एमसीडी का चुनाव टालना किसी दल के लिये जीत तो किसी के लिये हार का कारण बन सकता है

दिल्ली की राजनीति में एमसीडी के चुनाव महत्वपूर्ण होते है। लेकिन इस बार न जाने ऐसा क्या हो गया कि निर्धारित समय अप्रैल माह पर चुनाव ही नहीं हो पा रहे है। जिससे आप पार्टी केन्द्र सरकार पर चुनाव टालने का आरोप लगा रही है। सूत्रों के माने तो चुनाव टालने की वजह सही मायने भाजपा की चुनावी तैयारी का न होना है। जबकि भाजपा का मानना है कि अभी एमसीडी में तमाम सुधार की जरूरत है। इसलिये चुनाव को टाला गया है। लेकिन भाजपा चुनाव को पूरी तरह से तैयार है। और भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ एमसीडी में चुनाव जीत कर आ रही है। दिल्ली एमसीडी की राजनीति के जानकार हेमंत प्रजापति का कहना है कि जब से आप पार्टी ने दिल्ली सहित अन्य राज्यों में लोगों को फ्री में कुछ सुविधाये देने शुरू की है। तब से आप पार्टी का जनाधार बढ़ा है।  जो दूसरे दलों के चुनाव जीतने में मुश्किलें पैदा कर रहे है। हेमंत का कहना है कि अगर ये चुनाव लंबे समय के लिये टलते है। तो दिल्ली की एमसीडी के चुनाव परिणाम चौंकाने वाले होगे। उनका कहना है कि  दिल्ली में पंजाबी और पूर्वाचल के लोग रहते है। पंजाब में आप पार्टी की सरकार बनी है। जबकि उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी है। ऐसे में भाजपा और आप पार्टी के लिये चुनाव में बड़ा संघर्ष हो सकता है।लोगों का कहना है कि अगर चुनाव टलते है। तो हाशिये में पड़ी कांग्रेस  के प्रति  लोगों का रूझान बढ. सकता है।इसलिये चुनाव का टाला जाना किसी दल के लिये जीत का कारण बन सकता है तो किसी के लिये हार का कारण बन सकता है।