‘वजन कम करने के भोजन-सूत्र’

हमने अभी तक मोटापे को खूब कोसा, रातोंरात मोटापा कम करने का दावा करने वालों को भी हमने फटकारा. परंतु यह नहीं बताया कि फिर आखिर इस मोटापे का करें क्या. कैसे अपना वजन कम किया जाए. एक छोटे-से लेख में सारी बातें समेटना तो बेहद कठिन है. मैं मात्र सूत्रों में वजन कम करने के कुछ सिद्धांत बताने की कोशिश करूंगा. इसीलिए ‘कम लिखा, खूब जानियो’ की भावना से इन सूत्रों को हृदयंगम कीजिएगा.

सूत्र एक उतना ही खाइए, जितना आपके शरीर को चाहिए :  अब यह बात कहना तो सरल है पर मैं समझूं कैसे कि मुझे कितना खाना चाहिए? खाने बैठता हूं तो मन खूब खाने को करता है. फिर? यहां हम मन की मानते हैं, शरीर भूल जाते हैं. कैलोरी उतनी ही खानी है, जितनी आपके शरीर को चाहिए. एकदम आरामपसंद को 1800 कैलोरी, ऑफिस में बैठकर काम करने वाले को इसका 30% और अर्थात् 2300 कैलोरी चाहिए. तो क्या करें? वैसे शुरू यों करें कि वजन ही न बढ़े. उपरोक्त अनुसार कैलोरी तथा खाना तय करें तो वजन ही न बढ़ेगा. अब अपने खाने की कैलोरी कैसे पता करें? यह समझने के लिए अगला सूत्र देखें.

सूत्र दो- यथार्थ की जमीन पर खड़े होकर वास्तविक उद्देश्य ही तय करें:  वजन कम करने के लिए किसी तरह के हवाई किले न बांधें. देखना बेट्टा, मैं छह महीने में बीस किलो कम करके बताता हूं – ऐसा न कहें. वजन धीरे-धीरे ही कम होगा. मान लें कि साल भर में छह-सात किलो तक होगा. रोज-रोज वजन नापने की मशीन पर न चढ़ें. चढ़कर, पचास-सौ ग्राम का हिसाब लगाकर निराश न हों जाएं.

सूत्र तीन- बहुत गणित न लगाएं:  कागज-पेन लेकर रोज का रसोईघर का मीनू बनाने न बैठ जाएं. इसकी जगह एक सरल फाॅर्मूला अपनाएं. अपने पूरे खाने की मात्रा से एक चौथाई कम कर दें. मीठी, तली चीजें न लें. मक्खन-मलाई बंद कर दें. दूध डबल टोंड ही लें. गणित लगाएं – यदि आप दिन भर में दो कप दूध लेते हैं तो मलाईदार दूध की जगह उतना ही डबल टोंड दूध लें. सिर्फ इस एक कदम द्वारा ही साल भर में आप अपनी 46,200 कैलोरी कम करेंगे जो आपका लगभग साढ़े पांच किलो वजन कम कर देगा. बैठे बिठाए ही पांच-छः किलो वजन कम कर लेंगे आप.

