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शेयर बाजार में जबरदस्‍त तेजी

एग्जिट पोल के नतीजों के बाद भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्‍त तेजी देखने को मिली है। सोमवार को शेयर बाजार ने जबरदस्त शुरुआत की और शुरुआती मिनटों में ही सेंसेक्‍स ९५० अंकों से ज्‍यादा मजबूत हो गया जबकि निफ्टी ३०० अंकों की बढ़त में दिखा।
दोपहर होते तक बीएससी सेंसेक्स १३१८.९९ अंकों के उछाल के साथ ३९,२४९.७६ पर पहुंचा गया। वहीं निफ्टी भी ३८५ प्वाइंट की तेजी के साथ ट्रेड कर रहा था। उधर प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स सुबह ९.४१ बजे ७२५.१८ अंकों की मजबूती के साथ ३८,६५५.९५ पर और निफ्टी भी करीब-करीब इसी समय २०८.५५ अंकों की बढ़त के साथ ११,६१५.७० पर कारोबार करते देखे गए।
शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स ने ३८,८९२.८९ का ऊपरी स्तर तो ३८,६६८.८५ का निचला स्तर छुआ। शुक्रवार को सेंसेक्स ३७,९३०.७७ पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी ११,४०७.१५ पर बंद हुआ था।
बाज़ार में यह परिवर्तन रविवार को आए एक्जिट पोल के नतीजों में एनडीए को स्‍पष्‍ट बहुमत के अनुमान के बाद दिखा है। वैसे असली नतीजे २३ मई को आने हैं।

एमपी विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के लिए भाजपा ने राज्यपाल को लिखी चिट्ठी

एग्जिट पोल में ”जबरदस्त सफलता” से उत्साहित भाजपा ने अब राज्यों में कांग्रेस सरकारों की ”उलट-पलट” पर नजर टिका दी है। भाजपा ने सोमवार को मध्य प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को पत्र भेजकर कहा है कि ”प्रदेश की कमलनाथ सरकार अल्पमत में है लिहाजा विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाए”। भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने तो यह तक दावा कर दिया है कि ”भाजपा के पास बहुमत की सीटें हैं”।
इसके अलावा सोमवार को ही मध्यप्रदेश में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा विधायक दल के नेता गोपाल भार्गव ने कहा – यह (मध्य प्रदेश सरकार) खुद ही गिर जाएगी। मैं खरीद-फरोख्त में विश्वास नहीं करता, लेकिन मुझे लगता है, समय आ गया है और जल्द ही उन्हें जाना होगा।” उनके अलावा भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के प्रदेश में २९ में से २२ सीटों पर कांग्रेस की जीत के दावे पर कहा – ”फिलहाल तो लोकसभा चुनाव के बाद प्रदेश में कमलनाथ के मुख्यमंत्री बने रहने पर भी प्रश्न चिह्न लगा हुआ है।”
इन बयानों से साफ़ जाहिर है कि भाजपा पिछले साल दिसंबर में विधानसभा चुनाव में मिली हार को अभी तक पचा नहीं पाई है और अब पिछले दरवाजे से इन राज्यों में कांग्रेस की सरकारें गिराने की तैयारी कर रही है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता विजयवर्गीय ने रविवार को इंदौर में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिलने का दावा भी किया था। मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने कैलाश विजयवर्गीय के बयान पर ट्ववीट करके प्रतिक्रिया जताते हुए कहा –  ”कमलनाथ पूरे पांच वर्ष तक मुख्यमंत्री रहेंगे। कमलनाथ पांच वर्ष ही नहीं, कांग्रेस की सरकार राज्य में अगले १५ वर्ष तक कमलनाथ के नेतृत्व में रहेगी।” उन्होंने विजयवर्गीय से कहा – ”वे अपनी चिंता करें, क्योंकि आगामी २३ मई के परिणाम के बाद उनका (विजयवर्गीय) पश्चिम बंगाल के प्रभारी का पद जरूर खतरे में आ जाएगा। दीदी (ममता बनर्जी) ने धज्जियां बिखेर दी हैं।”

