Home Blog Page 1026

पत्रकारिता में रवीश कुमार हो जाना

वो चिट्ठियां ही थीं जिन्हें रवीश कुमार एनडीटीवी में बांचते थे। यह भी एक चिट्ठी ही है जिसमें उन्हें रमोन मग्सेसाय अवार्ड मिलने की सूचना आई है। समाज की पीड़ा को अपनी पीड़ा बना लें तो चिट्ठियां कितना लम्बा रास्ता तय करवा सकती हैं, रवीश कुमार पत्रकारिता में इसके जीवंत उदहारण हैं।

आज सुबह रवीश को रमोन मग्सेसाय अवार्ड मिलने की यह खबर पत्रकारिता के इस संक्रमण काल में ”गुड मॉर्निंग इंडिया” की तरह है। यह देश की जड़ से जुड़ी पत्रकारिता का ”प्राइम टाइम” है। रवीश इसके एंकर हैं। रवीश भारतीय पत्रकारिता के ”चार्ली चैप्लिन” हैं। वे ख़बरों से हंसाते हैं, रुलाते हैं और व्यवस्था में दुष्ट आत्माओं को चुभन देते हैं। वे मुस्कुराते हुए कटाक्ष से व्यवस्था पर हथोड़े जैसी चोट करते हैं।

रवीश कुचली आवाज को खुराक देने वाले पत्रकार हैं। वे पत्रकारिता ही नहीं, व्यवस्था  की कैंची के बेजुबानों की भी आवाज हैं। वे ”पत्रकारिता के मक्का” एनडीटीवी में ऐसी आत्मा हैं, जो हमेशा पत्रकारिता को जीवित रखती है। इन कुछ सालों में जब सवाल कर सकने की हिम्मत रखने वाली पत्रकारिता मुश्किल काल में घिरी है, एनडीटीवी इंडिया ने रवीश कुमार को अपनी और बेजुबानों की आवाज बनाये रखने की मजबूत हिम्मत दिखाई है।

रवीश ऐसे ही आमजन के रवीश कुमार पत्रकार नहीं हो गए। इसके लिए उन्होंने व्यवस्था से टक्कर ली है, बेजुबानों को जुबान दी है और सत्ता की खूंखार तोप्पों के सामने बेख़ौफ़ खड़े रहे हैं। सभी पत्रकार ऐसा नहीं कर पाते। हाल के सालों में यह साबित हुआ है। इमरजेंसी में भी हुआ था। इंडियन एक्सप्रेस के मालिक रामनाथ गोयनका इसका उदाहरण हैं। इंदिरा गांधी से मित्रता होते हुए भी इमरजेंसी का जैसा विरोध एक अखबार मालिक के नाते गोयनका ने किया था, वैसे उदाहरण बिरले ही मिलते हैं।

”जनसत्ता” में हमने ओम थानवी के संपादक रहते कुछ ऐसी ही निर्भीकता का पाठ पढ़ा था। तब प्रभाष जोशी उस निर्भीकता को अपने लेखन से और पक्का करते थे। आज जब रवीश को एशिया का नोबल माना जाने वाला रमोन मग्सेसाय अवार्ड मिला है तो उन्होंने सबसे पहले जिन दिग्गजों को याद किया उनमें प्रभाष जोशी और ओम थानवी दोनों हैं।

हाल के सालों में सरल भारतीय भाषा में पत्रकारिता में जो संजीदगी रवीश ने दिखाई है, वह औरों में कम ही दिखी है। वे पत्रकारिता करते हुए भी आम जन लगते हैं, पेज तीन के सेलेब्रेटी नहीं। इसीलिए वे आम जनता से जुड़े पत्रकार हैं।

उनकी रिपोर्ट देखते हुए आम जन महसूस करता है कि यह इंसान उनकी आवाज बन सकता है। नौकरियों  से लेकर राजनीति के उतार-चढ़ाव पर जैसी रिपोर्टिंग रवीश करते हैं, वही लोगों में उनकी लोकप्रियता का कारण है। यही कारक उनके रमोन मग्सेसाय अवार्ड तक पहुँचने का रास्ता है।

