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कश्मीर दौरे पर गए १५ देशों के राजदूत, पीडीपी ने उनसे मिलने वाले आठ नेता निष्काषित किये

भले मोदी सरकार ने देश के नेताओं के कश्मीर जाने पर अघोषित प्रतिबन्ध लगा रखा हो, गुरूवार को 15 देशों के राजदूतों ने कश्मीर का हाल जानने के लिए वहां का दौरा किया। उधर आज यात्रा पर आये विदेशी राजदूतों से मिलने पर पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने पार्टी के कुछ नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया है।

यह दूसरी बार है जब सरकार ने विदेशी प्रतिनिधियों को कश्मीर जाने की इजाजत दी है जबकि देश के कमोवेश सभी बड़े नेता, जिनमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी शामिल हैं, को मोदी सरकार ने वहां जाने की अभी तक इजाजत नहीं दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक विदेश मंत्रालय ने राजदूतों के दौरे को लेकर मीडिया को जानकारी दी है।  गुरुवार को राजदूतों का एक यह समूह जम्‍मू कश्‍मीर के दौरे पर गया। इस दौरे का सारा इंतजाम मोदी सरकार की तरफ से किया गया था और विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अफसर प्रतिनिधिमंडल के साथ गए थे।

विदेश मंत्रालय प्रवक्‍ता रवीश कुमार ने बताया है कि जम्‍मू कश्‍मीर पहुंचे ग्रुप में अमेरिका, दक्षिण कोरिया, नॉर्वे, वियतनाम, अर्जेंटीना, बांग्‍लादेश, मालदीव, मोरक्‍को, फिजी, फिलीपींस, पेरु, नाइजर, नाइजीरिया, टोगो और गुएना के राजदूत शामिल रहे। उन्होंने कहा कि राजदूतों की पहली मुलाकात सुरक्षा अधिकारियों से हुई। मकसद घाटी की सुरक्षा व्‍यवस्‍था के बारे में जानकारी लेना था।

रवीश ने बताया कि शांति व्‍यवस्‍था को बरकरार रखने के लिए आतंकवाद के खतरे से कैसे निबटा जाए, इसके बारे में भी जानकारी लेना था। सरकार, अपनी इस कोशिश के जरिए घाटी की स्थिति को सामान्‍य करने के लिए हो रहे प्रयासों की एक झलक दिखाना चाहती थी। राजदूतों ने श्रीनगर में कुछ पंचायत सदस्‍यों, स्‍थानीय निकाय और एनजीओ के लोगों से मिले।

उधर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने अपने उन आठ नेताओं को पार्टी से बाहर कर दिया है जो इन राजदूतों से मिले हैं। उनपर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल का आरोप लगाकर यह कार्रवाई की गयी है। इन नेताओं में वरिष्ठ नेता दिलावर मीर भी शामिल हैं। उनके अलावा रफी अहमद मीर, ज़फर इकबाल मन्हास, चौधरी क़मर हुसैन, राजा मंज़ूर, जावेद बेघ, अब मजीद पादरू और रहीम राथर भी निष्कासित नेताओं में शामिल हैं।

राष्ट्रपति भवन की तरफ जा रहे छात्रों पर पुलिस लाठीचार्ज

जवाहर लाल यूनिवर्सिटी (जेएनयू) कैम्पस में रविवार को हुई हिंसा के विरोध में छात्र संघ और शिक्षक संगठनों की रैली को गुरुवार शाम अंबेडकर भवन के पास उस समय रोक लिया गया जब वे राष्ट्रपति भवन की तरफ जाने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस ने इस दौरान छात्रों पर लाठीचार्ज भी किया है और उन्हें बसों में भरकर वापस भेज दिया है।

जेएनयूएसयू ने कहा है कि छात्र शान्ति से राष्ट्रपति भवन की तरफ जा रहे थे कि पुलिस ने उनपर लाठीचार्ज किया। का आरोप है कि छात्राओं को भी पीटा गया है। जेएनयूएसयू का कहना है कि छात्र ७५ दिन से प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन आज भी एचआरडी मंत्रालय से उनकी बैठक संतोषजनक नहीं रही।

