बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक समीकरणों के बनने बिगड़ने का खेल शुरू हो चुका है. जनता परिवार के निर्माण के साथ राज्य की राजनीति में आए बदलाव ने एक और नया मोड़ ले लिया है. दिग्गज नेता लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद से पप्पू यादव को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. पार्टी ने उनके लिए अपने दरवाजे छह सालों के लिए बंद कर दिए हैं. जानकारी के अनुसार, पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने और अनुशासनहीनता के आरोप में यह कदम उठाया गया.
पप्पू यादव बिहार की मधेपुरा सीट से सांसद हैं. पिछले कुछ दिनों से पप्पू और पार्टी हाईकमान के बीच मतभेद खुलकर सामने आने लगे थे, जिसके बाद से उनका पार्टी से निकाला जाना तय हो गया था. हाल के दिनों में कुछ मौकों पर वह लालू के राजनीतिक उत्तराधिकारी होने का दावा पेश करने लगे थे. इसके अलावा जनता परिवार के विलय के आलोचक और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के मुखर समर्थक के रूप में उभरने लगे थे. अब कयास लगाया जा रहा है कि पप्पू यादव मांझी के साथ मिलकर नई पार्टी बना सकते हैं. राजद ने 18 अप्रैल को पप्पू यादव को नोटिस दिया था. नोटिस में उनसे ‘पार्टी विरोधी गतिविधियों’ के बारे में सफाई मांगी गई थी. बहरहाल इस कार्रवाई से राजद को नुकसान भी उठाना पड़ सकता है. पप्पू यादव की कोसी इलाके में अच्छी पैठ है. ऐसे में वे राजद के वोट बैंक में सेंध लगा सकते हैं.