
महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शानदार प्रदर्शन के बीच कुछ छोटी-छोटी लेकिन महत्वपूर्ण घटनाएं राजनीतिक पंडितों की नजर में आने से रह गई. ऐसी ही एक घटना है ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुसलमीन (एआईएमआईएम) को महाराष्ट्र चुनाव में दो सीटों पर मिली जीत. यह बात इसलिए और महत्वपूर्ण है क्योंकि राज ठाकरे के दल महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना को महज एक सीट पर जीत मिली. यह जीत हैदराबाद तक सीमित रही इस पार्टी के लिए बेहद अहम है. असदुद्दीन और अकबरुद्दीन ओवैसी भाइयों के इस दल को पहली बार अपने पारंपरिक क्षेत्र के बाहर इस तरह की सफलता मिली है. इतना ही नहीं इसे देश में मुस्लिम-दलित राजनीति के नए स्वरूप की शुरुआत के तौर पर भी देखा जा सकता है.
पार्टी की ओर से अधिवक्ता वारिस यूसुफ पठान ने बायकुला सीट पर 1,357 मतों से जीत हासिल की. उन्होंने भाजपा के निवर्तमान विधायक मधुकर चव्हाण और अखिल भारतीय सेना की गीता गवली को हराया. जीत का अंतर भले ही कम हो लेकिन इससे इसका महत्व कतई कम नहीं होता.
औरंगाबाद मध्य सीट से एमआईएम प्रत्याशी और पूर्व टेलविजन पत्रकार इम्तेयाज अली ने शिव सेना के प्रदीप जायसवाल को 30,000 मतों से आसान शिकस्त दी. वह पहली बार चुनाव लड़ रहे थे. एमआईएम 24 सीटों पर लड़ी और उसके उम्मीदवार तीन सीटों पर दूसरे जबकि 9 सीटों पर तीसरे नंबर पर रहे.