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टीडीपी के चार राज्य सभा सदस्य भाजपा के साथ गए

भाजपा ने अब राज्य सभा में अपनी ताकत बढ़ाने का ”आपरेशन” शुरू कर दिया है। गुरूवार शाम तेलगुदेशम पार्टी के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू को झटका देते हुए उसके चार राज्य सभा सदस्य भाजपा के साथ हो लिए हैं। यह सांसद भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ राज्य सभा के सभापति उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू से मिले और उन्हें अपने फैसले का पत्र सौंपा।
चुनाव के समय विपक्षी एकता के सूत्रधार बनते दिख रहे चंद्र बाबू नायुडू के लिए  झटका है। रिपोर्ट्स के मुताबिक नायुडू आजकल छुट्टी पर परिवार सहित आंध्र प्रदेश से बाहर हैं। अभी साफ़ कि यह चार टीडीपी सदस्य भाजपा में शामिल होंगे या अलग गुट के रूप में मान्यता लेकर भाजपा को समर्थन देंगे।
दलबदल क़ानून के मुताबिक यदि वे भाजपा में शामिल होते भी हैं तो उन्हें इस्तीफा नहीं देना पड़ेगा क्योंकि उनका दल बदलना कानूनी मान्य होगा। टीडीपी के  कुल ६ सदस्य हैं लिहाजा ४ के दल बदल लेने से उनकी सदस्यता बरकरार रहेगी।
जानकारी के मुताबिक जिन टीडीपी सदस्यों का नाम सामने आ रहा है उनमें वाईएस चौधरी, तीजी वेंकटेश, सीएम रमेश और जीएम राव  शामिल हैं हालांकि भाजपा ने अभी आधिकारिक रूप से इन चार के पार्टी में शामिल होने की पुष्टि नहीं की है।

सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास ही नए भारत की कल्पना : राष्ट्रपति

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरूवार सुबह संसद के साझे सदन को संबोधित करते हुए अपने अभिभाषण में कहा कि नए भारत की परिकल्पना सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास से प्रेरित है।
राष्ट्रपति ने अभिभाषण की शुरुआत में चुने गए सभी सांसदों को बधाई दी। राष्ट्रपति ने कहा कि ६१ करोड़ वोटरों ने नया कीर्तिमान स्थापित किया और देश का मान बढ़ाया है। चुनाव में महिलाओं की भागीदारी भी पुरुषों के बराबर रही है। राष्ट्रपति ने लोकसभा के नए अध्यक्ष ओम बिड़ला को भी बधाई दी।
राष्ट्रपति के साथ उप-राष्ट्रपति वैंकेया नायडू भी मौजूद रहे। राष्ट्रपति ने कहा कि देश के लोगों ने मूलभूत सुविधाओं के लिए भी लंबे समय तक इंतजार किया, लेकिन अब स्थितियां बदल रही हैं। देश के हर व्यक्ति को सशक्त करना मेरी सरकार का ध्येय है।
राष्ट्रपति ने कहा – ”हम अब मूलभूत आवश्यकताओं को पूरी करते हुए सरकार उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सशक्त, सुरक्षित और सर्वसमावेशी भारत के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ रही है। नए भारत की परिकल्पना सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास से प्रेरित है।”
कोविंद ने कहा कि साल २०२२ में आजादी के ७५वें साल में अब नए भारत के कई लक्ष्य हासिल कर चुके होंगे। नए भारत के पथ पर शहरी भारत और ग्रामीण भारत दोनों का विकास होगा। ”मेरी सरकार ने २१ दिन के कम समय में ही किसान, जवान, महिलाओं के लिए काम करना शुरू कर दिया है।”

