
मैं एक निम्नमध्यवर्गीय परिवार से ताल्लुख रखता हूं. मैं 37 साल पुलिस सेवा में रहा हूं. उससे पहले मैं लेक्चरर और सामाजिक कार्यकर्ता हुआ करता था. जब भूमि सुधार लागू हुए तो मैंने कर्नाटक में किराएदारों को संगठित करने का काम किया था. पुलिस में रहते हुए मैं पूर्वोत्तर, पंजाब और कश्मीर में उग्रवादियों से लड़ा हूं और दंडकारण्य इलाके में नक्सलियों से भी. मैंने देश के अलग-अलग हिस्सों में सांप्रदायिक हिस्सा को भी काबू किया है.
कानून तोड़ने वाले तो आसानी से पहचाने जा सकते हैं. लेकिन देश में कई राजनेता भी हैं जो सम्माननीय हैं, लेकिन अपराधों में संलिप्त हैं. भ्रष्ट राजनेताओं और भ्रष्ट नौकरशाहों में एक गुपचुप सहमति बनी हुई है. मैंने आम आदमी पार्टी को चुना क्योंकि इसने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई छेड़ी.
हमारे यहां पानी अहम मुद्दा है. यह एक शुष्क जलवायु वाला इलाका है जहां कुछ नलकूप तो 1200 फीट गहरे हो गए हैं, लेकिन उनमें से कुछ ही हैं जिनमें वास्तव में पानी आता है. किसान पानी की कमी से त्रस्त हैं और राजनेता उनसे वादा कर रहे हैं कि पश्चिमी घाट में बहने वाली एक नदी का पानी उन तक पहुंचाया जाएगा और यह पानी का एक स्थायी स्रोत होगा. इसे नेत्रवती डाइवर्जन प्रोजेक्ट नाम दिया गया है.
इससे पहले भी कई बार पंप, सुरंग और नहरों के जरिये पश्चिमी घाट से पानी लाने के वादे किए गए थे. लेकिन वे वादे के वादे ही रहे.