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सोनिया गांधी से मिले तीन केंद्रीय मंत्री

दस दिन बाद शुरू हो रहे संसद के सत्र से पहले मोदी सरकार के तीन मंत्री शुक्रवार को दिल्ली में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी से उनके निवास पर मिले। उनके बीच करीब १५ मिनट तक चर्चा हुई।

सोनिया से मिलने गए मंत्रियों में संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर थे। समझा जा रहा है इन मंत्रियों ने १७ जून से शुरू होने वाले संसद के सत्र पर चर्चा की। यह सत्र १७वीं लोकसभा का पहला सत्र होगा और २६ जुलाई तक चलेगा।

इस सत्र के दौरान ५ जुलाई को बजट पेश होना है। इन मंत्रियों का सोनिया गांधी के आवास पर जाना सत्र के दौरान विपक्ष से तालमेल बैठाने की सरकार की कवायद का हिस्सा है। सम्भावना है कि मोदी सरकार इसी सत्र में तीन तलाक बिल ला सकती है।

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी इससे पहले राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद और लोकसभा में द्रमुक के नेता टीआर बालू से भी मुलाकात कर चुके हैं।

सरकार बजट पेश करने के अलावा तीन तलाक पर प्रतिबंध समेत १० नए अध्यादेशों को कानून में बदलने की योजना बना रही है। पहले दो दिन नए सांसद शपथ ग्रहण करेंगे। लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव १९ जून को होगा। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को २० जून को संबोधित करेंगे।

आंध्र में होंगे पांच उप मुख्यमंत्री

आंध्र प्रदेश में पांच उप मुख्यमंत्री बनाये जाने की तैयारी मुख्यमंत्री जगन रेड्डी ने कर ली है। तेलुगू देशम पार्टी को बाहर करके सत्ता में आये जगन मोहन रेड्डी की अगुवाई में बनी वाईएसआर कांग्रेस की सरकार में पांच उप-मुख्यमंत्री होंगे ताकि सभी जातियों का सत्ता में संतुलन रखा जा सके। राजनीतिक रूप से रेड्डी के इस फैसले को ”मास्टर स्ट्रोक” कहा जा रहा है क्योंकि इससे वे जातिगत संतुलन बनाये रखेंगे।
देश के इतिहास में यह पहला मौक़ा होगा जब किसी राज्य की सरकार में पांच उप मुख्यमंत्री होंगे। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने हालांकि सूबे की सभी जातियों को सम्मानजनक प्रतिनिधित्व देने के इरादे से ऐसा फैसला किया है। उनके २५ सदस्यीय मंत्रिमंडल में पांच को उपमुख्यमंत्री बनाने  का फैसला शुक्रवार को किया गया। नई मंत्रिपरिषद का गठन शनिवार को एक सार्वजनिक कार्यक्रम में किया जाएगा।
रेड्डी ने शुक्रवार सुबह अपने आवास में वाईएसआर कांग्रेस विधायक दल की बैठक की जिसमें उन्होंने पांच उप मुख्यमंत्री नियुक्त करने के अपने फैसले का ऐलान किया। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक और कापू समुदायों से एक-एक उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा। देश के इतिहास में यह पहली बार  बार होगा।
सीएम रेड्डी ने विधायकों को यह भी बताया कि केबिनेट में मुख्य रूप से कमजोर वर्गों के सदस्य होंगे जबकि अपेक्षा यह की जा रही थी कि रेड्डी समुदाय को मंत्रिमंडल में मुख्य स्थान मिलेगा। रेड्डी ने बताया कि ढाई साल बाद सरकार के प्रदर्शन की समीक्षा के पश्चात फिर से मंत्रिमंडल में फेरबदल किया जाएगा। गौरतलब है कि एन चंद्रबाबू नायडू की सरकार में कापू और पिछड़ा समुदायों का एक-एक उप मुख्यमंत्री बनाया गया था।

अलीगढ़ बालिका मर्डर के आरोपियों पर लगेगा ‘रासुका’

