चमक के पीछे

किसी फिल्मस्टार से किसी रिपोर्टर की मुलाकात कैसे होगी, इसके कई तरीके हैं. हर तरीका इस पर निर्भर करता है कि वह स्टार कामयाबी की कौन-सी सीढ़ी तक पहुंच गया है. जैसे अगर वह नया है तो पूरी संभावना है कि वह अपना फोन खुद ही उठाए. अगर वह महत्वाकांक्षी है तो फोन उसका कोई एजेंट उठाएगा जो अक्सर यह दिखाने की कोशिश करता है कि सर या मैडम के पास इतना काम है कि उन्हें फोन उठाने की फुर्सत नहीं. होशियार स्टारों के पास पब्लिसिस्ट होते हैं जो आपको बातचीत के लिए न्योता देते हैं. यह अलग बात है कि उनकी इस बातचीत में ज्यादातर वही बातें होती हैं जो उनके लिए उस समय के हिसाब से जरूरी और प्रासंगिक होती हैं. और इनके इतर एक वर्ग ऐसा होता है जो मिलने के लिए आने का हुक्म देता है.

करीना कपूर से तहलका की पहली मुलाकात दो साल पहले हुई थी. गोलमाल रिटर्न्स नाम की फिल्म के सेट पर हुई इस मुलाकात के वक्त करीना इंडस्ट्री की सबसे बड़ी हीरोइनों में शुमार थीं. हमें एसएमएस मिला था जिसमें हमसे हैदराबाद आने को कहा गया था. तब से लेकर अब तक काफी कुछ बदल चुका है. करीना दर्जन भर और फिल्मों में अभिनय कर चुकी हैं. इनमें से तीन थ्री इडियट्स, बॉडीगार्ड और रा वन दशक की सबसे ज्यादा कमाई वाली फिल्में थीं. दो साल पहले की तुलना में आज वे दोगुने ब्रांड्स के विज्ञापन कर रही हैं. बॉलीवुड में सबसे ज्यादा मेहनताना वसूलने वाली यह हीरोइन तब से लेकर अब तक सभी बड़े खान सितारों के साथ एक बार और काम कर चुकी है. उनमें से एक के साथ तो करीना की शादी भी हो चुकी है.

कई साल पहले सिमी ग्रेवाल के एक टीवी शो में फिल्मकार करण जौहर ने उस घटना का जिक्र किया था जब उन्हें पहली बार करीना के स्टार होने का अहसास हुआ था. जौहर की फिल्म कभी खुशी कभी गम की शूटिंग का एक दृश्य था जिसमें करीना शाहरुख खान का परिचय हृतिक रोशन से करवा रही हैं. यह करीब 12 साल पहले की बात है. स्क्रीन पर दोनों बड़े स्टार थे और उनके साथ करीना. मगर सिमी ग्रेवाल के उस शो में कहे गए जौहर के शब्दों पर यकीन करें तो बाजी करीना मार ले गईं. इस सीन को मॉनीटर पर देख रहे जौहर का कहना था, ‘वे इंडस्ट्री के सबसे बड़े सितारों में से दो के साथ खड़ी थीं और हाल यह था कि मैं उन पर से अपनी नजरें नहीं हटा पा रहा था.’

‘जिसे लोग मेरा अतिआत्मविश्वास समझते हैं, वह मेरे लिए बचाव की रणनीति है. मुझे मालूम था कि मेरे पास सफल होने के अलावा और कोई विकल्प है ही नहीं’

सबका ध्यान खींचने की उनकी यही खासियत मधुर भंडारकर द्वारा निर्देशित उनकी पिछली फिल्म हीरोइन में भी दिखाई दी. समीक्षकों ने फिल्म की भले ही आलोचना की हो मगर ढलान के दौर और एक मानसिक बीमारी से गुजर रही माही अरोड़ा के चरित्र को जिस खूबसूरती से करीना ने पर्दे पर निभाया उसके लिए उनकी खूब तारीफ हुई.

करीना से हमारी पिछली मुलाकात बड़ी दौड़भाग के बीच हुई थी. शूटिंग शेड्यूल काफी व्यस्त था और हर तीन-चार टेक के बाद करीना को कपड़े बदलने पड़ रहे थे. इस दौरान वे लगातार सेल फोन पर आ रहे संदेशों का जवाब दे रही थीं. इस बार की मुलाकात में ऐसी कोई हड़बड़ी नहीं है. 32 वर्षीया करीना शांत हैं. उनके चेहरे की चमक पहले से बढ़ी हुई लग रही है. वे हंसते हुए कहती हैं, ‘इन दिनों पत्रकार, एक्टर, प्रोड्यूसर, फैन सबको चिंता है कि शादी के बाद मेरे करियर का क्या होगा. मैं इस घर में पांच साल से रह रही हूं और इंडस्ट्री में शायद मैं इकलौती एक्टर हूं जिसने कभी यह छिपाने की कोशिश नहीं की कि मैं यहां अपने पार्टनर के साथ लिव इन में रह रही हूं.’