मतदान निपटते ही योगी ने राजभर को निपटाया

मतदान निपटते ही यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने केबिनेट मंत्री और भाजपा की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को भी सोमवार को निपटा दिया। पिछड़े वर्ग के नेता राजभर ने चुनाव से पहले ही पिछड़ों और गरीबों के प्रति भाजपा की नीतियों का विरोध किया था और बागी तेवर दिखाए थे। योगी के उन्हें बर्खास्त करने के फैसले का स्वागत करते हुए राजभर ने फिर कहा कि गरीबों के साथ अन्याय हो रहा है।
मुख्यमंत्री योगी ने राज्यपाल राम नाईक को चिठ्ठी भेजकर राजभर को तत्काल प्रभाव से पदमुक्त करने की सिफारिश की थी जिसे राज्यपाल ने सोमवार स्वीकार कर लिया। ओमप्रकाश राजभर की पार्टी के अन्य सदस्य जो विभिन्न निगमों और परिषदों में अध्यक्ष और सदस्य हैं, उन्हें भी योगी ने तत्काल प्रभाव से हटा दिया है।
राजभर अपने भाजपा विरोधी बयानों से योगी सरकार के लिए लगातार मुसीबत बने हुए थे। वैसे राजभर ने पहले ही मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था लिहाजा मंत्रिमंडल से उनकी आज की बर्खास्तगी महज एक औपचारिकता ही कही जाएगी।
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर सोमवार सुबह ट्वीट किया गया – ”मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल को पिछड़ा वर्ग कल्याण और दिव्यांग जन कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर को मंत्रिमंडल से तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करने की सिफारिश की है।” बाद में राजभवन से सूचना आई कि राज्यपाल ने मुख्यमंत्री की सिफारिश को स्वीकार कर लिया है।
उधर योगी के फैसले के बाद ओमप्रकाश राजभर ने कहा – ”मैंने तो पहले ही अपना इस्तीफा दे दिया था। अब उनका जो मन हो वह करें। वह कह रहे थे कि हम उनकी पार्टी से चुनाव लड़ें, ऐसा करने पर तो हमारी पार्टी का अस्तित्व खत्म हो जाता। जिस विचार को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं, वह खत्म हो जाता।”

एग्जिट पोल में ‘फिर मोदी सरकार’

लोक सभा चुनाव २०१९ के चुनाव के सातवें चरण के बाद टीवी चैनलों के एग्जिट पोल में एक बार फिर ”मोदी सरकार” का दावा किया गया है। चुनाव के नतीजे २३ मई को सामने आएंगे।
इन एग्जिट पोल के मुताबिक भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को ३०६ सीटें, कांग्रेस की अगुवाई वाले यूपीए को १३२ और निर्गुट को १०४ सीटें मिलती दिख रही हैं। वोट प्रतिशत को देखें तो एनडीए पर ४१.१ फीसद, यूपीए पर ३१.७ और गैर यूपीए और गैर एनडीए को २७ फीसद मत मिल रहे हैं। एग्जिट पोल के मुताबिक भाजपा को इस चुनाव में २६२ सीटें मिल रही हैं, अगर २०१४ से तुलना करें तो भाजपा को २० सीटों का नुकसान हो रहा है।
हालाँकि एबीपी के एग्जिट पोल में भाजपा (एनडीए) को बहुमत से चंद सीट कम बताया गया है हालाँकि दूसरे अन्य तमाम चैनल भाजपा के नेतृत्व में एनडीए की बड़ी जीत का दावा अपने एग्जिट पोल में कर रहे हैं।
कांग्रेस की हालत में थोड़ा सुधार इन एग्जिट पोल में बताया गया है हालांकि उसकी सीटें ७८ के आसपास ही पहुँच पा रही हैं। इन एग्जिट पोल से पहले यह कयास लगाया जा रहा था कि इस चुनाव में हंग लोक सभा आ सकती है लेकिन एग्जिट पोल इसे नकार रहे हैं।
इस एग्जिट पोल के ”पोल आफ पोल” के मुताबिक एनडीए २९६ सीट जीत सकता है।  इसका अर्थ है एनडीए २७२ के जादुई आंकड़े को पार कर एक बार फिर नरेंद्र मोदी की अगुवाई में सरकार बनाएगा। यूपीए को १२६ सीटें और अन्य के खाते में १२० सीटें जाती हुई नजर आ रही हैं।
”जन की बात” के एग्जिट पोल के मुताबिक एनडीए ३०५ सीटों पर कब्जा जमाता हुआ नजर आ रहा है। इसका अर्थ ये है कि एनडीए २७२ के जादुई आंकड़े को पार कर एक बार फिर नरेंद्र मोदी की अगुवाई में सरकार बनाएगा। यूपीए को १२४ सीटें और अन्य के खाते में ११३ सीटें जाती हुई नजर आ रही है।
”न्यूज नेशन” के एग्जिट पोल के मुताबिक एनडीए २८६ सीटों पर कब्जा जमाता हुआ नजर आ रहा है। यूपीए को १२२ सीटें और अन्य के खाते में १३४ सीटें जाती हुई नजर आ रही है।
सी- वोटर्स के एग्जिट पोल के मुताबिक एनडीए २८७ सीटों पर कब्जा जमाता हुआ नजर आ रहा है। यूपीए को १२८ सीटें और अन्य के खाते में १२७ सीटें जाती हुई नजर आ रही है।

