प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित तमाम बड़े नेताओं ने सोमवार को देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इन नेताओं ने देश के लिए उनके योगदान को याद किया।
पीएम मोदी ने ट्वीट कर पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा – ”पंडित जवाहर लाल नेहरूजी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि। हम देश के लिए उनके योगदान का स्मरण करते हैं।” याद रहे नेहरू को ११ बार नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया गया था।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत अन्य कांग्रेस नेताओं ने सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
कांग्रेस अध्यक्ष और संप्रग अध्यक्ष सहित अन्य कांग्रेस नेता पंडित नेहरू की शांति वन स्थित समाधि गए और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर याद किया। देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित नेहरू की आज ५५वीं पुण्यतिथि है।
नेहरू का जन्म १४ नवंबर, १८८९ को इलाहाबाद में हुआ था। सन १९४७ में भारत को आजादी मिलने पर वे स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री बने। संसदीय सरकार की स्थापना और विदेशी मामलों पर गुटनिरपेक्ष नीतियों की शुरुआत जवाहरलाल नेहरू ने ही की। वे लाल किले पर तिरंगा फहराने वाले पहले शख्स थे। २७ मई, १९६४ को नेहरू का निधन हो गया। नेहरू के जन्मदिन पर ही दुनियाभर में बाल दिवस मनाया जाता है।
नेहरू को पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि
काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा की मोदी ने
लोक सभा चुनाव में साधारण बहुमत से ३१ सीटें अधिक और पिछली बार से २१ सीटें ज्यादा जीतकर दोबारा सत्ता में आने के बाद नरेंद्र मोदी सोमवार को वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचे और पूजा अर्चना और अभिषेक किया। उनके साथ भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी हैं। इस समय मोदी मंदिर में पूजा अर्चना कर रहे हैं। वाराणसी मोदी का लोकसभा क्षेत्र भी है।
मोदी का प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण ३० मई को होना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबह अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे। पुलिस लाइन्स के हेलीपैड पर भारतीय वायुसेना के हेलीकप्टर से उतरने के बाद उनका काफिला काशी विश्वनाथ मंदिर के लिए रवाना हुआ। काशी में मोदी के दौरे के कारण सुरक्षा के लिए दस आईपीएस अधिकारी, २४ एएसपी, ४० डीएसपी, १८ थाना प्रभारी, २०० दरोगा, १८०० कॉन्स्टेबल, २० कंपनी सेंट्रल पैरामिलिट्री फोर्स और पीएसी तैनात की गई हैं।
रास्ते में दोनों और उनके समर्थक खड़े थे और उनपर पुष्प वर्षा कर रहे थे। बताया गया है कि पीएम के दौरे के लिए खास तौर पर २० क्विंटल गुलाब पंखुड़ियों का इंतजाम किया गया था। बाबतपुर एयरपोर्ट से विश्वनाथ मंदिर तक सफाई के लिए दो शिफ्ट में कर्मचारियों को लगाया गया।
इससे पहले अलग-अलग राज्यों से आए कलाकार संस्कृति के रंग बिखेरते दिखे। मोदी बाबा विश्वनाथ और शहर कोतवाल काल भैरव का दर्शन पूजन करने के बाद दूसरी बार सांसद चुनने के लिए जनता और कार्यकर्ताओं का आभार जताएंगे। यह पहला अवसर है जब मोदी बतौर कार्यवाहक प्रधानमंत्री काशी में हैं।
