प्रतिभाओं की युवा टोली

अंडर-19 विश्व क्रिकेट कप विजेता टीम में हैं भविष्य के कई सितारे

हाल के कुछ वर्षों में यह देखा गया है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन करने वाले युवा क्रिकेट खिलाड़ी का लक्ष्य आईपीएल में बेहतर नीलामी में जगह बनाना बन गया है। दरअसल सच तो यह है कि भारतीय टीम में चयन भी अब काफ़ी हद तक आईपीएल में प्रदर्शन के आधार पर होने लगा है। अब, जबकि भारत ने रिकॉर्ड पाँचवीं बार विश्व अंडर-19 कप जीत लिया है; चर्चा यह होने लगी है कि इनमें से कौन-कौन खिलाड़ी आईपीएल मेगा नीलामी में ऊँची बोली में जाएँगे? इस बात की चर्चा बहुत कम है कि इनमें से कौन-कौन खिलाड़ी हैं, जो भविष्य में भारतीय क्रिकेट को मज़बूती देंगे। इस बार की विश्व विजेता टीम में कई ऐसी प्रतिभाएँ हैं, जिन्हें बेहिचक भारतीय टीम के भविष्य के सितारे कहा जा सकता है।

ठीक है कि आईपीएल भी भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) का ही हिस्सा है; लेकिन आईपीएल सीमित ओवर का, वह भी महज़ 20 ही ओवर का खेल है। रणजी ट्रॉफी और दूसरी चार-पाँच दिन वाली घरेलू प्रतियोगिताओं में टेस्ट टीम में आ सकने वाली प्रतिभाओं की ज़्यादा परख होती है। लेकिन आईपीएल चूँकि कारपोरेट का भी खेल है, घरेलू प्रतियोगिताओं के मुक़ाबले उसकी ही चर्चा हर जगह होती है। हाल के कुछ वर्षों में यह देखा गया है कि भारत में आईपीएल के मैच देखने के लिए तो टिकट की होड़ मची रहती है, टेस्ट मैच के दौरान स्टेडियम में खिलाडिय़ों के अलावा गिने-चुने दर्शक ही दिखते हैं।

इस बार की विश्व विजेता कप टीम को देखा जाए, तो इसमें कुछ ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने प्रतिभा के बूते सबका ध्यान अपनी तरफ़ खींचा है। इनमें यश ढुल, अंगकृष रघुवंशी, राज बावा, शेख़ रशीद, हरनूर सिंह, विक्की ओसवाल, निशांत सिंधु और राज्यवर्धन हंगरगेकर शामिल हैं। पिछले 20 साल के युवा विश्व क्रिकेट कप का इतिहास देखा जाए, तो ज़ाहिर होता है कि भारतीय टीम ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। उसमें से निकले कुछ खिलाड़ी देश की टीम का हिस्सा बने, जिनमें विराट कोहली भी शामिल हैं। इस लिहाज़ से देखा जाए इस विश्व कप से देश के लिए युवा क्रिकेटरों की ऐसी टोली निकली है, जो प्रतिभा से भरपूर है। आईपीएल की नीलामी में निश्चित ही इनका बोलबाला रहेगा। लेकिन यह भी ज़रूरी है कि यह प्रतिभाएँ आईपीएल तक सीमित न रहें। टेस्ट मैच से लेकर भारतीय टीम के दूसरे फॉर्मेट में भी अवसर पा सकें और ख़ुद को साबित कर सकें।

कैसे जीता भारत?

