भतीजे अजित की दगाबाजी के बाद शरद पवार का आज शक्ति प्रदर्शन

मराठा क्षत्रप शरद पवार, जिन्हें रविवार को भतीजे अजित पवार ने बगावत के बड़ा झटका दिया था, शरद पवार रैली के लिए सतारा पहुंच गए हैं। साथ ही उन्होंने 5 जुलाई को पार्टी नेताओं की बैठक भी बुलाई है। अजित कल आठ अन्य विधायकों के साथ शिंदे-भाजपा सरकार में शामिल हो गए थे।

इस बीच एनसीपी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा है कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली राज्य सरकार में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले अजित पवार और मंत्री पद की शपथ लेने वाले आठ अन्य विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर की गयी है। अभी यह साफ़ नहीं है कि वास्तव में अजित पवार के साथ कितने विधायक हैं। कल उनके खेमे की तरफ से 29 विधायक साथ होने का दावा किया गया था। पाटिल ने बागी विधायकों की संख्‍या के बारे में कहा कि मैं आज संख्याओं के बारे में बात नहीं कर रहा हूं क्योंकि कई लोग वापस आना चाहते हैं।

इधर जयंत पाटिल ने कहा – ‘अयोग्यता याचिका विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को भेज दी गई है। भारत निर्वाचन आयोग को भी एक ई-मेल भेजा गया है, जिसमें बताया गया है कि एनसीपी के नेता और कार्यकर्ता पार्टी प्रमुख शरद पवार के साथ ह। अजित पवार का कदम गैरकानूनी है।’

इस बीच कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रविवार शाम एनसीपी प्रमुख शरद पवार से फोन पर बात की और मौजूदा स्थिति पर चर्चा की। सोनिया ने शरद पवार को समर्थन भी दिया। ममता बनर्जी और मल्लिकार्जुन खरगे ने भी शरद को समर्थन दिया है। शरद पवार ने कहा है कि परिवार में कोई मतभेद नहीं हैं।

उधर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) ने दावा किया है कि राकांपा नेता अजित पवार, जिन्होंने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है, जल्द ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की जगह लेंगे। याद रहे शरद पवार के 1999 में स्थापित पार्टी करने के बाद उन्हें विभाजन का सामना करना पड़ा है। माना जाता है कि पिछले महीने सुप्रिया सुले को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाने से नाराज अजित ने यह विद्रोह किया है।
शरद पवार को झटका इसलिए भी लगा है क्योंकि जिन प्रफुल्ल पटेल को उन्होंने सुले के साथ कार्यकारी अध्यक्ष बनाया था, वे भी अजित के साथ खड़े हो गए। शरद ने कहा भी है कि इन लोगों ने उनके साथ दगा किया है। उधर अजित पवार ने कहा- ‘अगर एनसीपी शिवसेना के साथ जा सकती है तो भाजपा के साथ क्यों नहीं। हम विकास के लिए शिंदे सरकार में शामिल हुए हैं।’