Home Blog Page 1008

पीएमसी बैंक के एक और खाताधारक की मौत

मुंबई में पीएमसी बैंक के एक और खाताधारक की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गयी है। खाते से पैसे न निकाल पाने के कारण वे बहुत तनाव में थे और आखिर उनकी जान चली गयी। आरबीआई की तरफ से एक निश्चित मात्रा में ही पैसे निकालने की पाबंदी के चलते इस बैंक के खाताधारक आंदोलन भी कर रहे हैं।

गड़बड़ी का मामला सामने आने के बाद बैंक के खाताधारकों के पाइए निकलने पर पाबंदी लगा दी गयी थी। अब हार्ट अटैक से एक और खाता धारक की मौत हो गयी है। मुलुंड के रहने वाले फत्तोमल पंजाबी (५९) की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गयी। फत्तोमल पंजाबी मुलुंड में हार्डवेयर और इलेक्ट्रिकल स्टोर चलाते थे और उन्होंने भी पीएमसी बैंक में पैसे जमा कराए हुए थे।

उनकी मौत मंगलवार दोपहर साढ़े १२ बजे हुई। याद रहे सोमवार को भी एक खाताधारक संजय गुलाटी की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी है। उनकी एक बेटी विशेष बच्ची है और परिवार के सामने बहुत दिक्कत वाली स्थिति पैदा हो गयी है।

गुलाटी को खाना खाने के दौरान की चक्कर आने के बाद अस्पताल ले जाय गया था लेकिन उन्हें डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था। इसके बाद से उनका परिवार गहरे सदमे में है। गुलाटी के साल के शुरू में नौकरी भी चली गयी थी। वे जेट एयरवेज में काम करते थे। संजय गुलाटी के बैंक में ९० लाख रुपये जमा हैं।

ईडी ने चिदंबरम को गिरफ्तार किया

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को बुद्धवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया। वे पहले से ही तिहाड़ जेल में बंद हैं। पहले ईडी ने चिदंबरम से जेल में ही दो घंटे पूछताछ की।

रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय ने चिदंबरम की गिरफ्तारी फ़िलहाल  कागजातों में ही डाली है। कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें तिहाड़ जेल से बाहर निकाला जाएगा। ईडी के पास फिलहाल तिहाड़ से चिदंबरम को बाहर निकालने का आदेश नहीं है। चिदंबरम से पूछताछ करने के लिए ईडी के तीन अधिकारियों की टीम गई थी।

स्थानीय अदालत के मंगलवार को केन्द्रीय जांच एजंसी को मामले में चिदंबरम से पूछताछ की अनुमति दी थी। साथ ही कोर्ट ने मंगलवार को ईडी को ज़रुरत पड़ने पर चिदंबरम को गिरफ्तार करने की अनुमति भी दे दी थी। बुधवार सुबह चिदंबरम की पत्नी नलिनी और बेटे कार्ति भी तिहाड़ जेल परिसर में दिखे।

गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अपराधिक मामला दर्ज किया है। वित्त मंत्री रहते २००७ में ३०५ करोड़ रुपये का विदेशी धन प्राप्त करने के लिए आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी में अनियमितता बरतने का आरोप लगाते हुए सीबीआई ने १५ मई, २०१७ को एसआईआर दर्ज की थी।

कश्मीर में ३ आतंकी ढेर

कड़ी सुरक्षा के चलते कश्मीर में आतंकियों की बिलकुल नहीं चल रही। बुधवार को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग के पजलपोरा में सुरक्षा बलों ने एक मुठभेड़ में  तीन  आतंकवादियों को ढेर कर दिया। मुठभेड़ में एक जवान घायल हुआ है। एक अन्य घटना में आतंकवादियों ने पुलवामा में वहां काम करने वाले छत्तीसगढ़ के एक नागरिक जोकि वहां श्रमिक का काम करता था, कि गोली मारकर हत्या कर दी।

