पार्टी और खुद अध्यक्ष राहुल गांधी की अमेठी सीट पर हार के बाद शनिवार को कांग्रेस मुख्यालय में कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में राहुल ने अपने इस्तीफे की पेशकश की है। हालांकि खबर यह है कि सीडब्ल्यूसी से साफ़ तौर पर उनके इस्तीफे की पेशकश को नकार दिया है।
इस बैठक में यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और महासचिव प्रियंका गांधी सहित तमाम सदस्यों ने शिरकत की है। बैठक अभी जारी है। इस बैठक में पार्टी की हार से दुखी राहुल गांधी ने इस्तीफे की पेशकश कर दी है। अभी तक की खबर के मुताबिक सीडब्ल्यूसीने राहुल से इस्तीफा न देने को कहा है।
अभी तक राहुल का सीडब्ल्यूसी की इस बैठक में कोइ भाषण नहीं हुआ है। उनके भाषण के बाद ही यह साफ़ होगा कि अपने इस्तीफे को लेकर उनकी क्या राय है। पार्टी के कुछ बड़े नेताओं के मुताबिक राहुल सीडब्ल्यूसी के दवाब के बावजूद अपने इस्तीफे पर अड़ सकते हैं। यह भी सम्भावना है कि प्रियंका गांधी या किसी अन्य वरिष्ठ नेता को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जाए। पार्टी नेताओं के मुताबिक राहुल की प्रकृति नाटक की राजनीति करने की नहीं रही है लिहाजा इस सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता कि वो इस्तीफे को मंजूर करने पर जोर दें या कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त करने को कहें।
माना जाता है कि राहुल गांधी सबसे ज्यादा आहत इस बात से हैं कि पार्टी इतनी मेहनत और कमोवेश साफ़ और विकास वाला चुनाव प्रचार करने के वाबजूद ५० के आसपास ही सीटें हासिल कर पाई। यह भी जानकारी मिली है कि राहुल गांधी अमेठी में अपनी हार से सबसे ज्यादा दुखी हैं। इसका सबसे कारण उनका अमेठी से भावनात्मक रिश्ता होना है। जानकारों के मुताबिक राहुल अमेठी में अपनी हार से काफी ज्यादा विचलित हैं।
राहुल की इस्तीफे की कोशिश, सीडब्ल्यूसी ने कहा ‘न’
सूरत में आग की घटना में १७ की मौत
गुजरात के सूरत में भयंकर आग लगने की घटना में कमसे कम १७ लोगों की मौत हो गयी है। यह आग एक कमर्शियल काम्प्लेक्स में लगी है। चौथी मंजिल पर आग लग गयी जिसमें कोचिंग सेंटर चल रहा था। मरने वालों की संख्या ज्यादा हो सकती है।
अभी तक की ख़बरों के मुताबिक तक्षशिला कॉम्पलेक्स में भीषण आग लगने से अब तक १७ छात्रों की मौत हो गई। इन छात्रों या शिक्षकों के शव अब तक मिले हैं। जिस समय हादसा हुआ उस समय वहां करीब ५० छात्र पढ़ाई कर रहे थे। आग लगते ही घबराये बच्चों में से कुछ नीचे कूद गए। अन्य करीब ३३ बच्चों या शिक्षकों को लेकर अभी तक कोइ पक्की खबर नहीं है हालाँकि बताया गया है कि इनमें से कुछ जान बचाने में सफल रहे हैं।
अभी तक १७ के शव घटनास्थल पर मिल चुके हैं। हादसे का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। इस बिल्डिंग में कोचिंग सेंटर चलता है, जिसमें आग लगने के कारण बच्चे नीचे कूदने लगे। घटना के समय का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें आग के डर से छात्र बिल्डिंग से कूदते दिखाई दे रहे हैं।
