25 मई को महेंद्र कर्मा की पुण्यतिथि है. इसी दिन झीरम घाटी में होने वाले एक कार्यक्रम के दौरान इस अभियान को फिर से शुरू करने की घोषणा की जा सकती है. छविंद्र कर्मा की माने तो जागरूकता के अभाव के चलते बस्तर में नक्सली समस्या लगातार बढ़ रही है. तमाम गांवों में नक्सलियों का दबदबा बढ़ता जा रहा है जो कानून और व्यवस्था के लिए खतरनाक है.
कम्युनिस्ट नेता रहे महेंद्र कर्मा ने कांग्रेस में शामिल होने के बाद ‘सलवा जुडूम’ अभियान की शुरुआत की थी. 2005 में शुरू हुए इस अभियान का जनक उन्हें ही माना जाता है. इस अभियान का राज्य सरकार की ओर मदद भी मिलती है.
माओवादी ‘सलवा जुडूम’ से काफी नाराज थे. मानवाधिकार कार्यकताओं ने तो इसे खूनी संघर्ष बढ़ाने वाला अभियान बताया था. हुआ भी कुछ ऐसा ही था. नाराज नक्सलियों ने 2013 की 25 मई को झीरम घाटी में घात लगाकर कांग्रेस नेताओं पर हमला किया था. इस खौफनाक हादसे में 28 लोगों की मौत हो गई थी. इनमें से एक महेंद्र कर्मा थे. हमले के दौरान नक्सली ‘महेंद्र कर्मा मुर्दाबाद’ के नारे भी लगा रहे थे.