उत्तर प्रदेश के अलीगढ में चंद रूपये के लिए एक मासूम की बर्बर हत्या कर दी गयी। इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और दोनों पर रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) लगाने की बात कही गयी है। पूरे देश में इस घटना से गुस्सा फ़ैल गया है। आरोप है कि बालिका के हाथों पैट तेज़ाब डाला गया और हत्या करते हुए उससे बर्बरता बरती गयी।
घटना यूपी के अलीगढ़ के कस्बा टप्पल की है। चंद रुपये के लेन-देन के विवाद में मासूम बच्ची की हत्या कर दी गयी। पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है और दोनों पर ”रासुका” लगाया जाएगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक बालिका के पिता घटना के खुलासे से संतुष्ट नहीं है।
कस्बा टप्पल के मोहल्ला कानूनगोयान निवासी बनवारीलाल शर्मा की ढाई साल की बेटी ट्विंकल ३० मई को घर के बाहर खेलते समय लापता हो गई थी। पुलिस के मुताबिक रविवार को उसका शव कूड़े के ढेर पर पड़ा मिला। इसको लेकर परिजन और  ग्रामीण भड़क गए। उन्होंने शव को थाने के सामने रखकर हंगामा किया। पीड़ित पिता बनवारीलाल ने पड़ोस में रहने वाले जाहिद पर बच्ची को अगवा कर हत्या करने का आरोप लगाया था।
सोशल मीडिया पर मासूम ट्विंकल की हत्या का मामला छाया हुआ है और देश भर  गुस्सा है। इस बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा – ”अलीगढ़ की मासूम बच्ची के साथ हुई अमानवीय और जघन्य घटना ने हिलाकर रख दिया है। हम ये कैसा समाज बना रहे हैं? बच्ची के माता-पिता पर क्या गुजर रही है ये सोचकर दिल दहल जाता है। अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।” कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इस घटना पर अफ़सोस जताते हुए ट्वीट किया है।
एसएसपी आकाश कुलहरि ने घटना की जांच के लिए बनाई टीम ने छानबीन में पाया कि जाहिद और असलम के नाम सामने आये। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में अभियुक्तों ने पुलिस को बताया कि जाहिद का बच्ची के दादा कन्हैयालाल और चाचा कपिल से १० हजार रुपये के लेनदेन को लेकर विवाद हुआ था। इसके बाद ३० मई को जाहिद बिस्कुट का लालच देकर बच्ची को अपने साथ ले गया। इसके बाद उसने अपने दोस्त असलम के साथ मिलकर दुपट्टे से उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी। दोनों अब जेल में हैं।

इसे लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का ट्वीट –
@priyankagandhi
The brutal murder in Aligarh is yet another inhuman, unspeakable crime against an innocent child. I cannot even begin to imagine the pain her parents must feel. What has become of us?

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इस घटना पर ट्वीट किया –
@RahulGandhi
The horrific murder of a little girl in Aligarh, UP has shocked and disturbed me. How can any human being treat a child with such brutality? This terrible crime must not go unpunished. The UP police must act swiftly to bring the killers to justice.