आज रैली में बड़ी संख्या में छात्र और शिक्षकों शामिल हुए और मार्च निकाला। शाम को जब छात्र राष्ट्रपति भवन की तरफ बढ़ रहे थे, पुलिस ने उन्हें रोक लिया। छात्रों ने इसका विरोध किया तो पुलिस ने उनपर लाठियां भांजी। उन्हें बसों में भरकर वापस भेज दिया गया। प्रदर्शनकारियों ने कुलपति एम जगदीश कुमार के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।

इसके अलावा छात्र जेएनयू परिसर में हिंसा के जिम्मेदार लोगों को जल्द सजा देने और बढ़ी हॉस्टल फीस को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। उधर जेएनयू प्रशासन ने ५  जनवरी को हुई हिंसा के मामले में सुरक्षा में खामी की जांच का फैसला किया है। बताया गया है कि एक पांच सदस्यीय कमेटी सुरक्षा में खामियों की जांच करेगी और रिपोर्ट देगी।

उधर जेएनयू शिक्षक संघ के अध्यक्ष डीके लोबियाल ने कहा कि जेएनयू, जामिया और दिल्ली यूनिवर्सिटी के टीचर्स एसोसिएशन समेत विभिन्न सिविल सोसाइटी के लोग गुरूवार के मार्च में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि हम मानव संसाधन विकास मंत्रालय के दफ्तर तक मार्च करेंगे। हमारा मुख्य उद्देश्य मंत्रालय को इस बात से अवगत कराना है कि मौजूदा वीसी जगदीश कुमार के रहते हुए यूनिवर्सिटी में शांति नहीं रह सकती। उन्होंने वीसी के इस्तीफे की भी मांग की।

इस बीच दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने जेएनयू हिंसा पर कहा कि जब ”ऊपर से” कानून-व्यवस्था न बनाने के आदेश मिलेंगे तो पुलिस क्या कर लेगी। अगर आदेश नहीं मानेगी तो सस्पेंड होगी।

नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण निलंबित

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने आईपीएस वैभव कृष्ण, जो नोएडा के एसएसपी थे, को निलंबित कर दिया गया। उनके खिलाफ एक महिला से चैटिंग वाला वीडियो वायरल हुआ था जिसे जांच में सही पाया गया है।
जानकारी के मुताबिक महिला से चैट की वायरल वीडियो की गुजरात के फोरेंसिक लैब से रिपोर्ट आते ही वैभव कृष्णा के खिलाफ सरकार ने कार्रवाई की है। कहा गया है कि फोरेंसिव लैब की रिपोर्ट में वह वीडियो और चैट सही पाई गई।  गौरतलब है कि  वैभव कृष्णा ने इसे फर्जी बताया था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक फोरेंसिक जांच में सामने आय़ा कि वीडियो एडिटेड और मार्फ्ड नहीं था। यहाँ यह भी दिलचस्प है कि वैभव ने वायरल वीडियो को लेकर खुद  एफआईआर दर्ज कराई थी। सरकार ने इसकी जांच का जिम्मा मेरठ के एडीजी और आईजी को सौंपा था। जांच के दौरान आईजी ने इस वीडियो को फोरेंसिक लैब को जांच के लिए भेजा था। सरकार इस बात से नाराज थी कि वैभव ने खुद पत्रकार वार्ता बुलाकर इस बाबत जानकारी दी थी और इसमें भेजी गई गोपनीय रिपोर्ट को लीक कर दिया था। अब उन्हें अधिकारी आचरण नियमावली के उल्लंघन के आरोप में  सस्पेंड कर दिया गया है। वैभव कृष्णा के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं। लखनऊ के एडीजी एसएन साबत यह जांच करेंगे। उन्हें इसकी रिपोर्ट जल्द से जल्द देने को कहा गया है।

दिल्ली में आईएसआईएस के ३ आतंकी पकड़े

दिल्ली में गुरूवार को तीन आतंकी पकड़े गए हैं। दिल्ली पुलिस के विशेष सेल ने इन आतंकियों को पकड़ने का दावा किया है। अभी इस बारे में और जानकारी नहीं मिल पाई है।

जानकारी के मुताबिक यह सभी आतंकी आईएसआईएस के हैं। इन आतंकियों को दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया है। इन लोगों से प्रारम्भिक पूछताछ में यह खुलासा हुआ है कि यह लोग आईएस से जुड़े हैं।