आतंकवादियों के छिपे होने की जानकारी मिलने पर सुरक्षाबलों ने इलाके को घेर लिया और तलाशी अभियान चलाया। आशंका थी कि आतंकी अनंतनाग में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फ‍िराक में हैं। जेके पुलिस, सेना और सीआरपीएफ की संयुक्‍ट टीम ने इसके बाद जब घर-घर तलाशी शुरु की तो अचानक आतंकियों ने उन पर गोलीबारी शुरू कर दी। आतंकियों ने ऐसा करके भागने की कोशिश की लेकिन मुस्तैद सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी।

इसके बाद वहां मुठभेड़ शुरू हो गयी। गोलीबारी में एक सैन्यकर्मी जख्मी हो गया। उसे उपचार के लिए श्रीनगर स्थित सेना के ९२ बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जवानों ने आतंकियों के भागने के सभी रास्ते बंद कर दिए। करीब छह घंटे चली  मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने तीन आतंकियों को मार गिराने में सफलता हासिल की।

मुठभेड़ स्थल पर आतंकियों के शव बरामद हो गए हैं। आतंकवादियों की पहचान नासिर चादरू, अकीब हजाम और जाहिद हुसैन के रूप में हुई है और सभी स्थानीय हैं। यह आतंकी लश्कर-ए-तोयबा से जुड़े हुए थे। काफी मात्रा में हथियार और  गोलाबारूद भी बरामद हुआ है।

उधर जिला पुलवामा में आतंकवादियों ने छत्तीसगढ़ के एक नागरिक, जोकि वहां श्रमिक का काम करता था, की गोली मारकर हत्या कर दी।

अयोध्या पर आज ५ बजे पूरी हो जाएगी सुनवाई

अयोध्या मामले में सर्वोच्च न्यायालय की संविधान पीठ आज (बुधवार) शाम ५ बजे तक आखिरी सुनवाई करेगी। आज सुबह अयोध्या विवाद पर अंतिम सुनवाई शुरू हुई  तो प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि अब कोई बीच में टोका-टाकी नहीं करेगा, बहस आज ही शाम ५ बजे खत्म होगी। सुनवाई के दौरान एक ऐसा समय भी आया जब मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने हिंदू पक्ष की ओर से दिखाया गया नक्शा फाड़ डाला।

बुधवार को जब सुनवाई शुरू हुई तो सभी पक्षकारों ने अपनी ओर से लिखित बयान अदालत में पेश किए। बुधवार को सर्वोच्च अदालत में हिंदू और मुस्लिम पक्षकार अपनी अंतिम दलीलें रख रहे हैं। हिंदू पक्ष की ओर से सभी पक्षकारों को अपनी दलील रखने के लिए 45-45 मिनट का समय दिया गया है, साथ ही मुस्लिम पक्ष की ओर से वकील राजीव धवन को एक घंटे का समय दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट की सख्ती देखकर साफ है कि इससे अधिक समय किसी वकील को नहीं मिलेगा।

सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई से पहले सुन्नी वक्फ बोर्ड ने दावा किया है कि इस मामले में मध्यस्थता का कोई सवाल नहीं है और न ही उन्होंने ऐसा कोई प्रस्ताव रखा है।  मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में जो भी फैसला सुनाएगा वह मानने के लिए तैयार हैं।

निर्मोही अखाड़ा की तरफ से सुशील जैन ने कहा कि हमारा दावा मंदिर की भूमि, स्थाई संपत्ति पर मालिकाना अधिकार को अधिकार है। मुस्लिम पक्षकारों के इस दावे में भी दम नहीं है कि २२/२३ दिसंबर १९४९ की रात बैरागी साधु जबरन इमारत में घुसकर देवता को रख गए थे। उन्होंने कहा कि ये मुमकिन ही नहीं कि मुसलमानों के रहते इतनी आसानी से वो घुस गए जबकि २३ दिसंबर को शुक्रवार था। इसी के साथ निर्मोही अखाड़ा की दलील पूरी हुई।

फिर शिया वक्फ बोर्ड की ओर से दलील शुरू हुई। शिया बोर्ड की ओर से कहा गया कि हमारा विवाद शिया बनाम सुन्नी बोर्ड को लेकर है, इस पर सुन्नियों का दावा नहीं बनता है। शिया वक्फ बोर्ड की ओर से एमसी धींगड़ा ने कहा कि वहां पर शिया मस्जिद थी, १९६६ में आए फैसले से हमें बेदखल किया गया था। साल १९४६ में दो जजमेंट आए थे एक हमारे पक्ष में और दूसरा सुन्नी के पक्ष में। बीस साल बाद १९६६  में कोर्ट ने हमारा दावा खारिज कर दिया।

