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राफेल पर फ्रांस के अखबार ‘ले मोंड’ के खुलासे से फिर हलचल

फ्रांस के एक अखबार के सनसनीखेज़ खुलासे के बाद विवादित राफेल लड़ाकू विमान खरीद मामला फिर चर्चा में आ गया है। इस अखबार ”ले मोंड” ने खुलासा किया है कि फ्रांस सरकार ने अनिल अंबानी की कंपनी पर बकाया १४३.७ मिलियन यूरो (करीब ११२५.१४ करोड़ रुपए) के टैक्स बकाए को माफ कर दिया था। फ्रांस सरकार ने यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राफेल सौदे की घोषणा के फौरन बाद लिया था।
पीएम मोदी ने जिस सौदे की घोषणा की थी उसके मुताबिक राफेल बनाने वाली कंपनी दसॉल्ट का अनिल अंबानी की सिर्फ दो सप्ताह पुरानी कंपनी के साथ करीब ३०,००० करोड़ रुपए का ऑफसेट करार हुआ था। ”ले मोंड” ने खुलासा किया कि फ्रांस सरकार ने इस टैक्स देनदारी को माफ करने के एवज़ सिर्फ ७.३ मिलियन यूरो (करीब ५७ करोड़ रुपए) में मामला रफा-दफा कर दिया था।
अखबार के इस खुलासे के बाद मोदी सरकार के लिए चुनाव के बीच फिर मुसीबत भरी खबर आई है। हालांकि, अखबार की रिपोर्ट के बाद रिलायंस कम्यूनिकेशंस ने सफाई दी है कि टैक्स सेटलमेंट में कोई गड़बड़ी नहीं हुई। उधर रक्षा मंत्रालय ने ”राफेल डील और टैक्स मसले को एक साथ जोड़कर देखने को गुमराह करने वाली शरारत” करार दिया है। इस बीच नई दिल्ली में फ्रांस के दूतावास ने कहा है कि ”टैक्स सेटलमेंट पूरी तरह नियम-कानूनसम्मत था और यह किसी राजनीतिक दखल का विषय नहीं था”।
फ्रांस के नामी अखबार में राफेल से जुडी यह खबर आने  बाद रक्षा मंत्रालय की  प्रतिक्रिया पर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया – ”रक्षा मंत्रालय  प्राइवेट कारपोरेट का आधिकारिक प्रवक्ता बन गया है। इसे कहते हैं, चोर की दाढ़ी में तिनका।”
कुछ रोज पहले ही सर्वोच्च न्यायालय के राफेल को लेकर ”द हिन्दू” अखबार की ख़बरों को सबूत के रूप में मानने और इस समभंद में सरकार की अर्जी खारिज होने के बाद मोदी सरकार में बैचेनी है। अब फ्रांस के अखबार में खुलासे के बाद चुनाव के बीच मोदी सरकार को घेरने में विपक्ष, खासकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कोइ कसर नहीं उठा रहे। राहुल ही राफेल मुद्दे पर पीएम मोदी के खिलाफ सबसे ज्यादा मुखर रहे हैं।
गौरतलब है कि फ्रांस के अखबार ‘ले मोंड’ ने शनिवार को अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि अप्रैल २०१५ में पीएम मोदी के पैरिस में राफेल डील के ऐलान के कुछ महीनों बाद फ्रांस में रिलायंस कम्यूनिकेशन की सब्सिडियरी कंपनी के १४.३७ करोड़ यूरो (करीब ११२५.१४ करोड़ रुपए) का टैक्स माफ कर दिया गया था।
फ्रांस का पक्ष
रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया में भारत में फ्रांस के राजदूत का कहना – ”२००८ से २०१२ की अविधि से जुड़े टैक्स विवाद के मामले में फ्रेंच टैक्स अथॉरिटीज और टेलिकॉम कंपनी रिलायंस फ्लैग के बीच ग्लोबल सेटलमेंट हुआ था। यह सेटलमेंट पूरी तरह कानून सम्मत और टैक्स ऐडमिनिस्ट्रेशन के सामान्य प्रैक्टिस को चलाने वाले नियामकीय प्रावधानों के तहत था। यह किसी भी राजनीतिक दखल का विषय नहीं था।’
भारत का पक्ष
रिपोर्ट पर भारत के रक्षा मंत्रालय ने कहा – ”राफेल डील और टैक्स मसले को एक साथ जोड़कर देखना गुमराह करने वाली शरारती कोशिश है। हमने एक प्राइवेट कंपनी को मिले टैक्स छूट और भारत सरकार के राफेल सौदे के बीच संबंध की अटकल जोड़ने वालीं रिपोर्ट्स को देखा है। न ही टैक्स कन्सेशन की अवधि और न ही कन्सेशन की विषयवस्तु का मौजूदा सरकार द्वारा किए गए राफेल डील से कोई संबंध है। टैक्स मसले और राफेल मामले को एक साथ जोड़कर देखना पूरी तरह गलत और पक्षपातपूर्ण है बल्कि झूठी सूचना देने की शरारती कोशिश है।”
इससे पहले ”ले मोंड” के दक्षिण एशिया संवाददाता जूलियन बोसो ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर इस पूरी खबर के बारे में जानकारी दी –
”अनिल अंबानी के एक टेलीकॉम कंपनी फ्रांस में रजिस्टर्ड है जिसका नाम रिलायंस एटलांटिक फ्लैग फ्रांस है। इस कंपनी पर टैक्स की देनदारियों की फ्रांस के टैक्स अधिकारियों ने जांच की और पाया कि कंपनी ने २००७ से २०१० के बीच ६०  मिलियन यूरो का टैक्स नहीं चुकाया है। रिलायंस ने इस देनदारी के बदले ७.६  मिलियन यूरो (करीब ५७ करोड़ रुपए) चुकाकर मामला रफा-दफा करने की पेशकश की। लेकिन फ्रांस के टैक्स अधिकारियों ने इसे ठुकरा दिया। अधिकारियों ने मामले की और गहराई से जांच की और पाया कि २०१० से २०१२ के बीच रिलायंस पर कुल देनदारी करीब ९१ मिलियन यूरो की है। अप्रैल, २०१५  में प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट से ३६ राफेल विमान खरीदने के सौदे का ऐलान किया। उस समय तक रिलायंस पर फ्रांस सरकार के टैक्स की देनदारी करीब १५१ मिलियन यूरो हो चुकी थी।”

