मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने देश में 15 दिनों से लगी इमरजेंसी को ख़त्म करने के लिये भारत की मदद मांगी है। नशीद ने कहा है कि ऐसे हालात में भारत को मालदीव में दूत और सेना भेजनी चाहिए।
भारत ने मालदीव के हालात पर चिंता तो जताई है मगर आधिकारिक तौर पर अपनी सेना भेजने के बारे में कुछ नहीं कहा है।
लेकिन कुछ रिपोर्टों के मुताबिक़ भारत सरकार के सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि भारत इस मामले में मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन कर सकता है जिसमें सेना को तैयार रखना शामिल है।
मालदीव के हालात देखकर परेशान भारत एसओपी के तहत पहले ही यात्रा परामर्श जारी कर चुका है, लेकिन अधिकारियों ने सेना को तैयार रखने से जुड़े अहम पहलू की पुष्टि नहीं की है।
सूत्रों ने अनुसार दक्षिण भारत के एक प्रमुख एयरबेस पर सैनिकों की गतिविधियां देखी जा रही हैं। एसओपी के मुताबिक, किसी आकस्मिक स्थिति या संकट से निपटने के लिए सैनिकों को पूरी तरह तैयार रखा जाता है. ऐसे एसओपी में कुछ भी असामान्य नहीं होता.
दूसरी तरफ मालदीव की सुप्रीम कोर्ट ने नौ राजनीतिक कैदियों को रिहा करने के अपने आदेश को वापस ले लिया है। इन राजनैतिक बंदियों में पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद का भी नाम था।