बीसीसीआई ‘बलिदान बैज” मामले में धोनी के साथ

अपने ग्लव्स में ”बलिदान चिन्ह” वाले बैज इस्तेमाल करने पर विश्व कप में खेल रही भारतीय टीम के विकेटकीपर धोनी से आईसीसी के ऐतराज जताने के बाद बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड) ने कहा है कि इस मसले पर दुबारा आईसीसी से बात की जा रहे है। वैसे सेना ने एक ब्यान में साफ़ किया है कि धोनी ने अपने ग्लव्स पर जो बैज चिन्ह इस्तेमाल किया है वह सेना का ”बलिदान चिन्ह” नहीं है।
माना जाता है कि पाकिस्तान ने धोनी के ग्लब्स पर बैज को लेकर अपनी आपत्ति जताई थी जिसके बाद आईसीसी ने धोनी से इसे ‘कवर” करने ( ढकने) के लिए कहा। हालांकि, बीसीसीआई ने धोनी के साथ खड़े होते हुए आईसीसी के ऐतराज को बेबजह बताते हुए कहा है कि पहले ही आईसीसी को इसकी जानकारी दी गयी थी और अब दुबारा उसे इस बारे में बताया जाएगा
इस बीच भारत के खेल मंत्री किरण रिजिजू ने बीसीसीआई से कहा है कि वह इस बारे में पूरा पक्ष रखे। मंत्री ने साफ़ तौर पर कहा है कि ”देश के सम्मान के साथ समझौता नहीं किया जाएगा।”
गौरतलब है कि आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप २०१९  में एम एस धोनी के विकेटकीपिंग ग्लव्स विवाद का मुद्दा बन गए हैं। धोनी के ग्ल्वस पर भारतीय सेना का ”बलिदान बैज” लगा हुआ है जिसपर आईसीसी ने आपत्ति जताई है। आईसीसी ने धोनी को अपने ग्लव्स से बलिदान बैज हटाने के लिए कहा जिसपर अब बीसीसीआई ने कहा है कि धोनी के ग्लव्स पर आईसीसी से पहले ही इजाजत मांग ली थी लेकिन अब बोर्ड एक बार फिर आईसीसी से बात करेगा।

आरएसएस के ‘दखल’ के बाद चार और समितियों में राजनाथ सिंह

आखिर वरिष्ठ मंत्री राजनाथ सिंह को ”न्याय” मिल ही गया। उन्हें बुधवार को बनाई गयी आठ केबिनेट कमिटियों में से सिर्फ दो में जगह दी गयी थी जबकि प्रोटोकॉल में उनसे एक पायदान नीचे वाले गृह मंत्री अमित शाह को सभी आठ समितियों में जगह मिली थी। इसके बाद  भाजपा के भीतर तूफान सा मच गया था और यह माना गया था कि यह राजनाथ सिंह का ”कद छोटा करने की कोशिश” है। हालाँकि, इससे नाराज राजनाथ सिंह के गुस्से की खबर जब आरएसएस तक पहुँची तो आनन्-फानन सरकार की तरफ से राजनाथ सिंह को चार और समितियों में जगह दे दी गयी।
राजनाथ सिंह को कुछ घंटे में ही ”सम्मान” वापस मिलने को राजनीति के जानकार  भाजपा के भीतर मोदी-शाह की जोड़ी को ”झटके” के रूप में देख रहे हैं क्योंकि उनका मानना है कि समितियों का गठन करते हुए ”जान बूझकर” राजनाथ की वरिष्ठता को ”नजरअंदाज” किया गया और यह एक तरह से उनका कद ”हल्का” करने की कोशिश थी।
जानकारी के मुताबिक समितियों में खुद को नजरअंदाज किये जाने से राजनाथ सिंह आहत ही नहीं बल्कि बहुत ज्यादा खफा भी थे। यदि ख़बरों पर भरोसा किया जाए तो राजनाथ सिंह ने रक्षा मंत्री के पद से इस्तीफा तक दे देने की धमकी दे दी थी। माना जाता है कि उन्होंने अपनी नाराजगी आरएसएस के दो या तीन बड़े नेताओं से साझा की जिसके बाद नागपुर ने हस्तक्षेप करके राजनाथ का नाम चार और समितियों में डलवाया।
इसके बाद राजनाथ सिंह का नाम केंद्र सरकार की और चार मंत्रिमंडलीय समितियों में जोड़ दिया गया। अब वह संसदीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति के अध्यक्ष जबकि राजनीतिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति, निवेश और विकास मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति के साथ-साथ रोजगार और कौशल विकास मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति के सदस्य बन गए हैं। इससे पहले, उन्हें आर्थिक मामलों और  सुरक्षा मामलों की दो अलग-अलग केबिनेट कमिटियों में जगह दी गई थी।
गौरतलब है कि मोदी सरकार ने गुरुवार सुबह अपने दूसरे कार्यकाल में ८  मंत्रिमंडलीय समितियों का गठन किया था। राजनाथ सिंह को इन आठ में सिर्फ दो समितियों में शामिल किया गया जबकि गृह मंत्री अमित शाह सभी आठ समितियों में शामिल थे।
अमित शाह के बाद सबसे ज्यादा सात केबिनेट कमिटियों में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जबकि पीयूष गोयल को ५ और नितिन गडकरी और नरेंद्र सिंह तोमर को चार-चार कमिटियों में जगह मिली थी।

