प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर में केसर क्रांति की नींव रखने का आह्वान किया है. जम्मू-कश्मीर के दौरे पर लेह पहुंचे मोदी ने लेह-श्रीनगर ट्रांसमिशन लाइन का उद्घाटन किया. यह लाइन लद्दाख क्षेत्र को देश के उत्तरी ग्रिड से जोड़ेगी और इससे लेह और करगिल में बिजली की किल्लत दूर होगी. श्रीनगर-लेह ट्रांसमिशन लाइन का ऐलान पहली बार 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था. मोदी ने 44 मेगावाट क्षमता वाली चुटक और 45 मेगावाट वाली निमू-बाजगो पनबिजली परियोजना की भी नींव रखी. मोदी ने कहाकि लेह-लद्दाख के विकास के तीन ‘पी’ हैं–प्रकाश, पर्यावरण और पर्यटन.
प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद नरेंद्र मोदी की यह दूसरी कश्मीर यात्रा है. इस मौके पर वे लद्दाख की पारंपरिक वेशभूषा पहने नजर आए. राज्य के विकास पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में केसर का उत्पादन दुरुस्त करना है. उन्होंने कहा कि गुजरात के रेगिस्तान में सौर ऊर्जा की जितनी संभावनाएं हैं, उतनी ही संभावनाएं लेह-लद्दाख में भी हैं. पाकिस्तान पर हमला बोलते हुए उन्होंने यह भी कहा कि वह आतंकवाद के जरिये भारत के खिलाफ छद्म लड़ाई छेड़े हुए है. मोदी कारगिल भी गए. 1999 के बाद किसी भी प्रधानमंत्री की यह पहली कारगिल यात्रा है.
मोदी की कश्मीर यात्रा को रणनीतिक और सामरिक दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.