सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी को वैध करार दिया, इसके खिलाफ दायर 58 याचिकाएं खारिज

सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को एक बड़े फैसले में 2016 में  नोटबंदी के फैसले को वैध करार दिया है। साथ ही सर्वोच्च अदालत ने इससे जुड़ी 58 याचिकाओं को खारिज कर दिया है।

याद रहे पीएम मोदी ने 8 नवंबर, 2016 को एक राष्ट्रव्यापी प्रसारण में नोटबंदी की घोषणा की थी। इस फैसले को लेकर सर्वोच्च अदालत में चुनौती दी गयी थी। इस गलत फैसला बताने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने आज फैसला सुना दिया है।

सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में 58 याचिकाएं दाखिल हुई थीं। जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर की अध्यक्षता वाली 5 जजों की संविधान पीठ ने 7 दिसंबर को सुनवाई पूरी कर ली थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाती हुए 2016 की नोटबंदी को वैध करार दिया है। साथ ही सभी 58 याचिकाएं खारिज कर दी हैं।

अपनी याचिका में याचिकाकर्ताओं ने कहा था कि सरकार ने बिना उचित प्रक्रिया का पालन किए अचानक 500 और 1000 के पुराने नोट प्रचलन से बाहर कर दिए थे।  इसके जवाब में सरकार ने कहा है कि यह टैक्स चोरी रोकने और काले धन पर लगाम लगाने के लिए लागू की गई सोची-समझी योजना थी। फैसला सुरक्षित रखते समय कोर्ट ने केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक को नोटबंदी के फैसले से जुड़ी प्रक्रिया के दस्तावेज सौंपने को कहा था।

जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर की अध्यक्षता वाली 5 जजों की संविधान पीठ ने 7 दिसंबर को सुनवाई पूरी कर ली थी। जस्टिस नज़ीर के अलावा संविधान पीठ के अन्य 4 सदस्य जस्टिस बीआर गवई, एएस बोपन्ना, वी रामासुब्रमण्यम और बीवी नागरत्ना हैं।