दुबई बस हादसे में १७ की मौत, इनमें ८ भारतीय

दुबई में एक पर्यटक बस हादसे में कमसे कम १७ लोगों की मौत होने की खबर हैं। पुष्ट ख़बरों के मुताबिक इनमें ८  भारतीय भी शामिल हैं। भारतीय वाणिज्य दूतावास ने इस घटना की पुष्टि की है।
हादसे में मरने वाले १७ लोगों में कम से कम आठ भारतीय हैं। हादसा गुरुवार को तब हुआ जब ओमानी नंबर प्लेट वाली बस का चालक अल रशिदिया मेट्रो स्टेशन की तरफ जाने वाली सड़क पर वाहन को ले गया जो बसों के लिए निषिद्ध है। हादसे में नौ लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं।  आशंका है कि मरने वालों की शंख्या कुछ ज्यादा हो सकती है।
दुबई में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने ट्वीट में बताया है – ”हमें यह सूचना देते हुए अत्यंत दुख हो रहा है कि स्थानीय अधिकारियों और रिश्तेदारों के अनुसार दुबई बस हादसे में आठ भारतीयों की मौत की पुष्टि हुई है।” उधर गल्फ न्यूज के अनुसार इस पर्यटक बस में ३१ लोग थे। यह एक बैरियर से जा टकराई। इससे इसका बायां हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया जिससे बाई तरफ बैठे यात्रियों की मौत हो गई।
जानकारी के मुताबिक दूतावास कुछ मृतकों के रिश्तेदारों के संपर्क में है और कुछ अन्य के साथ संपर्क करने की कोशिश की जा रही है। दूतावास ने इस घटना पर गहरा दुख प्रकट किया है। अभी तक की जानकारी के मुताबिक हादसे में घायल चार  भारतीयों को प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। तीन अन्य का अभी दुबई के राशिद अस्पताल में इलाज चल रहा है।

पुलवामा मुठभेड़ में ४ आतंकी ढेर

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सुरक्षाबलों ने शुक्रवार एक मुठभेड़ में चार आतंकियों को मार गरिया है। इनमें दो आतंकी वो भी हैं जो कुछ घंटे पहले तक एसपीओ थे लेकिन एक दिन सरकारी हथियार लेकर आतंकियों से जा मिले थे।
यह मुठभेड़ शुक्रवार सुबह हुई। इसमें इन चारों को मार गिराया गया। सभी आतंकी जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) से जुड़े हुए थे। अब तक घाटी में आपरेशन ऑल आउट में सबसे ज्यादा सफाया जेईएम के आतंकियों का ही हुआ है।
आज मारे गए चार आतंकियों में जम्मू-कश्मीर पुलिस के वे दो एसपीओ भी शामिल हैं, जो गुरुवार शाम सर्विस राइफल लेकर फरार हो गए थे। एक दिन के बाद ही इन्हें सुरक्षा बलों ने ठिकाने लगा दिया।
सूबे के डीजीपी दिलबाग सिंह ने बताया – ”दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में लस्सीपोरा इलाके में सुरक्षाबलों ने चार आतंकियों को ढेर किया है, जिनमें दो एसपीओ भी शामिल हैं। ये एसपीओ गुरुवार को हथियार के साथ फरार हुए थे।”
जानकारी के मुताबिक यह आपरेशन करीब १८ घंटे चला। हालांकि अभी भी इलाके में इंटरनेट की सुविधा बंद रखी गई है साथ ही सुरक्षा को बढ़ाया गया है। सुरक्षाबलों को इस इलाके में छिपे आतंकियों के बारे में जानकारी मिली थी जिसके बाद ऑपरेशन शुरू हुआ। इसमें चार आतंकी मार गिराए गए।