कुल्लू हादसे में २० की मौत

हिमाचल प्रदेश में गुरूवार को एक बड़े बस हादसे में कम से कम २० लोगों की मौत हो जाने की खबर है। इसकी सरकारी स्तर पर पुष्टि नहीं हुई है। ”तहलका” की जानकारी के मुताबिक़ यह हादसा कुल्लू जिले के बंजार इलाके में हुआ है। हादसे का शिकार हुई बस खचाखच भरी हुई थी।
जानकारी के मुताबिक बंजार से एक किलोमीटर आगे भियोठ मोड़ के पास एक निजी बस करीब ४५० फुट गहरी खाई में गिर गई। हादसे में २० लोगों की मौत हो गई जबकि लगभग ३० लोगों के घायल होने की आशंका है। घायलों में कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिसके चलते मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।
कुल्लू से गाड़ागुशैणी की तरफ जा रही यह बस यात्रियों से खचाखच भरी हुई थी। बस में सवार अधिकांश लोग गाड़ागुशैणी के रहने वाले हैं। जानकारी के मुताबिक बस में करीब ४८ लोग सवार थे। खाई में गिरते ही बस के परखच्चे उड़ गए। खाई से घायलों को निकालने के लिए पुलिस और स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और रेस्क्यू अभियान शुरू किया।
अभी तक की जानकारी के मुताबिक  घायलों को रेस्क्यू किया जा रहा है। अब तक बस करीब १२ महिलाएं, छह युवतियां, सात बच्‍चे और १० युवक निकाले जा चुके हैं। सभी गंभीर रूप से घायल हैं। सभी को उपचार के लिए बंजार अस्पताल लाया गया है। कुछ को गंभीर हालत में कुल्‍लू भी रेफर किया गया है। और जानकारी का इन्तजार है।

यूपी में वहां नहर में गिरा, ७ लापता

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गुरूवार को एक बड़े हादसे में एक वहां नहर में जा गिरा। इसमें सवार २९ लोगों को बचा लिया गया है हालांकि सात लोग अभी लापता हैं। स्थानीय गोताखोर और एनडीआरएफ की टीम प्रशासन के लोगों के साथ मौके पर मौजूद है और लापता लोगों को  पूरी कोशिश की जा रही है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक गुरूवार सुबह २९ लोगों को ले जा रहा एक वाहन चालक के नियंत्रण खोने के बाद इंदिरा नहर में जा गिरा। जानकारी मिलते ही स्थानीय गोताखोर और एनडीआरएफ की टीम के साथ प्रशासन वहां पहुंच गया और लापता लोगों को खोजने की पूरी कोशिश की जा रही है।
घटना नगराम थाना क्षेत्र की है जहां लड़के तीन बजे बारातियों को लेकर महिंद्रा पिकअप गाड़ी नहर में गिर गई। हादसे के बाद मौके पर मचे शोर को सुनकर गांव वाले मदद के लिए दौड़े आये। ग्रामीणों ने ही हादसे की जानकारी पुलिस को दी। प्रशासन एनडीआरएफ की टीम के साथ घटना स्थल पर पहुंचा और बचाव कार्य में जुट गया।
रिपोर्ट्स में बताया गया है कि लापता सात लोगों में चार से नौ साल की आयु के बीच के बच्चे हैं। उनके नाम सचिन, शनी, साजन, सौरभ, मानसी, मनीषा और अमन शामिल है। बच्चों की खोज के लिए सुबह से ही एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और फायर सर्विस की टीम व मोहनलालगंज के डीएम मौके पर मौजूद हैं। जहां हादसा हुआ वहां पानी का बहाव बहुत तेज है जिसकी वजह से इन लोगों के दूर तक बाह जाने की आशंका है। उनकी खोज की जा रही है।

