राजौरी और पुंछ घाटी में सुरक्षाबलों की तैनाती में किया गया फेरबदल: जम्मू-कश्मीर

नियंत्रण रेखा एलओसी पर सुरक्षा एजेंसियों ने गतिविधियों में वृद्धि के बारे में चिंता जताई हैं। और घुसपैठ की कोशिशों के स्तर में वृद्धि होने की चिंता जताई है।

जम्मू-कश्मीर के दो जिलों राजौरी और पुंछ घाटी में घुसपैठ को लेकर सुरक्षा एजेंसियों ने चिंता जताई है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, “यदि सुरक्षा बलों द्वारा प्रयासों को विफल कर दिया जा रहा है तो किसी अन्य समूह का पता न चल पाने की संभावना अपेक्षाकृत अधिक है। हालांकि इस साल अब तक घुसपैठ का स्तर सबसे कम हैं।”

उन्होंने कहा कि, “पाकिस्तान की रणनीति साफ है कि भले ही 20-30 फीसदी घुसपैठिए मुठभेड़ों में मार गिराए जाएं, लेकिन और आतंकियों को एलओसी के पास भेजते रहें। यह सभी मौसमों के लिए उपयुक्त मार्ग है जिससे उन्हें भी फायदा होता है और वे आसानी से घाटी पार कर सकते है।”

अधिकारी ने आगे कहा कि, “अब अधिक आक्रामक सीएएसओ इंटेलिजेंस आधारित ऑपरेशन को अंजाम दिया जा रहा है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने वास्तव में यह भी संकेत दिया है कि राजौरी और पुंछ क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों द्वारा नई रणनीति अपनाई जा रही है।”