एसआरए घोटाले में लोकायुक्त की रिपोर्ट

मुंबई : एमपी मिल कम्पाउंड एसआरए घोटाले की जांच कर रहे लोकायुक्त द्वारा राज्य के गृह निर्माण मंत्री प्रकाश मेहता की भूमिका पर सवाल खड़े करने के बाद मेहता की मुश्किलात बढ़ सकती हैं। कांग्रेस व एनसीपी ने मेहता को मंत्रिमंडल से हाटने की मांग की है। विधानमंडल के मानसून सत्र के दौरान विपक्ष को सरकार पर हमला करने के लिए एक बड़ा मौका मिल गया है। लोकायुक्त की रिपोर्ट 17 जून से शुरु हो रहे सत्र में पेश की जा सकती है। हालांकि इस मामलेे मेंं मुख्यमंत्री ने उन्हें क्लीनचिट दे दिया था।

लोकायुक्त जस्टिस एम एल ताहिलियानी की रिपोर्ट के बाद विधानपरिषद विरोधी दल नेता धनंजय मुंडे ने चेतावनी दी है कि जब-तक मेहता इस्तिफा नहीं देंगे,तब तक सदन काम नहीं चलने देंगे।

प्रकाश मेहता ने इस बात को तथ्यहीन कहते हुए कहा,’अगर लोकायुक्त ने अपनी जांच रिपोर्ट सरकार को दी है और उसने मेरे बारे में कुछ प्रतिकूल टिप्पणी की है, इसमें कोई सच्चाई होती तो मैं इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करता।’

कांग्रेस नेता सचिन सावंत का कहना है ,’ एसआरए योजना में मेहता की भूमिका को लेकर लोकायुक्त ने गंभीर सवाल उठाए हैं। ऐसे में सरकार को इस मामले में अपनी भूमिका साफ कर मेहता को तुरंत मंत्रीमंडल से हटा कर उनके खिलाफ फौजदारी मुकदमा दर्ज कराना चाहिए’।

मुंबई के ताडदेव स्थित एमपी मिल एसआरए प्रोजेक्ट में गृह निर्माण मंत्री मेहता पर आरोप है कि उन्होंने एफएसआई घोटाला कर बिल्डर एसडी कॉरपोरेशन को करोड़ों का फायदा पहुंचाया था। उन्होंने नियमों को दरकिनार कर यहां की एफएसआई किसी अन्य जगह इस्तेमाल करने की अनुमति प्रदान की थी।

संबंधित फाईल पर मेहता ने रिमार्क दिया था कि इस प्रकरण से सीएम को अवगत कराया गया है। हालांकि विपक्ष द्वारा इस मामले को उठाए जाने के बाद सीएम ने इस मामले की जानकारी से मना कर दिया था। नेता ने बाद में स्वीकार कर लिया था कि उन्होंने गलती से रिमार्क लिख दिया था। विधानमंडल के दोनों सदनों में वे जमकर हंगामे के बाद विपक्ष के दबाव के चलते मामले की जांच लोकायुक्त से कराए जाने के आदेश सीएम ने दिए थे। विपक्ष उस समय भी मेहता से इस्तीफे की मांग कर रहा था।

लोकायुक्त रिपोर्ट के बाबत सावंत पूछते हैं,’ क्या लोकायुक्त की यह रिपोर्ट चुनाव से पहले सरकार को सौप दी गई थी? सरकार बताए कि जब उसे लोकायुक्त की रिपोर्ट मिल गई है तो मंत्री मेहता के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हो रही? एऐसा लगता है कि इस घोटाले में केवल मेहता शामिल नहीं हैं बल्कि बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व भी सहभागी हैं।’