इसी के साथ अदालत लंच के लिए उठ गई। लंच के बाद पीएन मिश्रा को और उसके बाद डेढ़ घंटा मुस्लिम पक्षकारों को दिया जाएगा। इससे पहले निर्मोही अखाड़ा की ओर से सुशील जैन ने कहा कि उन्होंने १९६१ का एक नक्शा दिखाया, जो गलत था।  उन्होंने बिना किसी सबूत के सूट फाइल कर दिया। वहां की इमारत हमेशा से ही मंदिर थी। ऐसा कोई सबूत नहीं है कि मस्जिद बाबर ने बनाई थी।

निर्मोही अखाड़ा ने रामजन्मभूमि न्यास की दलील का विरोध किया और कहा कि उन्होंने ऐसा क्यों कहा कि बाबर ने मंदिर गिराया और मस्जिद बनाई। हमने हमेशा कहा है कि वो मंदिर ही था। हमने कभी मुस्लिमों को जमीन का हक ही नहीं दिया।

इसपर जस्टिस अशोक भूषण ने कहा कि जो सूट दायर किया गया है वह टाइटल का है, इसमें एक्सेस की कोई बात नहीं है।

आज सुप्रीम कोर्ट में ऑल इंडिया हिन्दू महासभा की ओर से विकास सिंह ने एडिशनल डॉक्यूमेंट के तौर पर पूर्व आईपीएस किशोर कुणाल की किताब बेंच को दी गई। इस पर मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने ज़ोरदार आपत्ति जताई। राजीव धवन ने कहा कि इसे ऑन रेकॉर्ड न लिया जाए, ये बिल्कुल नई चीज है। कोर्ट इसे वापस कर दें, इसपर अदालत की ओर से कहा गया कि ये किताब वो बाद में पढ़ेंगे।

निजी रंजिश का नतीजा था पश्चिम बंगाल का मुर्शिदाबाद हत्याकांड, मुख्य आरोपी गिरफ्तार

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हुए तिहरे हत्याकांड का मुख्य आरोपी गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस के मुताबिक यह हत्याकांड निजी रंजिश का नतीजा था। इससे पहले आरएसएस/भाजपा ने हत्या के शिकार लोगों को ”अपना कार्यकर्ता” बताते हुए ममता सरकार को घेरने की कोशिश की थी, लेकिन मृतकों के परिजनों ने ही अपने राजनीति से जुड़े होने की बात को नकार दिया था।

इस तिहरे हत्याकांड के कई दिन बाद मंगलवार को मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी हुई है। पुलिस ने कहा कि हत्याकांड में इस शख्स की बड़ी भूमिका है। गिरफ्तार व्यक्ति का नाम उत्पल बेहरा बताया गया है और राजमिस्त्री का काम करता है। उसे शाहपुर इलाके के सागरदिघी से पकड़ा गया।

पुलिस का दावा है कि उत्पल बेहरा ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। इस हत्याकांड के ३६ घंटे बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने दावा किया था कि बंधुप्रकाश पाल का संबंध आरएसएस से था। हालांकि मृतक के परिवार ने इस बात से साफ़ इनकार कर दिया था।

मुर्शिदाबाद पुलिस के मुताबिक उत्पल बेहरा ने बंधुप्रकाश को जीवन बीमा की दो किस्तों के लिए पेमेंट किया था। पहली किस्त की रसीद बंधुप्रकाश ने आरोपी को दे दी थी, लेकिन दूसरी किस्त की रसीद नहीं दी थी। कुछ सप्ताह से मृतक और आरोपी के बीच झगड़ा चल रहा था, जिसके बाद आरोपी ने कत्ल करने का फैसला किया।

याद रहे एक बेहद क्रूर घटना में मुर्शिदाबाद में एक ही परिवार के तीन सदस्यों का बेरहमी से कत्ल कर दिया गया था। मृतक बंधुप्रकाश पाल पेशे से एक शिक्षक था उसे गर्भवती पत्नी और बच्चे के साथ मार दिया गया था। बच्चे की उम्र ८ साल थी।

