पिछले दिनों दिग्विजय सिंह का बयान आया कि सुषमा स्वराज, नरेंद्र मोदी से बेहतर प्रधानमंत्री साबित हो सकती हैं. इसके बाद सिंह के ही अंदाज में स्वराज ने भी चुटकी ली कि वे राहुल गांधी से बेहतर प्रधानमंत्री बनेंगे. इस राजनीतिक चुहल के दोनों के लिए अपने-अपने मायने हों या न हों, लेकिन इस लोकसभा चुनाव में राहुल व मोदी के बजाय इन दोनों को एक दूसरे के खिलाफ ही सबसे ज्यादा मेहनत करनी है.
विदिशा से सुषमा स्वराज के खिलाफ कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह को टिकट दिया है. इतिहास बताता है कि पार्टी से पांच बार लोकसभा (राजगढ़ सीट पर कांग्रेस से चार और भाजपा से एक बार) और दो बार विधानसभा सदस्य रहे लक्ष्मण का प्रभाव अपनी पुश्तैनी रियासत राघौगढ़ के आगे नहीं जा पाता. स्थानीय पत्रकार नावेद खान बताते हैं, ‘ऐसे में विदिशा जैसी सीट पर उनकी उम्मीदवारी का सीधा मतलब है कि मुकाबला दिग्विजय सिंह बनाम सुषमा स्वराज है.’ यह इस बार विदिशा में लोकसभा चुनाव का सबसे दिलचस्प पहलू है. दूसरे दिलचस्प पहलू के बारे में यहां के एक अन्य रहवासी अमर यादव बताते हैं, ‘चुनाव लड़ने वाले नाम जरूर बड़े हैं, लेकिन क्षेत्र में लहर अभी किसी की नहीं है. कुछ दिन पहले सुषमा स्वराज की रैली हुई थी लेकिन उसमें भीड़ ही नहीं जुटी. ‘