महंगाई के नाम पर नींबू के रस की तरह जनता को निचोड़ा जा रहा है

महंगाई की मार को लेकर कोई कितनी भी सियासत क्यों न कर लें लेकिन जमा खोरो के खिलाफ कोई बोलने वाला नहीं है। जिसके कारण आज महंगाई चरम पर है। नींबू के रस की तरह जो महंगाई के नाम पर जो जनता को निचोड़ा जा रहा है।

शासन-प्रशासन को भली-भाँति मालूम है कि तमाम सब्जियों की जमा खोरी हो रही है।नीबू को लेकर एक सप्ताह पहले ही नवरात्रि शुरू होने के पहले कुछ व्यापारियों ने फलों के साथ नींबू की जमाखोरी शुरू कर दी थी। क्योंकि व्यापारियों को ये अनुमान हो गया था। कि मार्च के महीने में  गर्मी के बढ़ने के साथ तापमान बढ़ने लगा था। तभी नींबू की मांग बढ़ने लगी थी।

इस बार नींबू की पैदावार कम होने की वजह से नींबू की मांग तो बढ़ेगी सो उन्होंने कोल्ड स्टोरेज में जमाखोरी शुरू कर दी थी। लेकिन किसी को ये अंदाज नहीं था कि नींबू का रेट 400 रुपये तक जायेगा। बताते चलें नींबू के साथ-साथ हरी मिर्च के दाम भी 200 रुपये तक पहुच गये है। गाजीपुर सब्जी मंडी के व्यापारी रतन लाल का कहना है कि जब नवरात्रि के दिनो में नीबू के दाम बढ़ रहे है।

तो आने वाले दिनों में और भी महंगाई बढेगी। क्योंकि नींबू का प्रयोग नवरात्रि में  व्रत रखने वाले नहीं करते है। ऐसे में नीबू की दाम नहीं बढ़ने चाहिये थे। अगर आने वाले दिनों में गर्मी और बढ़ेगी तो निश्चित तौर पर नीबूं के दाम जरूर बढ़ेगे। बताते चलें नीबू दिल्ली -एनसीआर में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हापुड  मेरठ और सहारनपुर से आता है। इन दिनों यहां से नीबू की सप्लाई काफी कम हो रही है