उनके स्वागत के लिए भगवा रंग के गुब्बारों से सजावट की गई और फूलों की बारिश का इंतजाम किया गया। बाबतपुर एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद वह हेलिकॉप्टर से पुलिस लाइन के लिए निकल गए। पुलिस लाइन से विश्वनाथ मंदिर तक की सात किलोमीटर की दूरी मोदी ने बंद गाड़ी में तय की और वाहन के भीतर से ही हाथ हिलाकर जनता का अभिवादन स्वीकार किया।
पूरा रास्ता, चौराहे, नुक्कड़ मार्ग और भवन झंडे-बैनरों और भगवा रंग के गुब्बारे से सजाए गए। भाजपा नेताओं ने मोदी के आने पर पूरी काशी को भगवामय कर दिया।
मोदी काशी में करीब तीन घंटे काशी प्रवास के बाद दिल्ली लौट जाएंगे जहाँ उनका व्यस्त कार्यक्रम है।
स्मृति ईरानी के नजदीकी प्रधान की हत्या
अमेठी में शनिवार आधी रात नवनिर्वाचित सांसद स्मृति ईरानी के चुनाव प्रबंधकों में एक पूर्व प्रधान मारकर हत्या कर दी गयी। अभी इस हत्या के कारण का पता नहीं चल पाया है। पूर्व प्रधान की हत्या के बाद गांव में तनाव हैं और मौके पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
अमेठी के जामो क्षेत्र के बरौलिया गांव के पूर्व प्रधान सुरेंद्र सिंह की अज्ञात बदमाशों ने उस समय हत्या की जब वो घर के बाहर बरामदे में सो रहे थे। पूर्व प्रधान सुरेंद्र सिंह ने स्मृति ईरानी के चुनाव प्रचार में अहम भूमिका रही थी और उन्हें ईरानी का नजदीकी माना जाता था। उनका आसपास के गांवों में भी, कहा जाता है, प्रभाव माना जाता था।
कुछ लोग इसे रंजिश या राजनीतिक कारण से की गयी हत्या बता रहे हैं हालांकि, पुलिस के सामने हत्या की सही बजह अभी सामने नहीं आई है। पुलिस ने इस हत्या के सिलसिले में कुछ लोगों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ कर रही है।
घटना के मुताबिक आधी रात करीब ३ बजे बाइक पर आए अज्ञात लोगों ने बाहर सो रहे सुरेंद्र सिंह पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं। इस गोलीबारी में सुरेंद्र गंभीर रूप से घायल हो गया। उन्हें जिला अस्पताल लाया गया जहां डाक्टरों ने उन्हें लखनऊ रेफर कर दिया। हालांकि गोलियों से बुरी तरह जख्मी सुरेंद्र की लखनऊ ले जाते रास्ते में ही मौत हो गयी।
राष्ट्रपति से मिल सरकार बनाने का दावा पेश किया मोदी ने
नरेंद्र मोदी, जिन्हें शनिवार शाम भाजपा और एनडीए संसदीय दल का नेता चुना गया था, ने बाद में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलकर नई सरकार बनाने का दावा पेश किया।
संसदीय दल की बैठक के बाद मोदी करीब साढ़े आठ बजे राष्ट्रपति भवन पहुंचे और राष्ट्रपति से मुलाकात की। राष्ट्रपति को एनडीए के ३५३ सांसदों का समर्थन पत्र देते हुए मोदी ने केंद्र में सरकार बनाने का दावा पेश किया।
इसके बाद राष्ट्रपति ने उन्हें देश की नई सरकार बनाने का न्योता दिया। इसके बाद राष्ट्रपति कोविंद ने मोदी को कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त करते हुए उन्हें नयी सरकार का गठन करने को कहा है।
गौरतलब है इससे पहले मोदी को भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का नेता सर्वसम्मति से चुन लिया गया। इसके बाद पीएम मोदी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने राष्ट्रपति भवन पहुंचें, जहां उन्होंने सरकार बनाने का दावा पेश किया।
इससे पहले संसद के केंद्रीय कक्ष में नवनिर्वाचित सांसदों और वरिष्ठ नेताओं की बैठक में मोदी का चुनाव किया गया। राजग के वरिष्ठ नेताओं ने गठबंधन के नेता के तौर पर मोदी के चुनाव का समर्थन किया जिनमें जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और अकाली दल के प्रकाश सिंह बादल शामिल हैं।
राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति ने उन्हें कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त किया है और नयी सरकार का गठन करने को कहा है। इससे पहले अमित शाह और एनडीए का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति से मिला और समर्थन का पत्र राष्ट्रपति को सौंपा।
यह प्रो-इंकम्बेंसी वेव की जीत : मोदी
नरेंद्र मोदी ने भाजपा और एनडीए संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद कहा यह चुनाव प्रो-इंकम्बेंसी वेव की जीत है। मोदी ने कहा कि शायद भारत के लोकतांत्रिक जीवन में देश की जनता ने एक नए युग का आरंभ किया है और हम इसके साक्षी हैं। मोदी ने अगले पांच साल के लिए नारा दिया – एनएआरए यानी नैशनल एम्बीशन और नैशनल एस्पिरेशन और कहा हमें इसी पूर्ति करनी है।
मोदी ने कहा – ”आम तौर पर आचार्य विनोबा भावे इस पर बात करते थे कि चुनाव बांट देता है और दूरियां पैदा करता है, दीवार बनाता है, खाई बना देता है, लेकिन इस चुनाव ने दीवारों को तोड़ने का काम किया है। उन्होंने कहा – २०१९ के चुनाव ने दिलों को जोड़ने का काम किया है। ये चुनाव सामाजिक एकता का आंदोलन बन गया। समता भी, ममता भी। समभाव भी, मम भाव भी। ये समता और ममता बढ़ाकर चुनाव को नई ऊंचाई मिली।”
उन्होंने कहा कि शायद भारत के लोकतांत्रिक जीवन में देश की जनता ने एक नए युग का आरंभ किया है और हम इसके साक्षी हैं। रचयिता हैं, इसका दावा नहीं करते। कहा – ”साक्षी भाव से इन चीजों को देखेंगे और समझेंगे तो जन सामान्य की आशा-अपेक्षाओं के अनुसार हम अपने जीवन को ढाल पाएंगे।” मोदी ने कहा कि इस चुनाव ने दीवारें तोड़ने और दिल जोड़ने का काम किया।
मोदी ने इस मौके पर सभी सांसदों को सचेत किया कि वे मीडिया से थोड़ा संभल कर मिलें। मोदी के मुताबिक छपास और दिखाव (अखबार और टीवी) का लालच कई बार भारी पड़ता है। ”आज पता नहीं किसी की जेब में कौन सा इंस्ट्रूमेंट है। पता नहीं आपकी कौन सी अनजाने में कही बात कोइ रेकार्ड कर ले और बात का बतंगड़ बन जाए।”
उनसे पहले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा – ”मोदीजी ने २० साल में एक भी छुट्टी नहीं ली। एक भी दिन मैंने उनके जीवन में जरा सा भी आलस नहीं देखा। चौबीस घंटे में १८ घंटे काम करने वाले व्यक्ति हैं। हमने एक पारदर्शी नेता को चुनने का काम किया है। दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ और वोटबैंक की राजनीति से ऊपर उठकर फैसला लेने वाला देश ने चुना है।”
शाह ने कहा – ”मोदीजी ने कठोर से कठोर फैसले लिए, मगर ये फैसले लोगों को फायदा पहुंचाने वाले थे वोट बैंक को देखकर नहीं लिए गए थे। भारत माता को जो उचित सम्मान मिलना चाहिए वह हम मोदीजी के नेतृत्व में हासिल करेंगे। गांधीजी की ७५वीं जयंती पर हम ७५ संकल्प रखेंगे। ये संकल्प हमारा मिशन बने और मोदीजी के नेतृत्व में हम इन्हें इसी समयसीमा में पूरा करेें।”
सम्भावना है कि बैठक के बाद मोदी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। एनडीए के इस बार ३५२ सांसद हैं, जिसमें से ३०३ अकेले भाजपा के हैं। मोदी की २८ मई को वाराणसी जाने की सम्भावना है और ३० मई को नए सांसद शपथ ले सकते हैं। मोदी ने ट्वीट कर कहा कि वे रविवार शाम को मां हीराबा से आशीर्वाद लेने गुजरात जाएंगे। इसके बाद २८ तारीख की सुबह अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में लोगों का आभार जताने पहुंचेंगे।
मोदी भाजपा, एनडीए के फिर नेता चुने गए