अभी तक इस मामले में और जानकारी नहीं मिल पाई है। दिल्ली पुलिस के लोग पकडे गए लोगों से और जानकारी लेने की कोशिश कर रहे हैं।

सोनिया की १३ को विपक्ष की एकता बैठक में नहीं आएंगी ममता बनर्जी

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी विपक्ष को एकजुट करने और मोदी सरकार को घेरने की कोशिश कर रही हैं और उन्होंने तमाम विपक्षी नेताओं की एक बैठक १३ जनवरी को दिल्ली में बुलाई है। हालांकि, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने बुधवार के मजदूर संगठनों के बंद के दौरान पश्चिम बंगाल में हिंसा से खफा होकर इस बैठक में जाने से इंकार कर दिया है।

इस समय सरकार के कानूनों के खिलाफ देश भर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। मोदी सरकार की इन प्रदर्शनों के बढ़ने से चिंता के बीच विपक्षी एकता की कोशिश भी तेज होने लगी है और इसी सिलसिले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने १३ को एक बैठक विपक्षी दलों की बुलाई है। हालांकि ममता बनर्जी ने इस बैठक में आने से मन कर दिया है।

ममता ने गुरूवार को कांग्रेस और बामपंथियों पर बंगाल में ‘गंदी राजनीति” करने का आरोप लगाया और ऐलान किया कि वे अब नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ लड़ाई अकेली लड़ेंगी।

बनर्जी ने कहा कि वे नई दिल्ली में होने वाली सोनिया गांधी की अगुवाई वाली बैठक में शामिल नहीं होंगी। बुधवार की हड़ताल में कांग्रेस और लेफ्ट पर ”गुंडागर्दी” करने का आरोप लगाते हुए ममता ने कहा कि कांग्रेस-लेफ्ट की गुंडागर्दी के विरोध में ही वह अब विपक्ष की बैठक में शामिल नहीं होंगी। पश्चिम बंगाल विधानसभा में सीएम ने यह बात कही।

 ‘छपाक’ पर रोक लगाने को कोर्ट पहुंचीं तेज़ाब पीड़िता की वकील

वैसे तो फ़िल्म छपाक रिलीज हो चुकी है और फ़िल्म को तारीफ भी मिल रही है, पर इससे एसिड अटैक सर्वाइवर की वकील खुश नहीं है। तेज़ाब पीड़ित लक्ष्मी अग्रवाल की वकील अपर्णा भट्ट ने फ़िल्म को रोकने के लिए अदालत में याचिका दी है।
 ‘छपाक’ फिल्म लक्ष्मी अग्रवाल के साथ हुई सच्ची घटना पर आधारित है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि लक्ष्मी  ने एसिड अटैक सर्वाइवर का केस वर्षों तक लड़ा। लेकिन इस फिल्म में उनको क्रेडिट नहीं दिया गया है। वकील अपर्णा का कहना है कि उन्होंने फिल्म ‘छपाक’  की स्क्रिप्ट में भी काफी मदद की थी।
अपर्णा भट्ट ने कहा, ‘उन्होंने एसिड अटैक सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल का केस सालों तक लड़ा, लेकिन इस फिल्म में मुझे क्रेडिट नहीं दिया गया है। इससे पहले, फ़िल्म में आरोपी के नाम को लेकर भी सोशल मीडिया में हंगामा मच चुका है।
दीपिका पादुकोण के जेएनयू जाने के बाद फिल्म को लेकर सोशल मीडिया पर पहले से ही हंगामा मचा है।  इस बीच, लक्ष्मी  की वकील अपर्णा भट्ट ने फिल्म की रिलीज़ रोकने के लिए दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर की है।

जेएनयू हिंसा के लिए गृहमंत्री, शिक्षा मंत्री जिम्मेवार : जयराम रमेश

वरिष्ठ कांग्रेस नेता जय राम रमेश ने गुरूवार को कहा कि सीएए और एनआरसी की बजह से देश में हलचल है। उन्होंने हाल में जेएनयू में हुई हिंसा के आरोपियों को पकड़ने में देरी को लेकर आरोप लगाया कि इसके पीछे सरकार के बड़े लोगों का दबाव है। उन्होंने मांग की कि जेएनयू कुलपति का तत्काल इस्तीफा होना चाहिए।

