‘बूचा नरसंहार’ निंदनीय, कूटनीतिक हल के हक़ में भारत: जयशंकर

भारत ने यूक्रेन के ‘बूचा नरसंहार’ की निंदा करते हुए बुधवार को कहा कि, रूस और यूक्रेन के बीच कूटनीति से मसला हल होना चाहिए। भारत के विदेश मंत्री इस जयशंकर ने संसद में एक बयान में कहा कि हम चाहते हैं कि यूक्रेन और रूस के राष्ट्रपति के बीच बात हो।

संसद में विदेश मंत्री ने कहा – ‘यह विवाद को कूटनीति और वार्ता से सुलझाया जाना चाहिए। हम बूचा नरसंहार की निंदा करते हैं।’ उन्होंने जोर देकर कहा कि दोनों देशों के राष्ट्रपतियों के बीच बातचीत होनी चाहिए।

ऑपरेशन गंगा को लेकर विदेश मंत्री ने कहा कि यह एक बड़ी चुनौती थी। उन्होंने कहा – ‘युद्ध के बीच हमने अपने लोगों को वहां से सुरक्षित निकाला है। हमारे छात्रों ने भी बहुत साहस दिखाया। जब युद्ध शुरू हुआ तो हमने अपने मंत्रियों से संपर्क कर गहन चर्चा की। हमारे मंत्री वहां नहीं जाते तो निश्चित  को यूक्रेन से निकलने का काम निकालने का काम काफी मुश्किल हो जाता।’

उन्होंने कहा कि हमने करीब 20 हजार भारतीयों ही नहीं दूसरे देशों के नागरिकों को भी वहां से निकाला। ऐसा किसी देश दे नहीं किया। दूसरे देश आज हमारा उदाहरण दे रहे हैं। जयशंकर ने कहा कि पीएम ने खुद विश्व के नेताओं से बात की, जहां लोग फंसे थे, वहां युद्धविराम करवाया। पीएम ने बैठकें भी कीं।

विदेश मंत्री ने कहा कि खारकीव और सुन्नी में हालात खराब थे। इसे लेकर पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन से बात की और इसी के कारण छात्रों को सुरक्षित जोन मिलना संभव हुआ। दोनों साथ ही हमने युद्ध में जुड़े दोनों देशों से आग्रह किया कि छात्रों के निकलने जहां स्टूडेंट निकल रहे हैं, वहां फायरिंग नहीं की जाए।

युद्ध के चलते यूक्रेन से वापस भारत लौटे छात्रों के भविष्य और पढ़ाई के सवाल पर विदेश मंत्री ने कहा कि जो छात्र आए हैं, उनकी चिंता हमें हैं। यूक्रेन से हमारी बातचीत का सार यह है कि वहां की सरकार छात्रों को परीक्षा में छूट देगी।