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छठे चरण में ६३.०३ फीसदी मतदान

लोकसभा चुनाव के छठे चरण के तहत रविवार को सात राज्यों में करीब ६३.०३   फीसदी मतदान हुआ है। पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा करीब ८०.१६ फीसदी वोटिंग हुई है जबकि राजधानी दिल्ली में ५९.०८ फीसदी मतदान हुआ है।
अभी तक की जानकारी के मुताबिक बंगाल और बिहार में कुछ जगह हिंसा को छोड़कर अन्य जगह मतदान शांतिपूर्ण रहा है। बंगाल में दो राजनीतिक कार्यकर्ताओं की मौत हुई है। आज हरियाणा में ६२.९१ फीसदी, उत्तर प्रदेश में ५४.१२ फीसदी, बिहार में ५९.३८ फीसदी, झारखंड में ६५.०१फीसदी और मध्य प्रदेश में ६०.०६ फीसदी मतदान रेकॉर्ड किया गया है।
लोकसभा चुनाव का यह चरण भाजपा के लिये कड़ी परीक्षा है क्योंकि २०१४ के चुनाव में भाजपा ने इन ५९ में से ४५ सीटें जीतीं थीं जबकि तृणमूल कांग्रेस को आठ, कांग्रेस  को दो जबकि समाजवादी पार्टी और लोजपा को एक-एक सीट पर जीत मिली थी।  भाजपा ने २०१४ के चुनाव में इस चरण में उत्तर प्रदेश की १४ में १३ सीटों पर जीत दर्ज़ की थी। आजमगढ़ में सपा नेता मुलायम सिंह यादव को जीत मिली थी। बाद में २०१८ में फूलपुर और गोरखपुर संसदीय सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। अब बसपा-सपा-रालोद गठबंधन इस सीट पर अपनी जीत की उम्मीद  कर रहा है।
उत्तर प्रदेश की १४ सीटों में सुलतानपुर, प्रतापगढ़, फूलपुर, इलाहाबाद, अंबेडकरनगर, श्रावस्ती, डुमरियागंज, बस्ती, संत कबीर नगर, लालगंज, आजमगढ़, जौनपुर, मछलीशहर और भदोही, बिहार की आठ सीटों में वाल्मीकिनगर, गोपालगंज, सीवान, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, शिवहर, महाराजगंज और वैशाली, मध्य प्रदेश की आठ सीटों में मुरैना, भिंड, ग्वालियर, गुना, सागर, विदिशा, भोपाल और राजगढ़, पश्चिम बंगाल की आठ सीटों में तामलुक, कांठी, घाटल, झारग्राम, मेदिनीपुर, पुरुलिया, बांकुरा और बिष्णुपुर, झारखंड की चार सीटों में गिरिध, धनबाद, जमशेदपुर और सिंहभूम शामिल हैं। हरियाणा की सभी १० और दिल्ली की सभी सात सीटों पर मतदान हुआ है।

प्रणब, कोविंद, राहुल सहित दिग्गजों ने डाला वोट

लोकसभा चुनाव २०१९ के छठे चरण के लिए रविवार को मतदान हो रहा है। आज पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित, विश्व कप जीतने वाली क्रिकेट टीम के कप्तान कपिल देव, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल सहित कई दिग्गजों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।
यूपी की १४ सीटों सहित सात राज्यों की ५९ सीटों पर मतदान आज हो रहा है।  हरियाणा की सभी १०, दिल्ली की सभी सात सहित बिहार, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल की ८-८, झारखंड की चार और यूपी की १४ सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं। इसके साथ ही ५४३ सदस्यीय लोकसभा की ४८३ सीटों का चुनाव पूरा हो जाएगा।
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दिल्ली में के कामराज लेन के एनपी प्राइमरी स्कूल के बूथ में मतदान किया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिल्ली में मतदान किया, उनके साथ उनकी पत्नी भी मौजूद रहीं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दिल्ली के निर्माण भवन स्थिल पोलिंग बूथ पर पैदल पहुंचकर वोट डाला। यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दिल्ली के निर्माण भवन में बने मतदान केंद्र में वोट डाला। केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज ने नई दिल्ली के औरंगजेब लेन में मतदान किया।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और उनके पति रॉबर्ट वाड्रा ने लोधी एस्टेट के सरदार पटेल विद्यालय जाकर मतदान किया। पूर्व क्रिकेटर कपिल देव दिल्ली के डीपीएस मथुरा रोड वाले मतदान केंद्र पर पत्नी रोमा देव और बेटी के साथ वोट डालने पहुंचे। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सिविल लाइंस में वोट डाला।
गुना से कांग्रेस सांसद और उम्मीदवार ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी ग्वालियर में अपना वोट डाला। भोपाल से भाजपा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ने भी मतदान किया। प्रज्ञा के खिलाफ कांग्रेस उम्मीदवार और मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह चुनाव लड़ रहे हैं।
पूर्व क्रिकेटर और पूर्वी दिल्ली से बीजेपी प्रत्याशी गौतम गंभीर पत्नी के साथ वोट डालने पहुंचे। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष और उत्तर-पूर्वी दिल्ली से उम्मीदवार मनोज तिवारी ने यमुना विहार के मतदान केंद्र पर वोट डाला। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने करनाल के एक मतदान केंद्र पर वोटिंग की।
उधर केंद्रीय मंत्री और सुल्तानपुर से भाजपा उम्मीदवार मेनका गांधी की गठबंधन के उम्मीदवार सोनू सिंह से बहस हो गई। मेनका गांधी ने सोनू के समर्थकों पर वोटरों को धमकाने का आरोप लगाया था।