रमेश ने गुरूवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि जेएनयू हिंसा की पूरी घटना के लिए देश के गृहमंत्री और शिक्षा मंत्री को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा – ”मैं सीधे तौर पर आरोप लगाता हूं दोनों पर। बहत्तर  घंटे हो गए, पुलिस ने अब तक पहचाने गए लोगों को क्यों गिरफ्तार नहीं किया है।” उन्होंने कहा कि जेएनयू वीसी तुरंत अपने पद से इस्तीफा दें।

कांग्रेस नेता ने कहा कि देश में सीएए और एनआरसी को लेकर बहुत हलचल है और बहुत से लोग, जिनमें बड़ी संख्या में छात्र शामिल हैं, इसके विरोध में सामने आये हैं। यह छात्र सभी वर्गों से हैं। उन्होंने हाल में जेएनयू में हिंसा पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इसके पीछे कुछ बड़े लोग हैं और वहीं हिंसा में शामिल लोगों को बचाने में लगे हैं। उन्होंने जेएनयू कुलपति के तत्काल इस्तीफे की मांग भी की।

इस मौके पर जयराम रमेश ने कहा कि देश की आर्थिक हालत बहुत खराब हालत में है। कहा कि किसान और खेत मजदूर संकट में हैं। निवेश न होने से देश में रोजगार नहीं पैदा हो रहा।

कांग्रेस नेता ने कहा कि देश में निवेश नहीं हो रहा है न ही नई फैक्ट्रियां खुल रही हैं जिससे युवा बेचैन हैं क्योंकि उनके रोजगार के रास्ते बंद हो गए हैं। रमेश ने इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा और कहा कि पीएम कभी किसी से सुझाव नहीं लेते। उन्होंने कहा कि सरकार को देश की कोइ चिंता नहीं है।

सीएए, एनआरसी के विरोध में यशवंत सिन्हा की ‘गांधी शांति यात्रा’ शुरू

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ भाजपा के दिग्गज नेता रहे और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा की देश के विभिन्न हिस्सों से गुजरकर और करीब ३००० किलोमीटर का सफर तय कर ३० जनवरी को दिल्ली पहुँचने वाली ‘गांधी शांति यात्रा’ गुरूवार को मुम्बई से शुरु हो गई। यात्रा को हरी झंडी दिखाने के लिए मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया पर एनसीपी चीफ शरद पवार भी उपस्थित रहे।

रिपोर्ट्स के मुताबिक वहां एनसीपी नेता नवाब मलिक, प्रकाश आंबेडकर, कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण और कांग्रेस नेता आशीष देशमुख भी मौजूद रहे। इस यात्रा में किसान संगठनों समेत विभिन्न संगठन हिस्सा लेंगे। महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा से होकर यह यात्रा दिल्ली के राजघाट में ३० जनवरी को खत्म होगी। यात्रा के दौरान सरकार से मांग की जाएगी कि वह संसद में घोषणा करे कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) नहीं कराई जाएगी।

दोनों नेता नागरिकता संशोधन कानून, एनआरसी और जज लोया की संदिग्ध मौत जैसे मुद्दे अपनी यात्रा के दौरान उठाएंगे। यात्रा को लेकर शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि एनआरसी की वजह से हम संकट से गुजर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसे लेकर पीएम कुछ और कह रहे हैं जबकि उनके गृहमंत्री कुछ और। उन्होंने कहा – ”यह बिल जो जबर्दस्ती और जुल्म की वजह से पास हुआ है। इस क़ानून को संसद में ही खत्म करना होगा। फिलहाल यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है इसलिए हमें अभी उम्मीद है कि इसे लागू नहीं किया जाएगा।”

उधर यशवंत सिन्हाने कहा कि भाजपा को भले इस बार ३०३ सीटें मिली हैं लेकिन किसी को भी यह नहीं मालूम था कि ३०३ सीटें मिलने के बाद भी देश में राइफल की सरकार बन जाएगी।

