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देश को नई दिशा दिखाएगा महाराष्ट्र – सीएम उद्धव ठाकरे

महाराष्ट्र विधानसभा के एक दिवसीय विशेष अधिवेशन में अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति के लिए लोकसभा और राज्य के विधानसभा में रिजर्वेशन को बनाए रखने और एंग्लो इंडियन समाज विशेष तौर पर प्रतिनिधित्व देने विधेयक को अगले 10 सालों के लिए सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी गई। याद रहे उत्तर प्रदेश व अन्य कुछ राज्यों ने संविधान के (126 वें संशोधन) अनुमोदन के तहत एंग्लो इंडियन को मिल रहे आरक्षण को खत्म कर दिया।

यह विधेयक पिछले साल 11 दिसंबर को संसद में पारित हो चुका है।

विधानसभा में यह प्रस्ताव महाराष्ट्र के चीफ मिनिस्टर उद्धव ठाकरे ने पेश किया और नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने इसे अपना समर्थन दिया।

यक्ह 25 जनवरी 2020 से 10 साल यानी 2030 तक प्रभावी रहेगा। ज्ञात हो कि संविधान के अनुच्छेद 168 के अंतर्गत देश के आधे से अधिक विधानसभाओं का अनु समर्थन दिया जाना है।

अपना प्रस्ताव रखते हुए चीफ मिनिस्टर उद्धव ठाकरे ने कहा कि इस आरक्षण की कालावधी बढ़ाई नहीं गई तो पिछले 70 साल से चला आ रहा आरक्षण बंद हो जाएगा। ठाकरे ने कहा कि संसद की तरफ से पारित विधेयक सभी स्तरों पर समान अवसर देता है चुनाव में जो लोग किन्ही कारणवश परिस्थिति वश लोकतंत्र के सर्वोच्च मंदिर में नहीं आ सकते ऐसे लोगों को यह विधायक अवसर देता है।

चीफ मिनिस्टर ठाकरे के प्रस्ताव का समर्थन करते हुए देवेंद्र फडणवीस नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जब तक विषमता दूर नहीं हो जाती तब तक इसे लागू करना चाहिए उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया के अधिकतर देशों में इस तरह के आरक्षण की व्यवस्था पहले से ही है। एकमत से यह विधेयक विधानसभा में मंजूर कर दिया।

संविधान संशोधन विधेयक केअनुमोदन के लिए विधानसभा के इस एक दिवसीय अधिवेशन में नेहरू और कांग्रेस को आरक्षण विरोधी कहते हुए विरोधी पक्ष नेता प्रवीण दरेकर ने विवाद शुरु कर दिया जिसका कांग्रेस सदस्यों ने विरोध किया। कांग्रेस सदस्य शरद रणपिसे ने प्रवीण दरेकर के बयान को सदन की कार्रवाई से निकालने की मांग की। दरेकर ने कहा था कि जब संविधान सभा में डॉ बाबासाहेब आंबेडकर ने एससी और एसटी का मुद्दा उठाया था तब नेहरू और कांग्रेस ने आरक्षण की नीति का विरोध किया था।

महाराष्ट्र के जिला परिषद चुनाव में बीजेपी को तगड़ा झटका

महाराष्ट्र राज्य के बदलते हुए राजनीतिक समीकरण का सीधा सीधा प्रभाव स्थानीय चुनाव के नतीजों में दिखाई दिया। राज्य में जिला परिषद के चुनावों में बीजेपी को खासा नुकसान हुआ है। नागपुर, धुले, पालघर, नंदुरबार,अकोला और वाशिम में हुए जिला परिषद चुनाव के नतीजों में 6 में से 5 जिलों में बीजेपी झटका लगा है।