साध्वी प्रज्ञा को बाहर करे भाजपा : नीतीश

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा की भोपाल लोकसभा सीट से प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा के गोडसे को देशभक्त बताने वाले बयान की सख्त निंदा की है और भाजपा से कहा है कि उन्हें पार्टी से बाहर किया जाए। नीतीश के ब्यान से भाजपा की मुश्किल बढ़ सकती है।
महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को प्रज्ञा ने ”देशभक्त” बताया था जिसके बाद से भाजपा पर हर तरफ से आकर्मण हुए हैं। इसका ही नतीजा था कि पीएम मोदी तक को कहना पड़ा कि वे साध्वी के ब्यान को बहुत गलत मानते हैं और इसे लिए उन्हें कभी माफ़ नहीं करेंगे।
यह अलग बात है कि प्रज्ञा के लिए भाजपा नेताओं का ”यह निंदा अभियान” बयानों तक ही सीमित रहा और उनके खिलाफ कोइ ठोस कार्रवाई भाजपा ने नहीं की। अब बिहार के मुख्यमंत्री और भाजपा के सहयोगी नीतीश कुमार ने भी भाजपा को प्रज्ञा को पार्टी से बाहर करने की नसीहत दी है। नीतीश ने रविवार को पटना में वोट डालने  के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा – ”साध्वी का बयान निंदनीय है। गांधीजी को लेकर इस तरह के बयानों को कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता। यह भाजपा का आतंरिक मामला है, लेकिन इस तरह के बयान के लिए उन्हें पार्टी से निकालने पर विचार करना चाहिए।”