करीना के साथ बात करने में एक समस्या यह भी है. अपने स्टारडम को लेकर वे इतनी सहज हैं कि यकीन नहीं होता. उन्हें पता है कि हर कोई उनसे यानी एक स्टार के साथ बात करने की इच्छा इसलिए रखता है ताकि वह उनके बारे में कुछ जान सके. इसीलिए एक स्टार के पीछे छिपी करीना नाम की महिला से बात करना बहुत मुश्किल हो जाता है. दूसरे फिल्म स्टारों के उलट उनमें इस बात को लेकर कोई ओढ़ी हुई नम्रता नहीं दिखती कि नियति ने उन्हें चुना. वे उस परिवार से आती हैं जो भारतीय सिनेमा की पिछली एक सदी के आठ दशक के दौरान मजबूती से अपनी मौजूदगी दर्ज कराता रहा है. अपने इसी इतिहास में वे एलान के साथ अपना एक अध्याय रच रही हैं.’जब से होश संभाला तब से मैं बस यही चाहती रही कि हिंदी फिल्म की हीरोइन बनूं’, शब्दों पर जोर देते हुए करीना कहती हैं, ‘मैं भी वह सब रोमांस और रोना-धोना करना चाहती थी. मैं कोई दिखावा नहीं कर रही. मैं ऐसी ही हूं.’

एक पल के लिए इस बात के संदर्भ में करीना को देखा जाए तो समझ में आ जाता है कि जब उन्हें घमंडी करार दिया जाता है तो उन्हें हैरानी क्यों होती है. वे खुद को स्मार्ट नहीं दिखाना चाहतीं लेकिन अपने बारे में इस तरह बात करना उनकी शख्सियत का ही हिस्सा है. फिल्म पत्रकार इंदु मिरानी को याद है कि कैसे कई साल पहले एक बार उनकी मुलाकात 15 साल की करीना से हुई थी जो अपनी बड़ी बहन करिश्मा के साथ एक फिल्म के सेट पर आई थी. करीना ने मिरानी से कहा था कि वे उस दिन का इंतजार कर रही हैं जब मिरानी उनका इंटरव्यू लेंगी.  करीना बताती हैं, ‘स्टार बनने से पहले मैं पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करती थी, मगर तब भी हर कोई मुझे पहचान लेता था. लोगों को पता चल जाता था कि मैं कपूर खानदान से हूं, करिश्मा मेरी बड़ी बहन है.’ उनमें यह अपील कहां से आती है, यह पूछने पर वे कहती हैं, ‘मेरी खूबसूरती, मेरा स्टार होना और मेरा काम, इससे ही मेरी अपील बनती है. न कि इससे कि मेरी शादी किसके साथ हुई है या फिर मैं कितने साल की हूं.’ देव से लेकर टशन तक इतनी अलग-अलग तरह की फिल्में वे कैसे चुनती हैं, इस सवाल पर करीना टशन के बॉक्स ऑफिस पर प्रदर्शन के आंकड़ों और साइज जीरो को लेकर हुई दीवानगी का जिक्र करने लगती हैं. और सैफ के साथ अपनी पहली मुलाकात का भी.

इन किस्सों, अपने बढ़िया काम, बॉक्स ऑफिस के आंकड़ों और विज्ञापनों का जिक्र धीरे-धीरे असली करीना की झलक देने लगता है. फिल्म उद्योग में अपने शुरुआती दिनों में ही करीना ने एक इंटरव्यू में कहा था, ‘यह जगह बहुत खूबसूरत है. लेकिन यह बर्दाश्त के बाहर भी हो सकती है. कभी-कभी मैं खुद को 50 साल की महसूस करती हूं.’ अपनी बहन करिश्मा की तरह करीना भी मानती हैं कि उनके करियर में सबसे बड़ी बाधा अपेक्षाओं का वह बोझ ही रहा है जो कपूर खानदान का कोई सदस्य अपने साथ लेकर चलता है. हालांकि अपनी बेटियों को अभिनय के क्षेत्र में जाने के लिए उनकी मां बबीता को बगावती रुख अख्तियार करना पड़ा, फिर भी करीना मानती हैं कि अगर वे किसी छोटे कस्बे से आई लड़की होतीं तो उनके लिए लड़ाई बनिस्बत आसान ही होती. वे कहती हैं, ‘उन लोगों के लिए मेरे मन में बहुत सम्मान है जो चुनौतियों का सामना करते हुए ऊपर आए हैं. लेकिन जिसे लोग मेरा अतिआत्मविश्वास समझते हैं वह मेरे लिए दरअसल बचाव की रणनीति है. मुझे हमेशा से मालूम था कि मेरे पास सफल होने के अलावा और कोई विकल्प है ही नहीं.’