सबसे बड़ा झटका बीजेपी के गढ़ समझे जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, केंद्रीय मंत्री व बीजेपी के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी और पूर्व मंत्री चंद्रकांत बवनकुले के गृह नगर नागपुर जिला परिषद के हाथ से निकल जाने पर लगा है। नितिन गडकरी के मूल गांव ढापेवाडा से कांग्रेस के उम्मीदवार महेंद्र डोंगरे चुनाव जीते हैं। वहीं बावनकुले को ले गांव कोराड़ी से भी कांग्रेस के उम्मीदवार नाना कंभाले ने जीत हासिल की है। नागपुर जिला परिषद की कुल 58 सीटों में से कांग्रेस ने अकेले 30 सीट जीती हैं बीजेपी को 15 पर संतोष करना पड़ा है। इसके अलावा पालघर जहां पर बीजेपी अव्वल थी अब नंबर तीन पर चली गई है वहां पर अब शिवसेना 18 सीटें जीतकर नंबर वन पर है।हांलाकि धुले जिला परिषद में बीजेपी के हाथ बढिया सफलता लगी है। बीजेपी को यहां पर पहली बार स्पष्ट बहुमत मिला है। उत्तर महाराष्ट्र के इस जिला परिषद में 54 सीटों में से बीजेपी को 39 सीटों पर जीत हासिल हुई है । हालांकि इसका श्रेय यहां केपूर्व मंत्री जयकुमार रावल को जी चाहता है। नंदुरबार में भी बीजेपी खुश हो सकती है।इस जिला परिषद में अब तक बीजेपी का केवल एक सदस्य था इस दफा बीजेपी को 26 जगहों पर सफलता मिली है। 6 जिला परिषदों में 332 सीटों के लिए चुनाव में हुए जिस में से बीजेपी को 103, कांग्रेस को 74, एनसीपी को 43,शिवसेना को 48 और अन्य की झोली में 61 सीटें आई हैं।

नागपुर जिला परिषद

कुल सीटें – 58 ,काँग्रेस – 30, एनसीपी – 10, बीजेपी- 15, शिवसेना – 1, निर्दलीय – 2

पालघर जिला परिषद

कुल सीटें– 57

शिवसेना – 18, माकप – 6, बीजेपी – 12, एनसीपी – 14, बविआ – 4, निर्दलीय – 3, काँग्रेस -1,

वाशीम जिला परिषद
कुल सीटें – 52
एनसीपी – 12, काँग्रेस – 9, शिवसेना – 6, वंचित बहुजन आघाडी – 8, बीजेपी – 7, जनविकास आघाडी – 7, निर्दलीय – 2, स्वाभिमानी शेतकरी संघटना – 1

जिला धुले में कांग्रेस को 7, एनसीपी को 3, शिवसेना को 4 ,बीजेपी को 39 व निर्दलीय 3 और नंदुरबार में कांग्रेस को 20, एनसीपी को 3, शिवसेना को 7 व बीजेपी को 26 सीटें मिली है। आकोला में कांग्रेस को 3, एनसीपी को 4, शिवसेना को 13, बीजेपी को 7 और निर्दलीयों को 26 सीटें मिली हैं।

एक भी अमेरिकी सैनिक नहीं मरा : ट्रम्प

ईरान के आज सुबह के दावे के विपरीत अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार रात एक विशेष प्रसारण में कहा कि ईरान के हमले में एक भी अमेरिकी सैनिक या नागरिक या किसी इराकी सैनिक की जान नहीं गयी है। ट्रम्प ने कहा कि हां, हमारे सैन्य ठिकानों को थोड़ा-बहुत नुक्सान हुआ है। उन्होंने ईरान पर आतंकवाद का प्रायोजक होने का आरोप भी लगाया है।

ट्रम्प का इस विशेष प्रसारण में दावा ईरान के सरकारी मीडिया के सुबह किये उस दावे के विपरीत है जिसमें उसने कहा था कि उसके मिसाइल हमले में ८० लोग मारे गए हैं। इस हमले के बाद एक ट्वीट में भी ट्रम्प ने कहा था – ”ऑल इस फाइन।”

ट्रम्प ने कहा कि ईरान के जनरल सुलेमानी का मरना अमेरिका ही नहीं ईरान के लिए भी अच्छा है। ट्रम्प ने कहा कि सुलेमानी अमेरिका पर हमले की योजना बना रहा था। याद रहे सुलेमानी की आखिरी रसूमात में लाखों ईरानी शामिल हुए थे।

