बिहार उपचुनाव: कौन मारेगा बाजी?

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बिहार में आज 10 विधानसीटों के उपचुनाव के लिए मतदान हो रहा है. इन चुनावों को बेहद अहम माना जा रहा है क्योंकि इन चुनावों के नतीजे यह तय करेंगे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जादू राज्य में अब भी चल रहा है या लालू प्रसाद और नीतीश कुमार के गठबंधन के हाथ जीत का फार्मूला लग चुका है. निर्वाचन आयोग के मुताबिक दोपहर एक बजे तक सभी सीटों पर मिलाकर 27.89 फीसदी मतदान हुआ था.

मई में हुए आम चुनाव के बाद यह सबसे बड़े उपचुनाव हैं और इनसे यह अंदाजा लगेगा कि अगले साल होने विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में हवा का रुख किस ओर है. चुनावी नतीजे यह भी बताएंगे कि क्या लालू प्रसाद यादव (राजद), नीतीश कुमार (जदयू) और कांग्रेस के रूप में ‘मंडल ताकतों’ के दोबारा एकजुट होने का प्रयोग भाजपा की आंधी को सफलतापूर्वक रोक सकेगा?

लालू प्रसाद और नीतीश कुमार को अच्छी तरह अंदाजा है कि ये उपचुनाव उनके राजनीतिक अस्तित्व के लिए कितने आवश्यक हैं. यही वजह है कि दोनों नेता सभी 10 विधानसभा क्षेत्रों में कई फेरे लगा चुके हैं.

राजग उम्मीदवारों के प्रचार के लिए राज्य के बाहर से कोई बड़ा नेता नहीं आया लेकिन राज्य भाजपा नेताओं, लोकजनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष रामविलास पासवान और उनकी सहयोगी उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक समता पार्टी ने समर्थन जुटाने के लिए पूरे राज्य का सघन दौरा किया.

ये उपचुनाव हाजीपुर, छपरा, मोहिउद्दीनगर, परबत्ता, भागलपुर, राजनगर (अनुसूचित जाति), जाले, मोहनिया (अनुसूचित जाति), नरकटियागंज और बांका में हो रहे हैं.

निर्वाचन आयोग के वक्तव्य के मुताबिक सभी सीटों पर 5 महिलाओं समेत कुल 94 उम्मीदवार हैं. हाजीपुर में अधिकतम 15 उम्मीदवार हैं जबकि बांका और राजनगर में सबसे कम 6-6 उम्मीदवार हैं. इन सीटों पर कुल 2422 बूथों पर 26,42,407 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं.

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