सूत्र चार- कैलोरी के गणित को समझें और तदनुसार, स्वादानुसार, बदल-बदल कर खाना लें :  जो खाना आप प्रायः खाते रहते हैं उसके बारे में पता करें कि इसमें कितनी कैलोरी होती है. कई किताबों में यह सब मिल जाएगा. कुछ मोटी बातें बताऊंगा तो इसमें आपकी रुचि जगेगी. एक आम चपाती में 100 कैलोरी के लगभग मिलेंगी. एक कटोरी पके चावल में 200 कैलोरी. अब आप अन्य खाद्य पदार्थों को रोटियों से मापें. सौ ग्राम मूंगफली = 184 कैलोरी =  लगभग दो चपाती, चार कुकीज = 245 कैलोरी = ढाई चपाती, सौ ग्राम आलू चिप्स = 147 कैलोरी = डेढ़ चपाती, एक पिन्नी (मिठाई) = लगभग 700 कैलोरी = सात चपाती, एक कप वनीला आइसक्रीम = 349 कैलोरी = साढ़े तीन चपाती, एक गुलाब जामुन = 250 कैलोरी = ढाई चपाती. ऐसे ही अपनी पसंद के सारे खाद्य पदार्थों की कैलोरी को रोटियों में तब्दील करके गणना कीजिए तो पता चलेगा कि दिन भर में कितनी चपातियां खा गए. जिन छोटी चीजों को आप खाना मानते ही नहीं वही सब मिलकर वजन बढ़ा रहे हैं. तो क्या इन्हें न खाएं? जरूर खाएं. पर एक्सचेंज मानकर. यदि यहां कोई चीज 200 कैलोरी की अतिरिक्त खा ली तो खाने में 200 कैलोरी के बराबर की कोई चीज कम कर दें.
सूत्र पांच- आराम से, समय देकर, धीरे-धीरे, चबा-चबाकर खाएं : आप खाते हैं तो मस्तिष्क के तृप्ति केंद्र तक खबर लगने में पंद्रह मिनट तक लग जाते हैं. पांच मिनट में ही ठूंसकर खा जाएंगे तब आपका दिमाग तो आपको भूखे होने के संकेत भेजता रहेगा जबकि आप पांच मिनट में ही खूब खा चुके हैं. इस तरह आज ज्यादा खा जाएंगे.

सूत्र छह- बीच-बीच में खाना बंद करें :  अक्सर मेरे पास ऐसी मोटी महिलाएं आती हैं जो कहती हैं कि हम तो खाने में बए एक चपाती ही लेती हैं पर डाक्टर साहब, वजन है कि… पति भी उनकी बात की पुष्टि करते हैं. ये वे भोले लोग हैं जो दिन भर चाय, नमकीन, समोसे, चिवड़ा आदि चरते रहते हैं और उसे खाने की गणना मेंे जोड़ते ही नहीं. वजन कम करना है तो यह बीच का खाना बंद कर दें.

सूत्र सात- बीच में भूख लगे तो भूख मिटाने के लिए ऐसा खाएं जो तुरंत पच जाए : दुर्भाग्यवश हम ऐसा नहीं करते. भूख लगे तो ऐसी चीज खाएं जो पेट भरे भी, और तुरंत पचकर खून में ग्लूकोज बढ़ाकर तृप्ति भी दे. जैसे कि सेब, केला, कोई और फल आदि. ये पेट भी भरते हैं, पंद्रह-बीस मिनट में पच भी जाते हैं. पर हम क्या करते हैं? हम पकोड़े खा लेंगे, समोसा भकसेेंगे, मूंगफली खाएंगे. ये तुरंत पचने वाली चीजें नहीं हैं. हम खाए चले जाते हैं. 100 कैलोरी का बड़ा केला खाकर जो तृप्ति मिलती वही भूख आप तीन सौ कैलोरी के प्लेट भर पकौड़े खाकर पूरी कर पाते हैं. इससे बचें.

सूत्र आठ – वास्तविक तथा जमीनी लक्ष्य रखें :  गोल मटोल से सीधे जीरो फिगर का लक्ष्य न रखें. पहले ठीक-ठाक सा वजन ही कम कर लें बस. वर्ना निराश होंगे. जीरो फिगर प्राप्त करने का जुनून एक तरह से बीमारी ही बन सकता है.

ये सारे सूत्र मैंने भोजन के ही बताए. कहीं भी व्यायाम की बात नहीं की. वह विषय ही अलग है. व्यायाम से वजन कम नहीं होता. इससे आपकी कार्यक्षमता, हृदय की ताकत आदि बढ़ती हैं. पर वे बातें फिर कभी.