पीएम मोदी की ‘एक राष्‍ट्र, एक चुनाव’ पर बैठक में कांग्रेस समेत कई शामिल नहीं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बुधवार को बुलाई बैठक जिसमें ”एक राष्‍ट्र, एक चुनाव” के विषय पर चर्चा हो रही है, में मुख्या विपक्षी दल कांग्रेस शामिल नहीं हुई है। बैठक में बसपा प्रमुख मायावती, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी और आम आदमी प्रमुख अरविंद केजरीवाल भी शामिल नहीं हुए हैं।
पीएम मोदी इस मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों की बैठक ले रहे हैं। बैठक के लिए उन सभी दलों के प्रमुखों को आमंत्रित किया गया था जिनका लोकसभा या राज्यसभा में कम से कम एक सदस्य है। बैठक शुरू हो गयी है। यह बैठक बजट सत्र से ठीक पहले बुलाई गयी है। जानकारी के मुताबिक एनसीपी नेता शरद पवार इस बैठक में शामिल हैं।
बैठक में ”एक राष्ट्र, एक चुनाव” के मुद्दे पर चर्चा हो रही है। इसके अलावा २०२२ में आजादी के ७५वें वर्ष के जश्न और महात्मा गांधी के इस साल १५०वें जयंती वर्ष को मनाने समेत कई मसलों पर चर्चा हो रही है।
बैठक में बीजद के नवीन पटनायक, जदयू के नीतीश कुमार, नेशनल कांफ्रेंस के फारुक अब्‍दुल्‍ला, शिरोमणी अकाली दल के सुखबीर सिंह बादल, माकपा के सीताराम येचुरी, भाकपा के डी राजा और पीडीपी की महबूबा मुफ्ती, वाईएसआर कांग्रेस के जगनमोहन रेड्डी समेत अन्‍य नेता शामिल हैं।
बसपा सुप्रीमों मायावती बैठक में शामिल नहीं होंगी। उन्होंने ट्वीट कर लिखा – ”किसी भी लोकतांत्रिक देश में चुनाव कभी कोई समस्या नहीं हो सकती है और न ही चुनाव को कभी धन के व्यय-अपव्यय से तौलना उचित है। एक देश, एक चुनाव की बात वास्तव में गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी, बढ़ती हिंसा जैसी ज्वलंत राष्ट्रीय समस्याओं से ध्यान बांटने का प्रयास और छलावा मात्र है।”

धवन पूरे विश्व कप से बाहर

ओपनर शिखर धवन पूरी तरह से वर्ल्ड कप से बाहर हो गए हैं। उनके अंगूठे की चोट को लेकर जो नवीनतम रिपोर्ट आई है उसके मुताबिक वे १५ जुलाई से पहले स्वस्थ नहीं हो पाएंगे। उनकी जगह ऋषभ पंत, बैकअप पर पहले ही इंग्लैंड पहुँच चुके हैं,  अब भारतीय टीम के ड्रेसिंग रूम से जुड़ जायेंगे। धवन के अलावा तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार भी अभी चोटिल हैं और उनके अगले मैच खेलने को लेकर अभी संशय बना हुआ है।
धवन को हेयरलाइन फ्रैक्चर के कारण बाहर होना पड़ा है। भुवनेश्वर कुमार नसें खिंचने के कारण पिछले मैच में बीच में ही मैदान से बाहर जाने को मजबूर हुए थे। हैमस्ट्रिंग की यह समस्या गंभीर होने पर भुवनेश्वर कुमार को भी टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ सकता है।
ऋषभ पंत एक हफ्ता पहले ही इंग्लैंड पहुँच गए थे लेकिन धवन के टीम में बने होने से वे नियमों के मुताबिक भारतीय ड्रेसिंग रूम से नहीं जुड़ पाए थे। अब चूँकि, धवन ऑफिशियली बाहर हो गए हैं, उनके भारत लौटने और ऋषभ के ड्रेसिंग रूम में जुड़ने का रास्ता साफ़ हो गया है। धवन का टूर्नामेंट से बाहर होना एक बड़े झटका है।
उधर भुवनेश्वर के इलेवन में न खेल पाने की स्थिति में मोहम्मद शमी का टीम में आने का रास्ता खुल जाएगा।
धवन की गैरमौजूदगी में पाकिस्तान के खिलाफ लोकेश राहुल ने रोहित शर्मा के साथ पारी की शुरुआत की थी और अर्धशतक लगाया था। वहीं उनकी जगह पाकिस्तान के खिलाफ टीम में विजय शंकर को शामिल किया गया था। धवन ने इस विश्व कप में भारत के दूसरे मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ११७ रन की शतकीय पारी खेली थी और उनके बाएं हाथ के अंगूठे में चोट लग गई थी। इसके बाद उनके अंगूठे पर प्लास्टर किया गया था।