बंगाल में फिर चुनावी हिंसा

लोकसभा चुनाव के सातवें और आखिरी चरण के मतदान के बीच पश्चिम बंगाल में फिर हिंसा हुई है। डायमंड हार्बर लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार निलंजन रॉय की कार पर हमला हुआ है। उधर बिहार के चंदौली के मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के सिकटिया गांव में भाजपा और सपा कार्यकर्ताओं में भिड़ंत हो गई। पंजाब के खडूर साहिब में एक कांग्रेस कार्यकर्ता की हत्या कर दी गयी। वहां जलंधर और गुरदासपुर में भी कुछ हिंसा होने की खबर है। देश में इस समय आठ राज्यों की ५९ लोक सभा सीटों के लिए मतदान चल रहा है। इस बीच भाजपा ने कहा है कि बंगाल में हिंसा को लेकर वह चुनाव आयोग जाएगी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक बंगाल के जाधवपुर और बसीरहाट में भाजपा ने टीएमसी पर वोटिंग में गड़बड़ी का आरोप लगाया है। डायमंड हार्बर लोकसभा सीट से ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे भाजपा उम्मीदवार  निलांजन रॉय की कार पर हमला हुआ है। यहां के डोंगरिया इलाके में रॉय की कार पर हमला हुआ।
जाधवपुर से भाजपा उम्मीदवार अनुपम हाजरा ने टीएमसी पर कई बूथों पर वोटिंग में गड़बड़ी करने और भाजपा कार्यकर्ताओं की पिटाई का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप में कहा – ”टीएमसी की महिला कार्यकर्ता कपड़े से चेहरे को ढककर फर्जी वोटिंग कर रही हैं।” टीएमसी से भाजपा में आए अनुपम हाजरा ने बूथ नंबर १५०/१३७ का दौरा करने के बाद आरोप लगाया – ”चेहरे को ढककर टीएमसी की महिला कार्यकर्ता फर्जी वोट डाल रही हैं, उन्हें पहचानना मुश्किल है। जब हमने इस पर आपत्ति की तो उन्होंने पोलिंग स्टेशन पर हंगामा किया।”
हाजरा ने कहा – ”टीएमसी के गुंडों ने भाजपा के मंडल अध्यक्ष और ड्राइवर की पिटाई की है। कार पर हमला किया है। हमने अपने तीन पोलिंग एजेंटों को बचाया है। टीएमसी के गुंडे ५२ बूथों पर गड़बड़ी कर रहे हैं।”
बिहार में राजद नेता तेजप्रताप यादव की गाड़ी का शीशा तोड़ने की सूचना है। यह घटना तब हुई जब एक कैमरा मैन का पैर उनके काफिले की गाड़ी के पहिए से दब गया। बार-बार बोलने के बाद भी तेज प्रताप के ड्राइवर ने गाड़ी को पीछे नहीं किया जिसके बाद गुस्से में कैमरामैन ने अपने कैमरे से गाड़ी का शीशा तोड़ दिया। इसके बाद तेजप्रताप के प्राइवेट गार्ड्स ने कैमरामैन को पकड़ा और उसकी जमकर पिटाई कर दी।
घटना के बाद तेज प्रताप ने खुद की हत्या के ”षड्यंत्र” का आरोप लगाया है। तेज प्रताप यादव ने कहा – ”मेरे बाउंसरों ने कुछ नहीं किया। मैं वोट डालने के बाद जा रहा था तब एक फोटोग्राफर ने मेरी कार की विंडस्क्रीन पर हाथ मार दिया। मैंने घटना की रिपोर्ट दर्ज करा दी है। मुझे मारने की साजिश रची जा रही है।”
इस बीच पंजाब के खडूर साहिब में एक कांग्रेस कार्यकर्ता की हत्या कर दी गयी. वोट डालने जा रहे कांग्रेसी कार्यकर्ता पर धारदार हथियार से हमला किया गया जिससे उसकी मौत हो गयी। पुलिस के अनुसार मामला आपसी रंजिश का है। घटना का चुनाव से कोई संबंध नहीं है।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा – ”पंजाब में चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से हो रहे हैं। तरण-तारण में हत्या का एक मामला रिपोर्ट किया गया था लेकिन पुलिस की शुरुआती रिपोर्ट में यह मामला व्यक्तिगत दुश्मनी का सामने आया है।  राज्य में लॉ ऐड ऑर्डर दुरुस्त है। हम भाजपा और अकाली दल दोनों को हराएंगे।”
इस बीच पंजाब के गुरदासपुर में कांग्रेस समर्थकों ने आपस में ही मारपीट हो गयी  जिसमें तीन लोग घायल हुए हैं। घटना कोट मोहनलाल इलाके की बतायी जा रही है।  इस सीट पर अभिनेता सनी देओल भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं और उनके मुकाबले में कांग्रेस के सांसद सुनील जाखड़ हैं।