करीना की पहली फिल्म रिफ्यूजी को समीक्षकों ने काफी सराहा था. इसके बाद करीना को इस फिल्म जैसी ही भूमिकाओं के प्रस्ताव आने लगे. वे बताती हैं, ‘वह एक अलग वक्त था. मेरी कोशिश थी कि जितनी तरह के हो सके, अलग-अलग एक्टरों और निर्देशकों के साथ काम करूं. मुझे जितना हो सके, दिखते रहना था. आंकड़े जरूरी थे.’ आज भले ही वे दावा करें कि वे साल में एक फिल्म करके ही संतुष्ट हैं, लेकिन उन्हें फिर भी चिंता होती है कि जितनी विविधता भरी भूमिकाएं हॉलीवुड में किसी ए ग्रेड हीरोइन को मिलती हैं वैसी भूमिकाएं मुंबई फिल्म उद्योग उन्हें नहीं दे पाएगा. वे कहती हैं, ‘क्या आप कल्पना कर सकती हैं कि लॉस एंजल्स में कोई इसकी चर्चा करता होगा कि एंजेलीना के छह बच्चे हैं तो इसका उसकी फिल्म पर क्या असर पड़ेगा? हमारी इंडस्ट्री इतने पुराने दौर में जी रही है. हम आज भी अपनी हीरोइनों को 16 साल की और 20 इंच कमर वाली बनाए रखना चाहते हैं.’

करीना यह भी मानती हैं कि कोई भी अभिनेत्री स्क्रिप्ट देखकर शाहरुख या सलमान खान के साथ फिल्म साइन नहीं करती. वह सिर्फ एक स्टार के साथ काम करने के लिए ऐसा करती है. यानी यह एक फॉर्मूला है. लेकिन उनकी हालिया फिल्म हीरोइन भी क्या रटे-रटाए फॉर्मूलों पर आधारित नहीं थी, यह पूछने पर वे कहती हैं, ‘मैं मधुर के साथ काम करना चाहती थी. और इसमें फैशन जैसा कोई खुलासा नहीं हो रहा था. हीरोइन एक निजी कहानी थी और मैं भी एक फिल्म चाहती थी जिसमें मेरे लिए कुछ सीन और तीन गानों से ज्यादा कुछ हो.’

हीरोइन में करीना का चरित्र एक बार फैसला करता है कि वह छोटे बजट की एक फिल्म में वेश्या की भूमिका करके अपने बारे में इंडस्ट्री की धारणा बदल देगा. अभिनय को लेकर अपने आम तरीके से अलग रुख अपनाते हुए माही अरोड़ा एक दोस्त के साथ एक कोठे पर जाती है और एक वेश्या के साथ वक्त बिताती है. 2004 में करीना ने भी अपनी छवि तोड़ने का फैसला लिया था. वे चाहती थीं कि चुलबुली हीरोइन के इतर उन्हें एक गंभीर अभिनेत्री भी समझा जाए. सुधीर मिश्रा की फिल्म चमेली में उन्होंने एक वेश्या का किरदार निभाया. फिल्म रिलीज हुई तो करीना की इस भूमिका की काफी तारीफ हुई. तो क्या उन्होंने इस रोल के लिए भी वैसी ही तैयारी की थी जैसी उनका चरित्र हीरोइन में करता है? नहीं. दरअसल अभिनय का उनका तरीका अलग है. वे कहती हैं, ‘मुझे पता नहीं होता कि कल मैं कौन-सा सीन  करने जा रही हूं और ऐसा ही मुझे पसंद भी है. मेरे लिए अभिनय का मतलब है उस क्षण विशेष पर मेरी प्रतिक्रिया. मुझे वह भाव कल फिल्म के सेट पर महसूस करना है, मैं उसे अभी क्यों महसूस करूं? एक मृत व्यक्ति का अभिनय करने के लिए मुझे सच में मरने की क्या जरूरत है?’ चमेली में उनके साथ रहे अभिनेता राहुल बोस भी मानते हैं कि करीना मेथॉडिकल एक्टिंग में यकीन नहीं रखतीं और इसकी भरपाई वे अपनी सहज समझ से कर देती हैं. बोस कहते हैं, ‘वैसे तो सारे अभिनय को ही एक प्रतिक्रिया कहा जा सकता है, लेकिन करीना में एक सहज ज्ञान और बहाव है.’  करीना को लगता है कि कैमरा ही सिर्फ अकेला जरिया है जो उनकी आत्मा में झांक सकता है. वे कहती हैं, ‘जिस क्षण कैमरा रोल होना शुरू होता है वही मेरे लिए दिन का सबसे ईमानदार लम्हा होता है.’