उन्होंने कहा कि मिडल ईस्ट और खाड़ी में शांति की जरूरत है। कहा कि ईरान को परमाणु ताकत बनने का खाब छोड़ देना चाहिए। हमें मेडल ईस्ट से तेल की जरूरत नहीं। कहा कि ईरान पर अब कड़े आर्थिक प्रतिबन्ध लगाए जायेंगे।

ट्रम्प ने कहा कि हमने आईएस को लगभग ख़त्म कर दिया है। उसके लीडर बगदादी को मार गिराया। हमने आईएस के १०,००० कार्यकर्ता मार गिराए।

कुछ अदालतों में सीआईएसएफ की तैनाती पर विचार करे केंद्र : सुप्रीम कोर्ट

देश में असुरक्षा का माहौल इस कद्र बढ़ गया है कि शिक्षण संस्थानों के बाद अदालतें तक खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रही हैं! इसे सुप्रीम कोर्ट की ताजा टिप्पणी से समझा जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार से कहा कि वह आगे अप्रिय घटनाओं से बचने के लिए कुछ अदालतों में सीआईएसएफ के स्पेशल कैडर की तैनाती की संभावना पर विचार करे।
प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे के अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि दिल्ली की अदालत में अगर सीआईएसएफ तैनात होती तो पुलिस-वकील वाली वह घटना शायद नहीं हुई होती।
शीर्ष अदालत की पीठ संभवता तीस हजारी की हालिया घटना का जिक्र कर रही थी। नवंबर 2019 में तीस हजारी अदालत परिसर में वकीलों और पुलिस कर्मियों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इसके बाद वकीलों के साथ ही पहली बार दिल्ली पुलिस ने धरना-प्रदर्शन किया था।
सीजेआई के साथ इस पीठ में जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत भी हैं। पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि सीआईएसएफ का एक अलग कैडर होना चाहिए जो प्रधान न्यायाधीश के फैसले के बाद कुछ न्यायालयों में सुरक्षा मुहैया कराए।
इस मामले में न्यायमित्र के रूप में पेश हुए वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि वकीलों के लिए समस्या हो सकती है और यह उचित होगा कि इस मामले में बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) से भी विचारविमर्श किया जाए।
इसके बाद पीठ ने अदालतों में सीआईएसएफ की तैनाती पर विचार जानने के लिए बीसीआई को नोटिस जारी किया।

सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई का दावा, मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में नहीं हुई एक भी छात्रा की हत्या

जिस मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में खुद लड़कियों ने आरोप लगाए थे, उसे लेकर देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में दावा किया कि वहां किसी लड़की की हत्या नहीं हुई। शेल्टर होम के परिसर के पास जो कंकाल मिले हैं वे लड़कियों के नहीं किसी और के हैं क्योंकि रिपोर्ट में गायब बताई गयी सब लड़कियां जीवित मिली हैं।

सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में दावा किया कि वहां किसी लड़की की हत्या नहीं हुई है। सीबीआई के सर्वोच्च अदालत में इस ब्यान के बाद राजनीति तेज हो गयी है। बिहार की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने सीबीआई जांच पर सवाल उठा दिया है। आरजेडी ने कहा है कि सीबीआई ने तो पूरा मामला ही पलट दिया है।

याद रहे सीबीआई ने तीन दिन पहले उच्चतम न्यायालय को बताया था कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम यौन उत्पीड़न के १७ मामलों में जांच पूरी हो गई है और जिलाधिकारियों सहित संलिप्त सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए रिपोर्ट दायर कर दी गई है। सर्वोच्च अदालत में दायर की स्थिति रिपोर्ट (स्टेटस रिपोर्ट) में जांच एजंसी ने कहा कि शुरुआती जांच में कोइ अपराध होने जैसे मामले को साबित कर सकने वाला साक्ष्य नहीं मिला लिहाजा कोइ एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।