अकाल तख़्त प्रमुख ने कहा – आरएसएस पर बैन लगे

अकाल तख्त ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। अकाल तख़्त ने कहा है कि आरएसएस जिस तरह काम कर रहा है उससे देश के बंटने का ख़तरा है।

यह मांग अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने की है। उन्होंने एक रोज पहले अमृतसर में कहा – ”हां, इसे (आरएसएस) प्रतिबंधित कर देना चाहिए।  मुझे लगता है कि आरएसएस जिस तरह से काम कर रहा है उससे वह देश में भेदभाव की एक नई लकीर खींच देगा।” भाजपा पर आरएसएस के प्रभाव के सवाल पर जत्थेदार ने कहा – ”ऐसा है तो यह देश के लिए अच्छा नहीं है। यह देश को नुकसान पहुंचाएगा और उसे तबाह कर देगा।”
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही संघ संचालक मोहन भागवत ने देश में मॉब लिंचिंग की अलग-अलग घटनाओं को लेकर बयान दिया था और इसे पश्चिमी सोच बताया था। साथ ही कहा था कि ”देश को बदनाम करने के लिए भारत के संदर्भ में इसका इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।”

भागवत ने यह भी कहा था कि बीते कुछ सालों में भारत की सोच की दिशा में एक परिवर्तन आया है, जिसे न चाहने वाले व्यक्ति दुनिया में भी है और भारत में भी।   निहित स्वार्थों के लिये ये शक्तियां भारत को ”दृढ़ और शक्ति संपन्न” नहीं होने देना चाहतीं। इस दौरान संघ प्रमुख ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद ३७० के अधिकतर प्रावधान हटाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह की सराहना करने पर जोर दिया था। बकौल उनके ”यह एक साहसिक कदम था।”

वित्त मंत्री सीतारमण के पति की मोदी सरकार को सलाह – मनमोहन और राव की आर्थिक नीतियों से सीखें

एक तरह से भाजपा के लिए बड़ी फ़ज़ीहत के रूप में मोदी सरकार में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के आर्थिक जानकार और बुद्धिजीवी पति परकला प्रभाकर ने मोदी सरकार को सलाह दी है कि नेहरू की आलोचना करने की जगह वो मनमोहन सिंह और नरसिंह राव की आर्थिक नीतियों से सीख लेकर अभी भी देश की आर्थिक स्थिति को संभाल सकती है। उधर अर्थशास्त्र में सोमवार को नोबेल जीतने वाले भारतीय मूल के अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने भी भारतीय अर्थव्यवस्था को डांवांडोल बताया है।

प्रभाकर ने मोदी सरकार को यह नसीहत अपने एक लेख में दी है। याद रहे राव जब प्रधानमंत्री थे तो इकॉनमी के गुरु माने जाने वाले मनमोहन सिंह देश के वित्त मंत्री थे।  प्रभाकर के इस आलेख ने भाजपा को बैकफुट पर दाल दिया है। कुछ जानकारों का कहना है कि इस ब्यान से भाजपा में बेचैनी फ़ैली है।

प्रभाकर ने अपने लेख में कहा – ”भाजपा ने नरसिम्हा राव सरकार की नीतियों को न तो खारिज किया और न ही उसे चुनौती दी। अगर सरकार उनकी (राव-मनमोहन) नीतियों को अपना ले तो अभी भी पीएम मोदी के नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में मदद मिल सकती है।”

वित्तमंत्री के पति का यह ब्यान तब आया है जब देश की आर्थिक नीति को लेकर गंभीर सवाल उठाये जा रहे हैं। खुद वित्त मंत्री तीन बार प्रेस कांफ्रेंस करके आर्थिक मंदी से उबरने के लिए कई घोषणाएं कर चुकी हैं। यह अलग बात है कि इसके बावजूद अर्थव्यवस्था में सुधार के कुछ ख़ास संकेत नहीं दिखे हैं।

उधर परकला प्रभाकर ने एक अंगरेजी अखबार में अपने लेख में मोदी सरकार को पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह की तरफ से अपनाए गए आर्थिक मॉडल को अपनाने की सलाह दी है। प्रभाकर ने साल १९९१ में बिगड़ी अर्थव्यवस्था के उदारीकरण का भी जिक्र किया है।

