कालाबाज़ारी के खिलाड़ी

के. रवि (दादा)

मुंबई को मायानगरी यूँ ही नहीं कहा जाता है। यहाँ असल में माया बरसती भी है। लेकिन कुछ लोग, जिनमें व्यापारी भी हैं, स्मगलर भी हैं और उनसे मिले सरकारी कारिंदे भी; मिलकर इस माया के लिए सरकार की आँखों में धूल झोंककर कालाबाज़ारी करने में दिन-रात लगे हैं। ऐसे ही लोगों ने सोने के धंधे में भी बड़े-बड़े दाँव लगा रखे हैं, जिससे कालाबाज़ारी का गोरखधंधा ख़ूब फलफूल रहा है।

बीते इसी अक्टूबर के तीसरे हफ़्ते राजस्व ख़ुफ़िया निदेशालय (डीआरआई) ने महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय सोना-तस्करों का पर्दाफ़ाश किया। डीआरआई ने एक अखिल भारतीय ऑपरेशन में 31.7 किलोग्राम सोना पकड़ा, जिसकी क़ीमत क़रीब 19 करोड़ रुपये है। डीआरआई ने इस मामले में मुंबई से पाँच तस्करों को, नागपुर से चार तस्करों को और वाराणसी से दो तस्करों को गिरफ़्तार किया था।

डीआरआई के सूत्रों की मानें, तो ये सोना तस्कर अलग-अलग सिंडिकेट के माध्यम से कथित तौर पर बांग्लादेश के साथ-साथ देश की दूसरी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के ज़रिये भारत में सोना लाकर उसकी तस्करी करते थे। ये तस्कर इस सोने को मुंबई, नागपुर और देश के कई बड़े शहरों में जाकर बेचते थे। कथित तौर पर ये तस्कर भूमि-ट्रेन मार्गों के संयोजन के माध्यम से विदेशी मूल के सोने की तस्करी में माहिर हैं। सूत्रों की मानें, तो इस सोने की कालाबाज़ारी व्यापारी कुछ भ्रष्ट अधिकारियों की शह पर करते हैं, जिसमें बड़े-बड़े सोना व्यापारियों के नाम शामिल होने की सूचना है।

ऐसे ही कुछ तस्करों और व्यापारियों की ख़ुफ़िया जानकारी डीआरआई के अधिकारियों को मिलने पर उन्होंने तस्करों के इस सिंडिकेट के ख़िलाफ़ तीन अंतरराज्यीय जगहों पर छापेमारी की कार्रवाई करते हुए बड़े पैमाने पर सोने के बिस्कुट बरामद किये। जब ये तस्कर पकड़े गये थे, तब मुंबई जोनल यूनिट से जुड़े डीआरआई के एक अधिकारी ने इन तीन शहरों से 11 तस्करों के पास से 31.7 किलोग्राम सोना पकड़े जाने की पुष्टि की थी। अधिकारी ने बताया कि डीआरआई टीम ने मुंबई से अरुण पुजारी, नितेश गोराड, किरण मांडले, तुषार जाधव और रोहित वाघमारे नाम के पाँच सोना तस्करों का पता लगाया। इस छापेमारी में तस्करों के पास से कथित तौर पर 4.9 किलोग्राम सोना बरामद करते हुए उन्हें गिरफ़्तार किया गया।

ख़ुफ़िया जानकारी के ज़रिये डीआरआई के अधिकारियों को पता चला था कि थी कि मुंबई में तस्करी का सोना लाने वाले ये लोग जुहू में एक एटीएम के पास किसी अन्य व्यक्ति को यह सोना सौंपने वाले थे। डीआरआई के एक अधिकारी ने कहा था कि डीआरआई की टीम ने इन लोगों को पकड़ने के लिए कड़ी निगरानी के बीच धरपकड़ अभियान चलाया और एटीएम के पास से पाँच लोगों को रोककर उनकी तलाशी ली, जिसमें एक के पास से 4.9 किलोग्राम सोना बरामद हुआ। इसके बाद इन सभी तस्करों को गिरफ़्तार कर लिया गया।

सूत्रों की मानें, तो मुंबई में सोने की कालाबाज़ारी बहुत बड़े पैमाने पर होती है, जिसे पकड़ने के लिए कुछ ईमानदार अधिकारी अपनी जान जोखिम में डालकर रात-दिन देखे बिना छापेमारी करने कहीं भी पहुँच जाते हैं। ये अधिकारी बड़ी चतुराई और ईमानदारी से ऐसे लोगों तक पहुँचते हैं, जो पैसे की अधिक भूख के चलते सोने की कालाबाज़ारी में उतर जाते हैं।

ऐसे ही कुछ लोगों की जानकारी हम तक भी पहुँची है, जिसके बारे में और जानकारी जुटाकर उसका ख़ुलासा किया जा सकता है। इससे सरकार को उस राजस्व की प्राप्ति हो सकती है, जिसे इन सोना तस्करों और सोने की कालाबाज़ारी करने वाले ऊपर से साहूकार दिखने वाले धन्नासेठों ने सरकार की नज़रों से छिपाकर रखा हुआ है। सोने की कालाबाज़ारी करने वाले कुछ व्यापारियों ने तो इस काले कारोबार में इतनी तेज़ी से अपने धन को बढ़ाया है कि उनके पास अरबों रुपये होने की बात सुनने में आ रही है।

सूत्रों की मानें, तो इन व्यापारियों को ख़ुश करने के बदले भ्रष्ट अधिकारी थोड़ा-बहुत सोना बरामदगी दिखाकर, बाक़ी सोने का और सोने से की गयी काली कमायी का राज़ छिपाने के लिए सौदा कर लेते हैं। ऐसे लोगों को गिरफ़्तार किये जाने और सोने का तस्करी पर्दाफ़ाश करने में हम आरोपियों की कालाबाज़ारी की गोपनीय जानकारी जुटा रहे हैं, ताकि सरकार, सरकार की जाँच एजेंसियों और आयकर विभाग को इसकी पुख्ता जानकारी दे सकें।