सहारा प्रमुख सुब्रत राय को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा और उन्हें जमानत नहीं मिल सकी. सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत राय को जमानत के लिए 5000 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी और 5000 करोड़ रुपये नकद जमा कराने के लिए कहा है.फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फिलहाल बैंक गारंटी दिए बिना जमानत नहीं दी जा सकती. इसके बाद अगर वो रिहा हो जाते हैं, तो उन्हें 9 किस्तों में 18 महीने के भीतर बाकी रकम जमा करानी होगी. पहली किश्त के तौर पर तीन महीने के भीतर तीन हजार करोड़ रुपये देने होंगे, जबकि बाकी रकम आठ किस्तों में चुकाने होंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर राय लगातार तीन किस्तें चुकाने में नाकाम रहते हैं तो उन्हें और तिहाड़ में बंद सहारा के दो निदेशकों को हिरासत में ले लिया जाएगा.
राय को ब्याज सहित निवेशकों के 36 हजार करोड़ रुपये लौटाने को सुप्रीम कोर्ट ने कहा है. सुब्रत राय पिछले साल मार्च से तिहाड़ जेल में बंद हैं.कोर्ट ने उन्हें मार्च 2014 में निवेशकों के 24000 करोड़ रुपये लौटाने का आदेश दिया था, जिसे पूरा करने में सहारा राय नाकाम रहे. दरअसल सहारा समूह की दो कंपनियों सहारा इंडिया रियल स्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड और सहारा हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड ने साल 2007-2008 के दौरान निवेशकों से 24000 करोड़ इकट्ठा किए गए थे. कोर्ट ने यह रकम सहारा को 15 फीसद ब्याज के साथ निवेशकों को लौटाने के लिए कहा था. इस तरह कोर्ट ने सुब्रत राय को निवेशकों के कुल 36000 करोड़ रुपये लौटाने के लिए निर्देश दिया है. कोर्ट ने आदेश दिया है कि जेल से रिहा होने के बाद सुब्रत राय और अन्य आरोपियों को अपना पासपोर्ट जमा कराना होगा. साथ ही कोर्ट के आदेश पर ही वे विदेश यात्रा कर सकेंगे. भारत में भी कहीं आने-जाने के लिए उन्हें पुलिस को सूचना देनी होगी. ये सब तक करना होगा जब वे बैंक गारंटी जमा करेंगे.