सर्वोच्च अदालत में अब बुधवार सीबीआई ने दावा किया कि शेल्टर होम में किसी भी लड़की की हत्या नहीं हुई है। जिनके हत्या को लेकर शक था, वे सभी जीवित मिली हैं। कोर्ट में सीबीआई की ओर से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल पेश हुए जिन्होंने अदालत को बताया कि हत्या का कोई भी सबूत नहीं मिला है। हत्या के शक वाली सभी ३५  लड़कियों को जीवित पाया गया है।

अदालत में यह भी बताया गया कि शेल्टर होम परिसर से जो हड्डियां मिली हैं, वो  व्यस्कों की हैं। अदालत में दावा किया गया कि सीबीआई जांच में साफ हो गया है कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में किसी नाबालिक की हत्या नहीं हुई।

देशव्यापी मजदूर हड़ताल का व्यापक असर

मजदूर संगठनों की उद्वार की देशव्यापी हड़ताल का व्यापक असर दिखा है। खासकर बैंक कर्मचारियों के हड़ताल में शामिल होने से बैंकिंग सेवाओं पर इसका खासा असर पड़ा। इस हड़ताल का आह्वान दस केंद्रीय मजदूर संगठनों ने किया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक कई जगह हड़ताल से जनजीवन पर असर पड़ा है। पटना में छात्रों से पुलिस की झड़प हो गई। अभी तक बंद में किसी हिंसा या गड़बड़ की कोइ खबर नहीं है। हड़ताल के कारण देश भर में कई जगह सार्वजनिक बैंकों की शाखाओं में नकदी जमा करने और निकालने जैसी गतिविधियां प्रभावित दिखीं।

हड़ताल की अपील को देखते हुए अधिकतर बैंकों ने अग्रिम रूप से अपने ग्राहकों को बता दिया था। बैंक कर्मचारियों के सगठनों एआईबीईए, एआईबीओए, बीईएफआई, आईएनबीईएफ, आईएनबीओसी और बैंक कर्मचारी सेना महासंघ ने हड़ताल का समर्थन करते हुए इसमें हिस्सा लिया।

इससे पहले देश के विभिन्न केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने मंगलवार को ”भारत बंद” रखा था।

अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने दावा किया है कि उनकी हड़ताल सफल रही है। उनके मुताबिक बैंक कर्मचारियों की दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने राष्ट्रव्यापी हड़ताल का समर्थन किया।

वेंकटचलम के मुताबिक हड़ताल बैंक विलय, निजीकरण, शुल्क वृद्धि और वेतन से जुड़े अन्य मुद्दों को लेकर सरकार की नीतियों के विरोध में की गयी है। ऑल इंडिया रिजर्व बैंक एंप्लॉयज एसोसिएशन (एआईआरबीईए) और ऑल इंडिया रिजर्व बैंक वर्कर्स फेडरेशन (एआईआरबीडब्ल्यूएफ) और कुछ बीमा यूनियनों ने भी हड़ताल का समर्थन किया है। बारिश के बावजूद कई जगह हड़ताल का असर रहा। शिमला में बर्फबारी के बीच सीटू ने केंद्र की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किया।

उधर आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) की महासचिव अमरजीत कौर ने हड़ताल को सफल बताते हुए कहा कि राष्ट्रव्यापी हड़ताल में १० केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के सदस्यों के साथ विभिन्न क्षेत्रीय महासंघ भी हिस्सा ले रहे हैं। केंद्रीय यूनियनों में एटक, इंटक, सीटू, एआईसीसीटीयू, सेवा, एलपीएफ समेत अन्य शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह हड़ताल महंगाई, सार्वजनिक कंपनियों की बिक्री, रेलवे, रक्षा, कोयला समेत अन्य क्षेत्रों में १०० प्रतिशत एफडीआई और ४४ श्रम कानूनों को संहिताबद्ध करने (श्रम संहिता) के खिलाफ की गयी है।

