सुप्रीम कोर्ट ने दुष्कर्म की शिकार महिलाओं की सहायता व पुनर्वास के लिए बने निर्भया फंड का इस्तेमाल नहीं होने पर केंद्र और राज्य सरकारों को फटकार लगाई है. कोर्ट ने इस मामले में केंद्र और राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया है. न्यायमूर्ति पीसी पंत और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि अलग-अलग राज्यों में इसे लेकर अलग-अलग योजनाएं हैं. बलात्कार पीड़िताओं को कितना मुआवजा मिलना चाहिए, इसे लेकर कोई राष्ट्रीय योजना नहीं है. निर्भया फंड पर्याप्त नहीं है. पीठ ने कहा कि केंद्र सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यौन अपराध पीड़ितों को पर्याप्त सहायता मिले. पीठ ने केंद्र और सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को नोटिस जारी करते हुए सीआरपीसी की धारा 357(ए) के प्रभावी तरीके से क्रियान्वयन को लेकर जवाब दाखिल करने के लिए कहा है. पीठ ने सभी से यह भी पूछा है कि पीड़ितों को मुआवजा देने संबंधी योजनाओं की स्थिति क्या है और कितने पीड़ितों को मुआवजा दिया गया है. अदालत ने कहा कि कुछ राज्य तो महज एफआईआर दर्ज होने पर ही पीड़ितों को मुआवजा देते है. पीठ ने कहा कि दिल्ली में अलग योजना हैं, उत्तर प्रदेश में अलग जबकि इसे लेकर एक राष्ट्रीय योजना होनी चाहिए.