दिल्ली में रबड़ गोदाम में आग

राजधानी दिल्ली में रविवार को आगजनी की एक और घटना में सिरसपुर में लाखों  का नुकसान हो गया। आग रबड़ गोदाम में लगी जिसे बुझाने के लिए दमकल की २६ गाड़ियां भेजी गईं। अब आग पर काबू पा लिया गया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक समयपुर बादली के पास सिरसपुर में रबड़ गोदाम एक टायर गोदाम है जिसमें आग लगी। करीब ५०० गज में फैले इस गोदाम में लगी आग बुझाने के लिए २६ दमकल गाड़ियों को  गया है। अभी तक की ख़बरों के मुताबिक आगजनी की इस घटना में किसी जान का नुक्सान नहीं हुआ है।
दमकल के साथ पुलिस की टीम भी पहुंच गई। लाखों का नुकसान होने की खबर है। अभी तक आग लगने की वजह का पता नहीं चला है। आग रविवार सुबह लगी। आग बुझाने के काम काफी देर तक जारी रहा।
रबड़ की गोदाम में आग कैसे लगी अभी तक इसकी जानकारी नहीं मिल पायी है। इस घटना में किसी जान-माल के नुकसान की अभी तक खबर नहीं है। गौरतलब है कि इससे पहले संगम विहार में एक आवासीय भवन, दिलशाद गार्डन में एक पेपर मिल और उत्तम नगर में एक मॉल में स्थित दूकान में आग लगने की घटना हो चुकी है।