नरेंद्र मोदी को शनिवार को एक बार फिर भाजपा संसदीय दल और एडीए दाल का नेता चुन लिया गया। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा और वरिष्ठ नेताओं राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी ने उनके नाम का समर्थन किया। इसके बाद एनडीए के लिए प्रकाश सिंह बादल ने उनके नाम का प्रस्ताव किया जबकि नीतीश कुमार, उद्धव ठाकरे, रामविलास पासवान, के पलानिस्वामी (एआईडीएमके), मेघालय के सीएम संगमा,
इससे पहले चुने गए सांसदों, भाजपा और अन्य घातक दलों के नेताओं की बैठक शुरू होते ही भाजपा अध्यक्ष अमीत शाह ने उनके नाम का नेता के लिए प्रस्तावित किया। याद रहे लोक सभा के चुनाव में भाजपा अपने बूते ३०३ सीटें जीतने में सफल रहे है जबकि एनडीए ने इस चुनाव में ३५० से ज्यादा सीटें जीती हैं।
देश के इतिहास में इंदिरा गांधी के बाद मोदी ऐसे पहले नेता हैं जो बहुमत की लगातार दूसरी बार सरकार बना रहे हैं। बैठक में पहुँचते ही मोदी ने सभी का अभिवादन किया। नेता चुने जाने के बाद भी मोदी ने सभी का अभिवादन किया।इसके अलावा वरिष्ठ भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी भी इस बैठक में शामिल हुए। इससे पहले बैठक में पहुंचते ही मोदी का सभी नेताओं ने तालियां बजाकर स्वागत किया। अंत में साई ने खड़े होकर मोदी का स्वागत किया।
राहुल से सीडब्ल्यूसी – कांग्रेस को आपके नेतृत्व की ज़रुरत
कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की शनिवार को कांग्रेस मुख्यालय में हुई बैठक में अध्यक्ष राहुल गांधी को पार्टी के पुनर्गठन और पुनर्संरचना के लिए अधिकृत किया गया है। साथ ही इस बैठक के बाद पार्टी ने अधिकृत रूप से स्वीकार किया है राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की ”पेशकश” की लेकिन सीडब्ल्यूसी ने इसे नामंजूर कर दिया है।
हालांकि ”तहलका” की जानकारी के मुताबिक राहुल गांधी ने इस्तीफा वापस लेने से फिलहाल इंकार कर दिया है और यह भी जोर देकर कहा है कि गांधी परिवार से बाहर के किसी व्यक्ति को कांग्रेस अध्यक्ष का जिम्मा दिया जाए। राहुल ने लोकसभा में पार्टी के नेता के रूप में काम करने को लेकर जरूर कुछ कहा है।
जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के भीतर राहुल गांधी के इस फैसले को लेकर बहुत ज्यादा असमंजस की स्थिति बन गयी है। भले कुछ देर पहले कांग्रेस की बड़े नेताओं की टीम एके एंटनी, गुलाम नबी आज़ाद, वेणुगोपाल, सुरजेवाला ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि सीडब्ल्यूसी ने राहुल की ”इस्तीफे की पेशकश” पूरी ताकत से नामंजूर कर दिया है, लेकिन राहुल गांधी की तरफ से वस्तुस्थिति साफ़ नहीं है।
पार्टी ने साथ ही राहुल को कांग्रेस के ”पुनर्गठन” के लिए अधिकृत किया है लेकिन ”तहलका” की जानकारी के मुताबिक सीडब्ल्यूसी में अपने भाषण के बाद राहुल गांधी बिना किसी से कुछ कहे बिना वहां से चले गए। यहाँ तक कि प्रियंका गांधी की कोशिश के वाबजूद उनकी राहुल से बात नहीं हो पाई।
गौरतलब है कि पिछले कमोवेश डेढ़ साल में देश में विपक्ष के राहुल गांधी ही ऐसा नेता रहे जिन्होंने पीएम मोदी की नीतियों की खुले रूप से आलोचना की। राफेल डील का मामला भी राहुल ने ही पूरी ताकत से उठाया। यहाँ तक कि भाजपा और पीएम मोदी की कार्यशैली की भी खुली आलोचना राहुल ने ही की।
राहुल ने इसके अलावा खुद को एक गांधीवादी नेता के रूप में जनता के सामने पेश किया। उन्होंने ही बेरोजगारी, युवाओं, किसानों की बात चुनाव प्रचार में बहुत ताकत से रखी लेकिन चुनाव में कांग्रेस के महज ५२ सीटों ही ले पाने से, माना जाता है, राहुल बहुत ज्यादा व्यथित हैं। इससे भी ज्यादा राहुल उस अमेठी से हार जाने से दुखी हैं, जिससे उनका बहुत भावनात्मक रिश्ता था।