प्रदर्शन की धमकी के बाद पीएम मोदी का असम दौरा रद्द

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए)के खिलाफ सबसे ज्यादा विरोध प्रदर्शन शुरुआत में असम में ही हुए थे। इसके बाद देशभर में प्रदर्शन हुए है। आज भी असम में प्रदर्शन जारी हैं। असम में भाजपा की सहयोगी पार्टी के यूथ विंग ने खुलकर मोदी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की धमकी दी थी। संभवत: इसी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना 10 जनवरी को प्रस्तावित गुवाहाटी दौरा रद्द कर दिया है। वे यहां ‘खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2020’ का उद्घाटन करने पहुंचना था। तीसरे यूथ गेम्स 10 से 22 जनवरी के बीच खेले जाएंगे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सीएए के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनों के मद्देनजर यह दौरा रद्द कर दिया है।

बीते एक महीने में प्रधानमंत्री का ये दूसरा बड़ा असम दौरा रद्द हुआ है। इससे पहले 15-17 दिसंबर को गुवाहाटी में भारत-जापान शिखर सम्मेलन होना था, जिसमें जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे को भी आना था। सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर असम समेत पूर्वोत्तर में दिसंबर से बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इस दौरान हिंसा में असम में ही 6 लोगों की मौत हो चुकी है।

बता दें कि असम में सीएए के खिलाफ प्रदर्शनों की अगुवाई कर रहे छात्र संगठन ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (एएएसयू) ने प्रधानमंत्री के उद्घाटन समारोह में आने पर बड़े विरोध की चेतावनी दी थी।

शिमला सहित हिमाचल में भारी बर्फबारी

शिमला के जाखू में बुधवार को ताजा बर्फबारी।

हिमाचल प्रदेश में मंगलवार तड़के शुरू बर्फबारी बुधवार सुबह तक जारी रही। इससे कई रास्ते बंद हो गए हैं। राजधानी शिमला में भी अब तक करीब आधा फुट बर्फ पड़  चुकी है। मौसम विभाग ने पहले ही भारी बर्फबारी की चेतावनी जारी की हुई है।

राज्य मुख्यालय शिमला में बुधवार को लगातार बर्फबारी से शहर की रफ्तार थम गई है। हालांकि, यहाँ आये सिलानी इसका भरपूर आनंद उठा रहे हैं। बर्फबारी से बिजली, पानी और इंटरनेट सेवाओं पर विपरीत असर पड़ा है। कुफरी सहित शिमला के सभी पर्यटल स्थलों को रास्ता बर्फ के चलते बंद हो गया है।

प्रदेश के सभी ऊंचे इलाकों में इस समय भारी बर्फबारी हो रही है। मौसम विभाग ने बताया है कि शिमला शहर में आधा फुट से ज्यादा बर्फ गिर चुकी है। महत्वपूर्व साधकों से बर्फ हटाने का काम शुरू किया गे ताकि सरकारी कामकाज सुचारू चलता रहे।

मौसम विभाग के मुताबिक पर्यटक स्थलों कुफरी, नारकंडा और खड़ापत्थर में दो फुट से ज्यादा बर्फ पड़ चुकी है। शिमला शहर बर्फ की सफेद चादर में लिपटा हुआ है और अभी भी वहां रुक-रुक कर बर्फ पड़ रही है।
सैलानियों के वाहनों की भीड़ के चलते कालका-शिमला एनएच पर भी आवाजाही पर असर पड़ा है। बर्फबारी के कारण बुधवार को कर्मचारियों को दफ्तर पहुँचाने में बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ा।

रोहतांग, मनाली, धौलाधार, भरमौर और डलहौजी में भी भारी बर्फबारी हुई है।  डोडरा क्वार का लाका पिछले पांच दिन से चांसल में भारी बर्फबारी के बाद बाकी देश से कटा हुआ है।