बसपा की अंतिम सूचि में १६ नाम

सपा-रालोद से गठबंधन के बाद उत्तर प्रदेश की ८० में से ३८ सीटों पर लड़ रही बसपा ने रविवार को चौथी सूची में १६ उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है। इस तरह बसपा ने अपने सभी ३८ उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है।
यूपी में लोकसभा चुनाव के लिए बीएसपी की इस सूची में गाजीपुर सीट से मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजल अंसारी का नाम भी शामिल है। सुलतानपुर से चंद्रभद्र सिंह को टिकट दिया गया है जहाँ भाजपा की मेनका गांधी मैदान में हैं। इसके अलावा प्रतापगढ़ से अशोक कुमार त्रिपाठी जबकि पार्टी ने देवरिया से बिनोद कुमार जायसवाल पर दांव चला है। सलेमपुर में आरएस कुशवाहा को टिकट थमाया है जबकि गाजीपुर से अफजाल अंसारी और भदोही से रंगनाथ मिश्र मैदान में हैं।
बहुजन समाज पार्टी की चौथी सूची में नामों को देखकर साफ़ लगता है कि मायावती ने जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखकर प्रत्येक सीट पर उम्मीदवार उतारे हैं। इन १६ नामों के साथ बसपा ने यूपी में सभी ३८ सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं।
पार्टी ने इससे पहले तीसरी सूची में पांच नाम घोषित किए थे। इसके तहत बीएसपी ने धौरहरा से अरसद अहमद सिद्दीकी, सीतापुर से नकुल दुबे, मोहनलालगंज (अनुसूचित जाति) से सीएल वर्मा, फतेहपुर से सुखदेव प्रसाद और कैसरगंज से चंद्रदेव राम यादव को चुनावी मैदान में उतारा था। यूपी में एसपी, बीएसपी और आरएलडी के बीच गठबंधन के समझौते में बसपा को ३८, सपा को ३७ जबकि आरएलडी के हिस्से में ३ सीटें आई हैं। इस गठबंधन ने राहुल और सोनिया की सीटों पर अपने प्रत्याशी नहीं उतारे हैं।

मुस्लिमों वाले ब्यान पर मेनका को चुनाव आयोग का नोटिस

केंद्रीय मंत्री और उत्तर प्रदेश की सुल्तानपुर सीट से भाजपा की उम्मीदवार मेनका गांधी को मुसलमानों को वोट के नाम पर सौदेबाजी के अंदाज में धमकाने वाले  विवादित बयान पर चुनाव आयोग का नोटिस मिला है।
ऐसा विवादित ब्यान देना मेनका गांधी को महंगा पड़ा है। जिला चुनाव अधिकारियों ने मेनका को ”कारण बताओ नोटिस” जारी किया है। दिल्ली में चुनाव आयोग भी मेनका के भाषण का परीक्षण कर रहा है। चुनाव अधिकारियों के नोटिस पर मेनका को तीन दिन के भीतर जवाब देना होगा।
एक वीडियो से जाहिर हुआ कि मेनका गांधी ने मुस्लिम मतदाताओं से कहा कि वे आगामी लोकसभा चुनाव में उनके पक्ष में मतदान करें क्योंकि मुसलमानों को चुनाव के बाद उनकी जरूरत पड़ेगी। मेनका ने मुस्लिम बहुल क्षेत्र तूराबखानी में गुरूवार को आयोजित एक चुनावी सभा में कहा – ”मैं लोगों के प्यार और सहयोग से जीत रही हूं लेकिन अगर मेरी यह जीत मुसलमानों के बिना होगी तो मुझे बहुत अच्छा नहीं लगेगा।”
भाजपा उम्मीदवार ने इस वीडियो के मुताबिक कहा – ”इतना मैं बता देती हूं कि फिर दिल खट्टा हो जाता है। फिर जब मुसलमान आता है काम के लिये, फिर मै सोचती हूं कि नहीं रहने ही दो क्या फर्क पड़ता है। आखिर नौकरी भी तो एक सौदेबाजी ही होती है, बात सही है या नहीं?”
दिल्ली में चुनाव आयोग भी मेनका के भाषण का परीक्षण कर रहा है। उधर कांग्रेस ने मुस्लिम मतदाताओं के संदर्भ में केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के एक बयान को लेकर शुक्रवार को चुनाव आयोग से आग्रह किया कि चुनावी ”कदाचार” के लिए उनका नामांकन खारिज किया जाए। पार्टी ने यह भी कहा – ”धार्मिक भावनाएं भड़काने के लिए मेनका के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज होनी चाहिए।” कई मुद्दों पर शिकायत करने के लिए कांग्रेस के एक शिष्टमंडल ने चुनाव आयोग को अपना प्रतिवेदन सौंपा।  इस दौरान पार्टी शिष्टमंडल द्वारा मेनका गांधी के बयान का भी मुद्दा उठाया गया। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा कि सच्चाई ये है कि मोदी जी और उनके मंत्री बौखला गए हैं। चुनाव की दौड़ को वो पूरी करने में अपने आपको असक्षम पा रहे हैं इसलिए कभी जाति का नाम लेकर, कभी धर्म का नाम लेकर, कभी उत्तर और दक्षिण भारत का नाम लेकर, कभी रंग भेद करके, कभी भाषा का नाम लेकर, कभी कपड़ों को लेकर, कभी भोजन का नाम लेकर इस देश की गंगा-जमुनी तहजीब को मिटाना चाहते हैं।