देश के पहले वोटर ने डाला वोट
हिमाचल के कालपा में १०२ साल के श्याम सरन नेगी ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।  उन्हें स्वतंत्र भारत का पहला मतदाता माना जाता है। उन्होंने अपना पहला वोट १९५१ के लोकसभा चुनाव में डाला था।

मतदान प्रतिशत
दोपहर एक बजे तक पंजाब के गुरदासपुर में ३५, अमृतसर २७, खडूर साहिब में ३३,
जलंधर में ३६, होशियारपुर में २२, आनंदपुर साहिब में ३७, लुधियाना में २४, फ़तेहगढ़   साहिब में ३४, फरीदकोट में २८, फिरोजपुर में ३४, बठिंडा में ३६, संगरूर में ३८ और
पटियाला में २८ फीसदी वोट पड़े थे। मध्य प्रदेश में दोपहर एक बजे तक ४४ , उत्तर प्रदेश में ३६, बंगाल में ४८, झारखंड में ५२, चंडीगढ़ में ३५, बिहार में ३६, पंजाब में ३७ फीसदी मतदान हुआ है।
याद रहे चुनाव के पहले चरण में ६९.४३, दूसरे में ६७, तीसरे में ६६, चौथे में ६३.१६, पांचवें में ६२.४६, हिमाचल ३२ और छठे चरण में ६२.२७ प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था।

चुनाव आयुक्त लवासा ने आयोग की बैठकों में जाना छोड़ा !

विपक्ष की तरफ से चुनाव आयोग के रोल पर लगातार सवाल उठाने के क्रम के बीच अब आयोग में ही घमासान मच गया है। चुनाव आयोग की ओर से पीएम मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को आचार संहिता उल्लंघन के मामलों में ”क्लीन चिट” देने पर असहमति दर्ज़ करने वाले चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने आयोग की बैठकों में जाना छोड़ दिया है। उधर केंद्रीय चुनाव आयोग के सदस्यों में मतभेद की रिपोर्ट्स को खारिज करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि ”चुनाव आयुक्तों से यह उम्मीद नहीं की जाती है कि वे एक-दूसरे के क्लोन बन जाएं।”
चुनाव आयोग को अशोक लवासा के कथित पत्र पर बयान जारी करते हुए अरोड़ा ने कहा कि चुनाव आयोग के तीन सदस्य एक-दूसरे के क्लोन तो नहीं हो सकते हैं।  ”पहले भी ऐसा कई बार हुआ है जब विचारों में मतभेद देखने को मिले हैं। ऐसा हो सकता है। ऐसा होना भी चाहिए।”
गौरतलब है कि कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि चुनाव आयुक्त लवासा ने हाल में मुख्य चुनाव आयुक्त को एक पत्र लिखकर अपना विरोध दर्ज कराते हुए कहा है कि जब तक उनके असहमति वाले मत को ऑन रिकॉर्ड नहीं लिया जाएगा तब तक वह आयोग की किसी भी बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे।
रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ मिली शिकायतों की जांच के लिए गठित की गई समिति में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा, अशोक लवासा और सुशील चंद्रा शामिल थे। इन मामलों में चुनाव आयुक्त लवासा का मत अन्य दोनों सदस्यों से अलग था और वह उन्हें आचार संहिता के उल्लंघन के दायरे में मान रहे थे। लेकिन बहुमत से किये फैसले में आचार संहिता का उल्लंघन नहीं मानते हुए ”क्लीनचिट” दी गई थी।
कहा गया है कि लवासा चाहते थे कि उनका मत रिकॉर्ड पर लिया जाए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके चलते विरोध में लवासा ने ४ मई से आयोग की बैठक खुद को अलग कर लिया। मुख्य चुनाव आयुक्त को लिखे पत्र में लवासा ने कहा है कि वह बैठकों में तभी आएंगे जब आदेश में बहुमत से लिए फैसले के साथ अल्पसंख्यक मत यानी एक सदस्य की राय को भी रिकॉर्ड पर लाया जाएगा।
उधर चुनाव आयोग के सदस्यों के बीच इस विवाद पर देश के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के प्रमुख प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा – ”चुनाव आयोग मोदीजी का पिट्ठू बन चुका है। अशोक लवासाजी की चिट्ठी ये साफ है सीईसी और उनके सहयोगी लवासाजी का जो भी मत है मोदीजी और अमित शाह को लेकर उसको भी रिकॉर्ड करने को तैयार नहीं हैं।”
इधर मुख्या चुनाव आयुक्त ने विवाद की ख़बरें मीडिया के बीच आने के बाद कहा –  ”आज मीडिया में चुनाव आयोग की आंतरिक कार्यप्रणाली पर ख़बरें आई हैं। इस विवाद को टाला भी जा सकता था। मैं जरूरत पड़ने पर व्यक्तिगत रूप से कभी भी डिबेट से नहीं कतराता हूं लेकिन हर किसी चीज का एक समय होता है। यह बातें ऐसे समय में आई हैं जब सभी सातवें और आखिरी चरण के चुनाव की तैयारी में जुटे हैं।”

