाहती थी, हत्या कर दी 

बिहार के मुजफ्फरपुर में सात लोगों ने एक नाबालिग छात्रा की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी क्योंकि वह स्कूल न जाने की उनकी बात नहीं मान रही थी। आरोपी चाहते थे कि वह स्कूल जाना बंद कर दे लेकिन वह नहीं मानी तो उसे मौत के घाट उतार दिया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक  घटना सानपुरा गांव की है। पुलिस ने सात आरोपियों में से चार को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि तीन अभी भी फरार हैं। छात्रा आशा के भाई बबन राय ने आरोपियों के खिलाफ मोतीपुर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया है। बबन ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने उसे और उसकी पत्नी को अपने ही घर में कई घंटों तक बंधक बनाकर भी रखा।
जानकारी के मुताबिक जिस समुदाय की छात्र थी उसी समुदाय के आरोपी भी हैं और वे अपने बेटियों को मैट्रिक से आगे नहीं पड़ने देते। आशा इंटरमीडिएट की पढ़ाई कर रही थी और आरोपी उसे अपनी पढ़ाई बंद करने के लिए कह रहे थे। आशा की जिद्द इन लोगों को नागवार गुजरी और उन्होंने उसकी ह्त्या कर डाली।
पुलिस को दिए ब्यान में भाई बब्बन ने बताया कि घटना के वक्त गांव में नहीं थे।  राजन कुमार नाम के व्यक्ति ने उन्हें फोन किया और उन्हें आशा की कथित आत्महत्या कर लेने की सूचना दी। बबन का आरोप है कि जैसे ही वह अपने घर पहुंचे, उन्होंने देखा कि आशा का शव कमरे में पड़ा है। वहां मौजूद सात ग्रामीणों ने उन्हें बंदूक की नोक पर धमकी दी और आशा का जबरन दाह संस्कार करने को कहा। पुलिस के मुताबिक इस मामले में सात लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की गई है जिनमें से चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने कहा कि आरोपियों की पूछताछ के आधार पर अगली कार्रवाई होगी।