नहीं तो आज तो शोर मचाते पत्रकार ही टीवी चैनलों पर दीखते हैं। इनमें बहुत से राजनीतिक दलों की ढाल या उनकी आवाज बन गए हैं। जन ज़रूरतों का तो किसी को मानो कोइ सरकार ही नहीं है। स्टोरी का हर एंगल राजनीति से जुड़ा है। पत्रकारिता के इस भीषण शोर में रवीश शांत लेकिन मुखर आवाज हैं।

सत्ता की निष्ठुर चट्टानों से भिड़कर गलत को गलत कहने की जुर्रत करने वाले रवीश के इस जज्बे को उन सभी पत्रकारों का सलाम है, जो उन्हें अपनी भी आवाज मानते हैं । वे सभी जो बिलकुल निचले स्तर पर आमजन की आवाज तो हैं लेकिन अंधेरी गलियों में छिपे हैं। या सच कहने का जज्बा रखते हुए भी अख़बार मालिकों या सम्पादकों के सत्ता के चरणों में बैठ जाने का संताप झेल रहे हैं।

पत्रकार होते हुए भी चारण पादुक बन गए लोगों की भीड़ में रवीश अनोखे हैं लेकिन अकेले नहीं। देश के शहर/गाँव की गली तक ऐसे पत्रकार हैं जो रवीश हैं। जो रवीश की तरह सत्ता की छोटी लेकिन निष्ठुर चट्टानों से रोज भिड़ते हैं। सच लिखते हैं और जिनके पास अगले दिन अखबार में छपी रिपोर्ट देखने के लिए अखबार खरीदने भर के पैसे नहीं होते।

एक और बात। देश से जुड़ी छोटी-छोटी घटनाओं और उपलब्धियों पर ट्वीट करके मुबारक देने वाले कुछ ”बड़ों” के ट्वीट आज रवीश को बधाई देते नहीं दिखे। इन्तजार है। क्या एक पत्रकार की कलम की ताकत से आप इतना खौफजदा रहते हैं कि देश को रवीश के बहाने मिली इस बड़ी उपलब्धि को नजरअंदाज कर देना चाहते हैं ! रवीश आपके ही भारत देश का है भई !

सशर्त कांसुलर एक्सेस स्वीकार नहीं : भारत

कुलभूषण जाधव मामले में भारत ने पाकिस्तान के सशर्त कांसुलर एक्सेस देने के ऑफर को ठुकरा दिया है। पाकिस्तान के प्रस्ताव पर भारत ने अपने जवाब में कि वह जाधव को प्रतिशोध और धमकी के भय से मुक्त माहौल में बिना किसी रुकावट के राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराए।

याद रहे जाधव इस समय पाकिस्तान की जेल में बंद हैं। हाल में आईसीजे पाकिस्तान को कहा था कि वो जाधव को कांसुलर एक्सेस  उपलब्ध करवाए। भारत के जवाब के बाद अब पाकिस्तान के जवाब का इंतजार है। भारत ने कांसुलर एक्सेस के लिए किसी भी शर्त को मानने से इनकार कर दिया है।

पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को शुक्रवार को सशर्त कांसुलर एक्सेस देने का प्रस्ताव रखा था। इसे भारत ने ठुकरा दिया है। पाकिस्तान के इस प्रस्ताव पर भारत के विदेश मंत्रालय ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि वह पाकिस्तान के प्रस्ताव का आकलन कर रहा है और भारत कूटनीतिक चैनलों के माध्यम से पाकिस्तान को जवाब देगा। अब भारत ने अपना जवाब दे दिया है।

उन्नाव पीड़िता के चाचा को दिल्ली शिफ्ट करने का सुप्रीम कोर्ट का आदेश

सर्वोच्च न्यायालय ने उन्नाव रेप मामले में शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए  रायबरेली जेल में बंद पीड़िता के चाचा को दिल्ली की तिहाड़ जेल शिफ्ट करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने सुरक्षा कारणों को आधार बनाते हुए ये आदेश दिया है। उधर फिलहाल पीड़िता को दिल्ली शिफ्ट नहीं किया जाएगा और लखनऊ  इलाज चलता। रहेगा उन्नाव मामले में गुरूवार को सर्वोच्च अदालत की सुनवाई के दौरान यूपी सरकार  की तरफ से दलील दी गई थी कि पीड़िता का चाचा रायबरेली जेल में सुरक्षित है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस दलील को नहीं माना और चाचा को दिल्ली की तिहाड़ जेल में शिफ्ट करने आदेश दिया।