कश्मीर में २ आतंकी ढेर

जम्मू-कश्मीर के शोपियां में एक मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने रविवार सुबह दो आतंकवादियों को ढेर कर दिया। दोनों आतंकी लश्कर-ए तैयबा (एलईटी) के थे।  आरोप है कि यह आतंकी कई हमलों में शामिल थे।
रिपोर्ट्स के मुताबिक दोनों आतंकियों की पहचान बशारत अहमद और तारिक अहमद के रूप में हुई है। बशारत अहमद निकलूरा और तारिक खारीपोरा का रहने वाला है। मारा गया आतंकी तारिक पहले एसपीओ था, जिसने बाद में आतंक का रास्ता अपना लिया था।
पुलिस के मुताबिक हिंदसीतापुर में आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिलने के बाद ३४ राष्ट्रीय रायफल्स, एसओजी और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने इलाके की  घेराबंदी कर ली। इसके बाद आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर फायरिंग शुरू कर दी।  सुरक्षाबलों ने फायरिंग का मुंहतोड़ जवाब दिया। मुठभेड़ के दौरान गांव में छिपे आतंकियों को निशाना बनाया गया। सुरक्षा बालों ने इस दौरान दो आतंकियों को मार गिराया। दोनों ही आतंकियों के शव बरामद कर लिए गए हैं और इनके पास से हथियार भी मिले हैं।

बंगाल में चुनाव में हिंसा, २ की हत्या

लोकसभा चुनाव के छठे चरण के लिए रविवार को मतदान और उससे पहले पश्चिम बंगाल में हिंसा की खबरें हैं। वहां बांकुरा के पोलिंग बूथ पर टीएमसी और भाजपा के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। अभी तक की ख़बरों के मुताबिक बंगाल में भाजपा और टीएमसी के एक-एक समर्थक की मौत हिंसा में हुई है।
मतदान से पहले बंगाल के झारग्राम में भाजपा के बूथ कार्यकर्ता का शव मिला है जिसकी पहचान रामेन सिंह बताया गया है। भाजपा के कार्यकर्ता के अलावा एक टीएमसी कार्यकर्ता का भी शव बरामद हुआ है। दो टीएमसी कार्यकर्ताओं को गोली मार दी गई है जिनकी हालत नाजुक बताई गयी है।
मिदनापुर में दो टीएमसी कार्यकर्ताओं को गोली मारी गई है जिन्हें तमलुक के अस्पताल में भर्ती किया गया है। बेल्दा के टीएमसी कार्यालय पर भी हमला किया गया है। टीएमसी का आरोप है कि ये हमला भाजपा ने करवाया है। बंगाल की पूर्व पुलि अधिकारी और घाटल से भाजपा प्रत्याशी भारती घोष ने आरोप लगाया है कि टीएमसी कार्यकर्ताओं ने उनके साथ बदतमीजी की। उनके आरोप के मुताबिक केशपुर में टीएमसी कार्यकर्ताओं ने उनके साथ बदसलूकी की और उनकी गाड़ी पर  हमला कर दिया।
आज झारग्राम में भी मतदान है। भाजपा ने आरोप लगाया है कि रामेन सिंह की हत्या की गई है और इसके लिए टीएमसी कार्यकर्ताओं को जिम्मेदार ठहराया है।  हालांकि, स्थानीय पुलिस ने इससे इनकार किया है। शुरुआती जांच के आधार पर पुलिस का कहना है कि रामेन सिंह पहले से ही बीमार था और उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। झारग्राम जिले के चुनसोले गांव में गांववालों ने देर रात को बीजेपी कार्यकर्ता का शव बरामद किया और  भाजपा का आरोप है कि उनके कार्यकर्ता की पीट-पीट कर ह्त्या की गई है।
उधर मरधारा के कांठी में टीएमसी कार्यकर्ता को मार दिया गया। टीएमसी के सुधाकर मैती शनिवार रात से ही गायब थे, लेकिन बाद में उनका शव मिला। बताया जा रहा है कि देर रात को वह किसी रिश्तेदार से मिलने जा रहे थे लेकिन वापस ही नहीं लौटे। हालांकि, ये हत्या कब, कैसे और किसने की है इसकी पूछताछ अभी भी जारी है।
चुनाव के हर चरण में बंगाल से हिंसा की खबरें आई हैं। कार्यकर्ताओं के बीच हाथापाई  से लेकर पोलिंग बूथ पर देसी बम से हमलों की घटनाएं हुई हैं। हिंसा के वाबजूद बंगाल में हर बार वोटिंग का प्रतिशत बढ़ा है। भाजपा बंगाल में पूरी ताकत झौंक रही है। भाजपा टीएमसी पर लोकतंत्र का गला घोंटने जबकि टीएमसी भाजपा पर सांप्रदायिक माहौल बनाकर राजनीतिक फायदा उठाने का आरोप लगा रही है।

