महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण

बिहार में सरकार बनाने के बाद नीतीश कुमार ने एक और चुनावी वादा पूरा किया है. 19 जनवरी को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई. यह आरक्षण महिलाओं को पहले से मिल रहे तीन प्रतिशत आरक्षण से अलग होगा. आरक्षित और गैर आरक्षित श्रेणी में भी महिलाओं को 35 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले साल बिहार दिवस के मौके पर राज्य में सिपाही से लेकर सब इंस्पेक्टर तक की भर्ती में महिलाओं के लिए 35 फीसदी आरक्षण देने की घोषणा की थी. बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश ने सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 फीसदी आरक्षण का वादा किया था. बिहार में पंचायत-नगर निकायों में पहले से ही महिलाओं के लिए 50 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था है.

 

सौर घोटाले में फंसे केरल के मुख्यमंत्री

सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट लगाने के मामले में रिश्वत लेने के आरोपी केरल के मुख्यमंत्री ओमान चांडी पर त्रिशूर की विजिलेंस कोर्ट ने एफआईआर के आदेश दिए थे. लेकिन अगले दिन केरल हाईकोर्ट ने चांडी को राहत देते हुए दो महीने तक एफआईआर दर्ज करने पर रोक लगा दी है. चांडी पर 1 करोड़ 90 लाख रुपये रिश्वत लेने का आरोप है. ये आरोप घोटाले में मुख्य आरोपी सरिता एस. नायर ने 27 जनवरी को न्यायिक आयोग के सामने लगाए. गवाही में नायर ने कहा था कि मुख्यमंत्री के करीबी को 1.90 करोड़ रुपये और ऊर्जा मंत्री आर्यदन मोहम्मद को 40 लाख रुपये दिए गए. टीम सोलर रिन्यूएबल एनर्जी सॉल्युशंस के मामले में पीडी जोसेफ की जनहित याचिका पर विजिलेंस कोर्ट ने ये आदेश दिए हैं. नायर ने अपने लिव-इन-पार्टनर राधाकृष्णन के साथ मिलकर 2011 में ये कंपनी बनाई थी जिसके बाद निवेशकों से करोड़ों की धोखाधड़ी के चलते 2013 में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. राधाकृष्णन ने दावा किया था कि मुख्यमंत्री को 5.5 करोड़ रुपये घूस में दिए गए.

 

सीतामढ़ी में ‘राम-लक्ष्मण’ पर केस

बिहार के सीतामढ़ी में पौराणिक चरित्र राम और उनके भाई लक्ष्मण पर महिला उत्पीड़न का केस दर्ज कराया गया है. सीजेएम की अदालत में वकील ठाकुर चंदन सिंह ने रामायण के आधार पर ये केस दर्ज करवाया है. चंदन सिंह ने तर्क रखते हुए कहा, ‘एक धोबी की बातों पर यकीन करके राम ने अपनी पत्नी सीता को घर से निकाल दिया. ये भी नहीं सोचा कि जंगल में अकेली महिला कैसे रहेगी? चंदन सिंह ने तर्क दिया, ‘महिला उत्पीड़न त्रेता युग में ही शुरू हो गया था. जब तक त्रेता युग की नारी को न्याय नहीं मिलेगा, तब तक कलयुग की महिला को भी न्याय नहीं मिल सकता. भगवान राम का विवेक सही था या नहीं इस पर बहस होनी चाहिए.’ मामले की एक फरवरी को सुनवाई करते हुए जज ने पूछा, ‘त्रेता युग की घटना को लेकर आपने केस क्यों किया है? मामले में किसको पकड़ा जाएगा? गवाही कौन देगा?’ सीजेएम ने ये भी कहा कि केस में यह भी नहीं बताया गया है कि सीता को किस दिन घर से निकाला गया. दलीलें सुनने के बाद सीजेएम ने बाद में फैसला करने की बात कही है.

 

‘जीका वायरस प्रभावित देशों में न जाएं गर्भवती महिलाएं’

मच्छर के काटने से फैलने वाले जीका वायरस को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने  निगरानी के लिए दो समितियां गठित कर दी हैं. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने भारतीयों के लिए एडवायजरी जारी कर कहा है, ‘गर्भवती महिलाएं उन देशों की यात्रा न करें, जहां जीका वायरस का प्रकोप है. जो महिलाएं ऐसे देश गई हैं, वे दो हफ्ते में इस वायरस की जांच करा लें.’ बताया जा रहा है कि इससे प्रभावित महिलाएं ऐसे बच्चों को जन्म दे रही हैं, जिनका मस्तिष्क पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाता है. वायरस से शिशुओं को माइक्रोसिफेली बीमारी होने का खतरा होता है, जिसके चलते मस्तिष्क का विकास पूरी तरह नहीं हो पाता. फिलहाल ब्राजील समेत दुनिया के करीब 22 देशों में जीका वायरस का प्रकोप बढ़ने का खतरा पैदा हो गया है. इसके चलते ब्राजील में करीब 4 हजार बच्चे छोटे सिर के साथ पैदा हुए हैं. इस वायरस से भारत भी अछूता नहीं है. कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार भारत में पाए जाने वाले डेंगू मच्छर इस वायरस को आसानी से फैला सकते हैं.

 

मणिपुर फर्जी एनकाउंटर को माना हत्या

मणिपुर फर्जी एनकाउंटर (2009) मामले में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. गैलेंटरी अवॉर्ड प्राप्त और मणिपुर पुलिस के पूर्व हेड कॉन्सटेबल हेरोजित सिंह ने संजीत का हत्या करना कबूल किया है. निलंबन के 6 साल बाद उन्होंने माना है कि एनकाउंटर के वक्त 22 साल का पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी के कथित सदस्य चोंग्खम संजीत मेइतेई निहत्थे थे. एक अंग्रेजी दैनिक से हुई बातचीत में हेरोजीत सिंह ने कहा, ‘हां, मैंने ही संजीत को गोली मारी. उस वक्त उसके पास कोई हथियार नहीं था. मुझे अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है. ये बस एक आदेश था, जिसका मैंने पालन किया.’ सिंह के अनुसार तत्कालीन पश्चिम इंफाल के एएसपी डॉ. अकोईजम झालाझित ने उन्हें संजीत को खत्म करने का आदेश दिया था. झालाझित वर्तमान में इसी जिले में बतौर एसपी तैनात हैं.