इधर खबर है कि सर्वोच्च अदालत के आदेश का पालन करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने पीड़िता को २५ लाख का अंतरिम राहत चेक दे दिया है दे दिया है। दुष्कर्म पीड़िता के वकीलों की तरफ से अदालत को शुक्रवार को  बताया गया कि परिवार लखनऊ में ही पीड़िता का इलाज कराना चाहता है, ऐसे में वह नहीं चाहते हैं कि पीड़िता को दिल्ली शिफ्ट किया जाए। गौरतलब कि गुरुवार को अदालत ने कहा था कि अगर पीड़िता का परिवार चाहे तो उनका इलाज दिल्ली में किया जा सकता है।

अदालत को आज बताया गया कि पीड़िता अभी लखनऊ के अस्पताल में भर्ती है, वह आईसीयू में है लेकिन क्रिटिकल नहीं है। अदालत ने पीड़िता के मामले को अब सुप्रीम कोर्ट की दूसरी बेंच को सौंप दिया है, जो पूरे केस पर नजर बनाए रखेगी और इलाज पर भी लगातार रिपोर्ट लेती रहेगी।

अयोध्या मध्यस्थता कमिटी ने सौंपी फाइनल रिपोर्ट

अयोध्या जमीन विवाद बातचीत से सुलझाने के लिए गठित की गई तीन सदस्यीय मध्यस्थता कमिटी ने गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय को बंद लिफाफे में अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंप दी।

सर्वोच्च अदालत की संवैधानिक पीठ इस रिपोर्ट पर शुक्रवार दोपहर दो बजे सुनवाई कर सकती है। गौरतलब है कि अदालत ने एक याचिका पर ११ जुलाई को पैनल से यह रिपोर्ट मांगी थी। सोमवार को सभी पक्षों के बीच दिल्ली स्थित उत्तर प्रदेश सदन में आखिरी बैठक हुई थी।
याद रहे इससे पहले १८ जुलाई को मध्यस्थता पैनल ने शीर्ष कोर्ट को स्टेटस रिपोर्ट सौंपी थी। तब प्रधान न्यायाधीश ने कहा था कि अभी मध्यस्थता की रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर नहीं लिया जा रहा, क्योंकि ये गोपनीय है। पैनल जल्द अंतिम रिपोर्ट कोर्ट को सौंप दे।

प्रधान न्यायाधीश कहा था कि अगर इसमें कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला तो हम दो अगस्त से रोजाना सुनवाई पर विचार करेंगे। उसी दिन सुनवाई को लेकर आगे के मुद्दों और दस्तावेजों के अनुवाद की खामियों को चिन्हित की जाएंगी। अब कल इस  मामले में अदालत में सुनवाई शुरू होगी जिसमें इस रिपोर्ट को भी मद्देनजर रखा जाएगा।

उमर अब्दुल्ला ३५ए को लेकर पीएम मोदी से मिले

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी से मुलाक़ात कर सूबे में धारा ३७० और ३५-ए को ख़त्म करने को लेकर लगातार चल रही चर्चाओं को लेकर चर्चा की। मुलाकात के बाद उमर को बताया कि उन्होंने पीएम से आग्रह किया है कि रियासत में कोई ऐसा कदम न उठाया जाए  जिससे वहां स्थिति खराब हो।

उमर ने मीडिया को बताया कि उन्होंने धारा ३५ए और ३७० का मामला इस मुलाकात में उठाया। उमर ने कहा – ”इस अहम मसले के अलावा हमने जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने की मांग भी पीएम के सामने उठाई है। हमने कहा कि आप (केंद्र) जल्दी क्यों करना चाहता है। हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करेंगे, जैसा कि हमने हमेशा किया है।”