टाइम पत्रिका के कवर पर मोदी, शीर्षक लिखा – ‘भारत के प्रमुख विभक्तकर्ता”

भारत में लोकसभा चुनाव के बीच मशहूर अंतरराष्ट्रीय पत्रिका ”टाइम” ने पीएम नरेंद्र मोदी को अपने कवर पर जगह दी है हालांकि इसके शीर्षक में मोदी के लिए ”इंडियास डिवाइडर इन चीफ” अर्थात ”भारत के प्रमुख विभक्तकर्ता” लिखा है। भाजपा के लिए इसे इस लिहाज से एक बड़ा झटका माना जाएगा कि पिछले ४-५ साल में पार्टी मोदी के अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक बहुत लोकप्रिय नेता होने की छवि पेश कर चुनावों में भुनाती रही है।
मोदी की कवर पर तस्वीर छाप कर ”टाइम” ने शीर्षक के रूप में विवादित ”उपाधि” भी दे दी। पत्रिका के एशिया एडिशन में लोकसभा चुनाव और पिछले पांच साल में मोदी सरकार के कामकाज पर कवर स्टोरी की है। अंग्रेजी में इसका शीर्षक है – ”केन द वर्ल्डस लार्जेस्ट डेमोक्रेसी एंड्योर अनदर फाइव ईयर्स आफ ए मोदी गवर्मेंट?” कुलमिलाकर इस अंक का लब्बोलुआब मोदी के लिए आलोचनात्मक कहा जाएगा।
कवर पेज पर ही मोदी की फोटो के साथ ”इंडियास डिवाइडर इन चीफ” लिखकर पत्रिका ने मोदी की छवि समाज को बांटने वाले नेता की तरह पेश कर दी है। जाहिर है भाजपा को यह तल्ख़ शीर्षक कतई पसंद नहीं आएगा लिहाजा इसपर विवाद हो सकता है। हालांकि, कांग्रेस सहित विपक्ष की दूसरी तमाम पार्टियां पहले से ही भाजपा पर समाज को बांटने का आरोप लगाती रही हैं।
इस मशहूर पत्रिका ने कवर स्टोरी में भी मोदी के पांच साल के शासन पर आलोचनात्मक आलेख लिखा है। दरअसल पत्रिका ने मोदी के कामकाज पर आलोचनात्मक टिप्पणी करते हुए नेहरू के समाजवाद और भारत की मौजूदा सामाजिक परिस्थिति का तुलनात्मक अध्ययन किया है। लेख में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के जिक्र में पत्रिका ने लिखा है – ”साल २०१७ में उत्तर प्रदेश में जब भाजपा चुनाव में विजयी रही तो भगवा पहनने और नफरत फैलाने वाले एक महंत को मुख्यमंत्री बना दिया।”
टाइम ने यह भी लिखा है कि हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे को मजबूत करने के लिए  इच्छाशक्ति कतई नहीं दिखाई गयी। मुख्य लेख में कहा गया है – ”मोदी ने भारत की  महान शख्सियतों, जैसे की नेहरू, पर राजनीतिक हमले किए। मोदी कांग्रेस मुक्त भारत की बात करते हैं। उन्होंने कभी भी हिन्दू-मुसलमानों के बीच भाईचारे की भावना मजबूत करने के लिए कोई इच्छाशक्ति नहीं दिखाई।
पत्रिका ने आगे लिखा है – ”मोदी का सत्ता में आना इस बात को इंगित करता है कि भारत में जिस कथित उदार संस्कृति की चर्चा की जाती थी वहां पर दरअसल धार्मिक राष्ट्रवाद, मुसलमानों के खिलाफ भावनाएं और जातिगत कट्टरता पनप रही थीं।” टाइम के इस लेख में १९८४ के सिख दंगों और २००२ के गुजरात दंगों का भी जिक्र है। लेख में कहा गया है कि ”हालांकि कांग्रेस नेतृत्व भी १९८४ के दंगों को लेकर आरोप मुक्त नहीं है लेकिन फिर भी इसने दंगों के दौरान उन्मादी भीड़ को खुद से अलग रखा, लेकिन नरेंद्र मोदी २००२ के दंगों के दौरान अपनी चुप्पी से उन्मादी भीड़ के दोस्त साबित हुए।”
आलेख में लिखा गया है कि २०१४ में लोगों के बीच पनप रहे गुस्से को नरेंद्र मोदी ने आर्थिक वादे में बदल दिया। उन्होंने नौकरी और विकास की बात की, लेकिन अब ये विश्वास करना मुश्किल लगता है कि ये उम्मीदों का चुनाव था। आलेख में कहा गया है कि मोदी के आर्थिक चमत्कार लाने के वादे फेल हो गये। यही नहीं उन्होंने देश में जहर भरा धार्मिक राष्ट्रवाद का माहौल तैयार करने में जरूर मदद की।
हालांकि पत्रिका के इसी अंक के एक और आलेख में मोदी की आर्थिक नीतियों की खूब तारीफ की गई है। लिखा है कि ”मोदी ही वो शख्स है जो भारत के लिए डिलीवर कर सकता है। लेख में यह भी कहा गया है कि भारत मोदी के नेतृत्व में चीन, अमेरिका और जापान से रिश्ते सुधरे और उनकी घरेलू नीतियों की वजह से करोड़ों लोगों की जिंदगी में ”सुधार” आया है।