राहुल ने कर्नाटक कार्यकारिणी भंग की

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी की कर्नाटक राज्य कार्यकारिणी को भंग कर दिया है। कर्नाटक कांग्रेस में पिछले लम्बे समय से अंतर्कलह चल रही है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष की इस बड़ी कार्रवाई के बावजूद प्रदेश अध्यक्ष और कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष अपने पद पर अभी बने रहेंगे। दो दिन पहले ही कांग्रेस ने कर्नाटक में अपने वरिष्ठ विधायक रोशन बेग को पार्टी से निलंबित कर दिया गया था।
कांग्रेस अध्यक्ष के फैसले पर कर्नाटक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डी शिवकुमार ने कहा –  ”मुझे बताया गया है कि कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी को भंग कर दिया गया है। गुंडूराव अभी भी केपीसीसी अध्यक्ष में बने रहेंगे। हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा। नई कार्यकारिणी का जल्द ही गठन होगा। कोई पद मांगा नहीं जाता है। पार्टी को जिसमें काबिलियत दिखेगी, उसे पद दिया जाएगा।”
राहुल के इस फैसले के बाद अब साफ़ हो गया है कि खुद राहुल अपने पद पर बने रहेंगे। मंगलवार को ही पार्टी ने बंगाल के वरसिहत पार्टी सांसद अधीर रंजन चौधरी को लोक सभा में अपना नेता नियुक्त किया था। इसके बाद साफ़ हो गया था कि राहुल कांग्रेस अध्यक्ष का जिम्मा संभालते रहेंगे।

ओम बिड़ला नए लोक सभा अध्यक्ष

ओम बिड़ला लोकसभा के नए अध्यक्ष चुने गए हैं। सदन ने बिड़ला को निर्विरोध इस पद के लिए चुना। सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भी बिड़ला के नाम का समर्थन किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने उनके नाम का प्रस्ताव किया और रक्षा मंत्री राजनाथ ने इसका समर्थन किया।
स्पीकर चुने जाने के बाद पीएम मोदी और लोक सभा में कांग्रेस दल के नेता अधीर रंजन चौधरी बिड़ला को आसान तक ले गए। बुधवार को १७वीं लोकसभा के बजट सत्र के दौरान लोकसभा के नए स्पीकर का चुनाव हुआ। सदन की कार्यवाही के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने सदन में राजस्थान के कोटा से सांसद ओम बिरला के नाम का प्रस्ताव किया जिस पर प्रोटेम स्पीकर ने मतदान करवाया और ओम बिड़ला को करीब-करीब सभी दलों से समर्थन मिल गया।
कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के घटक दलों की मंगलवार शाम बैठक हुई थी जिसमें लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव में राजग उम्मीदवार ओम बिरला का समर्थन करने का फैसला किया गया। ओम बिड़ला (५६) भाजपा की युवा शाखा से जुड़े रहे हैं। वह २०१८ में भाजपा राजस्थान इकाई के संगठनात्मक सुधार के प्रभारी भी थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने बिरला को अध्यक्ष चुने जाने पर बधाई देते हुए उनकी तारीफ की। उन्होंने कहा – ”यह सदन के लिए गर्व का मौका है साथ ही मैं बिरलाजी को अध्यक्ष चुने जाने पर बधाई देता हूं। कईं सांसद हैं जो बिरलाजी को जानते हैं। बिरला जी ने राजस्थान विधानसभा को भी सेवाएं दी हैं।” पीएम  कहा वो ऐसी जगह से सांसद हैं  जिसे आज के समय में शिक्षा का काशी कहा जाता है। ”बिरला जी सालों से समाजसेवा में हैं और गुजरात में भूकंप के दौरान उन्होंने लंबे समय तक वहां रहकर काम किया था।”

महाराष्ट्र का अगला चीफ मिनिस्टर शिवसेना से!

