ब्रिटेन के विश्व प्रसिद्ध मेडिकल जर्नल ‘लैंसेट’ ने खराब स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान नहीं देने को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना की है. हाल ही में ‘लैंसेट’ के संपादक रिचर्ड हॉर्टन ने एक अंग्रेजी दैनिक को दिए साक्षात्कार में कहा कि मोदी सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र पर पर्याप्त गौर नहीं कर रही है. उन्हाेंने आगाह किया है कि भारत में स्वास्थ्य क्षेत्र बहुत खराब हालत में है और यह इस देश के वैश्विक नेता बनने की राह में एक रोड़ा है.
11 दिसंबर को प्रकाशित होने जा रहे ‘लैंसेट’ के ताजा अंक में भारत की स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में एक शोध पत्र शामिल किया गया है, जिसे दुनिया के कई मशहूर विशेषज्ञों ने लिखा है. इसमें मोदी सरकार द्वारा बजट में सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को नजरअंदाज करने और उसके लिए पर्याप्त धन आवंटित न किए जाने पर गंभीर चिंता जताई गई है. इस शोध पत्र में मोदी के चुनावी वादों की भी याद दिलाई गई है.
रिचर्ड ने कहा, ‘भारत में स्वास्थ्य क्षेत्र को लेकर मैं कोई भी नीति, नया आइडिया या महत्वपूर्ण जनप्रतिबद्धता नहीं देख रहा हूं. सबसे अहम तो यह कि इसे लेकर कोई वित्तीय प्रतिबद्धता भी नहीं दिखती है.’ रिचर्ड ने कहा, ‘जबसे नरेंद्र मोदी की सरकार आई है, स्वास्थ्य क्षेत्र इसकी प्राथमिकता से एकदम बाहर हो गया है. भारत के लिए स्वास्थ्य राष्ट्रीय सुरक्षा का मसला है. यदि भारत में स्वस्थ जनसंख्या नहीं रहेगी तो सरकार भारत की संप्रभुता और स्थिरता सुनिश्चित नहीं कर पाएगी.’ संयुक्त राष्ट्र की भी एक रिपोर्ट में भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र पर चिंता जताई गई है.