शोपियां में आतंकी कमांडर सोफी ढेर

जम्मू और कश्मीर के शोपियां जिले में सुरक्षाबल के साथ हुई मुठभेड़ में एक आतंकवादी मारा गया। इसकी पहचान आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट जम्मू एंड कश्मीर (आईएसजेके) के कमांडर इशफाक अहमद सोफी के रूप में हुई है। यह सुरक्षा बलों की बड़ी सफलता है क्योंकि जाकिर मूसा के अलावा सोफी कश्मीर में आईएसजेके का बड़ा कमांडर था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक सोफी जम्मू-कश्मीर के सोपोर का रहने वाला था। आईएसजेके आतंकी सोफी को अब्दुल्ला भाई के नाम से भी जाना जाता था। उसके पास से हथियार भी बरामद हुए हैं। सोफी के ढेर हो जाने के बाद सोपोर के अतिरिक्त उपायुक्त ने इलाके के स्कूल और कॉलेजों को बंद करने का आदेश जारी किया है।
सोफी सोपोर के अमशिपोरा में शुक्रवार तड़के सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। सोफी कश्मीर में आतंकी संगठन आईएसजेके का कुख्यात कमांडर था और २०१५ में हरकत-उल-मुजाहिदीन आतंकी संगठन से जुड़ा था। बाद में वो २०१६ में  हरकत-उल-मुजाहिदीन को छोड़ आईएसजेके से जुड़ गया था।
पिछले कुछ दिन में सुरक्षा बलों को यह दूसरी बड़ी सफलता मिली है। सुरक्षाबलों ने शोपियां के इमाम साहब में मुठभेड़ में बुरहान वानी गुट के आखिरी कमांडर लतीफ टाइगर को ढेर कर दिया था। लतीफ अपने दो साथियों के साथ एक इमारत में छिपा था जब सुरक्षा बलों ने वहां धावा बोलकर दो आतंकियों को ढेर कर दिया था।