‘मेरे लिए अभिनय का मतलब है उस क्षण विशेष पर मेरी प्रतिक्रिया.  मुझे वह भाव कल फिल्म के सेट पर महसूस करना है, मैं उसे अभी क्यों महसूस करूं?’करीना कपूर को यह बात भी खास बनाती है कि कपूर खानदान की विरासत से होने के बावजूद उन्होंने अपने संबंधों, अपने परिवार या अपनी असफलताओं के बारे में बात करने पर कोई संकोच नहीं दिखाया. मुंबई के एक टेबलॉयड ने एक बार एक साक्षात्कार के दौरान उनसे काफी तीखे सवाल पूछे थे. मसलन, आप शादी क्यों नहीं कर रहीं? क्या आप बस मस्ती करना चाहती हैं? शाहिद के साथ क्या गड़बड़ हुई? क्या आपने उन्हें इसलिए छोड़ दिया क्योंकि वे उतने कामयाब नहीं थे? क्या आप शाहिद के साथ रहते हुए उन्हें धोखा दे रही थीं? आखिरी सवाल तो बहुत ही तीखा था. अभिषेक ने आपकी बहन को क्यों छोड़ दिया? लेकिन करीना ने बिना संतुलन खोए हुए उतनी ही जानकारी साझा की जितनी उनके हिसाब से जरूरी थी. कई साल पहले टीवी पर उन्होंने अपनी किसी भी सफलता के लिए अपने पिता रणधीर कपूर का शुक्रिया अदा करने से इनकार कर दिया था. इसके बावजूद वे बार-बार कहती हैं कि कपूर परिवार उनकी सफलता की वजह रहा है और आज भी यह करीब से जुड़ा हुआ परिवार है. हम उन्हें थोड़ा और कुरेदते हैं और वे कहती हैं, ‘मुझे लगता है कि मेरे प्रशंसक जानते हैं अगर मैं किसी सवाल पर खामोश हूं तो उस सवाल में पूछी गई बात सच नहीं है.’

सफलता के शिखर पर बैठी करीना किसी तरह की असुरक्षा के भाव से इनकार करती हैं. वे कहती हैं कि उन्हें ऐसी कोई रात याद नहीं आती जब वे चिंता के मारे सोई न हों, न ही कोई ऐसा क्षण जब उन्होंने खुद को असुरक्षित महसूस किया हो. उन्होंने किसी भी तरह की सोशल नेटवर्किंग से खुद को दूर रखा है. उनका मानना है कि यह एक अतिरिक्त जिम्मेदारी हो जाती है. करीना कहती हैं, ‘मेरे पास 22 ब्रांड हैं. एक एक्टिंग करियर है और एक रिश्ता है जिसका मुझे ख्याल रखना है; इन दिनों वे विश्व इतिहास पर आधारित एक किताब पढ़ रही हैं जो उनके मुताबिक सैफ ने उन्हें यह कहते हुए सुझाई है, ‘यह अच्छी बात है कि तुममें उत्सुकता है और तुम जानना चाहती हो. कभी भी इस बात के लिए झिझकना नहीं. न इसे छिपाना.’

शायद यह सैफ के साथ बिताए पांच साल के दौरान आई भीतर की समृद्धि भी है जिसने करीना को यह खास चमक दी है. एक परिवार और दूसरे मायनों में सांस्कृतिक रूप से इतनी विविध जड़ों से जुड़ने का अहसास ही शायद उस आनंद की वजह है जो उनके चेहरे पर नजर आ रहा है. इससे भी अहम यह है कि इस नए रिश्ते ने उन्हें कपूर खानदान से इतर भी एक पहचान दी है. अब करीना कपूर खान जानती हैं कि फिल्मों के सेट के परे भी एक दुनिया है और  उनके चेहरे की खुशी बता रही है कि उन्हें यह दुनिया भा रही है.