वहीं प्रदेश एनसीपी अध्यक्ष जयंत पाटील ने भी प्रकाश मेहता के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। पाटिल का सबसे बड़ा सवाल थी, ‘क्या फडणवीस मंत्रिमंडल के अन्य मंत्रियों की भी इसी तरह निष्पक्ष जांच होगी? लोकायुक्त की रिपोर्ट में मेहता दोषी पाए गए हैं।

धनंजय मुंडे कहते हैं, ‘ प्रकाश मेहता पर विपक्ष के आरोपों को लोकायुक्त ने भी सही माना है ।अपने मंत्रियों को क्लीन चिट देने वाले मुख्यमंत्री की भी कलई खुल गई है। अब समय है मुख्यमंत्री इमानदारी से फैसला करें।

राधाकृष्ण विखे पाटील इस्तीफे का मामला

मुंबई: हाल ही में कांग्रेस से इस्तीफा दे चुके राधाकृष्ण विखे पाटील द्वारा मुंबई के डीपी प्लान को लेकर चीफ़ मिनिस्टर देवेंद्र फडणवीस पर लगाए आरोपों के मामले को अब कांग्रेस पार्टी गंभीर रूप में लेने का मन बना चुकी है। दरअसल विधानसभा में अपोजिशन लीडर रहते हुए विखे पाटील ने राज्य सरकार को घेरने के लिए सीएम फडणवीस पर मुंबई के डीपी प्लान में 10 हजार करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया था। उस वक्त पाटिल ने यह मामला सदन में उठाते हुए हाईकोर्ट में पीआईएल दायर करने की बात कही थी।

दिलचस्प बात यह है कि विखे पाटील कांग्रेस छोड़ जल्द बीजेपी में शामिल होने वाले हैं और कांग्रेस पाटिल के इस अस्त्र का प्रयोग बीजेपी के खिलाफ करना चाहती है। कांग्रेस के स्पोक पर्सन सचिन सावंत ने कहा कि कांग्रेस इस मामले को नहीं छोड़ेगी। उन्होंने खुद वह फाईल देखी है और वह इससे संबंधित डॉक्युमेंट हासिल करने की कोशिश कर रहे हैैं।

सिद्धू नहीं गए केबिनेट की बैठक में

लोकसभा चुनाव में पंजाब के दो बड़े कांग्रेस नेताओं मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और केबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के बीच बनी दूरियां लगता है अभी बरकरार हैं। गुरूवार को सीएम अमरिंदर सिंह की बुलाई केबिनेट की बैठक में सिद्धू नहीं आये।
बैठक की अध्यक्षता सीएम अमरिंदर सिंह ने की। जानकारी के मुताबिक बैठक में नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर लम्बे समय तक चर्चा हुई। सिद्धू ने भले बैठक से किनारा किया, चर्चा का मुद्दा वही रहे। नए घटनाक्रम से साफ़ होता है कि कैप्टेन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिद्धू के बीच चल रही जंग अभी ठंडी नहीं हुई है और आने वाले दिन में बड़े बबंडर में बदल सकती है।
कैप्टेन समर्थक सीएम पर सिद्धू के ”पर कतरने” के लिए जोर दे रहे हैं लेकिन सिद्धू भी अपनी जगह अड़े हैं। चर्चा केबिनेट में फेरबदल की रही है। सिद्धू को राहुल-प्रियंका का बहुत नजदीकी माना जाता है और उन्होंने लोक सभा चुनाव में पंजाब को छोड़कर देश भर में कांग्रेस का प्रचार किया था। ऐसे में लगता है कांग्रेस आलाकमान ही इस मामले में कोइ हस्तक्षेप करेगी।
उधर आज की केबिनेट बैठक में मोहाली में बनने वाले मेडिकल कॉलेज को लेकर ९९४  नियुक्तियों को मंजूरी दी गई ,जिसमे १०० एमबीबीएस सीट का प्रावधान होगा और २०२०-२१ के एकेडमिक सेशन से मेडिकल कॉलेज की शुरुआत होगी।