जवान औरंगजेब के हत्यारे समेत ३ आतंकी ढेर

जम्मू कश्मीर में सेना और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ में शनिवार को तीन आतंकी ढेर कर दिए गए। मुठभेड़ पुलवामा जिले के अवंतीपोरा में हुई जिसमें मारे गए तीन आतंकियों में से एक वो आतंकी भी शामिल है जिसने जवान औरंगजेव की हत्या की थी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक अवंतीपोरा में सुरक्षा बलों को आतंकियों की मौजूदगी की जानकारी मिली जिसके बाद वहां धावा बोला गया। दोनों तरफ से गोलीबारी हुई जिसमें सुरक्षा बलों ने तीन आतंकी मार गिराए।
जिन तीन आतंकियों को ढेर किया गया उनमें से एक शौकत अहमद डार भी बताया गया है जो कुछ महीने पहले अपहरण के बाद की गयी जवान औरंगजेब की हत्या में शामिल था। अवंतीपोरा के पंजगाम गांव में सुबह आतंकवादियों से १३० बटालियन सीआरपीएफ, ५५ आरआर और स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) के बीच मुठभेड़ हुई     जिसमें तीन आतंकी ढेर किये गए।
इस बीच दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में भी मुठभेड़ की सूचना है। घाटी में सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है क्योंकि यह इंटेलिजेंस इनपुट मिले हैं कि आतंकी घाटी में दहशत फैलाने की तैयारी में हैं।

केदारनाथ में मोदी, सोमनाथ में शाह

चुनाव नतीजों से पांच दिन पहले पीएम मोदी शनिवार को केदारनाथ धाम पहुंचे जबकि उनके पार्टी अध्यक्ष अमित शाह सोमनाथ मंदिर पहुंचे। दोनों ने इन मंदिरों में पूजा-अर्चना की।
मोदी चुनाव प्रचार खत्म होते ही शनिवार को उत्तराखंड के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे। मोदी सुबह केदारनाथ पहुंचे जहां उन्होंने सबसे पहले बाबा केदार के मंदिर में पूजा की। मोदी १९ मई को बद्रीनाथ जाएंगे। मोदी ने केदारनाथ मंदिर के भीतर काफी देर तक साधना की जिसके बाद पुजारी ने उन्हें रुद्राक्ष की माला पहनाई और माथे पर चंदन लगाया और शॉल भी पहनाई।
उधर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी चुनाव प्रचार की भागदौड़ के बाद गुजरात स्थित सोमनाथ मंदिर पहुंचे और आशीर्वाद लिया। शाह ने मंदिर में पूजा अर्चना की और सोमनाथ बाबा का आशीर्वाद लिया। शाह वहां अपने परिवार के साथ पहुंचे।
इधर पीएम मोदी ने मंदिर में पूजा अर्चना के बाद प्रधानमंत्री ने स्थानीय अधिकारियों से वहां के कामकाज और चल रही योजनाओं के बारे में जानकारी ली। प्रधानमंत्री अब केदारनाथ में बनी गुफा में ध्यान करेंगे।

