टैक्सी सेवा देने वाली कंपनी उबर ने अपनी भारतीय प्रतिद्वंद्वी ओला पर केस किया है. दिल्ली हाई कोर्ट ने ओला से उबर की याचिका पर जवाब मांगा है. उबर ने आरोप लगाया कि ओला कथित रूप से राइड बुक करने के लिए फर्जी खाते बना रही है और बाद में उस बुकिंग को रद्द कर देती है. उबर ने इसके लिए ओला से 49.61 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति की मांग की है. ओला ने हालांकि उबर के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वह इस तरह के किसी काम में शामिल नहीं है. ओला के जवाब के बाद न्यायमूर्ति विपिन सांघी ने ओला से कहा कि वह अपनी बात का पालन करे. अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 14 सितंबर तय की है. अदालत ने उबर से ओला के जवाब पर अपना जवाब चार सप्ताह के अंदर देने को कहा है. उबर ने याचिका में आरोप लगाया है कि ओला के कर्मचारियों ने भारत भर में 93,000 फर्जी खाते बनाए हैं. इसके जरिए वे ओला के प्लेटफॉर्म पर कैब बुक कराने के बाद बुकिंग रद्द कर देते हैं. इससे उबर को बुकिंग रद्द करने का शुल्क देना पड़ता है.