भारत ने अंडर-19 विश्व कप-2022 के फाइनल मुक़ाबले में इंग्लैंड को चार विकेट से हराया। मैच दिलचस्प बन गया था। भारतीय टीम ने 5वीं बार कप जीता है, जो एक रिकॉर्ड है। उसके बाद ऑस्ट्रलिया है, जिसने तीन ट्रॉफी (एक बार यूथ वल्र्ड कप) जबकि पाकिस्तान दो बार, इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका, वेस्टइंडीज और बांग्लादेश ने एक-एक बार ख़िताब जीता है। वैसे तो पहला विश्व कप सन् 1988 में हुआ था; लेकिन भारत ने सन् 2000 में पहला ख़िताब जीता, जब मोहम्मद क़ैफ़ भारतीय टीम के कप्तान थे। इसके बाद भारतीय टीम अलग-अलग वर्षों में तीन बार चैंपियन बनी। अब इसी साल (2022) का विश्व कप जीतकर उसने पाँचवीं जीत हासिल की है।

सर विवियन रिचड्र्स स्टेडियम में क़दम रखते ही भारतीय युवा टीम ने यह जता दिया था कि भारत किस इरादे से यहाँ हैं। इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाज़ी की और 44.5 ओवर में 189 रन पर इंग्लैंड का बिस्तर बाँध दिया। फाइनल में मैन ऑफ द मैच रहे राज बावा ने महज़ 35 रन देकर पाँच विकेट लिये। इस मैच ने सन् 1983 के विश्व कप की याद ताजा कर दी, जिसमें सीनियर भारतीय टीम ने वेस्टइंडीज को 184 रन पर समेट दिया था। उसे याद करके भी लगा कि भारत अब पाँचवें युवा विश्व कप के नज़दीक खड़ा है।

हालाँकि हुआ भी ऐसा ही; लेकिन दिलचस्प अंदाज़ में। भारत ने 48.4 ओवर में जाकर छ: विकेट पर 195 रन बनाकर ख़िताब अपने नाम किया। टीम इंडिया की शुरुआत वैसे ख़राब रही। ओपनर अंगकृष रघुवंशी खाता खोले बिना पहले ही ओवर में जोशुआ बॉडेन की गेंद पर चलते बने। इसके बाद हरनूर सिंह और शेख़ रशीद ने मज़बूत मोर्चा सँभाला; लेकिन 49 रन पर हरनूर 21 रन बनाकर आउट हो गये। फिर मैदान में उतरे उप कप्तान शेख़ रशीद और कप्तान यश ढुल ने टिक कर बल्लेबाज़ी की। शेख़ ने 84 गेंदों में छ: चौकों की मदद से 50 रन की बेहतरीन पारी खेली। उनके जाने के बाद कप्तान यश भी 17 रन के निजी स्कोर पर आउट हो गये, जिससे भारत को चौथा झटका लगा।

स्कोर 97 रन पर चार विकेट का हो गया, तो राज बावा और निशांत सिंधु ने 88 गेंदों में 67 रन की साझेदारी करके भारत के लिए उम्मीद ज़िन्दा रखी। हालाँकि 43वें ओवर में राज बावा के आउट होने से कराते हुए बड़ा झटका दे दिया। राज गेंदबाज़ी के बाद बल्ले से भी कमाल करने में कामयाब रहे, जिसकी भारत को ज़रूरत थी। बावा ने 35 रन बनाये। निशांत ने हाफ सेंचुरी पूरी की, तो 48वें ओवर की चौथी गेंद पर दिनेश ने सिक्स लगाते हुए भारत को ख़िताब जितवा दिया। हरनूर सिंह (50) और निशांत सिंधु (50*) ने भी कमाल की बल्लेबाज़ी की। बावा ने तो युगांडा के ख़िलाफ़ ताबड़तोड़ 168 रन ठोके थे।

इससे पहले इंग्लैंड ने 44.5 ओवर में 189 रन बनाये। इंग्लैंड के लिए जेम्स रीयू (95) ने देश की टीम को बहुत-ही कम स्कोर पर आउट होने से बचा लिया। इंग्लैंड के लिए रीयू और जेम्स सेल्स (नाबाद 34) ने आठवें विकेट के लिए 93 रन की साझेदारी की। इंग्लैंड का स्कोर 11वें ओवर में तीन विकेट पर महज़ 37 रन था।