‘भाजपा से युति अवश्य है लेकिन शिवसेना अपने तेवर वाला संगठन है एक संकल्प लेकर शिवसेना आगे बढ़ी है। इस संकल्प के आधार पर हम कल विधानसभा को ‘भगवा’ कर के छोडेंगे और शिवसेना के 54 वें वर्धापन दिवस समारोह में शिवसेना का मुख्यमंत्री विराजमान होगा। चलिए यह संकल्प लेकर काम शुरू करें!’ – सामना

आज 19 जून को शिवसेना की 53 वीं वर्षगांठ है। इस वर्ष की वर्षगांठ पर शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे के निमंत्रण पर चीफ मिनिस्टर देवेंद्र फडणवीस उपस्थित रहेंगे। पहली दफा शिवसेना की वर्षगांठ पर कोई पार्टी का मुख्यमंत्री आमंत्रित किया गया है। 70के दशक में बाल ठाकरे ने दशहरा रैली में शरद पवार और जॉर्ज फर्नांडिस को आमंत्रित किया था।
अपने मुखपत्र ‘सामना’ में शिवसेना ने लिखा है ‘शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के निमंत्रण पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस वर्षगांठ पर उपस्थित कार्यकर्ताओं का मार्ग दर्शन करेंगे।’
सामना में दो बातें अलग-अलग पन्नों पर हैं। भले ही शिवसेना ने चीफ मिनिस्टर देवेंद्र फडणवीस आमंत्रित किया है और कहा है कि वह भी शिव सैनिकों का मार्गदर्शन करेंगे लेकिन अपने एडिटोरियल में शिवसेना ने यह भी साफ कर दिया है कि अगली दफा सूबे के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस नहीं रहेंगे!
ग़ौर करें….’ शिवसेना के 54 वें वर्धापन दिवस समारोह में शिवसेना का मुख्यमंत्री विराजमान होगा।’
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव महज 4 महीने की दूरी पर है । शिवसेना-बीजेपी गठबंधन ने लोकसभा चुनाव में जबर्दस्त जीत हासिल की। हालांकि लोकसभा चुनाव से पहले शिवसेना और बीजेपी के बीच कड़वाहट चरम पर थी।गठबंधन सरकार का हिस्सा होते हुए भी शिवसेना ने विपक्ष पार्टी से भी बेहतर भूमिका इस दौरान निभाई। नीतियों को लेकर मोदी को भी नहीं बख्शा गया।लेकिन मामला सुलझा लिया गया गया।
जीतने के बाद शिवसेना को आशा थी कि उन्हें केन्द्रीय मंत्रिमंडल में अच्छी खासी जगह मिलेगी लेकिन निराशा ही हाथ लगी। राज्य में भी शिवसेना को अपनी जगह बनाने के लिए खासी मेहनत करनी पड़ी। विधानसभा चुनाव में भले शिवसेना-बीजेपी गठबंधन मिलकर चुनाव लड़ रही है फिर भी सीटों के बंटवारे को लेकर शिवसेना को बीजेपी की शर्त माननी ही पड़ी है। विजई होने पर महाराष्ट्र के अगले चीफ मिनिस्टर को लेकर भी खूब बहस हुई।
शिवसेना को यह दुख हमेशा सालता रहा है कि जिस बीजेपी ने राज्य में शिवसेना का हाथ थाम कर अपनी जमीन मजबूत की ,अब वही बीजेपी, शिवसेना के साथ शर्तों की राजनीति करने पर उतर आई है। जहां तक महाराष्ट्र में बीजेपी- शिवसेना गठबंधन की बात है, शिवसेना खुद को ‘बड़े भाई’ के तौर पर ही मानती रही थी लेकिन अब बीजेपी खुद को ‘छोटा भाई’ मानने को तैयार नहीं है। शिव सेना के संस्थापक व सुप्रीमो बाल ठाकरे के निधन के बाद स्थिति बदली है साथ ही साथ बीजेपी का ग्राफ राज्य ही नहीं देश में भी बढ़ा है। पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता पर काबिज होने के बाद बीजेपी के तेवर भी बदले बदले से हैं। शिवसेना किसी भी हालत में नहीं चाहती कि राज्य की सत्ता की धुरी से वह दूर रहे। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई, मुंबई महानगर पालिका शिव सेना के कब्जे में है। नगर निगम चुनाव के दौरान बीजेपी ने इसे भी अपने कब्जे में लेने की कोशिश की थी। शिव सेना बिसरी नहीं है।
वैसे शिवसेना एक दफा राज्य सत्ता का सुख भोग चुकी है। शिवसेना के मनोहर जोशी और नारायण राणे सूबे के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। लेकिन उस वक्त ठाकरे परिवार किंग मेकर और रिमोट कंट्रोल की भूमिका में था। सत्ता का असली केंद्र बाल ठाकरे का निवास स्थान ‘मातोश्री’ था। बीजेपी के आला नेताओं को भी मातोश्री आना पड़ता था। अब शिवसेना चाहती है एक बार फिर महाराष्ट्र की सत्ता की चाभी उसके हाथ में आए। लेकिन अब की दफा ठाकरे परिवार की मंशा है कि यह चाभी सिर्फ शिवसेना ही नहीं बल्कि ठाकरे परिवार के हाथ में संवैधानिक तौर पर आए। इसकी तैयारियां शिवसेना में शुरू हो चुकी है! ठाकरे परिवार की तीसरी पीढ़ी के आदित्य जो शिवसेना की युवा विंग के चीफ़ हैं, विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं ।और शिवसेना चाहती है कि महाराष्ट्र चीफ मिनिस्टर की कुर्सी पर युवा आदित्य ठाकरे बिराजे, जहां आज बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस विराजमान हैं।