गौरतलब है कि केंद्र के कश्मीर में करीब १०,००० अतिरिक्त सैनिक भेजने के फैसले के बाद सूबे में इसका जबरदस्त विरोध हुआ है। एनसी और पीडीपी जैसे मुख्य धारा  के दलों ने इस फैसले का जबरदस्त विरोध किया है। घाटी में यह चर्चा जोरों से रही कि केंद्र ने यह सैनिक ३५ए को ख़त्म करने के बाद की संभावित क़ानून व्यवस्था की स्थिति को ”संभालने” के लिए भेजे हैं।

कुछ रोज पहले भी श्रीनगर में एक सम्मेलन में उमर अब्दुल्ला ने केंद्र से सुप्रीम कोर्ट के फैसले की प्रतीक्षा करने के लिए कहा था। जहां अनुच्छेद-३५ए और अनुच्छेद-३७० को चुनौती देने वाली काफी याचिकाएं लंबित हैं। उन्होंने सरकार से उन अफवाहों पर अपनी स्पष्टता देने को भी कहा जिसमें कहा जा रहा है कि १५ अगस्त के बाद कश्मीर में एक और लंबा संकट देखने को मिलेगा। अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार के ही लोग (अफसर) लोगों को राशन, दवाइयां और गाड़ियों के लिए तेल जुटाने को कह  रहे हैं क्योंकि अनिश्चितता का एक लंबा दौर आने की बात कही जा रही है।

दिल्ली वालों को चुनावी तोहफा, २०० यूनिट तक बिजली मुफ्त

विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले आप सरकार ने दिल्ली के लोगों को ”तोहफा” दिया है। मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने गुरूवार को ऐलान किया कि दिल्ली में उपभोक्ताओं को २०० यूनिट तक बिजली अब मुफ्त मिलेगी। यही नहीं २०१ से ४००  यूनिट की खपत करने वालों को करीब ५० फीसदी सब्सिडी मिलेगी, यानि कुल बिल का आधा ही पैसा अदा करना होगा। केजरीवाल ने मुताबिक दिल्ली में बिजली कंपनियों का घाटा १७  फीसदी से घटकर ८ फीसदी पर आ गया है इसलिए उपभोक्ताओं को फायदा देना संभव हुआ है।

लोक सभा के चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बाद तीसरे नंबर पर खिसकी आम  आदमी पार्टी (आप) विधानसभा चुनाव  डूबी है लिहाजा उसकी सरकार ने अब दिल्लीवासियों को तोहफे देने शुरू कर दिए हैं। सीएम अरविंद केजरीवाल ने बताया कि उनकी सरकार के फैसले से करीब दो तिहाई यानी ३२-३३ लाख घरों को फायदा होगा। सरकार के इस फैसले से दिल्ली के ३२ लाख बिजली उपभोक्ताओं में से दो तिहाई का मासिक बिल अब ज़ीरो हो जाएगा।

फैसले के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति २०१ यूनिट बिजली यूज करता है तो उसे ज़ीरो बिल नहीं आएगा। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में बिजली कंपनियों का घाटा १७  फीसदी से घटकर ८ फीसदी पर आ गया है। उन्होंने कहा – ”जो जो लोग दिल्ली में बिजली की २०० यूनिट तक खपत करते हैं, उनको अपने बिजली के बिल देने की जरूरत नहीं होगी। उनके बिजली के बिल माफ होंगे। यह घोषणा इसलिए संभव हुई क्योंकि दिल्ली के लोगों एक ईमानदार सरकार को चुना।”

केजरीवाल ने दावा किया कि उनकी सरकार में दिल्ली में बिजली सस्ती हुई। ”हमने बिजली के हालात बदले। पहले बिजली कंपनी की हालत खराब थी। लेकिन हमने बिजली महंगी नहीं होने दी। पहले रेट अनाप-शनाप बढ़ते थे। ब्लैक आउट के हालात थे। लोग बिजली के तारों से परेशान थे। पावर कट खूब लगते थे। लेकिन हमारी कड़ी मेहनत और साफ नियत के कारण बिजली के बिलों में भारी गिरावट आई है। पूरे देश में बिजली का रेट बढ़ा और दिल्ली में रेट कम हुआ। यह एक चमत्कार है।”

कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस देने को पाकिस्तान तैयार

अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट आफ जस्टिस (आईसीजे) के हाल के फैसले के बाद पाकिस्तान ने अपने देश की जेल में बंद भारतीय कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस देना ऑफर किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने गुरूवार को कहा कि पाकिस्तान की तरफ से ऐसा प्रस्ताव आया है और इसपर विस्तार से अध्ययन करके पाकिस्तान को जवाब दिया जाएगा।

एक प्रेस कांफ्रेंस में रवीश कुमार ने कहा पाक ने प्रपोजल दिया है और भारत को इसका जवाब देना है। उन्होंने कहा – ”अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट के फैसले के आधार पर इसका मूल्यांकन किया जाएगा और समय पर इसका जवाब डिप्लोमैटिक स्तर पर ही पाकिस्तान को दिया जाएगा।”

इससे पहले पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट आई है कि कुलभूषण जाधव को शुक्रवार को काउंसलर एक्सेस दिया जाएगा। आईसीजे के फैसले के बाद पाकिस्तान जाधव को काउंसलर एक्सेस देने के लिए तैयार हुआ है।

गौरतलब है कि बता दें कि पूर्व भारतीय नौसैनिक और कारोबारी कुलभूषण जाधव को पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है जिसकी अंतरराष्ट्रीय अदालत (आइसीजे) ने समीक्षा करने को कहा है। साथ ही जाधव को विएना कंवेंशन के तहत काउंसलर एक्सेस भी देने का निर्देश दिया गया था।

उन्नाव रेप पीड़िता को २५ लाख अंतरिम मुआबजा

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को एक बड़े झटके में सर्वोच्च न्यायालय ने उन्नाव रेप मामले और कुछ रोज पहले पीड़िता की कार के हादसे से जुड़े सभी पांच मामले दिल्ली ट्रांसफर कर दिए हैं। पीड़िता को २५ लाख का अंतरिम मुआवजा देने का आदेश दिया है साथ ही यूपी पुलिस की जगह इस मामले से जुड़े तमाम लोगों को सीआरपीएफ की सुरक्षा देने का आदेश गुरूवार को दिया है।
सर्वोच्च अदालत के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा है कि इस मामले को देखकर लगता है कि देश में यह कैसी अराजकता है। आज अदालत ने कहा है कि इस मामले की डे-टू-डे हियरिंग होगी। साथ ही कोर्ट ने ४५ दिन में ट्रायल पूरा करने का दिया आदेश दिया है। ट्रक एक्सीडेंट मामले की जांच दो हफ्ते में पूरा करने का सीबीआई को आदेश दिया है। एक बड़े फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता को २५ लाख का मुवावजा देने का आदेश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता और गवाहों को सुरक्षा देने का भी आदेश दिया है और तत्काल प्रभाव से उन्हें सीआरपीएफ पीड़ित परिवार को सुरक्षा मुहैया करवाने को कहा है। आज एसजी ने पीड़ित की मेडिकल रिपोर्ट भी सुप्रीम कोर्ट को दी।
सुप्रीम कोर्ट को केजीएमसी हॉस्पिटल ने बताया कि पीड़िता को एयरलिफ्ट किया जा सकता है। इसे लेकर फैसला उसके परिवार पर छोड़ा गया है। यदि वे हाँ कहते हैं तो पीड़िता और उनकी वकील को एयर लिफ्ट किया सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर पीड़िता परिवार चाहे तो हम एयर लिफ्ट करने का आदेश दे सकते हैं। कल इसपर फैसला सामने आ  सकता है।
उधर सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता के चाचा को भी रायबरेली से तिहाड़ ट्रांसफर करने का आदेश दिया दिया है। कल भी इस मामले पर सुनवाई होगी जिसमें कोर्ट की तरफ से और आदेश आ सकते हैं।

ओसामा के बेटे हमजा की मौत !

