इनर लाइन परमिट (आईएलपी) को लेकर हंगामा क्यों?
मणिपुर में इनर लाइन परमिट को लेकर पिछले दो महीने से चला आ रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. राज्य में बाहरी लोगों की आबादी के लगातार बढ़ने से स्थानीय आबादी असुरक्षित महसूस कर रही है. अब हालात ऐसे हो गए हैं कि इनकी आबादी राज्य की बहुसंख्यक आबादी मेइतेई के आसपास पहुंच चुकी है. मणिपुर में मेइतेई की आबादी सबसे ज्यादा 7.51 लाख के करीब है जबकि बाहरी लोगों की आबादी की जनसंख्या 7.04 लाख पहुंच चुकी है. इस आबादी को नियंत्रित करने के लिए इनर लाइन परमिट (आईएलपी) का प्रस्ताव 13 जुलाई 2012 को विधानसभा में लाया गया था. मुख्यमंत्री ने इस बारे में केंद्र सरकार को अगस्त 2012 में लिखा था लेकिन तत्कालीन केंद्रीय गृहमंत्री ने यह कहते हुए इस मांग को ठुकरा दिया था कि आईएलपी को मणिपुर में लागू नहीं किया जा सकता.
क्या है आईएलपी?