इस चुनाव में सत्य की जीत होगी : राहुल

इस लोक सभा चुनाव के प्रचार की अंतिम प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि ”मोदी के पास पैसा है, हमारे पास सत्य और इस चुनाव में सत्य की जीत होगी”। प्रेस कांफ्रेंस के कुछ देर बाद राहुल ने ट्वीट कर पीएम मोदी के भाजपा  अध्यक्ष अमित शाह के साथ प्रेस कांफ्रेंस करने लेकिन इसमें पत्रकारों का एक भी  सवाल नहीं लेने पर भी तंज कसा –  ”मोदी जी! शानदार प्रेस कांफ्रेंस, अगली बार शायद अमित शाह आपको कुछ सवालों के जवाब देने दें।”
इससे पहले प्रेस कांफ्रेंस में राहुल गांधी ने कहा – ”इस चुनाव में चुनाव आयोग का पक्षपाती रवैया सामने आया है। मोदीजी जो कहना चाहते हैं वो कह सकते हैं, जबकि हमें वही बातें कहने से रोका जाता है। चुनाव के पूरे शेड्यूल को देखकर ऐसा लगता है जैसे सब कुछ नरेंद्र मोदी के प्रचार को ध्यान में रख कर तय किया गया था।”
कांग्रेस अध्यक्ष ने इस चुनाव के नतीजे को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा –  भाजपा और नरेंद्र मोदी के पास ढेर सारे पैसे हैं, जबकि हमारे पास सत्य है। इस चुनाव में सत्य की जीत होगी। जनता २३ मई को अपना फैसला सुनाएगी और उसी के आधार पर हम आगे काम करेंगे।”
गांधी ने यूपी में सपा-बसपा गठबंधन पर कहा – ”मैं दोनों दलों का सम्मान करता हूं कि उत्तर प्रदेश में दोनों दलों ने चुनाव साथ लड़ने का फैसला किया। जहां तक कांग्रेस पार्टी का सवाल, मैंने कांग्रेस की विचारधारा को उत्तर प्रदेश में आगे बढ़ाया है।”
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा – ”मैंने ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रियंका गांधी को आगे कर यह स्पष्ट कर दिया कि भाजपा को उत्तर प्रदेश में हराना है। हमारा दूसरा मकसद राज्य में कांग्रेस की विचारधारा को आगे बढ़ाना है। तीसरा, हमलोगों का मकसद विधानमसभा चुनाव जीतने का है। मुझे नहीं लगता मायावतीजी, मुलायमजी, ममताजी, चंद्रबाबू नायडूजी नरेंद्र मोदी को सरकार के लिए समर्थन दे रहे हैं।”
राहुल ने पीएम मोदी को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा – अदभुत, भारत के प्रधानमंत्री पहली बार प्रेस कांफ्रेंस कर रहे हैं। चुनाव खत्म होने के चार-पांच दिन पहले प्रेस कांफ्रेंस कर रहे हैं।”
उन्होंने पत्रकारों से भी मजाक ही मजाक में नाराजगी जताई –  ”मुझसे आप हमेशा कठिन सवाल पूछते हैं। न्याय योजना पर सवाल पूछते हैं। आप मोदीजी से क्यों नहीं पूछते हैं? उनसे आप उनके कपड़े और खाने पर बात करते हैं। मीडिया उनसे बालाकोट के बारे में बातें करती है।”
प्रेस कांफ्रेंस के बाद भी राहुल ने ट्वीट के जरिए मोदी के शाह के साथ अपनी प्रेस कांफ्रेंस में पत्रकारों का एक भी सवाल नहीं लेने पर भी तंज कसा – ”मोदी जी! शानदार प्रेस कांफ्रेंस। अगली बार शायद अमित शाह आपको दो सवालों के जवाब देने की इजाजत दें। बहुत खूब।
@RahulGandhi
 Congratulations Modi Ji. Excellent Press Conference! Showing up is half the battle. Next time Mr Shah may even allow you to answer a couple of questions. Well done! ?