अमेरिकी मीडिया ने दावा किया है कि अल-कायदा के संस्थापक ओसामा बिन लादेन, जिसे अमेरिकी सील कमांडो ने कुछ साल पहले पाकिस्तान के ऐबटाबाद में मार गिराया था, का बेटा हमज़ा भी अब मारा गया है। माना जाता है कि हमजा ही इस समय अपने पिता के आतंकी संगठन का मुखिया था।

तीस साल के हमजा को अमेरिका की तरफ से किये गए एक आपरेशन में मार गिराया गया है। अमेरिका के मीडिया ने यह दावा वहां के खुफिया अधिकारियों के हवाले से किया है। ओसामा ने ही अल-कायदा की स्थापना की थी। हमज़ा की मौत हाल के महीनों में अमेरिका की तरफ से किये गए ऑपरेशन में से एक में हुई है। इसकी कोइ तारीख मीडिया रिपोर्ट्स में नहीं बताई गयी है।

गौरतलब है कि हमज़ा के सिर पर इस साल फरवरी में ही १० लाख अमेरिकी डालर का इनाम घोषित किया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक  तीन अमेरिकी अधिकारियों ने हमजा बिन लादेन की मौत की पुष्टि की है। हालांकि हमजा के मरने की जगह और दिन की जानकारी इन रिपोर्ट्स में नहीं दी गयी है।

अमेरिका हमजा को अभी तक अल कायदा का मुख्य सरगना बताता रहा है। इसी आधार पर उसने हमजा की जानकारी देने पर बड़े इनाम की घोषणा की थी। गौरतलब है कि हमजा ओसामा बिन लादेन के २० बच्चों में से १५वां है। वह अपने पिता की तीसरी पत्नी का बेटा है।

उन्नाव रेप से जुड़े मामले दिल्ली तब्दील, तीन सुरक्षा कर्मी निलंबित

उत्तर प्रदेश के उन्नाव में रेप और अब पीड़िता और उसके रिश्तेदारों के कार हादसे से देश भर उठे बबंडर के बीच सर्वोच्च न्यायालय ने गुरूवार को कहा कि इस से जुड़े पहले के सभी मामले उत्तर प्रदेश से बाहर (सम्भवता दिल्ली) ट्रांसफर हो सकते हैं। इस बीच ”तहलका” की जानकारी के मुताबिक भाजपा ने इस मामले से जुड़े अपने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को पार्टी से गुरूवार को निष्काषित कर दिया है। यूपी पुलिस ने भी उन तीन कर्मियों को गुरूवार को ससपेंड कर दिया गया है जो पीड़िता की कार के हादसे के वक्त सुरक्षा डयूटी पर थे लेकिन उनके साथ उपस्थित नहीं थे।

उधर सर्वोच्च न्यायालय में गुरूवार को उन्नाव रेप केस की सुनवाई शुरू हुई। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सुनवाई के दौरान बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि इस मामले के सारे केस उत्तर प्रदेश के बाहर (दिल्ली) ट्रांसफर होंगे। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच कर रही सीबीआई से स्टेटस रिपोर्ट तलब की है। ये रिपोर्ट आज दोपहर १२ बजे तक मांगी गई थी।

इस बीच सुप्रीम कोर्ट का रुख देखते हुए भाजपा ने अपने आरोपी विधायक कुलदीप सेंगर को भारी दवाब के चलते पार्टी से बाहर कर दिया है। भाजपा के इस फैसले ”डैमेज कंट्रोल” के रूप में देखा जा रहा है। उन तीन पुलिस कर्मियों को भी गुरूवार को ससपेंड कर दिया गया जो पीड़िता की कार के हादसे के वक्त सुरक्षा डयूटी पर थे लेकिन उनके साथ उपस्थित नहीं थे।

उधर सर्वोच्च न्यायालय में गुरूवार को मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट से सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि सीबीआई के जांच अधिकारी लखनऊ में हैं। स्टेटस रिपोर्ट १२ से पहले पेश नहीं की जा सकेगी। अगर अधिकारी फ्लाइट से भी आते हैं तो वह १२ बजे तक नहीं पहुंच पाएंगे। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि फोन पर स्टेटस रिपोर्ट लें और सीबीआई किसी अधिकारी को कोर्ट में पेश होने के लिए प्रतिनियुक्त करे।