उधर एके एंटनी, गुलाम नबी आज़ाद, वेणुगोपाल, सुरजेवाला ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि कार्यसमिति ने प्रस्ताव पारित किया है जिसमें कहा गया है कि कांग्रेस लोक सभा चुनाव के जनादेश को विनर्मता से स्वीकार करती है। कांग्रेस को वोट देने वाले करीब १२.५ करोड़ मतदाताओं का पार्टी में भरोसा जताने के लिए सीडब्ल्यूसी ने उनका और कांग्रेस के तमाम सहयोगियों का धन्यवाद किया है।
इन नेताओं ने बताया कि कांग्रेस विपक्ष के रूप में अपना कर्तव्य निभाएगी और सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित करेगी। साथ ही कांग्रेस के ही नेताओं, कार्यकर्ताओं और प्रत्याशियों के प्रति भी आभार जताया की उन्होंने पूरे चुनाव अभियान में कड़ा संघर्ष किया।
राहुल को लेकर कहा कि राहुल गांधी ने पूरे देश में सघन प्रचार किया और पार्टी के लिए जबरदस्त मेहनत की। सीडब्ल्यूसी ने लेकिन एक स्वर से राहुल के इस्तीफे की पेशकश को खारिज कर दिया। सीडब्ल्यूसी ने जोर देकर कहा कि पार्टी को इस चुनौती पूर्ण स्थिरियों में राहुल गांधी के मार्गदर्शन की ज़रुरत है। युवाओं, किसानों, महिलाओं और तमाम वर्गों जिनमें अल्पसंख्यक, पिछड़े हैं को साथ लेकर पार्टी आगे जाएगी।
सीडब्ल्यूसी ने कहा की हार के लिए अपनी कमियों, चुनौतियों, विफलताओं को स्वीकार करते हुए पार्टी इसपर आत्मचिंतन करेगी। चुनाव हारा लेकिन हमारी संघर्ष की भावना मजबूत है। नफरत और विभाजन की राजनीति का विरोध करते रहेंगे। तेल की बढ़ती कीमतों, बैंकिंग सिस्टम, एनपीए के अनियंत्रित होकर १२ लाख करोड़ तक पहुँच जाने से खतरनाक होती स्थिति, डांवाडोल आर्थिक स्थति और निजी निवेश में कमी को लेकर गंभीर चिंता जताई गयी। मंदी के कारण संकट मंडरा रहा है। युवाओं का भविष्य खतरे में है और कई राज्यों में सूखे की स्थिति से संकट बढ़ रहा है। संवैधानिक संस्थाओं पर आक्रमण हो रहा है और इन मुद्दों पर अगली सरकार को तत्काल ध्यान देखी ज़रुरत है। भाजपा सरकार की जिम्मेवारी है कि इनका हल किया जाये। आज़ाद ने कहा – ”कांग्रेस विपक्ष का रोल निभाएगी। सरकार पर दवाब डालकर जान समस्यों को सुलझाने में अपना रोल अदा करेगी।
राफेल से जुड़ी याचिकाएं ख़ारिज करने के लिए केंद्र का सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा, कहा कोइ जानकारी नहीं छिपाई गयी
चुनाव ख़त्म होने और भाजपा के जबरदस्त बहुमत हासिल करने के बाद अभी नई सरकार का गठन होना है लेकिन केंद्र सरकार ने उससे पहले ही सर्वोच्च न्यायालय में लिखित जवाब देते हुए राफेल डील से जुड़ी याचिकाएं खारिज करने की मांग की है। सरकार ने कोर्ट को बताया है कि रक्षा मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट से कोई जानकारी नहीं छिपाई है।
गौरतलब है कि राफेल मामले में पुनर्विचार याचिका पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने दायर की है। इसमें शीर्ष अदालत के १४ दिसंबर के आदेश की समीक्षा करने की मांग की गई है।
लोक सभा चुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल डील को बड़ा मुद्दा बनाया था और इससे जुड़ा एक मामला अभी भी सर्वोच्च अदालत में लंबित है। राहुल आरोप लगाते रहे हैं कि उनकी पार्टी की सरकार के दौरान विमान की जो डील हुई थी, उससे करीब तीन गुना कीमत में मोदी सरकार के दौरान राफेल खरीदा जा रहा है। राहुल का यह भी आरोप है कि विमान बनाने की कॉन्ट्रैक्ट एचएएल कंपनी की बजाय उद्योगपति अनिल अंबानी की नवगठित कंपनी को देकर उन्हें ३०,००० करोड़ रूपये का फायदा पहुंचाया गया।
