कांग्रेस ने कहा कृषि बिल वापस लो, निलंबित सदस्यों का धरना जारी, सरकार-विपक्ष में तनाव

राज्य सभा में कृषि बिलों को लेकर जबरदस्त तनाव बन गया है। कांग्रेस ने मंगलवार को ऐलान किया कि जब तक बिल में किसानों के हक़ और गारंटी वाले संशोधन नहीं किये जाते उनका विरोध जारी रहेगा। उधर निलंबित किये गए 8 सांसद विरोध स्वरुप गांधी की प्रतिमा के सामने धरने पर बैठ गए हैं। इस बीच कांग्रेस ने गुरूवार से किसानों के हक़ में देशव्यापी हस्ताक्षर अभियान शुरू करने की तैयारी कर ली है। आज सुबह राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश चाय लेकर धरना दे रहे निलंबित सदस्यों के पास पहुंचे, लेकिन धरना जारी है।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्य सभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आज़ाद ने साफ़ कर दिया है कि उनकी पार्टी और विपक्ष इसी भी सूरत में किसान विरोधी बिलों पर समझौता नहीं करेगा। सरकार को यह बिल वापस लेने होंगे या इनमें किसान समर्थक संशोधन करने होंगे। आज़ाद कल देर शाम धरने पर बैठे निलंबित विपक्षी सांसदों को समर्थन देने धरना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का कृषि बिल किसानों को बर्बाद करने वाला है।

आज़ाद ने कहा कि राज्यसभा में जबरदस्ती यह बिल पास करवाया गया गया। कांग्रेस नेता ने कहा कि बिल पर डिवीजन मांगा गया था, लेकिन डिवीजन नहीं कराया गया,   जबकि नियम है कि अगर एक सदस्य भी डिवीजन मांगता है, तो डिवीजन करवाया जाता है। लेकिन इसे ऐसे ही पास कर दिया गया, जबकि राज्यसभा में बहुमत इस बिल के खिलाफ था।
उपसभापति के साथ कथित दुर्व्यवहार पर आजाद ने सफाई दी और कहा कि हंगामे के दौरान सांसदों ने किसी को हाथ नहीं लगाया था। आजाद ने कहा कि हंगामे के दौरान न तो उपसभापति हरिवंश नारायण को और न ही किसी मार्शल को हाथ लगाया गया। इस तरह के सारे आरोप गलत हैं। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि हाउस को अगर एक बजे के बाद बढ़ाना था तो सदन से राय ली  जाती है लेकिन उस दिन हाउस सदन नहीं बढ़ाना चाहता था लेकिन फिर भी हाउस बढ़ा दिया गया। आजाद ने कहा कि जो सांसद नियम बता रहे थे, प्रक्रिया और परंपरा बता रहे थे, उन्हीं को सदन से निकाल दिया गया।

इस बीच कांग्रेस ने गुरुवार से किसान बिल के विरोध और किसानों के हक़ में लड़ाई लड़ने के लिए हस्ताक्षर अभियान शुरू करने की तैयारी कर ली है। किसान यूनियंस  भी देशव्यापी आंदोलन की तैयारी में हैं।

रविवार को किसानों से जुड़े बिलों पर हुए घमासान के बाद सोमवार को आठ राज्यसभा सासंदों को निलंबित कर दिया गया। इसके बाद सभी निलंबित सासंद रात भर संसद परिसर में ही धरने पर बैठे रहे। सुबह होते ही राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश चाय लेकर उनके पास पहुंचे, लेकिन धरना अब भी खत्म नहीं हुआ है। माना जा रहा है कि आज की कार्यवाही भी हंगामेदार होगी। राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि मैं राज्यसभा के सदस्यों के निलंबन से खुश नहीं हूं। सदन में उनेक आचरण पर कार्रवाई की गई है। हम किसी भी सदस्य के खिलाफ नहीं हैं।

निलंबित सदस्यों में तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और डोला सेन, कांग्रेस के राजीव सातव, सैयद नजीर हुसैन और रिपुन बोरा, आप के संजय सिंह, माकपा के केके रागेश और इलामारम करीम शामिल हैं। आठों विपक्षी सांसद संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने धरने पर बैठे हुए हैं। निलंबित सांसदों का कहना है कि वे पूरी रात धरना देंगे और तब तक धरने पर बैठे रहेंगे, जब तक उनका निलंबन वापस नहीं ले लिया जाता।

राहुल गांधी का  किसानों को लेकर ट्वीट –

@Rahul Gandhi
2014- मोदी जी का चुनावी वादा किसानों को स्वामीनाथन कमिशन वाला MSP
2015- मोदी सरकार ने कोर्ट में कहा कि उनसे ये न हो पाएगा
2020- काले किसान क़ानून
मोदी जी की नीयत ‘साफ़’
कृषि-विरोधी नया प्रयास
किसानों को करके जड़ से साफ़
पूँजीपति ‘मित्रों’ का ख़ूब विकास।