कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में जूनियर छात्र की जाति, रंग और धर्म पर फब्तियां कसना भी अब रैगिंग की श्रेणी में आएगा. इतना ही नहीं, आर्थिक आधार पर मानसिक या शारीरिक रूप से प्रताड़ित करना भी रैगिंग कहलाएगी. यह प्रावधान विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने उच्च शिक्षा संस्थानों में रैगिंग अपराध निषेध विनियम 2016 में किया है. यूजीसी ने प्रदेश सहित देश भर के शिक्षण संस्थानों को नए नियमों का पालन कड़ाई से करने के निर्देश भी दिए हैं. शिक्षण संस्थानों में रैगिंग के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह संशोधन किया गया है. अभी तक छात्रों को शारीरिक या मानसिक रूप से प्रताड़ित करने, अपशब्द कहने, किसी छात्र पर दबाव बनाकर किसी अन्य छात्र को कुछ कहलवाने आदि को रैगिंग की श्रेणी में रखा गया था, लेकिन यूजीसी के पास पहुंचने वाली शिकायतों में रंगभेद और जातिगत टिप्पणियों की शिकायतें आ रही थीं. लिहाजा, यूजीसी ने एंटी-रैगिंग कमेटी की सिफारिशों के मद्देनजर किसी छात्र को राष्ट्रीयता, क्षेत्रीयता, जन्म स्थान और निवास के आधार पर परेशान करने को रैगिंग में शामिल करके संशोधित नियम लागू कर दिया है.