आशंका है कि मरने वालों का आंकड़ा बढ़ सकता है। आग पर काबू पा लिया गया है। लेकिन बिल्डिंग से लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने का काम जारी है। आग के बाद भवन के ऊपर चारों तरफ काला धुंआ देखा गया।
जीत के बाद मोदी आडवाणी, जोशी से मिले
लोकसभा चुनाव में भाजपा और एनडीए की बड़ी जीत के बाद पीएम मोदी ने शुक्रवार को वरिष्ठम पार्टी नेताओं पूर्व उपप्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी के घर जाकर उनसे मुलाकात कर आशीर्वाद लिया। याद रहे चुनाव से पहले जिस तरह कुछ वरिष्ठ नेताओं के टिकट काटे गए थे, उसके बाद उनकी नाराजगी की खबरें बाहर आई थीं।
मोदी अमित शाह के साथ इन वरिष्ठ भाजपा नेताओं से मिले। बाद में पीएम मोदी ने ने ट्वीट कर कहा – ”भाजपा की जीत आज संभव हो पाई है, क्योंकि आडवाणीजी जैसे लोगों ने पार्टी को मजबूत करने के लिए दशकों तक काम किया।’ गौरतलब है कि आडवाणी-जोशी भाजपा के मार्गदर्शक मंडल में शामिल हैं।
उधर पीएम मोदी से भेंट के बाद मुरली मनोहर जोशी ने मीडिया से कहा – ”यह हमारी पार्टी की परंपरा है। हम वयोवृद्ध से शुभकामनाएं लेते हैं, ताकि भविष्य में और शक्ति के साथ काम कर सकें। इसी दृष्टि से प्रधानमंत्री जी और अध्यक्ष जी यहां आए थे। दोनों ने करिश्माई आंकड़ा हासिल किया। हमने पार्टी का बीज लगाया था। अब देश को स्वादिष्ट फल दिलाना इन दोनों की जिम्मेदारी है।”
जोशी ने यह भी कहा – ”एक बात स्पष्ट थी कि देश के सामने मजबूत सरकार बनाने की आवश्यकता थी। एक पार्टी के नाते भाजपा और प्रधानमंत्री के तौर पर मोदी का कोई विकल्प नहीं था। विपक्ष उनके सामने कुछ नहीं कर पाया। मैं सिर्फ एक उम्मीद करता हूं कि पार्टी अपना बेहतरीन काम करे और लोगों को नतीजे डिलीवर करे।’’ जोशी से जब एक पत्रकार ने पूछा कि मोदी उनके यहां १५ मिनट रहे तो जोशी का जवाब था – ”प्रधानमंत्री (मोदी) मेरे यहां महीनों रहे हैं, १५ मिनट तो बेहद कम हैं।”
इस बीच खबर है कि मोदी २८ मई को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में आभार रैली करेंगे। उनकी प्रधानमंत्री पद की दूसरी पारी की शपथ के लिए ३० को समारोह हो सकता है।
केबिनेट की बैठक कर आज इस्तीफा देंगे पीएम मोदी
भारतीय जनता पार्टी के आम चुनाव में बड़ी जीत के बाद शुक्रवार को पीएम मोदी ने अपने मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई है। इसमें चुनाव बाद की स्थिति पर कई मुद्दों पर चर्चा हो सकती है और सरकार के वर्तमान कार्यकाल के समाप्त होने पर इससे जुडी औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी।
केबिनेट की बैठक के बाद मोदी राष्ट्रपति से मिलेंगे और उन्हें अपना इस्तीफा सौपेंगे। इसके बाद ही वर्तमान सरकार का कार्यकाल ख़त्म होने के बाद नई सरकार की प्रक्रिया शुरू होगी। बाद में राष्ट्रपति फिर नरेंद्र मोदी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करेंगे।
एनडीए की भी आज ही बैठक होने की सम्भावना है। इसमें विभिन्न घटक दलों से आगे की रणनीति पर चर्चा होगी। गौरतलब है कि भाजपा ने इस चुनाव में अपने बूते ३०० से ज्यादा सीटें हासिल कर लगातार दूसरी बार बहुमत बाली सरकार बनाने में सफलता हासिल की है। इससे पहले कोइ भी सरकार इंदिरा गांधी के बाद लगातार पूर्ण बहुमत से नहीं बनी थी।