राहुल ने जलियांवाला कांड शहीदों को दी श्रद्धांजलि

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जलियांवाला बाग नरसंहार के सौ साल पूरे होने पर अमृतसर के जलिआंवाला बाग़ में शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
राहुल गांधी ने जलियांवाला बाग नेशनल मैमोरियल का भी दौरा किया। इस दौरान उनके साथ पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू भी थे। अमृतसर में इस उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम का आयोजन रखा गया है जिसमें उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और पंजाब के राज्यपाल शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे।
इसके अलावा शहीदों की याद में एक सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया जाएगा। राहुल गांधी से पहले भारत के ब्रिटिश उच्चायुक्त डॉम्निक ऐस्क्विथ ने भी जलियांवाला बाग मेमोरियल पहुंचकर मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। वह अपने डेप्युटी के साथ आए थे।
उन्होंने निहत्थी भीड़ पर ब्रिटिश सेना की फायरिंग को शर्मनाक कृत्य बताया। ब्रिटिश सेना ने आज के दिन यानी १३ अप्रैल, १९१९ को जलियांवाला बाग में नरसंहार किया था जिसमें सैकड़ों लोग अंग्रेजों की गोलियों के शिकार हुए थे। इस नरसंहार पर पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर अपनी श्रद्धांजलि दी है।

शोपियां में २ आतंकी ढेर

जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में शनिवार को एक मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को ढेर कर दिया। यह मुठभेड़ तब हुई जब सुरक्षा बलों को वहां आतंकियों के छिपे होने की जानकारी मिली थी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक शनिवार सुबह शोपियां जिले के गहांद इलाके में एक घर में दो से तीन आतंकियों के छिपे होने की जानकारी सुरक्षा बलों को मिली थी। इसके बाद सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को घेर लिया था और आतंकियों की खोज शुरू कर दी।
जैसे हे आतंकियों को सुरक्षा बलों की उपस्थिति की जानकारी मिली उन्होंने उनपर फाइरिंग शुरू कर दी।
सुरक्षा बलों ने आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया। सेना की ३४ राष्‍ट्रीय रायफल (आरआर) और एसओजी शोपियां ने साझा ऑपरेशन शुरू कर आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया। छिपे आतंकियों ने भी सुरक्षा बलों पर गोलियां चलाईं।  आखिर इस मुठभेड़ में दो आतंकियों को ढेर कर दिया गया। उनके पास से हथियार भी मिले हैं।

