चुनाव में मायावती को गठबंधन के लिए कहा था, उन्होंने जवाब ही नहीं दिया : राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को आरोप लगाया कि सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और पेगासस के जरिये बनाये जा रहे दबाव के कारण बसपा प्रमुख मायावती दलितों की आवाज उठाने की जगह चुप होकर बैठ गयी हैं। उन्होंने कहा कि मायावती ने हाल के विधानसभा चुनाव में भाजपा को खुला रास्ता दे दिया जबकि कांग्रेस ने उन्हें साथ मिलकर (गठबंधन) चुनाव लड़ने और मुख्यमंत्री पद देने की बात कही थी लेकिन उन्होंने (मायावती ) ने इसका जवाब ही नहीं दिया।

गांधी ने यह बात भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी और कांग्रेस नेता के राजू की पुस्तक ‘द दलित ट्रूथ: द बैटल्स फॉर रीयलाईजिंग आंबेडकर्स विजन’ के विमोचन के अवसर पर कही। इस मौके पर कांग्रेस नेता ने कहा कि वे सत्ता के बीच पैदा हुए, लेकिन अजीब बीमारी है कि उनकी उसमें दिलचस्पी ही नहीं जबकि वो (भाजपा) हमेशा यह सोचते हैं की सत्ता कैसे मिले।

कांग्रेस नेता ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा – ‘मैं सत्ता के बीच पैदा हुआ, लेकिन अजीब बीमारी है कि मेरी उसमें दिलचस्पी ही नहीं। बहुत नेता हैं जो सुबह उठते ही कहते हैं सत्ता कैसे मिलेगी, रात तक वे यही कहते सो जाते हैं फिर सुबह उठ के कहते हैं कि सत्ता कैसे मिलेगी।

राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि आज सीबीआई, ईडी, और पेगासस के जरिये राजनीतिक व्यवस्था को नियंत्रित किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘हमने (यूपी चुनाव के वक्त) मायावती जी को संदेश दिया कि गठबंधन करिये, मुख्यमंत्री बनिए, लेकिन उन्होंने बात तक नहीं की।’

उन्होंने मायावती पर भी निशाना साधा और कहा – ‘कांशीराम जी ने खून-पसीना देकर दलितों की आवाज को जगाया। हमें उससे नुकसान हुआ, वह अलग बात है। आज मायावती जी कहती हैं उस आवाज के लिए नहीं लड़ूंगी। खुला रास्ता दे दिया। इसकी वजह सीबीआई, ईडी और पेगासस है। अगर मैंने एक रुपये भी लिया होता तो यहां भाषण नहीं दे पाता।’

कांग्रेस नेता ने कहा कि ‘संविधान पर आक्रमण का सबसे बड़ा नुकसान जिन्हें हुआ है वो कौन हैं – वो दलित हैं, अल्पसंख्यक हैं, आदिवासी हैं, बेरोजगार लोग हैं, छोटे किसान हैं। ये लोग आज इकॉनमी की हालत देख लीजिए, बेरोजगारी देख लीजिए।   तो लड़ने का समय है और जो अंबेडकर जी ने कहा, जो गांधी जी ने कहा, रास्ता दिखाया उन्होंने, उस पर बस चलने की जरुरत है। मुश्किल काम है, आसान काम नहीं है, रास्ता है, उस पर चलने की जरूरत है।’

गांधी ने इस मौके पर आरएसएस और भाजपा पर देश की संस्थाओं को नियंत्रित करने का आरोप लगाया। कांग्रेस  नेता ने कहा – ‘संविधान हिंदुस्तान का हथियार है। लेकिन संस्थाओं के बिना संविधान का कोई मतलब नहीं। हम यहां संविधान लिए घूम रहे हैं। आप और हम कह रहे हैं कि संविधान की रक्षा करनी है। लेकिन संविधान की रक्षा संस्थाओं के जरिये की जाती है। आज सभी संस्थाएं आरएसएस के हाथ में हैं।’