इस चुनाव में एनडीए ने ३५१ के करीब सीटें जीती हैं जबकि यूपीए को करीब ८५ सीटों पर सतोष करना पड़ा है। खुद कांग्रेस विपक्ष दल बनने के लिए ज़रूरी ५५ सीटों से थोड़ा पीछे रह गयी है। अन्य दलों को भी १०० से कम ही सीटें मिली हैं।
आप चुनाव आयोग सभी विजयी सांसदों को सर्टिफिकेट देगा। पीएम नरेंद्र मोदी आज अपने पद से इस्तीफा देंगे और केबिनेट के साथ बैठक करेंगे।
आतंक का पोस्टर ब्वाय ज़ाकिर मूसा ढेर
एक बड़ी कामयाबी में सुरक्षा बलों ने कश्मीर घाटी में आतंकवाद का ”पोस्टर ब्वाय” कहलाये जाने वाले जाकिर मूसा को ढेर कर दिया है। दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा में सेना ने इस मोस्ट वॉन्टेड आतंकी को एक मुठभेड़ में मार गिराया है। प्रशासन ने कश्मीर में सभी शिक्षण संस्थान, अन्य संस्थान आज बंद रखने की घोषणा की है ताकि किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से बचा जा सके।
यह मुठभेड़ गुरूवार को हुई है और अब सेना ने भी आधिकारिक रूप से इस बात की पुष्टि की है कि मुठभेड़ में मारा गया आतंकी जाकिर राशिद भट्ट उर्फ जाकिर मूसा ही है। घाटी में सेना ने आतंकियों के खिलाफ अपनी कार्रवाई में दक्षिण कश्मीर के त्राल में यह यह सफलता हासिल की।
मूसा आतंकी संगठन अंसार गजावत-उल-हिंद का मुखिया था। संयोग यह भी कि जाकिर मूसा को पुलवामा के उसी इलाके में ढेर किया गया, जहां २०१६ में सेना ने हिज्बुल कमांडर बुरहान वानी को मार गिराया था। मूसा ने ही संगठन की कमान गाजी से संभाली थी।
हिज्बुल कमांडर बुरहान वानी के बाद घाटी में आतंक के पोस्टर बॉय बन चुके जाकिर मूसा ने इंजनियरिंग की पढ़ाई छोड़ इस्लामिक राज्य की स्थापना के लिए जंग का रास्ता चुना। वह आतंकी संगठन अल कायदा से जुड़े अंसार गजावत-उल-हिंद का चीफ था। गुरुवार को सेना को त्राल में मूसा के मौजूद होने की जानकारी मिली थी। इसके बाद सेना की ४२ राष्ट्रीय राइफल्स, जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप, और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों ने यहां पर बड़ा सर्च ऑपरेशन शुरू किया।
इस दौरान जाकिर मूसा के ठिकाने की घेराबंदी कर सेना के अधिकारियों ने उसे सरेंडर करने के लिए कहा, जिसपर मूसा ने सेना के अधिकारियों पर ग्रेनेड हमला कर भागने की कोशिश की। मुठभेड़ के दौरान वह ढेर हो गया। इसके बाद सेना ने बड़ा काउंटर ऑपरेशन शुरू करते हुए इलाके में सख्त घेराबंदी की और फिर भारी गोलीबारी करते हुए मूसा को उसी मकान में मार गिराया, जहां उसने पनाह ली थी।
याद रहे मूसा को घाटी में आतंक का ”पोस्टर बॉय” कहा जाता था। दिलचस्प बात यह भी थी कि जाकिर मूसा एक पढ़ा-लिखा व्यक्ति था और उसे टेक्नॉलजी सेवी माना जाता था।
बदनीयत से कोई काम नहीं करूंगा : मोदी
जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की जनता का सामने तीन संकल्प किये हैं। भाजपा कार्यालय में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के साथ पहुंचे मोदी ने समर्थकों के जबरदस्त स्वागत के बीच कहा – ”मैं देशवासियों से कहना चाहूंगा, इसे मेरा वादा-संकल्प-प्रतिबद्धता मानिए कि आपने जो मुझे फिर से काम दिया है, आने वाले दिनों में मैं बदइरादे, बदनीयत से कोई काम नहीं करूंगा। इतनी बड़ी जिम्मेदारी के बाद में देशवासियों से कहना चाहूंगा कि मैं मेरे लिए कुछ नहीं करूंगा। मेरा पल-पल और मेरे शरीर का कण-कण देशवासियों के सेवा में समर्पित होगा।”
