पटियाला हाउस कोर्ट के बाद इलाहाबाद कचहरी में प्रदर्शनकारियों पर वकीलों का हमला

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रोहित वेमुला और जेएनयू प्रकरण को लेकर इलाहाबाद कचहरी में धरना दे रहे छात्रों और कार्यकर्ताओं पर गुरुवार को वकीलों ने हमला कर दिया. धरना दे रहे लोगों को ‘देशद्रोही’ और ‘पाकिस्तान समर्थक’ कहकर उन पर हमला किया गया. इस हमले में कुछ छात्रों को गंभीर चोटें आई हैं. हमलावरों ने ट्रेड यूनियन कार्यकर्ता अविनाश मिश्रा का िसर फोड़ दिया.
 
इलाहाबाद से मिली जानकारी के अनुसार, रोहित वेमुला और जेएनयू मुद्दे की निष्पक्ष जांच, कन्हैया कुमार सहित अन्य छात्र नेताओं की रिहाई और अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर कुछ वामपंथी संगठनों ने धरना प्रदर्शन आयोजित किया था. इस धरने में छह वामपंथी दल- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (लेनिनवादी), सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर आॅफ इंडिया (कम्युनिस्ट), रिवोलूशनरी सोशलिस्ट पार्टी आफ इंडिया शामिल थे. इसके अलावा आॅल इंडिया फारवर्ड ब्लाॅक-एसएफआई, आईसा, एआडीएसओ सहित इलाहाबाद के छात्रों, ट्रेड यूनियन नेताओं, महिला अधिकार कार्यकर्ताओं, सिविल सोसाइटी और साहित्य जगत के कुछ लोग शामिल थे. 
 
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प्रदर्शनकारी धरना-प्रदर्शन करके भारत के राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन इलाहाबाद के जिलाधिकारी को देना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने बाकायदा प्रशासन से अनुमति ली थी. गुरुवार को दिन में 12 बजे के आसपास जैसे ही सभा शुरू हुई, कुछ वकीलों का एक समूह आया और प्रदर्शनकारियों से कहा, ‘तुम सब पाकिस्तान समर्थक और देशद्रोही हो.’ वकीलाें ने प्रदर्शनकारियों से जाने को कहा, जिससे उन्होंने इनकार कर दिया. इसके 10 मिनट के बाद 15-20 वकील आए और प्रदर्शन कर रहे लोगों को लाठी-डंडे और पत्थरों से मारने लगे. मारपीट में ट्रेड यूनियन कार्यकर्ता अविनाश मिश्रा का सिर फूट गया.
वहां पर मौजूद एक छात्र के अनुसार, वकीलों ने महिलाओं को भी नहीं बख्शा. उन पर जातिवादी और अभद्र टिप्पणियां की गईं. प्रदर्शन में मौजूद पीयूसीएल और शहरी गरीब मोर्चा की उत्पला और प्रभा को चोटें आई हैं.  
अविनाश ने आरोप लगाया, ‘हमला करने वाले वकीलों की ड्रेस में थे, लेकिन वे सभी वकील नहीं थे. यह भाजपा के गुंडों का काम है. प्रदर्शनस्थल पर मारपीट होने से कुछ देर पहले तक मौजूद साहित्यकार दूधनाथ सिंह ने ​बताया, ‘यह हिंदूवादी संगठनों और उनके लोगों का काम है. उन्होंने शांतिपूर्ण धरने पर हमला किया. वकीलों का इसमें शामिल होना गंभीर स्थिति है. शांतिपूर्ण धरने पर वकीलों का हमला दिल्ली कोर्ट में हुए तमाशे का विस्तार है.’ प्रदर्शनकारियों ने कर्नलगंज थाने आकर हमलावरों के खिलाफ एफआईआर लिखाई है.