भाजपा मंत्री मेनका ने मुस्लिमों से कहा – वोट नहीं दिया तो नौकरी मांगने मत आना

केंद्रीय मंत्री और उत्तर प्रदेश की सुलतानपुर सीट से भाजपा की प्रत्याशी मेनका गांधी  ने अपने हलके के मुसलमानों को धमकी दी है कि अगर उन्होंने भाजपा के पक्ष में वोट नहीं दिया तो वे उनके किसी काम नहीं आएंगी। सोशल मीडिया पर उनके एक वायरल वीडियो में मेनका साफ कहते सुनाई दे रही हैं कि वोट नहीं दोगे तो नौकरी मांगने मत आना। इससे पहले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी अपने एनआरसी पर दिए विवादित ब्यान पर आलोचनाओं में घिरे हैं।
इस वीडियो में मेनका गांधी जनता से वोट का आग्रह करते हुए कमोवेश ”सौदेबाजी” जैसे भाव में बात करती दिख रही हैं। वीडियो में मेनका गांधी कह रही हैं – मैं जीत रही हूं। लोगों की मदद और प्यार से। लेकिन अगर मेरी जीत मुसलमानों के बिना होगी तो मुझे बहुत अच्छा नहीं लगेगा, क्योंकि इतना मैं बता देती हूं कि दिल खट्टा हो जाता है। फिर जब मुसलमान आता है काम के लिए तो मैं सोचती हूं कि रहने ही दो, क्या फर्क पड़ता है? आखिर नौकरी एक सौदेबाजी ही तो होती है। हम सब महात्मा गांधी  की छठवीं औलाद तो हैं नहीं कि हम देते ही जाएंगे और फिर इलेक्शन में मार खाते जाएंगे।”
मेनका अपने संसदीय क्षेत्र की जिस सभा को संबोधित कर रही हैं, वहां ज्यादातर लोग अल्पसंख्यक समुदाय के ही दिखाई दे रहे हैं। मेनका यह भी कहती हैं कि ”मैं आपके पास दोस्ती का हाथ लेकर आई हूं। लेकिन, अगर चुनाव नतीजों के समय के आपके पोलिंग बूथ से हमारे लिए सिर्फ सौ या पचास वोट निकले तो समझ लीजिएगा। इससे पहले, मेनका गांधी के बेटे वरुण गांधी ने भी २००९ में पीलीभीत में चुनाव प्रचार के दौरान एक सभा में कहा था – ”अगर कोई हिंदुओं की ओर हाथ बढ़ाता है या फिर ये सोचता हो कि हिंदू नेतृत्वविहीन हैं तो मैं गीता की कसम खाकर कहता हूं कि मैं उस हाथ को काट डालूंगा।” उनके इस बयान पर चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया था जिस पर वरुण गांधी को माफी मांगनी पड़ी थी।

भाजपा की राहुल के खिलाफ अवमानना की शिकायत

भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने शुक्रवार को राफेल डील मामले पर हाल ही में दिए सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर टिप्पणी करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई करने की मांग की है।
लेखी की याचिका पर सर्वोच्च अदालत सुनवाई करने के लिए तैयार हो गयी है। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वह इस याचिका पर १५ अप्रैल को सुनवाई करेगी। लेखी ने अपनी याचिका में कहा कि राहुल गांधी ने अपनी निजी टिप्पणियों को शीर्ष न्यायालय द्वारा किया गया बताया और लोगों के मन में गलत धारणा पैदा करने की कोशिश की।
भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने पीठ से कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने टिप्पणी की थी कि अब सुप्रीम कोर्ट ने भी कह दिया, चौकीदार चोर है। राफेल डील को लेकर कांग्रेस लगातार केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोलती रही है। राहुल गांधी इसके लिए नरेंद्र मोदी को कटघरे में खड़ा करते हुए भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बहस करने की कई बार चुनौती भी दे चुके हैं।
लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से ठीक एक दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील मामले में केंद्र सरकार को तगड़ा झटका देते हुए दस्तावेज से जुड़ी आपत्तियों को खारिज कर दिया। कोर्ट के फैसले के मुताबिक याचिकाकर्ता के दिए दस्तावेज अब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के हिस्सा होंगे। ऐसे में राफेल मामले में फिर से सुनवाई हो सकती है।