उनसे पहले अपने सम्बोधन में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने इसे ”महानायक मोदी” की जीत बताया। बाद में मोदी ने अपने सम्बोधन में कहा – ”इस चुनाव में एक भी राजनीति दल सेकुलरिज्म का नकाब पहनकर देश को गुमराह नहीं कर पाया। ये चुनाव ऐसा है, जहां महंगाई को एक भी विरोधी दल मुद्दा नहीं बना पाया। ये चुनाव ऐसा है जिसमें कोई भी दल हमारी सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर उसे मुद्दे नहीं बना पाया।”
भाजपा की किसी समय दो सीटों का जिक्र और भाजपा के उत्थान पर मोदी ने कहा – ” कभी हम दो हो गए, तो भी और आज दोबारा आ गए। दो से दोबारा होने की यात्रा में कई उतार चढ़ाव आए। कितना गर्व होता है कि जिस दल में हम हैं, उसमें कितने दिलदार लोग हैं।”
मोदी ने इस चुनाव को जनता का चुनाव कुछ यूं बताया – ”इस चुनाव में मैं पहले दिन से कहा रहा था कि ये चुनाव कोई दल नहीं लड़ रहा है, कोई उम्मीदवार नहीं लड़ रहा है, कोई नेता नहीं लड़ रहा है। ये चुनाव देश की जनता लड़ रही थी।”
जब मोदी भाजपा कार्यालय पहुंचे तो बारिश हो रही थी। मोदी ने अपने भाषण में इसका भी जिक्र किया – ”आज स्वयं मेघराज भी विजय उत्सव में शरीक होने के लिए हमारे बीच हैं। आजादी के बाद कई चुनाव हुए, लेकिन इस चुनाव में सबसे ज्यादा मतदान हुआ, और वह भी ४०-४२ डिग्री तापमान में। चुनाव आयोग को उत्तम तरीके से चुनाव कराने के लिए धन्यवाद। जनता ने इस फकीर की झोली भर दी।”
मोदी से पहले अपनी पार्टी की जीत को शाह ने कई मायने में ऐतिहासिक बताया। कहा – ”पचास साल के बाद पहली बार देश में पूर्ण बहुमत से शासन करने वाला प्रधानमंत्री, दोबारा पूर्ण बहुमत के साथ प्रधानमंत्री बनने जा रहा है। ये सम्मान हम सबके लोकप्रिय नेता, भाजपा के लोकप्रिय नेता नरेंद्र मोदी जी को मिला है। एक ओर जनता ने मोदीजी के नेतृत्व में भाजपा को जिताया है। दूसरी ओर कांग्रेस को करारी हार देखनी पड़ी है। देश के १७ राज्यों में कांग्रेस को बिग जीरो मिला है। उत्तर प्रदेश के अंदर सपा-बसपा दोनों इकट्ठा हुए तो मीडिया का कहना था कि उत्तर प्रदेश में क्या होगा? ये प्रचंड विजय दर्शाती है कि आने वाले दिनों में परिवारवादी पार्टियों का कोई महत्व नहीं रहने वाला है।”
शाह ने कहा कि आज देश के अंदर आजादी के बाद सबसे ऐतिहासिक विजय नरेंद्र मोदीजी के नेतृत्व में भाजपा को प्राप्त हुई है। ”ये हम सबके लिए गौरव की बात है। ये देश की जनता की विजय है। ये भाजपा के ११ करोड़ भाजपा के कार्यकर्ताओं के कठिन परिश्रम की विजय है। ये विजय भाजपा की मोदी सरकार, जिसने २०१४-१९ तक सबका साथ-सबका विकास की नीति से काम किया, ये उस नीति की विजय है।”
बाद में मोदी ने भी शाह के बतौर पार्टी अध्यक्ष मेहनत की तारीफ़ की। मोदी ने पार्टी के पन्ना प्रमुखों के रोल को भी खूब सराहा। ”कुछ लोगों ने हमारे पन्ना प्रमुखों का मजाक उड़ाया लेकिन आज साबित हो गया है कि पन्ना प्रमुखों की क्या ताकत है।”