अयोध्या मसले में मध्यस्थता पैनल को १५ अगस्त तक का समय मिला

अयोध्या मसले के हल के लिए शुक्रवार को सर्वोच्च न्यायालय ने मध्यस्थता पैनल को १५  अगस्त तक का समय दे दिया। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि वह मध्यस्थता पैनल को लेकर आशावादी है। अब इस मामले की सुनवाई १५ अगस्त के बाद ही होगी।
इस मामले पर शुक्रवार को सुनवाई के दौरान संविधान पीठ ने कहा कि हमने मध्यस्थता पैनल की रिपोर्ट देखी है। प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि मध्यस्थता पैनल और वक्त चाहता है और हम इसके लिए सहमत हैं। उन्होंने कहा कि मध्यस्थता की प्रक्रिया को लेकर हमने रिपोर्ट देखी है। पैनल ने १५ अगस्त तक वक्त मांगा है। ऐसे में समय दिया जा रहा है। हम नहीं चाहते हैं कि मध्यस्थता के बीच में आएं। प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि पैनल आशावादी है। हालांकि  पैनल ने क्या प्रगति की है हम बताना नहीं चाहते।
सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्षकार की ओर से राजीव धवन ने कहा कि हम इसका समर्थन करते हैं। कोर्ट में सुनवाई करीब छह मिनट ही चली। हालांकि रामलला विराजमान की ओर से मोहलत दिए जाने का विरोध किया गया। वरिष्ठ वकील  सीएस वैद्यनाथन ने कहा कि पहले ही इस मामले की सुनवाई में काफी देर हो चुकी है, लिहाज़ा ज़्यादा मोहलत देना उचित नहीं होगा।
मध्यस्थता समिति की बैठक जून में प्रस्तावित हैं तो जून तक मोहलत दे कर जुलाई में इसकी सुनवाई की जा सकती है। लेकिन प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि समिति ने सकारात्मक संकेत दिए हैं, लिहाज़ा वक्त देने में कोई हर्ज नहीं है।
 गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय की गठित तीन सदस्यीय मध्यस्थता समिति ने सीलबंद लिफाफे में अंतरिम रिपोर्ट सौंपी थी। शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश एफएम कलीफुल्ला की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय मध्यस्थता समिति का गठन किया था जिसमें आध्यत्मिक गुरू और आर्ट आफ लिविंग के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर और वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीराम पंचू अन्य सदस्य हैं।

पत्रकार रिश्वत मामले में जेके भाजपा अध्यक्ष पर मामला दर्ज़

अदालत के निर्देशों के बाद जम्मू कश्मीर पुलिस ने लेह जिले में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सहित अन्य बीजेपी नेताओं के खिलाफ स्थानीय पत्रकारों के लगाए गए रिश्वत देने के आरोप में मामला दर्ज कर लिया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक लेह त्सावांग फुंत्सोग में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पुलिस द्वारा दायर एक आवेदन का निपटारा करते हुए कहा कि रिकार्ड पर सामग्री का अध्ययन और विचार करने से भारतीय दंड संहिता की धारा १७१ई और १७१एफ के तहत गैरसंपर्क अपराधों का पता चलता है, जिसमें जांच की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा – ”कोर्ट एसएचओ पुलिस स्टेशन लेह को कानून के तहत मामले की जांच करने का आदेश देता है।” याद रहे लेह प्रेस क्लब के पत्रकारों ने जिला चुनाव अधिकारी को भाजपा नेता विक्रम रंधावा के खिलाफ शिकायत दी थी। इसमें उन्होंने कहा था कि रंधावा ने दो मई को हुए संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रविंद्र रैना की मौजूदगी में पत्रकारों को रुपयों से भरे हुए लिफाफे दिए थे।
भाजपा ने इन आरोपों को खारिज किया था। रंधावा ने कहा है कि अगर लेह के पत्रकार सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगते हैं तो वे उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे। अब भाजपा नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज हो गया है।