एक तरह से मोदी सरकार की आर्थिक सोच पर सवाल उठाते हुए प्रभाकर ने कहा – ”भाजपा अपनी स्थापना के बाद से अपना कोइ आर्थिक ढांचा प्रस्ताव नहीं ला पाई।  वह सिर्फ नेहरूवादी आर्थिक ढांचे की आलोचना करती रही। भाजपा ने हमेशा यह नहीं-यह नहीं की नीति अपनाई जबकि उसकी अपनी नीति क्या है, उसके बारे में कभी कुछ नहीं कहा।”

अपने आलेख में प्रभाकर ने कहा कि शायद भाजपा के वर्तमान नेतृत्व भी इससे अवगत है तभी चुनावों के दौरान पार्टी ने इस बात का ख्याल रखा कि अर्थव्यव्सथा को लेकर जनता के सामने कुछ भी पेश न करे। इसके स्थान पर पार्टी ने बुद्धिमानी से, एक राजनीतिक, राष्ट्रवादी और देश की सुरक्षा का मंच चुना।” याद रहे २०१९ के लोकसभा चुनाव में ”खतरे” को भांपते हुए भाजपा ने असली मुद्दों की जगह भावनात्मक ”उग्र राष्ट्रवाद” का मुद्दा अपना लिया था और जबरदस्त जीत हासिल की थी।

इस बीच सोमवार को अर्थशास्त्र का नोबेल जीतने वाले अभिजीत बनर्जी ने भी  भारतीय अर्थव्यवस्था को डगमगाती स्थिति में बताया है। बनर्जी ने कहा कि निकट भविष्य में भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार को लेकर वह आश्वस्त नहीं हैं।

अभिजीत ने देश की आर्थिक स्थिति पर कहा – ”मौजूदा आंकड़े देखने के बाद निकट भविष्य में अर्थव्यवस्था में सुधार होने को लेकर आश्वस्त नहीं हुआ जा सकता है। पिछले पांच-छह साल में हमने कम-से-कम कुछ विकास तो देखा। लेकिन अब वह भरोसा भी खत्म हो गया।”

केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे पर स्याही फेंकी

केंद्रीय राज्य स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी चौबे के चेहरे पर मंगलवार को पटना में उस समय स्याही  फेंकी गयी है जब वे पीएमसीएच के डेंगू वार्ड में दौरा करने पहुंचे थे। मंत्री ने इसे ”गुंडा तत्वों” का काम बताया है। दावा किया गया है कि जिस युवक ने स्याही फेंकी उसके कथित तौर पर पप्पू यादव के राजनीतिक दल से जुड़े होने की आशंका है।

घटना के मुताबिक जैसे ही अश्विनी चौबे पटना में पीएमसीएच के डेंगू वार्ड में दौरा करने के बाद अस्पताल से बाहर निकले, युवक ने उनके चेहरे और कार पर स्याही फेंक दी। यह घटना तब हुई जब वहां कड़ी सुरक्षा थी।

स्याही फेंक ने के बाद युवक वहां से फरार हो गया। पुलिस के लोग उसके पीछे बहुत दूर तक दौड़े लेकिन युवक उनके हाथ से निकल गया। अश्विनी चौबे मरीजों से मिलकर बाहर अपने गाड़ी में बैठने आ रहे थे, तब युवक ने उनके ऊपर स्याही फेंक दी। कुछ मीडिया कर्मियों पर भी स्याही के चहेते गिरे जो उस समय वहां मौजूद थे।
घटना के बाद अश्विनी चौबे के कपड़ों पर भी स्याही के निशान साफ़ दिख रहे थे।

अश्विनी चौबे ने इसके बाद कुछ यह प्रतिक्रिय दी – ”स्याही मुझपर नहीं, बल्कि लोकतंत्र के चेहरे पर फेंकी गयी है। यह गुंडा तत्व हैं सब उन्हें जानते हैं। केवल मुझ पर नहीं, पत्रकारों पर भी स्याही फेंकी गई। घटना के पीछे वही लोग हैं, जो पहले अपराध जगत में सक्रिय थे।”