यात्रा से कुछ दिन पहले दिल्ली जामिया मिल्लिया में भाजपा सरकार में वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने कहा था कि केंद्र सरकार ने कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों जैसा बनाने का दावा किया था, लेकिन हालात ऐसे बन गए हैं कि अब पूरा देश ही कश्मीर बन गया है।

देश मुश्किल दौर से गुजर रहा : सीजेआई बोबडे

सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे ने गुरूवार को नागरिकता संशोधित कानून को संवैधानिक करार देने के लिए दायर की गयी एक याचिका की सुनवाई के दौरान कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि अभी देश काफी मुश्किल दौर से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे में इस तरह की याचिकाएं दाखिल करने से कुछ फायदा नहीं होगा। उन्होंने क़ानून को लेकर देश भर में हो रही हिंसा पर भी चिंता जताई है।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि देश अभी मुश्किल दौर से गुजर रहा है। ऐसे समय में  हर किसी का लक्ष्य शांति स्थापित करना होना चाहिए। इस तरह की याचिकाओं से कोई मदद नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस कानून के संवैधानिक होने पर अभी अनुमान लगाया जा रहा है।
सीजेआई ने कहा कि हम कैसे घोषित कर सकते हैं कि संसद का अधिनियम संवैधानिक है? हमेशा संवैधानिकता का अनुमान ही लगाया जा सकता है। इस दौरान अदालत ने कहा कि नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए ) के खिलाफ जो याचिकाएं दाखिल की गई हैं, उनकी सुनवाई तभी शुरू होगी जब हिंसा पूरी तरह से रुक जाएगी।
सर्वोच्च अदालत में एक वकील विनीत ढांडा ने याचिका दायर की थी कि सीएए को संवैधानिक घोषित किया जाए। इस मामले की सुनवाई प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने की।

नोएडा अस्पताल में आग, सुरक्षित जगह भेजे मरीज

राजधानी दिल्ली में गुरूवार को आग की दो घटनाएं हुई हैं। पहली घटना नोएडा  सेक्टर २४ में एक अस्पताल की है जहाँ सुबह आग लग गयी। किसी की जान जाने की खबर नहीं है, हालांकि आईसीयू में भर्ती मरीजों की तबियत खराब होने की सूचना है।  आग लगने के वक्त अस्पताल के भीतर करीब २०० लोग थे। उधर दिल्ली में ही एक प्रिंटिंग प्रेस में आग लगने से एक कर्मचारी की मौत हो गयी है।

नोएडा  सेक्टर २४ के ईएसआईसी अस्पताल में सुबह आग लग गयी जिससे वहां भगदड़ मच गई। आग अस्पताल के तले (बेसमेंट) में लगी जहाँ इन्वर्टर रखे थे। आग लगने के बाद सीढ़ियों से उतर रहे अस्पताल के निदेशक गिर गए और घायल हो गए। अस्पताल के मरीजों और स्टाफ को भी सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है।

अभी तक अस्पताल भवन की आठवीं और नवीं मंजिल तक धुंआ भरा है। आग लगने की जानकारी मिलते ही अस्पताल में दाखिल मरीजों और उनके साथ आये लोगों में ह्जबराहट फ़ैल गयी। उन्हें तुरंत अस्पताल से सुरक्षित बाहर निकाल कर साथ के मैदान में पहुँचाया गया।

आग लगने के समय अस्पताल के भीतर दो सौ से ज्यादा लोग थे। अग्निशमन विभाग की छह गाड़ियों ने मौके पर पहुंच कर आग बुझाई। आग की इस घटना में किसी के घायल होने की खबर नहीं है।

फैक्टरी में आग, एक की मौत
उधर दिल्ली में ही गुरूवार को एक फैक्टरी में आग लग गई जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गयी है। आग बुझाने के लिए दमकल की ३० गाड़ियां मौके पर भेजी गईं। यहाँ प्रिंटिंग का काम होता था। घटना पूर्वी दिल्ली के पटपड़गंज औद्योगिक क्षेत्र की है। दमकल कर्मियों ने फैक्ट्री से एक व्यक्ति को बुरी तरह झुलसी अवस्था में निकालकर अस्पताल में भर्ती कराया, हालांकि वहां उसकी मौत हो गई। घटना में कई लोग घायल भी हुए हैं।