अयोध्या आतंकी हमले के चार दोषियों को उम्रकैद

अयोध्या के राम जन्मभूमि परिसर में २००५ में हुए आतंकी हमले के मामले में प्रयागराज की विशेष अदालत ने मंगलवार को चार दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है और एक आरोपी को बरी कर दिया है। याद रहे आतंकी हमले के साजिशकर्ता अरशद को घटनास्थल पर ही ढेर कर दिया गया था। पांच जुलाई, २००५ में हुए आतंकी हमले में दो लोग मारे गए थे, तो वहीं कुछ सुरक्षाकर्मी घायल भी हुए थे।
इस मामले की सुनवाई नैनी सेंट्रल जेल में हुई। विशेष अदालत ने चार दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। एक आरोपी को बरी कर दिया गया है। जिन लोगों को  उम्रकैद की सजा सुनाई गयी है उनमें डॉ. इरफान, मोहम्मद शकील, मोहम्मद नसीम,
फारुक हैं जबकि मोहम्मद अजीज को बरी कर दिया गया है।
याद रहे इन आरोपियों पर हमले की साजिश रचने का आरोप था और वे लम्बे समय से नैनी जेल में बंद थे। इस मामले की सुनवाई स्पेशल जज दिनेश चंद्र कर रहे थे। प्रयागराज की स्पेशल अदालत ने मंगलवार दोपहर इस मामले में फैसला सुनाया।  अदालत की तरफ से जिन चार आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा दी गई है,  उनपर ४० हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। पांचवें आरोपी मोहम्मद अजीज को बरी किया गया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक इस मामले में कुल ६३ गवाहों ने अपने बयान दर्ज करवाए थे, जिसमें १४ पुलिसकर्मी थे। पिछले १४ साल से मामले में सुनवाई और ट्रायल चल रहा था। लंबी सुनवाई के बाद जज ने १८ जून की तारीख फैसले के लिए तय की थी। जांच के दौरान पुलिस ने पांच लोगों को साजिश रचने, आतंकियों की मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।