शोपियां में चालक ही हत्या के बाद एसएमएस सेवा फिर की गयी बंद

जम्मू कश्मीर के शोपियां में सोमवार को आतंकियों के एक ट्रक ड्राइवर की हत्या कर देने के बाद मंगलवार को वहां  ७० दिन बाद बहाल की गयी एसएमएस सेवा को फिर बंद कर दिया गया है। याद रहे आतंकियों ने राजस्थान नंबर के ट्रक को निशाना बनाते हुए उसके ड्राइवर शरीफ खान की हत्या कर दी थी।

एक और खबर के मुताबिक आतंकियों ने एक बाग के मालिक की भी पिटाई की है।

कश्मीर में सोमवार को ही ७० दिन के बाद मोबाइल फोन सेवा बहाल की गयी है।  राजस्थानी ट्रक और उसके चालक शरीफ खान को निशाना बनाने की घटना में शामिल एक आतंकवादी के पाकिस्तानी होने की जानकारी है।

आतंकियों को पकड़ने के लिए इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया गया है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के मुताबिक ट्रक चालक शरीफ खान को आतंकवादियों ने गोली मार दी थी।

कश्मीर में मोबाइल से पाबंदी हटने के बाद आतंकियों के सक्रीय होने के खतरे को देखते हुए एजंसियों की नजर इस पर है। एजेंसियों को पूरी तरह से सतर्क रखा गया है।

पुंछ में सीजफायर उल्लंघन

नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सेना ने एक बार फिर जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में पाकिस्ता ने सीजफायर का उल्लंघन किया है। पाकिस्तान की ओर से मंगलवार सुबह गोलाबारी की गई जिसका भारतीय सेना ने करारा जवाब दिया।

पीएमसी खाताधारक की पैसे न निकाल पाने के चलते मौत

पंजाब एंड महाराष्ट्र को-आपरेटिव (पीएमसी) बैंक में खाताधारकों के अपने ही पैसे निकालने पर लगी पाबंदियों के बीच एक खाताधारक की पैसे नहीं निकाल पाने से हुई मौत ने नोटबंदी के समय की याद ताजा कर दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक बैंक से रकम नहीं निकाल पाने के चलते सोमवार को एक खाताधारक संजय गुलाटी की सदमे से मौत हो गयी है। गुलाटी के बैंक में करीब ९० लाख रूपये जमा हैं।

जानकारी के मुताबिक जिन संजय गुलाटी की सदमे से मौत हुई है वो ओशिवारा के तारापोरेवाला गार्डन के रहने वाले थे। उनकी पत्नी के मुताबिक पैसे नहीं निकाल पाने के कारण गुलाटी बहुत परेशान थे। गुलाटी ने रकम निकासी पर लगाई गई पाबंदियों के विरोध में हो रहे प्रदर्शन में भी हिस्सा लिया था।

गौरतलब है कि बैंक में कथित गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद खाताधारकों के पैसे निकलने पर पाबंदी लगाई गयी हैं जिससे उनकी परेशानियां बढ़ गई हैं। गुलाटी को लेकर बताया गया है कि वह कथित पीएमसी बैंक घोटाले से बेहद आहत थे। सोमवार को वे जिला कोर्ट के बाहर अन्य के साथ प्रदर्शन कर रहे थे। घर लौटने के बाद शाम साढ़े तीन बजे उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि बैंक से रुपए निकालने में लगी पाबंदी के चलते वे काफी परेशान थे। उनके परिवार में उनकी पत्‍नी के अलावा दो छोटे बच्‍चे हैं। आज उनका अंतिम संस्‍कार किया जाएगा।

रिपोर्ट्स के मुताबिक संजय गुलाटी और उनके पिता सीएल गुलाटी जेट एयरवेज में नौकरी करते थे। जेट एयरवेज में संकट आने के बाद कुछ महीने पहले संजय की नौकरी चली गई जिसके बाद उनके घर का खर्च बैंक से मिलने वाले ब्‍याज की रकम से चलता था। याद रहे पीएमसी बैंक ४३५५ करोड़ रुपये के कथित घोटाले के बाद एजेंसियों की जांच की जद में है।