13 साल का अमान अली हिंसा के समय भागते हुए अपनी कुछ किताबें साथ ले गया था. वापस आकर अपनी बची हुई किताबों और स्कूल बैग को जला हुआ देखकर वो दुखी हो गया. अमान पिछले कई हफ्तों से स्कूल नहीं गया
75 साल के अब्दुल हफीज आगजनी में जलाई गई अपनी धार्मिक किताबों के अवशेष के साथ. वो बताते हैं कि विवादित मस्जिद स्थल के सामने बना उनका घर हिंसा का सबसे अधिक शिकार हुआ है. मस्जिद के निर्माण को मॉनीटर करने के लिए लगा हुआ सीसीटीवी कैमरा हफीज के घर से ही संचालित होता था, उसकी हार्ड डिस्क को काफी नुकसान पहुंचा है
विवादित मस्जिद स्थल पर नमाज पढ़ते लोग. हिंसा के दौरान टूटी बाहरी दीवार की मरम्मत प्रशासन द्वारा करवाई गई है.
आस मोहम्मद प्राइवेट नौकरी करते हैं, और उन्होंने वापस नौकरी पर जाना शुरू कर दिया है वहीं उनकी पत्नी घर की देखरेख कर रही हैं. दंगे में उनके मात्र एक कमरे के घर से कुछ कीमती सामान और पैसे लूट लिए गए. उनके चार बच्चे अभी तक रिश्तेदार के घर से वापस गांव नहीं लौटे हैं
nice
very sad