हार की जिम्मेवारी मेरी; मोदी, स्मृति को बधाई : राहुल
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कांग्रेस को लोक सभा चुनाव में पार्टी को मिली हारी हार की जिम्मेवारी ली है। चुनाव नतीजों के बाद कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने पीएम भाजपा को जीत की बधाई दी।
राहुल गांधी ने कहा – ”मैंने पहले भी कहा था कि जनता मालिक है। ”जनता ने आज साफ़ तौर पर अपना फैसला दिया है। प्रचार में भी मैंने यही कहा था कि जनता का जो फैसला होगा वह हमें मंजूर होगा।”
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि यह दो विचारधाराओं की लड़ाई है। हम अपनी विचारधारा पर हैं। हमेशा चलते रहेंगे।” जान उनसे जीत-हार को लेकर टिपणी को कहा गया तो राहुल ने कहा कि आज नतीजे आएं, आज ही चुनाव ख़त्म हुए हैं। मैं प्राइम मिनिस्टर को बधाई देना चाहता हूँ।”
राहुल ने कहा कि ”इस देश में बहुत बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो कांग्रेस की विचारधारा को मानते हैं। हम अपनी विचारधारा पर चलते रहेंगे। कार्यकर्ताओं को हौसला नहीं छोड़ना है।”
राहुल ने कहा कि जनता मालिक है जनता ने अपना फैसला दिया है बीजेपी के बधाई मोदी जी को बधाई। हमारी लड़ाई विचारधारा की लड़ाई और अलग अलग विजन है। बीजेपी जीती है मोदी जीते हैं उन्हें बधाई। जब उनसे हार के बाद कांग्रेस की योजना पर पूछा गया तो राहुल ने कहा – ”वर्किंग कमीटी तय करेगी। मैं लोगों के फैसले को किसी और विवाद से नहीं जोड़ना चाहता। आज ही चुनाव ख़त्म हुए हैं। आज ही नतीजा आया है, इसलिए कुछ नहीं कहना चाहता।
राहुल गांधी ने कहा कि हार की सेण्ट परसेंट जिमेवारी लेता हूँ। ”स्मृति ईरानी को भी बधाई। वो प्यार से अमेठी को रखें। गांधी ने कहा कि उनका बहुत मजाक उड़ाया गया है। उन्हें बहुत गाली दी गयी है। लेकिन मैं प्यार से रेस्पॉन्ड करूंगा। प्यार से ही बोलूंगा। यही मेरी फिलॉसफी है।
एक बार फिर मोदी सरकार
लोक सभा २०१९ के चुनाव के अभी तक से साफ़ है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए पिछली बार के मुकाबले ज्यादा बहुमत के साथ सत्ता में लौट रहा है। अभी तक के रुझानों से भाजपा के नेतृत्व वाला एनडीए करीब ३४० सीटों पर आगे है। कांग्रेस के नेतृत्व वाला यूपीए इससे गठबंधन से कहीं पीछे है और उसका आंकड़ा १०० से नीचे है।
अनुमानों के बिलकुल विपरीत यूपी में सपा-बसपा गठबंधन को करारी हार मिलती दिख रही है जबकि बंगाल में भाजपा ने टीएमसी के मजबूत किले भेदते हुए उससे ज्यादा सीटें हासिल की हैं। बिहार में भी गठबंधन फेल साबित हुआ है और वहां भाजपा-जेडीयू गठबंधन को सफलता मिली है।
कुल ५४२ सीटों के लिए हुए मतदान में भाजपा अपने बूते मैजोरिटी लेती दिख रही है। कांग्रेस के लिए बुरी खबर यह है कि अमेठी में भाजपा की स्मृति ईरानी उन्हें जबरदस्त टक्कर दे रही हैं। राहुल इस सीट पर कभी आगे और कभी पीछे चल रहे हैं।
कांग्रेस के कई दिग्गज इस चुनाव में हारते नजर आ रहे हैं। वायनाड सीट पर हालांकि राहुल आगे चल रहे हैं।
