कंझावला केस: दिल्ली पुलिस भाजपा के दबाव में काम कर रही हैं- कांग्रेस

कांग्रेस ने राजधानी दिल्ली के कंझावला में हुई घटना को लेकर बुधवार को गहरा रोष जताते हुए आरोपियों को फास्ट-ट्रैक कोर्ट के माध्यम से जल्द से जल्द सख्त से सख्त सजा दी जाने की मांग की हैं। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि कंझावला में हुई घटना के आरोपियों में एक आरोपी मनोज मित्तल भाजपा का स्थानीय पदाधिकारी है और भाजपा व आप पार्टी दोनों ही उसे बचाने की कोशिश कर रहे हैं।

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्रवक्ता अलका लांबा ने कहा कि, “मनोज मित्तल मंगोलपुरी वार्ड नम्बर 42 का सहसंयोजक है, भाजपा के दबाव में दिल्ली पुलिस भाजपा के इस नेता को बचाने के लिए मामले को लगातार कमजोर करने की कोशिश कर रही हैं।“

उन्होंने आगे कहा कि, “दिल्ली पुलिस मीडिया के सामने एक निधि नाम की लड़की को लेकर आई है। दिल्ली पुलिस अपनी छवि को बचाने के लिए और भाजपा के नेता को बचाने के लिए निधि को आगे करके इस तरह के बयान दिलवा रही हैं। और इन बयानों से मृत लड़की का चरित्र हनन कर रही हैं। इन बयानों से सवाल अपराधियों पर नहीं मृतक पीड़िता पर किये जा रहे हैं। जबकि पीड़िता के परिवार ने इस निधि नाम की लड़की के बारे में कहा है कि वे नहीं जानते की वो लड़की कौन हैं। ”

अलका लांबा ने कहा कि राजधानी दिल्ली लगातार शर्मसार हो रही है कौन लोग जिम्मेदार है, किनकी जिम्मेदारी बनती है। जिन लोगों ने 2012 में निर्भया कांड को लेकर दिल्ली की मुख्यमंत्री का इस्तीफा मांगा था जबकि उस वक्त दिल्ली की सीएम पीड़िता के साथ हर लड़ाई में खड़ी थी। तो आज 2022 दिसंबर में यदि यह वारदात होती है तो दिल्ली के मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए या नहीं अपनी जिम्मेदारी के तहत? भाजपा और आप ने वर्ष 2012 में दिल्ली को रेप कैपिटल और क्राइम कैपिटल ऑफ इंडिया का टाइटल दिया था और आज 2022 में उनकी सरकार के सत्ता में होने के बावजूद एक दशक बाद भी यह टाइटल बरकरार हैं।“

आपको बता दें , 31 दिसंबर 2022 को एक 20 वर्षीय लड़की के साथ दिल्ली के कंझावला में वारदात हुई जिसमें उस लड़की को गाड़ी में बैठे पांच लड़को ने लड़की को तब तक घसीटा जब तक की उस लड़की की मृत्यु हुई। इस हादसे में लड़की के कपड़ो के साथ उसके शरीर का मांस भी निकल गया था। ऑटोप्सी रिपोर्ट के अनुसार महिला को कम से कम 40 बाहरी चोटें आई थी। उसकी पसलियां पीठ से निकली हुई थीं। खोपड़ी टूटी हुई थी और ब्रेन का मैटर गायब था। साथ ही सिर, रीढ़ और निचले अंगों में चोटें थी। वहीं यौन उत्पीड़न का  कोई संकेत नहीं हैं, महिला की मृत्यु का कारण सदमा और रक्तस्राव माना गया हैं।

बता दें, राजधानी दिल्ली में दिन प्रतिदिन ऐसे मामलों की संख्या बढ़ती ही जा रहे हैं। यदि बात करे पिछले एक हफ्ते की तो दिल्ली के द्वारका में 14 दिसंबर को स्कूल से आ रही बच्ची पर एसिड अटैक, 31 दिसंबर को पांडव नगर में एक लड़की को कार में खींच कर एसिड अटैक, आज आदर्श नगर में एक लड़के ने एक लड़की को चाकुओं से गोद डालने की खबर जैसी गंभीर घटनाएं हुई हैं।