टूर्नामेंट में भारत का सफर प्रभावशाली रहा। पहले मैच में 15 जनवरी को उसने दक्षिण अफ्रीका को 45 रन, 19 जनवरी को आयरलैंड को 174 रन, 22 जनवरी को युगांडा को 326 रन, 29 जनवरी को बांग्लादेश को पाँच विकेट से, 2 फरवरी को सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया को 96 रन, जबकि फाइनल में 6 फरवरी को इंग्लैंड को चार विकेट से हराया।

भविष्य के सितारे

यश ढुल : विजेता अंडर-19 के कप्तान यश ढुल अपने प्रदर्शन के कारण देश भर के क्रिकेट जानकारों के बीच चर्चा का विषय बने हुए हैं। ढुल ने पहले ही मैच में 82 रनों की शानदार पारी खेली। हालाँकि इसके बाद उन्हें कुछ मैच में कोविड के चलते खेलने का अवसर नहीं मिला। क्वार्टर फाइनल में ज़रूर छोटी, परन्तु प्रभावशाली पारी खेली। अंडर-19 एशिया कप में भी यश ने अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया था। यश ढुल ने कुल खेले 4 मैचों में 76.33 की प्रभावशाली औसत से 229 रन बनाये।

अंगकृष रघुवंशी : भारतीय अंडर-19 टीम के ओपनर अंगकृष ने हाल में जबरदस्त प्रदर्शन किया है। रघुवंशी ने एक बार 144 रन की शानदार पारी भी खेली। अंगकृष रघुवंशी ने छ: मैचों में 46.33 की औसत से 278 रन विश्व कप में बनाये।

राज बावा : एक प्रभावशाली ऑल राउंडर के रूप में ख़ुद को स्थापित करने की तरफ़ बढ़ रहे बावा का इस विश्व कप में ख़ासा प्रभाव दिखा। बावा मध्यक्रम में धमाकेदार बल्लेबाज़ी कर सकते हैं। इस विश्व कप में युगांडा के ख़िलाफ़ उनकी ताबड़तोड़ 162 रन की पारी कपिल देव की याद दिलाती है। इस विश्व कप में गेंद से भी बावा ने अच्छा कमाल दिखाया। एक ऑलराउंडर के नाते उनका आईपीएल में किसी भी टीम में अच्छी बोली पर जाने पक्की सम्भावना है।

शेख़ रशीद : भारतीय अंडर-19 टीम के उप कप्तान शेख़ रशीद पर हर निगाह है। रशीद बेहतरीन बल्लेबाज़ हैं। नंबर तीन पर उन्होंने विश्व कप और उससे पहले अंडर-19 एशिया कप में बेहतरीन पारियाँ खेलीं। आईपीएल टीमों की शेख़ रशीद पर नज़र है।

हरनूर सिंह : सलामी बल्लेबाज़ हरनूर सिंह ने पहले युवा एशिया कप और उसके बाद अंडर-19 विश्व कप के वॉर्मअप मैच में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ शतक मारकर सुर्ख़ियों में आये।

विक्की ओसवाल : स्पिनर विक्की ओसवाल ने अपनी फिरकी से काफ़ी प्रभावित किया है। यूथ क्रिकेट टीम के पास गेंदबाज़ों में सबसे ज़्यादा प्रभावित ऑर्थोडॉक्स स्पिन गेंदबाज़ विक्की ओसवाल ने किया है। विकी ने युवा विश्व कप में छ: मैचों में 12 विकेट लिये। विश्व कप के पहले ही मैच में पाँच विकेट लेकर सबकी नज़रों में आ गये।

 

युवा विश्व क्रिकेट कप का सफ़र

किस साल?         किसने जीता?

 1988                 ऑस्ट्रेलिया

 1998                 इंग्लैंड

 2000                 भारत

 2002                 ऑस्ट्रेलिया

 2004                 पाकिस्तान

 2006                 पाकिस्तान

 2008                 भारत

 2010                 ऑस्ट्रेलिया

 2012                 भारत

 2014                 दक्षिण अफ्रीका

 2016                 वेस्टइंडीज

 2018                 भारत

 2020                 बांग्लादेश

 2022                 भारत