स्मृति ईरानी को अमेठी में झटका, करीबी रवि मिश्रा कांग्रेस में शामिल

लोक सभा चुनाव के मतदान से पहले केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को बड़ा झटका लगा है। उनके चुनाव प्रभारी रहे भाजपा नेता रवि दत्त मिश्रा ने पार्टी छोड़ कांग्रेस ज्वाइन कर ली है। रवि स्मृति के लिए महत्पूर्ण नेता थे यह इस बात से जाहिर हो जाता है कि रवि की पत्नी की तरफ से उन्हें भेंट की कई कमल प्रिंट वाली साड़ी पहनकर ही स्मृति ईरानी ने २०१४ में मोदी सरकार की मंत्री के रूप में शपथ ली थी।
रविदत्त मिश्रा १९९२ में भाजपा से जुड़े थे और वह संगठन में कई अहम पदों पर रहे।  मिश्रा प्रिंयका गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हुए। भाजपा में स्मृति ईरानी के २०१४ के पहले लोकसभा चुनाव की पूरी तैयारी और प्रबंधन मिश्रा ने ही संभाला था।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता उमा शंकर पांडेय ने बताया कि रवि मिश्रा भाजपा में १९९२ से विभिन्न पदों पर रहे। वे २०१२ से २०१४ तक अमेठी लोकसभा सीट पर भाजपा सदस्यता प्रमुख थे और प्रदेश परिषद के सदस्य भी रहे। स्मृति ईरानी के वे बेहद करीबी रहे। अमेठी और लखनऊ प्रवास के दौरान समृति ईरानी मिश्रा के घर पर ही प्रवास करती रही हैं। पिछले चुनाव में ईरानी राहुल गांधी के मुकाबले एक लाख से ज्यादा वोटों से परास्त हो गयी थीं। अब एक निकट सहयोगी के कांग्रेस में चले जाने से उन्हें जबरदस्त झटका लगा है।

पाक विस्फोट में मरने वालों की संख्या २२ हुई

पाकिस्तान के क्वेटा में हुए बम्ब विस्फोट में मरने वालों की संख्या २२ हो गयी है।  करीब ४६ लोग घायल हैं जिनमें से कुछ की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक इस जबरदस्त बम धमाके में जिन  है उनमें पुलिस का कर्मी भी शामिल हैं। हादसे में जिस तरह से हताहतों की संख्या बढ़ रही है, उससे मृतकों और घायलों की संख्या में और इजाफा होने की आशंका है। पाकिस्तान पुलिस के अनुसार घायलों में कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है। उन्हें नजदीक के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
जानकारी के मुताबिक विस्फोट क्वेटा में एक सब्जी मंडी में पुलिस वैन को निशाना बनाकर किया गया था। उस वक्त आसपास काफी संख्या में लोग मौजूद थे। जहाँ बम धमाका हुआ वह पाकिस्तान के भीड़भाड़ वाला इलाका है। क्‍वेटा के हजारगांजी सब्‍जी मंडी में धमाका शुक्रवार सुबह करीब साढ़े सात बजे हुआ। धमाके में आईईडी  का इस्तेमाल किया गया है। धमाका ठीक उस वक्त किया गया जब वहां से पुलिस की वैन गुजर रही थी।
सुबह के वक्त मंडी में काफी भीड़ होने की वजह से मृतकों और घायलों की संख्या बढ़ने का अनुमान है। राहत और बचाव कार्य अब भी जारी हैं। पुलिस के मुताबिक घायलों में अभी भी कुछ लोगों की हालत नाजुक बनी हुई है।