राहुल के विदेशी नागरिक वाली याचिका खारिज

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को सर्वोच्च न्यायालय से दोहरी नागरिकता मामले में बड़ी राहत मिली है। शीर्ष अदालत ने उनके खिलाफ दायर दोहरी नागरिकता के मामले को खारिज कर दिया है।
मामले की गुरूवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि आखिर आप कौन हैं? इस पर याचिकाकर्ता ने कहा कि वो भारत के नागरिक हैं। साथ ही सामाजिक कार्य और राजनीति करते हैं। याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर आरोप लगाया था कि राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है इसलिए उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ने के अयोग्य करार दिया जाए।
सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता पर कई सवाल दागे।  उनसे पूछा कि  आप क्या करते हैं? याचिकाकर्ता ने कहा कि वो समाजसेवा और राजनीति करते हैं।  याचिकाकर्ता ने कहा कि राहुल गांधी ने अपनी दोहरी नागरिकता छिपाई है। कोर्ट ने पूछा आपको कैसा पता चला, याचिकाकर्ता ने कहा कि  ब्रिटेन की एक कंपनी के दस्तावेज से खुलासा हुआ कि राहुल गांधी ब्रिटिश पासपोर्ट धारक हैं। याचिकाकर्ता ने आगे कहा कि राहुल गांधी सांसद हैं और पीएम बनना चाहते हैं। इसपर कोर्ट ने पूछा कि कौन पीएम नहीं बनना चाहता है? क्या आप ऐसा अवसर ठुकरा देंगे? सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि सिर्फ किसी विदेशी कंपनी के दस्तावेज लाकर आप ऐसा दावा कर रहे हैं, तो आप सही नहीं हैं। लिहाजा इस याचिका को खारिज किया जाता है।
गौरतलब है कि इससे पहले भाजपा ने भी राहुल गांधी पर ब्रिटेन का नागरिक होने का आरोप लगाया था। इस मामले को लेकर गृह मंत्रालय ने राहुल गांधी को नोटिस भी जारी किया था।  गृह मंत्रालय ने राहुल गांधी से पूछा था कि आपकी ब्रिटिश नागरिकता को लेकर शिकायत की गई है। इस पर आप अपना रुख स्पष्ट करें और तथ्य सामने रखें। यह नोटिस राज्यसभा सांसद भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी की शिकायत पर भेजा गया था। नोटिस के जवाब में कांग्रेस ने कहा था कि राहुल गांधी जन्मजात भारतीय हैं और पूरी दुनिया यह जानती है।

पिकनिक नहीं सरकारी दौरे पर थे राजीव : एडमिरल रामदास

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए एक फ़ज़ीहत वाली स्थिति में पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल एल रामदास ने एक लिखित ब्यान में मोदी के उस ब्यान को गलत बताया है जिसमें मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत राजीव गांधी पर आईएनएस विराट को ”पिकनिक के लिए” इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था। रामदास ने कहा है कि यह एक सरकारी दौरा था कोइ पिकनिक नहीं। एडमिरल रामदास ने इस बात पर सख्त नाराजगी जाहिर की है कि सेनाओं को राजनीति के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
एडमिरल रामदास ने साफ़ कहा है कि उस दौरे में दिवंगत राजीव गांधी के साथ कोइ विदेशी नहीं था और उनकी पत्नी ही उनके साथ थीं। ”हो सकता है उनका पुत्र भी उनके साथ हो लेकिन मुझे याद नहीं।” रामदास ने कहा कि उस कमान के प्रमुख के नाते वे भी आईएनएस विराट के उस कार्यक्रम में शामिल थे। ”कोइ विदेशी तो कतई राजीव गांधी के साथ नहीं था। यह एक सरकारी कार्यक्रम था। हमने खुद पीएम राजीव गांधी के लिए डिन्नर होस्ट किया था।”
रामदास ने कहा कि पीएम मोदी के ब्यान के बाद उन्होंने अपने अन्य पूर्व अधिकारी साथियों के साथ भी इस मसले पर बात की है।  यह सभी उस दिन आईएनएस विराट में उपस्थित थे। ”राजीव गांधी का दौरा सरकारी दौरा था। इसे पिकनिक के लिए कहना सेनाओं का अपमान करने जैसा है। सेनाओं को राजनीति के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।”
प्रधानमंत्री मोदी के ”आईएनएस विराट को राजीव गांधी के टैक्सी के रूप में इस्तेमाल करने” की टिप्पणी पर भी एडमिरल रामदास ने सख्त ऐतराज जताया है। उन्होंने  कहा – ”ऐसा कहना देश की सेना और देश की रक्षा में लगे आईएनएस विराट का अपमान करना है। नौसेना को राजनीति के लिए बदनाम किया जा रहा है। उस समय तो आईएनएस पर्सनल टैक्सी के रूप में इस्तेमाल नहीं हुआ लेकिन अब ऐसा होता होगा।”