अब विपक्ष बना ‘चौकीदार’
पूरे चुनाव प्रचार में भले पीएम मोदी और भाजपा नेता ”चौकीदार” की भूमिका में थे, मतदान के बाद और नतीजों से पहले विपक्ष ”चौकीदार” की भूमिका में दिख रहा है।
नतीजों से ठीक पहले विपक्षी दलों की ओर से ईवीएम की सुरक्षा पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। यहाँ तक कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी तक ने चुनाव आयोग से ईवीएम की सुरक्षा पर उठ रहे सवालों पर कहा है।
विपक्ष यूपी के गाजीपुर और चंदौली जैसे मामलों को आधार बनाकर चुनाव आयोग पर निशाना साध रहा है। हालांकि, आयोग ने सभी आरोपों को निराधार बताते हुए कहा है कि सभी ईवीएम कड़ी सुरक्षा में हैं।
विपक्ष के राजनीतिक दलों ने ईवीएम वाले स्ट्रॉन्ग रूम पर पूरी मुस्तैदी के साथ अपने लोगों को पहरेदारी पर लगा रखा है। पार्टियां कई एहतियात बरत रही हैं और मतगणना के लिए निर्देश भी जारी किए हैं। चुनाव आयोग का कहना है कि लोकसभा चुनाव की वोटिंग खत्म होते ही सभी ईवीएम को स्ट्रॉन्ग रूम में रखा गया है, जो पूरी तरह से लॉक और सीसीटीवी की निगरानी में है।
आयोग की मुताबिक स्ट्रांग रूम की सुरक्षा सीआरपीएफ कर रही है। उसके भीतर जाने की किसी को इजाजत नहीं है। वैसे स्ट्रॉन्ग रूम के सामने परिसर में हर प्रत्याशी को अपने एजेंट को निगरानी करने की इजाजत दी गई है। आयोग ने हर एक स्ट्रॉन्ग रूम पर एक पार्टी को तीन एजेंट रखने की अनुमति दी है। ये एजेंट एक साथ भी रह सकते हैं और चाहें तो बारी-बारी से भी निगरानी कर सकते हैं।
अपनी ही मिसाइल का शिकार हुआ था एमआई-१७ !
बालाकोट एयर स्ट्राइक के अगले दिन श्रीनगर में २७ फरवरी को अचानक नीचे गिरा एमआई-१७ वास्तव में भारतीय मिसाइल का ही शिकार हो गया था। उस दिन भारत-पाक के बीच जबरदस्त तनाव की स्थिति थी। ऐसे में जब राडार पर यह हेलीकॉप्टर दिखा तो कथित तौर पर इसे ”दुश्मन का जहाज” समझकर चूक से मिसाइल दागकर नीचे गिरा दिया गया था। इसे लेकर अब जांच उस समय एयर डिफेंस सिस्टम पर तैनात लाेगाें सहित अन्य अफसराें की भूमिका पर केंद्रित की गई है और यह जांच चल रही है।
अभी तक की जांच और साक्ष्यों के आधार पर यह बात सामने आ रही है कि वायुसेना का एमआई १७ हेलिकाॅप्टर अपनी ही सेना की मिसाइल के निशाने पर आने से हादसे का शिकार हुआ जिसमें ६ नागरिक की मौत हो गयी थी। इस मामले में श्रीनगर के एयर आफिसर कमांडिंग (एओसी) का तबादला कर दिया गया है। माना जाता है कि हादसे की जांच निष्पक्ष हो, इसके लिए एयरबेस के सबसे वरिष्ठ अफसर काे हटाया गया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक यह जांच भी की जा रही है कि क्या हेलिकाॅप्टर का आईएफएफ – राडार पर दिख रहा जहाज़ दाेस्त है या दुश्मन – इसकी पहचान कराने वाला सिस्टम बंद था। हेलिकॉप्टर मामले में भारतीय वायु सेना की जांच २० दिन में पूरी होगी। सबूतों की पूरी सारणी इसके तुरंत बाद पेश की जाएगी और हेलिकॉप्टर में ६ जवानों और जमीन पर एक नागरिक की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों पर वायु सेना अधिनियम १९५० के सैन्य कानून के तहत गैर इरादतन हत्या का मामला चलाया जा सकता है।










