सरकारी गवाह के बयान पर कैसे करेंगे भरोसा?, अदालत में सब कुछ सबूत पर आधारित होना चाहिए

दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया 26 फरवरी से शराब घोटाला मामले में जेल में बंद है। सिसोदिया ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की थी जिस पर आज सुनवाई हुई और यह अब 12 अक्टूबर तक के लिए टाल दी गई है।

सुनवाई को दौरान सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से कई सवाल किये है। कोर्ट ने पूछा कि सरकारी गवाह के बयान पर कैसे भरोसा करेंगे?  सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना ने पूछा कि क्या जांच एजेंसी ने सरकारी गवाह की सिसोदिया को मिली घूस पर चर्चा देखी थी? क्या यह बयान कानून में स्वीकार होगा? यह सुनी सुनाई बात तो नहीं हैं ?

सुप्रीम कोर्ट ने आगे पूछा की यदि मनी ट्रेल में मनीष सिसोदिया की भूमिका नहीं है तो फिर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें आरोपी कैसे बनाया गया है। आपकी दलील तो एक अनुमान है, जबकि अदालत में सब कुछ सबूत पर आधारित होना चाहिए नहीं तो केस जिरह होने पर तुरंत गिर जाएगा।

वहीं दूसरी तरफ ईडी ने कोर्ट में कहा है कि नयी शराब नीति कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाई गई थी।