इसे लेकर हालाँकि अब केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल कर डील से जुडी सभी पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज करने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट को दिए लिखित निवेदन में सरकार ने कहा है कि राफेल मुद्दे पर पुनर्विचार याचिका बेबुनियाद आरोपों और निराधार अटकलों पर आधारित है। सरकार ने कोर्ट को बताया कि रक्षा मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट से कोई जानकारी नहीं छिपाई है।
केंद्र सरकार ने इसके साथ ही सर्वोच्च अदालत को इस डील में प्रधानमंत्री कार्यालय के दखल वाले आरोप का जवाब भी दिया है। सरकार ने कोर्ट को बताया कि इस रक्षा सौदे में प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से कोई समानांतर बातचीत नहीं की गई है।
इन सभी तर्कों के साथ केंद्र सरकार ने सर्वोच्च अदालत से कहा कि इस संबंध में दायर याचिका चोरी हुई फाइलों से ली गई कुछेक जानकारी पर आधारित हैं जिसकी गलत व्याख्या की गई है। ऐसे में इस मसले पर विस्तार से जांच भारतीय सुरक्षाबलों की तैयारी को प्रभावित करेगी। लिहाजा, सभी याचिकाओं को खारिज किया जाए।
अपने लिखित जवाब में सरकार ने कहा है कि किसी भी हस्तक्षेप से भारतीय वायु सेना की कार्यप्रणाली पर प्रभाव पड़ सकता है। राफेल डील में हस्तक्षेप करने और करार की जांच कराने का बेवजह प्रयास किया जा रहा है। अदालत को पहले भी फैसले में कोई त्रुटि नहीं मिली थी। कैग की रिपोर्ट ने भी सरकार के कदम को सही ठहराया है। लिहाजा, याचिकाएं खारिज की जाएं।
सूरत अग्निकांड में तीन पर एफआईआर
गुजरात में सूरत के सरथाणा में शुक्रवार को तक्षशीला कॉम्प्लेक्स अग्निकांड, जिसमें २० बच्चों की मौत हो गयी, के मामले में पुलिस ने कॉम्प्लेक्स के बिल्डरों सहित तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। हादसे में जान गंवाने वाले सभी छात्रों की मौत दम घुटने या इमारत से कूदने के कारण हुई है।
जानकारी के मुताबिक कोचिंग सेंटर के संचालक को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस कमीश्नर सतीश शर्मा ने अनुसार सूरत में तीन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस कांप्लेक्स में शुक्रवार दोपहर आग लगने कोचिंग सेंटर के २० छात्रों की मौत हो गई थी। इस हादसे में २० से अधिक घायल भी हुए हैं।
कोचिंग सेंटर चलाने वाले को गिरप्तार कर लिया है। पुलिस ने कहा कि सभी प्रकार की ट्यूशन क्लासेस को फिलहाल रोक दिया गया है। आवश्यक अग्नि सुरक्षा जांच के बाद ही कक्षाएं लगायी जा सकती हैं। इसके लिए अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र प्राप्त करना जरूरी होगा।
दमकल विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक दस छात्र आग से बचने के लिए तीसरी और चौथी मंजिल से कूद गए थे। वे घायल हुए हैं। कई लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बाद में राहत और बचाव कार्य में स्थानीय लोगों ने भी दमकलकर्मियों का सहयोग किया जिससे आग पर काबू पाया जा सका।
हादसे में छात्रों के साथ-साथ कई छात्राएं भी थीं। आग बिल्डिंग में आने जाने के लिए बनाई गई सीढ़ियों के पास रखे ट्रांसफॉर्मर में लगी थी। जैसे ही आग लगी अंदर मौजूद छात्र उतरने के लिये नीचे पहुंचे, लेकिन आग की वजह से वह भागकर चौथी मंजिल पर चले गए ताकि जान बचाई जा सके। हालांकि, वहां फाइबर का एक शेड था और अंदर जिम के लिए रखी गई रबर की चटाई और टायर के कारण आग ज्यादा फैली, जिससे बच्चे आग की चपेट में आ गए।