ईरान विमान हादसे में १८० यात्रियों की मौत

ईरान की राजधानी तेहरान के इमाम खुमैनी हवाई अड्डे के पास एक यात्री विमान क्रैश हो गया है।  इसमें सभी १८० यात्रियों की मौत हो गयी है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक हादसे का शिकार विमान यूक्रेन का था। इसमें १८० यात्री सवार थे। विमान में सवार सभी १८० लोगों की हादसे में मौत हो गई है। ईरान की सरकारी  समाचार एजेंसी ने बताया कि तकनीकी खराबी के कारण विमान उड़ान भरने के बाद ही क्रैश हो गया। राहत और बचाव कार्य शुरू किया गया हालांकि १८० लोगों के मरने की पुष्टि हो गयी है।
तेहरान के इमाम खोमेनी एयरपोर्ट पर हादसे का शिकार विमान बोइंग-७३७ था।  यूक्रेन एयरलाइंस का यह विमान यूक्रेन के कीव जा रहा था। तकनीकी दिक्कतों की वजह से उड़ान भरने के ठीक बाद प्लेन क्रैश हो गया। इसमें १८० यात्री सवार थे।
रिपोर्ट्स में बताया गया है कि यूक्रेन के विमान को स्थानीय समयानुसार सुबह सवा ५ बजे उड़ान भरनी थी। हालांकि, इसे ६.१२ पर रवाना किया गया। उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद ही फ्लाइट ने डाटा भेजना बंद कर दिया।

ईरान का फिर अमेरिकी ठिकानों पर हमला, ८० के मरने का दावा

ईरान के सरकारी टेलीविजन ने इराक में दो अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले के बाद दावा किया है कि इस हमले में ८० लोगों की मौत हो गयी है हालांकि अमेरिका ने अभी तक इस दावे के बारे में कुछ टिप्पणी नहीं की है और वहां राष्ट्रपति ट्रम्प की बड़े अधिकारियों के साथ बैठक जारी है। दुनिया के कई देशों ने इस तनाव तो टालने की अपील की है।

हमले के बाद तेल की कीमतों में अचानक बढ़ौतरी हुई है। भारत में सेंसेक्स ११० अंक नीचे गिर गया है। इस हमले के बाद खाड़ी में तनाव बढ़ गया है। भारत ने अपने नागरिकों को फिलहाल ईराक नहीं जाने की सलाह दी है। कुछ देशों ने अपने विमानों के रुट इसके बाद बदले हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक खाड़ी क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है। पेंटागन ने ईरान के हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि अमेरिका और गठबंधन सेना के ठिकानों पर एक दर्जन मिसाइलों से हमला किया गया है। याद रहे अमेरिका इके द्वारा ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी के मारने के बाद से ही दोनों देशों में तनातनी चल रही है। तेहरान के इस हमले के बाद स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो गई है।

अमेरिका सेना बेस पर बुधवार तड़के मिसाइल हमले के बाद पेंटागन ने बयान जारी कर कहा कि वह हमले में हुए नुकसान का आकलन कर रहा है। इस बीच वॉशिंगटन ने कहा है कि वह मामले पर करीबी नजर रखे हुए है। क्षेत्र में तनाव की स्थिति को देखते हुए नाटो अपने कर्मचारियों को इराक से निकाल रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इराक में नागरिकों विमानों की उड़ान रोक दी गई है।

ईरानी रिवॉलूशनरी गार्ड कमाडंर ने सरकारी मीडिया से कहा कि इराक में यूएस के एयरबेस पर ईरानी मिसाइलों का हमला पहला कदम है। तेहरान अमेरिकी सेना को नहीं बख्शेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को अब यहां से अपनी सेनाओं को हटाना ही होगा या फिर हमारी पहुंच से दूर करना होगा।

अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को ईरान के हमले के बारे में जानकारी दी गई है। वाइट हाउस ने बयान जारी कर बताया कि वॉशिंगटन स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं। बता दें कि कुछ दिन पहले ट्रंप ने ट्वीट कर कहा था कि अगर ईरान हमला करेगा तो वह उसका करारा जवाब देंगे। उन्होंने कहा था कि अमेरिका ईरान के ५२  ठिकानों पर हमले करेंगे।